असंभव कुछ नहीं

एक बार स्वामी विवेकानंद जी उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस जी के साथ कही जा रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें एक आदमी मिला, जो पत्थर पर कुछ बना रहा था। तभी श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने उनसे पूछा कि तुम ये क्या बना रहे हो?

तभी उस आदमी ने जवाब दिया की मैं एक राजा की मूर्ति बना रहा हूँ।

श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने पूछा की क्या तुम्हारे पास में उस राजा की कोई तस्वीर है ?

तभी उस मूर्तिकार ने कहा की नहीं, मेरे पास उनकी कोई तस्वीर नहीं है।

तभी रामकृष्ण परमहंस जी बोले कि अगर तुम्हारे पास उनकी कोई तस्वीर नहीं हैं, तो फिर तुम उनकी मूर्ति कैसे बना सकते हो ?

तभी उस मूर्तिकार ने जवाब दिया कि भले ही मेरे पास उनकी कोई तस्वीर नहीं हैं, लेकिन मेरे दिमाग में उनकी स्पष्ट तस्वीर छपी हुई है।

और देखते ही देखते कुछ ही देर बाद उस मूर्तिकार ने राजा की एक सुन्दर मूर्ति बना ही दिया।

स्वामी जी ये सारा दृश्य अपनी आँखों से साफ देख रहे थे और तभी उन्हें अपने कुछ सवालों का जवाब मिला।

की अगर कोई भी इंसान अपनी जिंदगी में कुछ भी पाना चाहता है तो उस मुकाम की या फिर उस चीज की तस्वीर उसके माइंड में एकदम क्लियर होना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था की अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करो, अपने पुरे शरीर को उस एक लक्ष्य से भर दो और हर दूसरे विचार को अपनी जिंदगी से निकाल दो, यही सफल होने का मूल मंत्र है।

दोस्तों हम में से कई डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब को इंस्पिरेशन मानते हैं, लेकिन क्या आपको पता उनकी इंस्पिरेशन कौन थे? – स्वामी विवेकानंद, और सिर्फ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ही नहीं निकोला टेस्ला, सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, और भी कई सारे ऐसे लेजेंड्स थे, जिनकी इंस्पिरेशन स्वामी विवेकानंद जी थे।

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