ये मोटिवेशनल कहानी है एक बुजुर्ग व्यक्ति की। जो रेलवे स्टेशन पर बैठे हुए थे, अपनी ट्रैन का इंतजार कर रहे थे। उनकी ट्रैन 15 मिनट लेट थी।
वो एक पुष्तक पढ़ रहे थे, तभी वहां पर एक नए शादीशुदा कपल आता है। वो पति-पत्नी आपस में बात कर रहे होते है अरे अच्छा हुआ हम टाइम पर पहुँच गए, हमारी ट्रैन लेट है वरना हमारी ट्रैन मिस हो जाती काफी कुछ बातें कर रहे होते हैं।
पति जाकरके पानी का बोतल खरीदता है, फिर देखता है आसपास कहाँ बैठा जा सकता है तो उसे दीखता है एक बेंच पर बुजुर्ग बैठे हुए हैं कुछ पढ़ रहे हैं उनके पास में जगह खाली है। तो ये दोनों पति-पत्नी जाकरके वहां बैठ जाते हैं।
पतिदेव को ज्ञान बटोरने का बहुत शौक था तो वो देखते हैं कि वो बुजुर्ग पढ़ क्या रहे हैं। गौर से देखता है तो मालूम चलता है कि बुजुर्ग जो थे वो हमारा पवित्र ग्रन्थ रामायण पढ़ रहे होते हैं।
तो ये पतिदेव ज्ञान देने लगता है अरे अभी तक आप कहाँ पुरानी बातों में अटके हुए हैं, कहाँ आप अभी भी ग्रन्थ पढ़ रहे हैं, रामायण को इतनी बार हम टीवी पर देख चुके है, इतने सारे serials बन चुके है, आप अभी भी उन्हीं पुरानी बातों में !
अगर आपको अपना ज्ञान बढ़ाना है तो नयी चीजें, दुनिया में इतने सारे articles आते हैं, इतनी सारी websites है उन पर जाइए, नए नए authors है उनके बारे पढ़िए, उनके articles पढ़िए, इतनी सारी बुक्स आ चुकी है उन्हें पढ़िए और अगर आपको देखने का चौंक है इतनी सारी series है, इतनी सारी मूवीज available है, आज कल तो ott प्लेटफॉर्म्स है, यूट्यूब है वहां पर जाइये वो देखिये। ऐसे काफी कुछ वो कह रहा होता है।
बुजुर्ग कुछ नहीं बोलते रहे होते है वो मुश्कुरा रहे होते है और अपना जो पढ़ रहे थे वो पढ़ रहे होते हैं।
उसके बाद में अचानक से ट्रैन कि हॉर्न बजने की आवाज आते है, ये लड़का अपना ज्ञान दे रहा होता है। ट्रैन प्लेटफार्म पर आ जाती है। बुजुर्ग उठते हैं अपना बैग उठाते है पीछे वाले दरवाजे से ट्रैन में चढ़ जाते हैं। भीड़ होती है तो आगे वाले दरवाजे से ये लड़का चढ़ जाता है।
उसके बाद में ट्रैन 1 मिनट के अंदर वहां से रवाना हो जाते हैं और दो मिनट के बाद में अफरा-तफरी मची हुई है ट्रैन में, और ट्रैन फिर से रुक जाती है किसी ने चैन pulling कि होती है। बुजुर्ग अपने आसपास के लोगो को पूछते है क्या हो गया ? तो कोई बताता है सर वो लड़का आगे एक चढ़ा था उसकी पत्नी पीछे प्लेटफार्म पर छूट गयी।
बुजुर्ग उतरते है उस कोच से बाहर आते है तो देखते हैं वो लड़का भागा जा रहा है अपनी पत्नी को लेने के लिए प्लेटफार्म पर।
जब वापस लेकरके आता है अपनी धर्म पत्नी को और वापस जब वो कोच में चढ़ता है बुजुर्ग उसे कहते है की बेटा अब मैं आपको ज्ञान देना चाहता हूँ, अब मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ।
आपने मुझसे कहाँ मैं पवित्र ग्रन्थ रामायण क्यों पढ़ रहा हूँ ! ये तो पढ़ी-सुनी बात है हमने इतनी बार पढ़ लिया, इतनी बार देख लिया है तो मैं इसको क्यों पढ़ रहा हूँ !
मैं इसको इसलिए पढ़ रहा था बेटा क्यूंकि इससे हमेशा नया ज्ञान मिलता है और अगर आपने ये रामायण पढ़ी होती तो आपको मालूम होता कि जब भी कभी यात्रा करें अपनी फॅमिली के साथ में, अपने बच्चो के साथ में, पत्नी के साथ करें तो पहले उन्हें चढ़ाए उसके बाद में खुद को चढ़ना चाहिए।
रामायण में एक किस्सा है और ये वहां पर चोपाई है जब प्रभु श्री राम रवाना होते हैं वनवास के लिए अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ में और माता सीता के साथ में तो सबसे पहले रथ पर माता सीता को चढ़ाते हैं। “चढ़ि रथ सीय सहित दोउ भाई। चले हृदयँ अवधहि सिरु नाई।”
और एक और इंसिडेंट आता है रामायण में जब प्रभु श्री राम नदी पार करने के लिए अपने परम मित्र केवट (निषादराज) कि नाँव में चढ़ते हैं तब भी वो माता सीता को पहले नाँव में चढ़ाते हैं। “राम सखाँ तब नाव मगाई। प्रिया चढ़ाई चढ़े रघुराई॥”
अगर आपने पढ़ी होती रामायण तो आपको ये बात मालूम होती लेकिन आपने तो पढ़ी नहीं थी, इसलिए आप पहले चढ़ गए अपनी धर्म पत्नी को प्लेटफार्म पर छोड़ दिया।
दोस्तों ये है तो छोटी सी कहानी, लेकिन ये कहानी बहुत बड़ी बात सिखाती है कि जिंदगी में हमेशा ग्रंथों को पढ़ते रहिये, काफी कुछ सीखने को मिलेगा। आगे बढ़ने की शक्ति मिलेगी, रास्ता दिखेगा और याद रखिये जो हमारे पवित्र ग्रन्थ हैं ये हमारे जीने का आधार है।