11 Body Language in Hindi | दिमाग पढ़ने का तरीका

11 Body Language in Hindi – Hello दोस्तों, ये तो आप जानते ही होंगे कि हमारा दिमाग हमारे सारे बेहवियर्स को कण्ट्रोल करता है। चाहे वो कॉन्ससियस हो या सब-कॉन्ससियस हों या फिर अन-कॉन्ससियस बेहवियर्स हों। भले ही आप अपने आईज को रब कर रहे हो या अपने होठों को दबा रहे हो। कोई भी एक्शन ऐसा नहीं होता जिसमें आपका दिमाग ना इन्वॉल्व होता हो।

 

और इसी अंडरस्टैंडिंग के साथ साइकोलॉजी में बॉडी लैंग्वेज के बारे समझा जाता है, किसी के भी नॉन-वर्बल जेसर्स को रिवर्स इंजीनियर करके हम ये समझ पाते हैं की उनके मन में क्या चल रहा है। आज हम 11 बॉडी मोवमेंट्स प्लेसमेंट्स (बॉडी लैंग्वेज) के बारे में जानेंगे जिसे ऑब्ज़र्व करके हम किसी को आसानी से रीड कर सकते हैं।

 

11 Body Language in Hindi

 

हमारे पैर दूसरे किसी बॉडी पार्ट के मुकाबले सबसे अकुरेटली बता पाते हैं कि हम क्या सोच रहे हैं और क्या फील कर रहे हैं।

ये इसलिए होता है क्यूंकि हम एक हद तक उप्पर बॉडी के सिग्नल्स को तो संभल पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन पैरों पर ध्यान देना भूल जाते हैं।

तो जब भी हमें मजा आता है या फिर हम एक सीटुएशन्स से भागना चाहते हैं तो ख्याल सबसे पहले हमारे पैरों की पोजीशन में दीखता है।

 

फ़ीट और लेग जेसर्स –

 

No 1 – Feet की डायरेक्शन

 

हमारी फ़ीट की डायरेक्शन बताती है की हम किस अर्गिमेंट या किन लोगों से एग्री करते हैं और बात करना चाहते हैं।

वही जिन लोगों से हम एग्री नहीं करते या फिर उनसे दूर जाना चाहते हैं तब हम अपनी फ़ीट की डायरेक्शन को किसी दूसरी तरफ मोड़ लेते हैं।

जो ये सिग्नल करता है की हम उस सीटुएशन्स से बाहर निकलना चाहते हैं।

तो इसलिए अगर आपको कभी भी डाउट हो की एक इंसान आपकी बातों में इंटरेस्टेड है भी या नहीं है, उस वक़्त आप उनकी पैरों की डायरेक्शन पर नजर डालो।

 

 

No 2 – लेग मूवमेंट्स

 

हमें ये ऑब्ज़र्व करनी है लेग मूवमेंट्स। आम तौर पर ये बोला जाता है की अगर कोई इंसान आपसे बात करते हुए अपने पैरों को हिला रहा है या बार बार अपने लेग्स को इधर से उधर मूव कर रहा है तो उसका मतलब वो नर्वस है और झूठ बोल रहा है।

लेकिन कुछ लोगों को अपने पैरों को हर समय ही हिलाने की आदत होती है, इसलिए इसे हम ये भी नहीं कह सकते की वो हमेशा ही नर्वस रहते हैं या फिर हमेशा ही झूठ बोलते रहते हैं।

इसलिए ऐसे में आप ये ऑब्ज़र्व करो की उनकी फ़ीट मूवमेंट किस पॉइंट से शुरू होती है। क्यूंकि पैर हिलाते रहने की आदत भी होती है उनमें भी ये चीज अनकंसियसली शुरू होती हैं।

तो जब भी आप ये पैटर्न बार बार ऑब्ज़र्व करो की आपकी कोई डिफिकल्ट क्वेश्चन पूछते ही दूसरे इंसान लेग्स मूव होना शुरू हो जाते है। तो उसका मतलब वो उनकंफर्टेबल या नर्वस है।

 

 

No 3 – क्रॉस्ड फ़ीट

 

क्यूंकि जब भी हम हमारे फ़ीट को क्रॉस करते हैं, तब हम अपने बैलेंस करने की एबिलिटी को कम कर देते हैं और अगर हम इसे सेफ्टी स्टैंड पॉइंट से देखें तो कोई भी इंसान इस पोजीशन में किसी थ्रेड के आने पर भाग नहीं पायेगा।

तब जब भी कोई इंसान इस तरह से पैर क्रॉस करके बैठता है तब वो ये सिग्नल कर रहा होता है की वो सेफ और कॉंफिडेंट फील कर रहा है और उसे किसी चीज का खतरा नहीं है।

 

 

No 4 – टोरसो लीन

 

टोरसो हमारी बॉडी का सेण्टर पोरशन होता है, जिसमें हमारे काफी सारे जरुरी ऑर्गन्स होते हैं। तब जब भी कोई इंसान खतरा या स्ट्रेस महसूस करता है तब वो अपने टोरसो को दूसरी डायरेक्शन में मोड़ लेता है।

इसके साथ एक और बॉडी पोस्चर होता है। जिसे बोलते हैं –

 

 

No 5 – टोरसो शील्ड

 

इस तरह की बॉडी पोस्चर एक इंसान तब बनाता है जब उसके मन में कोई नेगेटिव ख्याल या डिसअग्रीमेंट आता है।

