Body Kindness Book Summary in Hindi – क्या आप एकदम सेहतमंद रहना चाहते हैं ?

Body Kindness Book Summary in Hindi – Hello दोस्तों, बाडी काइंडनेस (Body Kindness) बुक समरी में हम जानेंगे कि किस तरह से आप अपने शरीर से अच्छे रिश्ते बना सकते हैं। यह बुक हमें बताती है कि किस तरह से हम बिना सख्त डाइट अपनाए अपने शरीर और अपने दिमाग को सेहतमंद रख सकते हैं।

 

Page Contents

यह बुक समरी किसके लिए है

 

  • वे जो डाइटिंग से परेशान हैं।
  • वे जो सेहतमंद रहना चाहते हैं।
  • वे जो खुद के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं।

 

लेखक के बारे में जानिए

रेबेक्का स्क्रिचफील्ड (Rebecca Scritchfield) एक लेखिका हैं जो अपने बाडी काइंडनेस नाम के प्रोग्राम के लिए जानी जाती हैं। वे एक सर्टिफाइड न्यूट्रिशनिस्ट और एक हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट हैं। वे लोगों को यह सिखाती हैं कि बिना खुद से सख्ती किए किस तरह से वे बेहतर जिन्दगी पा सकते हैं।

 

Body Kindness Book Summary in Hindi – क्या आप एकदम सेहतमंद रहना चाहते हैं ?

 

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए ?

 

आज के वक्त में हम सभी के साथ अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं, लेकिन खुद के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के बारे में कोई नहीं सोचता। लोग दूसरों से अच्छे से बात करना सीखना चाहते हैं, लेकिन वे खुद से अच्छे से बात नहीं करते। यहाँ पर हमें यह बात समझ लेनी चाहिए कि जब तक हम खुद से अपने रिश्तों को बेहतर नहीं बना पाएंगे, तब तक हम दूसरों से अच्छे रिश्ते नहीं बना पाएंगे।

 

यह कविता हमें बताती है कि हम किस तरह से खुद से अच्छे रिश्ते बना सकते हैं। यह कविता हमें अपने डाइट, अपने रिश्ते और अपनी मानसिक सेहत को बेहतर बनाने के तरीके बताती है। बहुत से लोग कसरत या फिर डाइटिंग करना शुरू तो करते हैं, लेकिन वे उसे बीच में ही छोड़ देते हैं। यह कविता हमें बताती है कि किस तरह से हम इस तरह की समस्याओं से निकल सकते हैं।

 

 

इस बुक समरी को पढ़कर आप क्या सीखेंगे ?

 

  • कुछ अच्छी आदतें अपना लेने से आप किस तरह से अपनी जिन्दगी को खुशियों से भर सकते हैं।
  • किस तरह से आप अच्छी नींद पा सकते हैं।
  • किस तरह से आप खुद से अच्छे से बात करना सीख सकते हैं।

 

 

कुछ अच्छी आदतों को अपना कर आप अपनी जिन्दगी में खुशी ला सकते हैं।

 

बहुत से लोगों का कहना है कि हमारी खुशी का लेवेल हमेशा एक जैसा रहता है। हमारे जीन्स यह तय करते हैं कि हम जिन्दगी में कितने खुश रहेंगे। यह बात सिर्फ 50% सच है। हमारी खुशी काफी हद तक हमारी आदतों पर भी निर्भर करती है। हमारी आदतें हमारी 40% खुशी के लिए जिम्मेदार हैं। बाकी कि 10% खुशी हमें पैसे और अच्छी सेहत से मिलती है।

 

इसका मतलब अगर हम कुछ अच्छी आदतें बना ले, तो हम अपनी खुशी को 40% तक बढ़ा सकते हैं। एक अच्छे काम को बार बार करने से एक समय के बाद वो आपकी आदत बन जाएगा और आपको उसे करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। इसके बाद वो आदत आपको हमेशा फायदा और खुशी देती रहेगी।

 

