जीवन में सीधा-साधा बने या टेढ़े-मेढ़े?

आप तो जानते ही होंगे कि “जंगल में जो सबसे सीधे पेड़ होते हैं वो सबसे पहले कटते हैं और टेढ़े पेड़ हमेशा बाद में।” तो इसका आज डीप मीनिंग निकालेंगे। Hello दोस्तों, आज मैं एक अलग टाइप की आर्टिकल आपके लिए लिख रहा हूँ की सिर्फ एक चाणक्य नीति लिया और उसका एक्चुअल मीनिंग को आपके सामने as-it-is लेके आया। तो मेरे हिसाब से इससे आपको बहुत ही डीप नॉलेज मिलेगा। क्यूंकि जो चाणक्य नीति होता है ऊपर ऊपर लेवल पर तो सिंपल लगता है लेकिन ये इतना सिंपल नहीं है जितना आप सोचते हैं। और हम बहुत सारे Confusion के अंदर फंस जाते हैं। तो बिना देरी के चलिए शुरू करते हैं –

जीवन में सीधा-साधा बने या टेढ़े-मेढ़े?

हमारे मन में क्वेश्चन ये आता होगा की हमे लाइफ में सीधा होना है या टेढ़ी-मेढ़ी लाइफ बिताना है। मतलब आनेस्टी और सेल्फलेस वाली लाइफ अच्छी है या एक सिर्फ अपने बारे में सोचने वाली लाइफ होना चाहिए?

तो पहले हमे सीधे-साधे का मतलब को एकदम अच्छे से समझना है। इसकी डेफिनेशन को ठीक करना है। क्या आप बेवकूफ को सीधा-साधा कहते हो। क्यूंकि ज्यादातर लोगों की सोच यही है।

बेवकूफ मतलब क्या की कोई भी आये और आकर के आपके साथ में कुछ भी करके चले जाये। उसको आप सीधा-साधा कहोगे या बेवकूफ कहोगे !

सीधा-साधा मतलब क्या की आप अपने फायदे के लिए कभी किसी का नुकसान नहीं करते हो। उसको हम सीधा-साधा बोलते है।

लेकिन अगर दुनिया जो है वो हमेशा अपने फायदे के लिए पहले सोचेगी बाद में आपके फायदे के बारे में सोचेगी। चाहे आपका उसमें नुकसान होता है हो जाये उसको कोई फर्क नहीं पड़ता।

तो अगर कोई अपने फायदे के लिए आपका नुकसान करता ही चला जा रहा है, आपका काटता ही चला जा रहा है और आप अपनी कटवाते ही चले जा रहे हो, तो आपको सीधा-साधा कहेंगे या बेवकूफ कहेंगे ! obviously बेवकूफ, है ना ?

तो लाइफ में सीधा-साधा बनो उसमें कोई बुराई नहीं हैं। मतलब अपने फायदे के लिए कभी किसी दूसरे के नुकसान मत करो। तो उसमें तो कोई बुराई है ही नहीं न ! वो तो एक सीधा-साधा रास्ता है। क्यूंकि जो बंदा इस रास्ते पे चलेगा उसकी कभी कोई किसी से दुश्मनी नहीं होगी।

नहीं तो आप अगर अपने फायदे के लिए किसी को use करोगे तो वो जिंदगी भर के लिए आपका दुश्मन नहीं बन गया है। तो जिसके इतने सारे दुश्मन होंगे वो कही न कहीं वेट नहीं कर रहे होंगे की मौका देखते ही आपके ऊपर अटैक करेंगे।

अब मैं बड़े अटैक की बात नहीं कर रहा हूँ की वो बंदूक लेके आ जायेंगे आपको मारने के लिए। मतलब की वेट करेंगे।

अगर आप अपने फायदे के लिए किसी का नुकसान करोगे तो ये अपने ऊपर रख करके देखो, की अपने फायदे के लिए किसी ने आपका नुकसान कर दिया है उसके ऊपर आपको जिंदगी भर के लिए गुस्सा नहीं आएगा। जरूर आएगा!

