Why We Sleep Book Summary in Hindi – वाई वी स्लीप (Why we sleep) में हम नींद से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में जानेंगे। यह किताब हमें बताती है कि कम सोना किस तरह से हमारे लिए खतरनाक हो सकता है। साथ ही यह किताब बताती है कि किस तरह से आप रात में अच्छी नींद पा सकते हैं।
यह किसके लिए है
- वे जो नींद के बारे में पढ़ना चाहते हैं।
- वे जो साइकोलॉजी के स्टूडेंट हैं।
- वे जो रात में अच्छे से सो नहीं पाते हैं।
लेखक के बारे में
मैथ्यू वाकर ( Matthew Walker) एक ब्रिटिश साइंटिस्ट हैं। वे यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में न्यूरोसाइंस और साइकोलॉजी के प्रोफेसर हैं। वे नींद और सेहत के कनेक्शन के बारे में स्टडी और रिसर्च करते हैं। इससे पहले वे हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में साइकायट्री के प्रोफेसर रह चुके हैं। वे एक लेखक भी हैं और बहुत से टीवी और रेडियो शो पर गेस्ट भी रह चुके हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए
सोना हम सब के लिए जरुरी है। सोते वक्त हमारा शरीर खुद को रिपेयर कर रहा होता है जिससे हम अगले दिन अपने काम को अच्छे से कर पाते हैं। कम सोने से हमारा दिमाग अच्छे से काम करना बंद कर देता है और हम अपने काम पर फोकस नहीं कर पाते हैं। सोने के इतने सारे फायदे होने के बाद भी बहुत से लोग इसे अनदेखा करते हैं।
यह किताब बताती है कि कम सोना किस तरह से हमारे लिए खतरनाक हो सकता है। साथ ही यह किताब बताती है कि क्यों कुछ लोगों को सुबह उठने में कोई समस्या नहीं होती है और क्यों कुछ लोगों को अलार्म से नफरत होती है। साथ ही यह किताब बताती है कि किस तरह से आप रात में अच्छी नींद पा सकते हैं।
इसे पढ़कर आप देखेंगे
- कुछ लोगों को सुबह उठकर काम करने में क्यों परेशानी होती है।
- कम सोने से कौन कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।
- नींद में चलना कितना खतरनाक हो सकता है।
Why We Sleep by Matthew Walker Book Summary in Hindi – अगर हम 8-9 घंटे नहीं सोएं तो कौनसी बीमारी हो सकती हैं ?
हमारा इंटर्नल क्लॉक यह बताता है कि हमें कब सोना या खाना चाहिए।
अगर आप हर रोज सुबह 10 बजे खाना खाते हैं, तो आपको उसी समय के लगभग हमेशा भूख लग जाएगी। अगर आप हर रोज रात को 10 बजे सो जाते हैं, तो उसी समय के लगभग आपको हमेशा नींद आने लगेगी। यह कमाल है हमारे इंटर्नल क्लॉक का, जो हमें यह बताता है कि हमें कब कौन सा काम करना चाहिए।
हमारा इंटर्नल क्लॉक समय के साथ हमारे मूड को भी बदल सकता है। साथ ही यह हमारे मेटाबोलिक रेट्स पर भी असर डाल सकता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो कुछ लोग दिन के एक खास समय पर बहुत पॉज़िटिव महसूस करते हैं और वे एनर्जी से भरे रहते हैं, जबकि एक खास समय पर उनका कुछ भी करने का मन नहीं करता। ऐसा इंटर्नल क्लॉक की वजह से होता है।
समस्या की बात यह है कि हर किसी का इंटर्नल क्लॉक एक तरह से काम नहीं करता है। अलग अलग लोगों को अलग अलग समय पर नींद आ सकती है और उन्हें अलग अलग समय पर भूख लग सकती है। अगर हम सोने की बात करें, तो लगभग 30% लोग ऐसे हैं जो नाइट आउल की कैटेगरी में आते हैं। इन लोगों को रात को जल्दी नींद नहीं आती है और वे रात में ही अपना काम अच्छे से कर पाते हैं।