एग्जांपल के लिए बहुत से लोग जब काम से घर पर आते हैं, तो वे टीवी देखने लगते हैं या फिर अपना फोन इस्तेमाल करने लगते हैं। अगर आप हर रोज सिर्फ 30 मिनट तक कसरत करने की आदत बना लें, या किताब पढ़ने की आदत बना लें, तो यह समय के साथ आपको बेहतर बना सकता है और आपकी खुशी को बढ़ा सकता है। यह दोनों ही काम आपके दिमाग को शांत करते हैं।

 

लेखिका का कहना है कि अच्छी आदतें समय के साथ आपको बेहतर बनाती हैं और जब आप उस एक काम को करने के बाद अच्छा महसूस करते हैं, तो आपका दूसरा अच्छा काम करने का मन करता है। एक्जाम्पल के लिए अगर आप सुबह सुबह 30 मिनट तक कुछ पढ़ें, तो आपके दिमाग में पॉजिटिव बातें जाएंगी। आप सारा दिन अच्छा महसूस करेंगे जिससे आप अपने काम को भी अच्छे से कर पाएंगे। इस तरह से हर रोज किताब पड़ने से आप अपने हर दिन को अच्छा बना सकते हैं और अपनी खुशी के लेवेल को ऊपर ले जा सकते हैं।

 

इस तरह से अच्छी आदतें दूसरी अच्छी आदतों को खींचती हैं और ज्यादा अच्छी आदतें आपको खुश और सेहतमंद रखते हैं।

 

 

एक सख्त डाइट रखने से आप खाने के साथ अपने रिश्तों को बिगाड़ सकते हैं।

 

आज इंटरनेट इस तरह के पोस्ट्स से भरा पड़ा है जो आपको बताते हैं कि क्या सेहतमंद है और क्या नहीं है। कुछ ब्लॉग्स का कहना है कि डेयरी प्रोडक्ट आपके लिए नुकसानदायक हैं और कुछ का कहना है कि यह आपके लिए फायदेमंद हैं। कुछ का कहना है कि आपको शुगर को पूरी तरह से अपने डाइट से निकाल देना चाहिए और कुछ का कहना है कि आपको ब्रेड नहीं खाना चाहिए। तो आखिर हम इन में से किसकी बात को सही मानें?

 

असल में जो चीज़ आपके लिए नुकसानदायक है, वो है हर वक्त यह सोचना कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। जब आप अपने खाने से इस तरह से डरेंगे, तो आपके लिए सब कुछ नुकसानदायक होगा। साथ ही जब आप कुछ खा लेने के बाद इस बात का पछतावा करेंगे कि वो आपको नहीं खाना चाहिए था, तो यह आपके लिए और नुकसानदायक होगा।

 

जब आप इस तरह से डर डर कर रहते हैं, तो यह आपके खाने और खाना खरीदने पर बहुत खराब असर डालता है। आप बाहर पार्टी में कुछ भी खाने से पहले यह सोचेंगे कि आपको वह खाना चाहिए या नहीं। आप सब्जियों से लेकर ब्रेड तक, सब कुछ खरीदने में संकोच करेंगे। इस तरह से आप खाने के साथ अपने रिश्ते को बिगाड़ देंगे।

 

अपने खाने पर ज्यादा रोक लगाने से आपको इसके उल्टे नतीजे देखने को मिल सकते हैं। ऐसा करने वालों को या तो खाने की लत लग जाती है या फिर उन्हें एनोरेक्सिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं। खाना खाना जिन्दगी का एक बहुत मजेदार काम है और आपको इसके ऊपर रोक लगा कर नहीं रखना चाहिए।

 

 

कसरत करना आपके लिए बहुत फायदेमंद है।

 

जब भी आप ने कसरत की होगी, आपको बहुत अच्छा महसूस हुआ होगा। कसरत करने से हमारे शरीर में डोपामाइन और एंडोर्फिन नाम के हार्मोन निकलते हैं जिससे हमें अच्छा महसूस होता है। साथ ही इसे करने के बहुत से फायदे भी हैं। कसरत करने से आपको लम्बे समय तक रहने वाली बीमारियां जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज या फिर डिप्रेशन नहीं होगा।

 