तो उसके कितने दुश्मन हो जायेंगे ? सोचो एक के साथ ऐसा करेगा, दो के साथ ऐसा करेगा, ऐसे करके हज़ारों लोगों के साथ ऐसा करेगा, और उसको पता ही नहीं लगेगा की मैं कर क्या रहा हूँ, क्यूंकि वो हैबिट बन गया होगा, उसकी आदत बन गयी। तो वो बंदा करप्ट हो गया अंदर से। तो वो मरते दम तक डर में ही जियेगा। लॉ & आर्डर का डर उसके बाद लोगों का दर, ऊपर से अंदर से कही न कही रिग्रेट(पछतावा)।

क्यूंकि जरुरी नहीं है की आप जिस लेवल तक सोच करके किसी का गलत कर रहे हो उसी लेवल तक होता है, कई बार उससे बहुत ज्यादा हो जाता है।

आप सोच रहे होंगे की मेरे ये करने से सिर्फ इतना ही होगा, लेकिन बाद में आपको पता सिर्फ इतना ही नहीं हुआ उसके वजह से ये भी हो गया। तो जिंदगी भर के अंदर regrets आ जाएँगी कई तरह की। तो आप जिओगे क्या ?

ऊपर ऊपर से आपको ये सब करके थोड़ी बहुत सक्सेस मिल भी गयी और अंदर से दर में जी रहे हो, अंदर से स्ट्रेस में जी रहे हो तो ऐसी लाइफ किस काम की है, सब बेकार हो गया ना।

तो अब यहाँ पे समझने वाला पॉइंट ये है की लाइफ में सीधा-साधा बनो, मतलब बिलकुल सीधा-साधा रास्ता पकड़ो, टेढ़े-मेढ़े रास्तो के चक्करो में मत पड़ो।

लाइफ में सीधा-साधा बनो लेकिन बेवकूफ मत बनो।

आप टेढ़े-मेढ़े को बेवकूफ कह सकते हो। क्यूंकि बेवकूफों का सबसे पहले कटता है।

क्यूंकि जब भी कोई क्वोटेशन होती है उसको as-it-is नहीं देखना होता है। समझना होता है उसकी पीछे का मीनिंग क्या है। उस मीनिंग को ही as-it-is देखना होता है। तो मैं आपको मीनिंग एक्सप्लेन कर रहा हूँ।

चाणक्य जी से सीखे

चाणक्य जी, जिन्होंने ये बात कही क्या वो सीधे-साधे नहीं थे? क्या वो अपने फायदे के लिए औरों को नुकसान करते थे ?

अपने फायदे के लिए वो कभी किसी का नुकसान करने के बारे में सोचते तक नहीं थे। क्या आपने चाणक्य जी के बारे में कभी पढ़ा है, अगर नहीं पढ़ा है तो जरूर पढ़ें।

पहले वो जनहित के बारे में सोचते थे, समाज के बारे में सोचते थे, बाद में जो बचा-कुचा होता था, बाद में अपने बारे में सोचते थे। चाहते तो महलों में रह सकते थे, लेकिन एक छोटी सी झोपड़ी में रहते थे।

इससे हमे क्या समझ आ रहा है की वो सेल्फिश तो बिलकुल भी नहीं थे, लेकिन बेवकूफ नहीं थे। Highly इंटेलीजेंट, समझदार थे।

तो समझदार बनो और सीधे-साधे बनो।

हाँ कोई आपके ऊपर अटैक करने के लिए आ रहा है तो अब समझदारी किसको कहेंगे। अपने आपको बचाओ या वहां पर आराम से खड़े हो जाओ की हाँ मार ले कोई बात नहीं।

Conclusion

अब वहां से भागना है या उससे लड़ना है या सही टाइम का वेट करना है उससे लड़ने के लिए – इसको समझदारी कहते हैं। बेवकूफी किसको कहेंगे की कोई सेर आ रहा है आपके सामने से आपको खाने के लिए, तो आप कहोगे कोई बात नहीं खा ले मैं तो पैदा इसलिए हुआ हूँ, मुझे कहा था लाइफ में न कभी किसी का बुरा नहीं करना है, इसलिए मैं सेर क्षति नहीं पहुंचाउंगी। सेर कहेगा मेरा तो हो गया, मेरा पेट भर जायेगा। तो इसलिए बेवकूफ मत बनो, पावरफुल बनो क्यूंकि जिंदगी का एक सीधा सा लॉ है – सर्वाइवल ऑफ़ दी फिटेस्ट, तो आपको पावरफुल बनना है इसलिए नहीं की आपको दुसरो को दबाना है या दूसरों के सामने गलत करना है, इसलिए ताकि ये दुनिया आपको दबा ना सके।

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आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

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