लेकिन हमारा समाज इस तरह के लोगों के हिसाब से नहीं चलता। सारी कंपनियां, स्कूल, कॉलेज और ऑफिस सुबह के समय से चलना शुरु हो जाते हैं जिस वजह से इन लोगों को सुबह उठकर काम करने में समस्या होती है। इस वजह से उनकी नींद अक्सर पूरी नहीं हो पाती है और उन्हें डायबिटीज, डिप्रेशन और कैंसर जैसी बीमारियां आसानी से हो जाती हैं।
अच्छी नींद ना लेने से आपको तरह तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
जब हम अच्छे से सोते नहीं हैं, तो हमारी नसों में खून का प्रेशर बढ़ने लगता है। इससे हमारी नसें खींच जाती हैं और फैलने लगती हैं। इस वजह से हमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारियां आसानी से हो जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर से पूरी दुनिया में हर साल लगभग 70 लाख लोगों की मौत होती है। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर के पीछे बहुत सी चीजों का हाथ हो सकता है, लेकिन अच्छे से ना सोना उनमें से एक बड़ी वजह है।
यह बातें बहुत सी अलग अलग स्टडी में सामने आई हैं। 2011 की एक स्टडी में लगभग 5 लाख लोगों को निगरानी में रखा गया था। यह सारे लोग अलग अलग देशों में रहते थे, अलग अलग उम्र के थे और इसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी शामिल थे। इसमें यह पाया गया कि अच्छे से ना सोने से दिल की बीमारियों का खतरा 45% तक बढ़ जाता है।
जापान में भी लोगों के ऊपर 14 साल तक एक स्टडी की गई। इसमें यह देखा गया कि लम्बे समय तक नींद के साथ खेलवाड़ करने से दिल के दौरे का खतरा 5 गुना बढ़ जाता है। जो लोग रात में 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, उनमें यह खतरा सबसे ज्यादा होता है।
अमेरिका में दिल से संबंधित बीमारियां इतनी ज्यादा हो गई हैं कि वहाँ का मेडिकल खर्च हर साल बढ़ता जा रहा है। लेकिन अगर लोग रात में अच्छे से सोना शुरु कर देंगे, तो यह समस्या कम हो सकती है।
हर जानवर की सोने की जरूरतें अलग अलग होती हैं।
जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर पूरी तरह से पैरालाइज़ हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमें सोते वक्त सपने आते हैं और अगर हमारा शरीर सोते वक्त पैरालाइज नहीं होगा, तो हम सपनों के हिसाब से ही नींद में काम करने लगेंगे। इसके अलावा हमें एक दिन में लगभग 8 घंटे की नींद की जरुरत होती है।
लेकिन यह सिर्फ इंसानों की कहानी है। दूसरे कुछ जानवरों को ना तो सपने आते हैं और ना ही सोते वक्त उनका शरीर पैरालाइज़ होता है। एग्ज़ाम्पल के लिए मछलियों को ले लीजिए। अगर उनका शरीर सोते वक्त पैरालाइज़ हो जाए तो वो समुद्र में नींद में ही डूब जाएंगी और प्रेशर की वजह से मर जाएंगी।
इसके अलावा कुछ जानवरों को ज्यादा सोने की जरुरत होती है तो कुछ को कम होती है। जहाँ हाथी को सिर्फ 4 घंटे सोने की जरुरत होती है, वहीं शेर को 15 घंटे। इसके अलावा भूरे चमगादड़ को दिन भर में लगभग 19 घंटे सोने की जरूरत होती है। ऐसा क्यों होता है, हमें नहीं पता।
ज्यादा या कम सोना, ना तो किसी जानवर के आकार पर निर्भर करता है, ना उनके खानपान पर और ना ही उनके प्रकार पर। गिलहरी और डॉगस रोडेंटिया प्रजाति के जानवर हैं, लेकिन एक ही प्रजाति का होने के बावजूद जहाँ डॉगस को 8 घंटे सोने की जरूरत होती है, वहीं गिलहरी 15 घंटे सोती है।