कसरत करने से हमारे दिल की धड़कन तेज हो जाती है जिससे हमारे शरीर में खून का दौरा बढ़ जाता है। हम तेजी से साँस लेने लगते हैं जिससे हमारे लंग्स भी तेज काम करते हैं। इससे हमारे शरीर के हर हिस्से में अच्छे से आक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स पहुंच पाते हैं जिससे हमारे हर अंग का विकास अच्छे से होता है।

 

लेकिन फिर भी बहुत से लोग बिल्कुल कसरत नहीं करते। इसके अलावा कंप्यूटर के जमाने में आज हम हर दिन 20 मिनट तक चलते हैं। इस वजह से हम सेहतमंद नहीं रहते और अच्छा महसूस नहीं करते हैं।

 

कसरत की आदत डालने के लिए आपको एक वजह खोजनी होगी जो कि आपको मोटिवेट कर सके। बहुत से लोग टीवी के हीरो को देखकर उसकी तरह पर्फेक्ट एब्स बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्योंकि उनकी तरह शरीर बना पाना सबके बस की बात नहीं है, इसलिए बहुत से लोग हौसला खो देते हैं और कसरत करना बंद कर देते हैं।

 

इसलिए आप खुद को मोटिवेट करने के लिए कुछ अच्छी वजह खोजिए। खुद को एक प्रफेक्ट शरीर देने के लिए नहीं, बल्कि खुद को सेहतमंद रखने के लिए कसरत कीजिए। आप यह सोचिए कि कसरत करने से आप अपने तनाव को कम कर पाएंगे, खुद को अच्छा महसूस करा पाएंगे और खुद को तरह तरह की बीमारियों से बचा पाएंगे। यह वजह आपको कसरत करने के लिए मोटिवेट कर सकती है।

 

खुद को हर सुबह याद दिलाने के लिए एक मंत्र को अपना लीजिए। आप इस मंत्र को हर दिन दोहराइए और खुद को याद दिलाइए कि कसरत करने से आप खुद से प्यार जताएंगे। यह वजह आपको हर रोज मोटिवेट कर सकेगी।

 

 

अपने शारीरिक और मानसिक सेहत का खयाल रखने के लिए सोना बहुत जरुरी है।

 

इस दुनिया में बहुत कम लोग हैं जो सिर्फ 6 घंटे सोकर भी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। रिसर्च के हिसाब से इस तरह के लोग दुनिया भर में सिर्फ 5% हैं, जो कम सोकर भी हर दिन का काम अच्छे से कर ले जाते हैं। बाकी सबके लिए कम से कम 8 से 10 घंटे तक की नींद जरुरी होती है।

 

सोने के बहुत से फायदे हैं। इससे हम चीजों को अच्छे से याद रख पाते हैं, अपने तनाव को कम कर पाते हैं और खुद को डिप्रेशन में जाने से रोक पाते हैं। जब आप सोते हैं, तो आपका दिमाग जरूरी जानकारी को अपने अंदर स्टोर करता है और बेकार की चीज़ को निकाल फेकता है।

 

हम साइकिल में सोते हैं। हर साइकल लगभग 2 घंटे का होता है और हमें फ्रेश महसूस करने के लिए हर रोज 4 से 5 साइकिल की नींद की जरूरत होती है।

 

हर साइकिल में कुछ पार्ट्स होते हैं। इसमें से एक पार्ट को हम डीप स्लीप कहते हैं, जिसमें हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है और हार्मोन्स पैदा करता है जिससे हमारा मेटाबोलिज्म मेनटेन रहे। दूसरे पार्ट का नाम है रैपिड आइ मूवमेंट ( REM)। इस पार्ट में जाने के बाद हमें सपने आते हैं। सपने आने से हमारी मेमोरी मजबूत होती है। हालाँकि हमें ज्यादातर सपने याद नहीं रहते, लेकिन फिर भी वे हमारी मेमोरी को मजबूत बनाते हैं और भावनाओं को काबू करने में हमारी मदद करते हैं।

 

