Ram Raksha Stotra PDF Download | श्री राम रक्षा स्तोत्र पीडीऍफ़ व्याख्यासहित

Hello दोस्तों, पुरुषोत्तम श्री राम भगवान् श्री विष्णु के दशावतार में 7वें अवतार हैं। जो त्रेता योग में इस पावन धरती पर अवतरित हुए थे। अयोद्धा राज्य में उन उन पुरुषोत्तम भगवान् राम का राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र के रूप में जन्म लिया था ताकि रावण जैसे क्रूर असुर का वध कर सके। श्री राम ने अपने तीनों भाइयों(लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न) सहित अनेकों असुरों का वध किया और इस धरती को शांति प्रदान किया और रावण के वध के बाद रामराज्य स्थापित किया, जहाँ पर अपने प्रजाजनों के साथ उचित व्यवहार एवं प्रजा की हर सुख-सुविधा का ख्याल रखा जाता था। श्री राम सभी के प्रति एक ही प्रेम भाव रखता था तथा सबसे प्रति उचित न्याय भी करता था। रघुकुल में जन्मे श्री राम हमेशा अपने वचनों को अपने प्राण से भी आगे रखता था।

तो उस पुरुषोत्तम श्री राम रक्षा स्तोत्र जब आप पाठ करते हैं तो आपके आसपास जितनी भी बुरी शक्ति थी वह सब गायब हो जाते हैं, सभी दुःख एवं परेशानी दूर हो जाते हैं। और एक बात – क्यूंकि श्री हनुमान जी हमेशा श्री राम-जानकी के साथ रहते हैं तो जब भी आप राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करते हैं तो क्यूंकि राम रक्षा स्तोत्र में श्री राम की गुण-गान किया जाता है, राम नाम की महिमा का उच्चारण करते तो श्री राम भक्त हनुमान जी की अलौकिक शक्ति भी आपके पास आ जाते हैं तो आपको हर बाधा-भय-परेशानी-कष्ट समस्त समस्या से मुक्ति मिल जाते हैं। क्यूंकि रामायण में उल्लेख है कि जहाँ राम वहां हनुमान।

महर्षि बुध कौशिक के सपनों में एक बार भगवान महादेव ने राम रक्षा स्तोत्र का पाठ सुनाया और भगवान् महादेव के आदेशानुसार ही महर्षि बुध कौशिक जी ने इस राम रक्षा स्तोत्र को लिखा। राम रक्षा स्तोत्र में श्री राम के अनेकों नामों का वर्णन हैं जिनका श्रद्धापूर्वक जप करने वाले व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ से भी अधिक पुण्य का लाभ मिलते हैं। इस राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान् महादेव ने माता पार्वती को बताया था कि राम नाम ‘विष्णु सहस्त्रनाम‘ के समान ही परम तथा दिव्य यानी उतने ही फलदायी है, मैं स्वयं भी सदा-सर्वदा श्री राम नाम का ध्यान करता हूँ।

नीचे श्री राम रक्षा स्तोत्र का PDF दिया गया है –

Ram Raksha Stotra PDF

PDF NameComplete Ram Raksha Stotra PDF by Geetapress (व्याख्यासहित)
Author Nameमहर्षि बुध कौशिक
Book Size460 KB
No. of Pages33 pages
Publisherगीताप्रेस, गोरखपुर
Languageहिंदी
PDF CategoryeBook
Sourcearchive.org

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