रिसर्च में पता लगा कि सिर्फ मैमल्स और पंछियों को ही सोते वक्त सपने आते हैं। लेकिन इन मैमल्स में डॉलफिन और व्हेल शामिल नहीं हैं। सपने देखते वक्त शरीर पैरालाइज हो जाता है, लेकिन अगर डॉलफिन और व्हेल का शरीर पैरालाइज हो गया तो वे डूब जाएंगे और मर जाएंगे।
हम यह तो साफ साफ नहीं बता सकते कि क्यों कुछ जानवरों को सपने आते हैं और दूसरों को नहीं आते और क्यों कुछ जानवरों को कम, तो कुछ को ज्यादा सोने की जरूरत होती है। लेकिन हम यह जरूर बता सकते हैं कि ऐसा कोई जानवर नहीं है जिसे सोने की जरूरत ना महसूस होती हो। हर जानवर सोता है और यह उसके जिन्दा रहने के लिए जरुरी है।
कम सोने से आपके फोकस करने की क्षमता कम हो जाती है।
कम सोना ना सिर्फ आपकी सेहत के लिए खतरनाक होता है, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। अगर आप एक सर्जन हैं या फिर आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और आप गाड़ी चला रहे हैं, तो यह आपके साथ साथ समाज के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
अगर आप कई दिनों से सिर्फ 1 घंटे से भी कम सो रहे हैं, तो आपका फोकस एक शराब पीए हुए व्यक्ति जितना हो जाता है। इसके अलावा अपनी नींद को पूरा करने के लिए आपका शरीर रह रहकर झपकियाँ लेने लगता है। झपकियाँ लेते वक्त हम सिर्फ कुछ सेकेंड के लिए सोते हैं और यही कुछ सेकेंड बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
अगर आपको गाड़ी चलाते वक्त हल्की सी झपकी आ गई, तो आपका एक्सिडेंट हो सकता है।
एक स्टडी में दो ग्रुप्स बनाए गए। एक ग्रुप के लोगों को इतनी शराब पिलाई गई कि वे नशे में हो गए (उनके खून में एल्कोहोल की मात्रा 0.05 हो गई)। दूसरे ग्रुप के लोगों को एक रात तक जगा कर रखा गया। इसके बाद दोनों ग्रुप्स को कुछ सवाल सुलझाने के लिए दिए गए। दोनों ही ग्रुप्स ने इसमें एक जैसा परफ़ॉर्म किया। उन दोनों ग्रुप्स के लोगों का फोकस एक जितना ही था।
इससे यह बात साबित हो जाती है कि कम सोने से आपके दिमाग पर वही असर पड़ता है जो शराब पीने वाले का होता है।
नींद में चलने की बीमारी बहुत खतरनाक हो सकती है, लेकिन इसका सपने देखने से कोई लेना-देना नहीं है।
नींद में चलते हुए आप ने बहुत से लोगों को देखा होगा। नींद में हमारा प्रीफ्रंटल कार्टेक्स काम करना बंद कर देता है लेकिन हमारा बैसल गैंग्लिया काम कर सकता है। इस वजह से हम सोते वक्त सोच समझ नहीं पाते लेकिन हम वो काम कर सकते हैं जो हमें करने की आदत है।
एज़ाम्पल के लिए नींद में चलते वक्त हम गाड़ी चला सकते हैं, साइकल चला सकते हैं, घर के एक कोने में जाकर फ्रिज खोलकर कुछ खा भी सकते हैं। एक व्यक्ति अक्सर जब सुबह उठता तो वो खुद को नदी के दूसरी ओर भीगा हुआ पाता था। इसका मतलब यह है कि नींद में हम तैर भी सकते हैं।
केन्नेथ पार्क नाम का एक व्यक्ति एक दिन रात में अपनी गाड़ी में उठा। उनके हाथ में खून लगा हुआ था। उसे नहीं पता था कि वो गाड़ी में कैसे आया या उसके हाथ में खून कहाँ से लगा। वो सीधा पुलिस के पास गया। जाँच करने पर यह पता लगा कि उसने नींद में ही अपनी सास का खून कर दिया था।