अच्छे से सोने के लिए आप कुछ खास कदम उठा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपने बेडरूम से हर वो सामान बाहर निकालिए जो कि आपके सोने में रुकावट पैदा करती है। टीवी, कंप्यूटर या फोन्स को कभी भी अपने कमरे में मत रखिए।

 

अपने बेड को हमेशा साफ और आरामदायक बना कर रखिए ताकि जब आप उसपर जाए, तो आपका सोने का मन करे। हो सके तो जल्दी सोने के लिए जाइए ताकि आप हर रात 8 से 10 घंटे की नींद ले सकें और सुबह उठने पर फ्रेश महसूस कर सकें। साथ ही, सोने से पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को मत इस्तेमाल कीजिए।

 

 

अपने नेगेटिव विचारों को खुद को काबू मत करने दीजिए।

 

हम में से बहुत से लोग कसरत करना शुरु करते हैं, लेकिन कुछ समय के बाद छोड़ देते हैं। बहुत से लोग डाइटिंग करना शुरु करते हैं, लेकिन वे भी कुछ देर के बाद उसे छोड़ देते हैं। इसके बाद जब भी हम कुछ नया काम करने के लिए जाते हैं, हमारा दिमाग हमसे कहता है – तुमने पहले भी यह आदत अपनाने की कोशिश की थी और एक हफ्ते के बाद ही तुमने इसे करना छोड़ दिया था। तो इस बार बेहतर है तुम शुरु ही ना करो।

 

इस तरह के ख्याल हम में से सबसे काबिल व्यक्ति को भी आते हैं। लेकिन एक काबिल व्यक्ति इस खयाल को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। आपको यहाँ पर यह समझना होगा कि जो नेगेटिव बातें आप हर वक्त खुद से करते रहते हैं, वे सच नहीं हैं और आपको उसके हिसाब से काम करने की जरूरत नहीं है।

 

तो अगली बार जब आपको लगे कि आपको ध्यान करने की आदत डालने की कोशिश ही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि आप उसे अपना नहीं पाएंगे, तो आप खुद से कुछ पासिटिव बातें कर के खुद को यो काम करने के लिए मनाइए। आप खुद से कहिए कि भले ही आप उस आदत को हमेशा के लिए ना अपना पाएं, लेकिन सिर्फ कुछ दिन करने से ही आप अपनी जिन्दगी के कुछ दिनों का तनाव तो जरूर कम कर देंगे।

 

नेगेटिव खयालों पर जीत पाने के लिए आप PACT का तरीका अपना सकते हैं।

 

P – इसका मतलब है प्रेसेंस से। सबसे पहले आप यह नोट कीजिए कि आपके अंदर एक नेगेटिव खयाल पैदा हो रहा है।

 

A – इसका मतलब है एक्सेप्ट, यानी अपने लेने से। उस नेगेटिव खयाल को खुद पर हावी मत होने दीजिए। बल्कि आप उसे अपना कर यह देखने की कोशिश कीजिए कि किस वजह से वो खयाल आपके अंदर पैदा हुआ।

 

– इसका मतलब है चड़स से। आप चाहें तो उस खयाल को खुद पर हावी होने से रोक सकते हैं। आप मजबूर नहीं हैं, बल्कि आप इस सवाल को काबू करने का ऑप्शन है।

 

T – इसका मतलब है टेकिंग एक्शन। अपने खयाल को पीछे छोड़कर खुद के साथ प्यार जताइए। आप उस नेगेटिव ख्याल को अनदेखा कर के अच्छे काम की शुरुआत कीजिए।

 

 

अपने हर दिन के काम में खुशी खोजकर आप अपनी जिन्दगी को मजेदार बना सकते हैं।

 

आज के वक्त के लोग मानो हँसना भूल गए हैं। लेखिका को भी यह एहसास हुआ कि उनके आस पास के ज्यादातर लोग हँसते नहीं हैं। लेकिन फिर उन्हें यह भी एहसास हुआ कि वे खुद नहीं हँसती हैं।

 