जैसे अगर दो लोग आपस में बात कर रहे हैं और कोई सबकॉन्सियस्ली अपने हाथ या किसी ऑब्जेक्ट को एक बैरियर की तरह उसे करने लग जाता है।

तो उसका मतलब वो दूसरे इंसान से दुरी बनाना चाहता है। और उसकी बातों को गलत मानता है।

 

 

No 6 – टोरसो स्प्ले

 

जब भी आप एक चेयर या काउच पर फैल कर बैठते हो तो ये चीज सिंगल करती है की आप उस सिचुएशन में कम्फर्टेबल और कॉंफिडेंट हो।

अगर कोई इंसान सीरियस कन्वर्सेशन के दौरान भी फैल कर बैठता है और ज्यादा स्पेस ले रहा होता है।

तब वो अपना कॉन्फिडेंस नहीं डोमिनेन्स दिखा रहा होता है।

 

 

No 7 – वीक शोल्डर्स

 

अगर आपसे बात करते हुए कोई इंसान अपनी शोल्डर्स को स्लोली रेज करते हुए अपने कानों की तरफ ला रहा होता है और अपनी गर्दन को छिपा रहा होता है तो उसका मतलब वो बहुत ही उनकंफर्टेबल है या उसमें बिलकुल भी कॉन्फिडेंस नहीं है।

इसको बोलते हैं टर्टल इफ़ेक्ट। क्यूंकि एक कछुए की ही तरह एक लौ कॉन्फिडेंस वाला इंसान स्ट्रेसफुल सिचुएशन में अपने सर और चेहरे को छुपाना चाहता है।

 

 

No 8 – आर्म विथड्रावल

 

जब भी हमें किसी चीज से डर लगता है या फिर हम किसी चीज से खुश नहीं होते तब हमारी आर्म्स हमारी चेस्ट के पास आ जाती है। ये एक सर्वाइवल टैक्टिक होता है।

इसे हम बहुत ही ध्यान से यूज़ करते हैं ताकि सामने वाला ऑफेंड ना हो जाये।

जब भी हम किसी इंसान को अपनी आर्म्स फोल्ड करते हुए देखते हैं तब हमें भी subconsciously ये पता होता है की वो खुश नहीं है।

 

 

No 9 – अपने हाथो को छुपाना

 

जब भी हमें किसी इंसान के हाथ नहीं दिख रहे होते, तब हम उसे एक शकभरी नज़रों से देखने लगते हैं, क्यूंकि हमारे हाथों में हम चीजों को होल्ड करते हैं और अगर आपके हाथ दूसरों को नहीं दिख रहे, तो वो ये सोचने लगेंगे की आपके हाथो में कोई नुकसान पहुंचाने वाला औजार या कोई पत्थर तो नहीं है!

इसलिए अपने हाथों को टेबल के नीचे छुपाने या फिर पॉकेट में रखने या फिर पीछे रखने की वजाये सामने रखो ताकि दूसरे लोग आप पर ट्रस्ट कर पाए।

 

 

No 10 – रियल स्माइल VS फेक स्माइल

 

जब आप जेनुइनली स्माइल करते हो तब आपकी फेस की दो मसल्स इस्तेमाल होती है एक है zygomaticus major जो मुँह के कार्नर से लेकर चिक बोनस तक जाती है और दूसरी orbicularis oculi जो की आँखों के पास में होते है।

फेक स्माइल में सिर्फ एक ही मसल्स यूज़ होती है।

और तभी जब भी कोई इंसान झूठी स्माइल पास कर रहा होता है तब आप उसकी आँखों को देख कर ही ये बता सकते हो की वो एक्चुअल में खुश नहीं है।

अगर उसकी आँखों के आसपास की मसल्स एक्टिव है तो चान्सेस है की वो सच बोल रहा है और एक्चुअल में आपके साथ खुश है।

अगर वो मसल्स रिलैक्स्ड है तो इसका मतलब वो झूठ बोल रहा है और आपको झूठी स्माइल पास कर रहा है।

 

 

No 11 – ऑय-कांटेक्ट

 

बचपन में आपने अपने पेरेंट्स से सुना होगा आँखों में ऑंखें डाल कर बात करो। जब उन्हें लगता था की आप झूठ बोल रहे हो।

क्यूंकि झूठा इंसान कुछ मुश्किल क्वेश्चन पूछने पर इधर-उधर देखने लग जाते हैं ताकि वो ये सोच सके की उसे आगे क्या बोलना है।

लेकिन सच्चा इंसान easily किसी से भी ऑय-कांटेक्ट मेन्टेन कर सकता है, क्यूंकि उसकी स्टोरी उसके दिमाग में एकदम क्लियर होती है, उसे उस मोमेंट में एक नयी स्टोरी भी बनानी नहीं पड़ती।

इसलिए आप हमेशा लोगों की आँखों में आंख डालकर बात करो। और अगर कोई इंसान आपके साथ वापस से ऑय-कांटेक्ट नहीं बना रहा तो उसका मतलब वो बहुत ही underconfident है या फिर झूठा है।

उनपे ट्रस्ट करना बेकार है।

 

 

Conclusion

 

तो दोस्तों आपको समझ में आ गया होगा की कैसे आप किसी भी बॉडी लैंग्वेज को पहचान कर उनके बारे में जान सकते हो।

आपको इसके बारे में क्या कहना है ?

आपको आज का यह आर्टिकल कैसा लगा ?

अगर आपके मन कुछ भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

 

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