इस तरह के हालात में हम यह कह सकते हैं कि पार्क्स सपने में अपनी सास का खून कर रहा होगा और इस वजह से उसने नींद में चलते हुए उन्हें मार दिया। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। हम जब REM (रैपिड आई मूवमेंट) स्लीप में होते हैं, तो हम चल नहीं सकते हैं। नींद में चल रहे लोगों को जब उठाकर उनसे पूछा जाता है कि क्या वे सपने देख रहे थे, तो उनका जवाब अक्सर ‘ना’ होता है।
बच्चों को बड़ों के मुकाबले सपने कम आते हैं और यही वजह है कि वे नींद में ज्यादा चलते हैं। नींद में चलना हमेशा खतरनाक नहीं होता है, लेकिन क्योंकि इस दौरान हमारी सोचने की क्षमता हमारे पास नहीं रहती, हम कुछ ऐसे काम जरूर कर सकते हैं जो हम होश में रहते कभी नहीं करेंगे।
सोने से पहले गर्म पानी से नहाए और अपने कमरे का तापमान कम रखिए।
अब हम यह देखेंगे कि किस तरह से आप रात में एक अच्छी नींद पा सकते हैं।
सबसे पहले आप रात में सोने से पहले शराब या सिगरेट मत पीजिए। शराब की वजह से आप गहरी नींद में नहीं जा पाते हैं। ज्यादा शराब पीने से आपको साँस लेने में समस्या हो सकती है। अक्सर लोगों की नींद तब खुलती है जब शराब का असर खत्म होने लगता है। इस वजह से सोकर उठने के बाद वे फ्रेश नहीं महसूस करते हैं और उनका सिर भारी रहता है।
इसके बाद आपको सोने से पहले निकोटीन भी नहीं लेना चाहिए। निकोटीन सिगरेट में पाया जाता है,जो कि आपको एक बार के लिए राहत पहुंचा सकता है, लेकिन लम्बे समय में यह आपकी नींद के साथ खिलवाड़ करने लगता है और आपको सोने नहीं देता।
साथ ही सोने से पहले तेज रोशनी में रहना या फिर मोबाइल लैपटॉप चलाना भी बंद कर दीजिए। इनसे निकलने वाली ब्लू लाइट आपके शरीर में स्लीप हार्मोन को पैदा नहीं होने देती, जिस वजह से आपको नींद ही नहीं आती है।
रात को सोने से पहले अगर आप गर्म पानी से नहा लें तो आपको इससे अच्छी नींद आ सकती है। नहा लेने से आप रिलैक्स कर पाते हैं और आपको आसानी से नींद आ जाती है। इसके अलावा आपको दिन में कुछ समय धूप में बिताना चाहिए। इससे आप अपने सोने के पैटर्न को सुधार पाएंगे।
जब आप धूप में रहते हैं, तो अंधेरा होने के बाद आपके शरीर में स्लीप हार्मोन ज्यादा पैदा होते हैं, जिस वजह से आप अच्छे से सो पाते हैं।
साथ ही सोते वक्त अपनी खिड़की खोलकर सोए ताकि सुबह सूरज की रोशनी से आपकी नींद खुले, किसी एलार्म से नहीं।
Conclusion –
सोने की जरुरत हर जानवर को पड़ती है। कम सोना शराब के नशे में होने जितना खतरनाक हो सकता है। इससे आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और डिप्रेशन जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
अच्छी नींद पाने के लिए रात में सोने से पहले शराब या सिगरेट का सहारा मत लीजिए। और लैपटॉप, मोबाइल या टीवी भी मत देखिये। दिन में कुछ समय धूप में बिताइए और अपने कमरे की खिड़की खोलकर सोइए।
क्या करें?
अगर आप सो नहीं पा रहे हैं तो उठ जाइए।
बहुत बार हम अपने बेड पर लेटे रहते हैं और हमें नींद नहीं आती है। ऐसे में कुछ लोग अपनी नींद ना आने की समस्या को लेकर चिंता करने लगते हैं। लेकिन चिंता करने से आपको और नींद नहीं आएगी। इसलिए अगर आप 20 मिनट से ज्यादा समय से अपने बिस्तर पर लेटे हैं और आपको नींद नहीं आ रही है, तो उठ जाइए और कुछ ऐसे काम कीजिए जिससे आपको राहत मिले। इसके बाद जब आपको नींद आने लगे, तो आप जाकर सो जाइए। आप बुक्स भी पढ़ सकते हैं।
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आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.