हम सभी अपने हर दिन के काम में ही खुशी खोज सकते हैं। आप अपने खाली समय में अपने शहर की गलियों में घूमने निकल सकते हैं। आप सब्जी खरीदने के लिए कहीं दूसरी जगह पर जा सकते हैं। आप हर दिन खुद को एक अलग और आसान सी चुनौती दे सकते हैं। एक्साम्पल के लिए, आप खुद से कह सकते हैं कि आज आप खाने में वो खाएंगे जिसका आप ने इससे पहले नाम भी नहीं सुना। या फिर आप कह सकते हैं कि आप आज मार्केट में किसी अंजान व्यक्ति से दोस्ती कर के उसका फोन नंबर माँग कर लाएंगे। इसके अलावा अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए आप हँसने के मौके खोजिए।

 

 हँसने से भी हमारे अंदर डोपामाइन और सेरोटोनिन नाम के हार्मोन पैदा होते हैं जिससे हमें अच्छा महसूस होता है और साथ ही यह तनाव से संबंधित हार्मोन जैसे कोर्टिसोल और एपिनेफ्रीन को पैदा होने से रोकता है जिससे हमारा तनाव कम होता है। हँसने के लिए आप हर दिन के छोटे छोटे कामों में मजा खोजने की कोशिश कीजिए। शायद आपके साथ काम करने वाले व्यक्ति के खाने के तरीके को देखकर आपको हँसी आ जाए या फिर अपने बच्चों को बेवकूफी करते हुए देखकर आपको हँसी आ जाए। जब आप जिन्दगी में हर चीज़ को सीरियसली लेना छोड़ देंगे, तो आपको इसमें मजा आने लगेगा।

 

 

अपनी जिन्दगी के हालातों को देखते हुए अपने लिए प्लान बनाइए।

 

आप जान गए हैं कि किस तरह से आप अपनी सेहत का और अपनी जिन्दगी का खयाल रख सकते हैं। तो अब वक्त आ गया एक है एक प्लान बनाकर उसे अपनी जिन्दगी में अपनाने का। इस प्लान की मदद से आप खुद कघ खुश और सेहतमंद रख सकते हैं।

 

इसके लिए सबसे पहले आप एक पेन और पेपर लीजिए और उसमें अलग अलग सेक्शन बना दीजिए। हर सेक्शन में अपनी जिन्दगी से जुड़ी एक चीज़ का नाम लिखिए जैसे सेहत, कैरियर, परिवार और सामाजिक जिन्दगी। इनके बाद हर सेक्शन में आप लिखिए कि इन चीजों को पहले से बेहतर बनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं।

 

एक्साम्पल के लिए आप अपनी सेहत सुधारने के लिए हफ्ते में सिर्फ 3 दिन कसरत करने की आदत डाल सकते हैं। आप अपने कैरियर को बेहतर बनाने के लिए हर रोज सोने से पहले एक किताब पढ़ सकते हैं जिससे आपको अच्छी नींद भी आए और आपको अपनी नौकरी से संबंधित अच्छी जानकारी भी मिले। अपने सामाजिक जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए आप हफ्ते में एक या दो बार अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा सकते हैं और अपने परिवार के साथ अपने रिश्तों के बेहतर बनाने के लिए आप उनके साथ कुछ ज्यादा समय बिताना शुरू कर सकते हैं। इस तरह से कुछ आसान से काम आपकी जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए काफी हैं।

 

ज्यादातर लोग अपनी जिन्दगी से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि वे कुछ हासिल नहीं कर रहे हैं। वे जैसे कल थे, वैसे ही आज हैं। जो काम कल कर रहे थे, वही आज कर रहे हैं। अगर आपको एक ही फिल्म 100 बार दिखाई जाए, तो आप बोर हो जाएंगे। उसी तरह अगर आप एक ही दिन 100 बार जीएंगे, तो आप बोर हो जाएंगे। हर दिन को बेहतर बनाने के लिए कुछ बेहतर आदतों को अपनाइए।

 

खुद से सहानुभूति जता कर आप अपने मन को शांत रख सकते हैं।

 

