इंसानियत

एक बार की बात है, मंदिर की छत पे कुछ पे कुछ कबूतर रहा करते थे। अब टाइम आता है जन्माष्टमी का, पुरे मंदिर को सजाना मतलब decoration करना होता है। तो जो कबूतर होता है जो वहां पे रह रहे होते है, उन्हें वहां से जाना पड़ जाता है।

तो कबूतर उड़के चले जाते है और पहुंच जाते एक चर्च में। अब जब चर्च में पहुँच जाते है तो वहां पे पहले से ही कुछ कबूतर रह रहे होते है, वो नए कबूतरों का स्वागत करते है और सब कबूतर बहुत ही friendly तरीकेसे मिल-जुल करके रहते है।

अब कुछ टाइम बाद में क्या होता है चर्च में Christmas होने का टाइम आ जाता है। अब Christmas में दुबारा से चर्च को पूरी तरीकेसे decorate करना है, कबूतरों को उड़ करके जाना पड़ता है कही और।

कबूतर पहुँच जाता है एक मसजिद में, अब सारे कबूतर जब मसजिद में पहुंच जाते है तो already वहां पे कबूतर होते है, और वो नए कबूतरों को बहुत अच्छे से welcome करते है, उनके साथ मिल-झुल करके रहना शुरू कर देते है।

और कुछ टाइम बाद अब आ जाता ईद का तयोहार। मस्जिद को भी decorate करना होता है और सारे के सारे कबूतर अब मस्जिद से उड़ के दुबारा से मंदिर में पहुंच जाता है।

अब जब वहां पे वो कबूतर वो मंदिर की छत पे होते है तो देखते क्या है की एक छोटा सा कबूतर बच्चा होता है, जो नीचे देख रहा होता है और देखता है की जो इंशान है वो आपस में लड़ रहे होते है। और वो ध्यान से सुनते है तो सुनाई देता है की तू हिन्दू है, तू मुस्लिम है और वो आपस में ही बहुत लड़-झगड़ रहे होते है।

तो जो कबूतर का बच्चा होता है वो बच्चा अपनी माँ से पूछता है – “माँ ये लोग लड़ क्यों रहे है, ये इंशान लड़ क्यों रहे है ?”

तो माँ बोलती है की ये लोग अपने आपको अलग समझते है, ये लोग अपने आपको इंशान नहीं समझते, ये हिन्दू, मुस्लिम सोचते है, इसलिए लड़ रहे है।

तो बच्चा बोलता है – “माँ ये हिन्दू, मुस्लिम क्या होते है ?”

तो उनकी माँ समझाती है – “जो लोग मंदिर में जाते है वो हिन्दू होते है, जो मस्जिद में जाते है वो मुस्लिम होते है, जो चर्च में जाते है वो ईसाई होते है, इस तरीकेसे जो ये इंसान होते है ये अपने आपको अलग मानते है।

पर वो बच्चा बोलता है माँ हम तो मंदिर में भी है, और हम चर्च में भी गए थे, मस्जिद में भी गए थे पर हम तो कबूतर ही है। ये इंसान अपने आपको अलग क्यों मानते है ?

तो उसकी माँ बोलती है की इसलिए तो ये लोग लड़ रहे है की अपने आपको इंसान नहीं समझते। हम तो समझ गए की भगवान एक है पर ये लोग समझ नहीं पाए।

हम सब आपस में एक साथ है। हमे सबसे पहले एक ही धर्म को मानना चाहिए वो है इंसानियत और इसके बाद सब आता है। ये इंसानियत की धर्म हमे तब समझ आएगा जब अगर एलियन्स हमारे धरती पर attack कर दे तो…….

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