हम में से हर किसी के दिमाग में एक आवाज रहती है जो कि हमें हमेशा फटकारती रहती है। हम सभी खुद को छोटी छोटी बातों पर इस तरह से डाँटते हैं जैसे एक पुलिव वाला किसी अपराधी को डाँट रहा हो। इसकी एक वजह हो सकती है “नो पेन, नो गेन” का क्योट, जिसका मतलब है बिना दर्द सहे हम कुछ हासिल नहीं कर सकते। इस वजह से हम खुद को हमेशा दर्द देते रहते हैं और खुद को हमेशा दुख पाते हैं।

 

गलतियां करने पर हर कोई खुद को बेवकूफ समझता है। हर कोई यह सोचता है कि क्या उनकी किस्मत में यही गलतियां कर के उसका फल भोगना लिखा है। इस समस्या से निकलने के लिए आप खुद से सहानुभूति जताने की कोशिश कीजिए। खुद से अच्छे से बात करने की कोशिश कीजिए।

 

एक्साम्पल के लिए अगर आप सेल्समैन का काम करते हैं और एक दिन आप कोई भी सेल ना कर पाएं, तो शाम को घर पर आने के बाद आप खुद को डांटना मत, बल्कि खुद से यह कहिए कि आप कल बेहतर करेंगे। हर अगला दिन हमें इसीलिए मिलता है ताकि हम आज से बेहतर कर कर दिखाएँ। ऐसा करने से आप अपने तनाव को कम कर पाएंगे और खुद को डिप्रेशन में जाने से रोक पाएंगे।

 

अगर आप खुद से अच्छे से बात नहीं कर पा रहे हैं, तो खुद को अपने एक अच्छे दोस्त की तरह देखिए। यह सोचिए कि अगर आपका कोई दोस्त उस दौर से गुजर रहा होता जिससे आप गुजर रहे हैं, तो आप उससे किस तरह से बात करते। आप उसे आलसी कहते,या उसे और मेहनत करने के लिए प्रेरित करते? आप उसे बेकार कहते, या फिर उसे खुद को पहले से बेहतर बनाने के लिए कहते?

 

साथ ही जीत मिलने पर खुद को शाबाशी देना मत भूलिए। आप खुद से कहिए कि आप ने आज अच्छा काम किया और आप हर दिन इसी तरह से अच्छा काम करने की कोशिश करेंगे। इस तरह से खुद के साथ अच्छे से बात कर के आप खुद को अच्छा महसूस करा सकते हैं।

 

Conclusion

 

खुद से अच्छे रिश्ते बनाने के लिए सबसे पहले आपको कुछ अच्छी आदतें बनानी होंगी। आप अपने खाने पर सख्त रेक लगाकर मत रखिए और हर रोज कसरत करने की आदत बनाइए। अपनी जिन्दगी के हर पहलू को बेहतर बनाने के लिए एक प्लान बनाइए। खुद के साथ सहानुभूति जताना सीखिए, अपने साथ उस तरह से बात कीजिए जिस तरह से आप अपने दोस्त से बात करते हैं

 

क्या करें?

 

उस काम को खोजिए जिसे करना आप पसंद करते हैं।

 

अगर आपको लगता है कि आपकी जिन्दगी में कुछ मजेदार करने के लिए नहीं रह गया, तो आप यह एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। सोचिए कि आपको एक दिन दे दिया जाए जिसमें आप हर वो काम कर सकते हैं जो आप करना चाहते हैं। एक लिस्ट बनाइए कि ऐसा मौका मिलने पर आप कौन कौन से काम करना पसंद करेंगे। इसके बाद उस लिस्ट के उन कामों पर टिक लगाइए जो कि आप इस समय कर सकते हैं और करना पसंद करेंगे। इस तरह के काम को करने में आपको ज्यादा समय बिताना चाहिए क्योंकि यही वो काम हैं जो आपकी जिन्दगी में रंग भर सकते हैं।

 

 तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह बुक समरी कैसा लगा, अगर आपका कोई सवाल और सुझाव या कोई प्रॉब्लम है वो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये और इस बुक समरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

 

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

1 thought on “Body Kindness Book Summary in Hindi – क्या आप एकदम सेहतमंद रहना चाहते हैं ?”

Leave a Comment