Anger Management For Dummies Book Summary in Hindi – Hello दोस्तों, एंगर मैनेजमेंट फार डम्मीस बुक समरी में हम सीखेंगे कि गुस्सा करने से किस तरह हमारा और हमारे आस पास के लोगों का नुकसान होता है। इस किताब की मदद से हम गुस्से पर काबू करना सीखेंगे।
यह किताब हमें तनाव से लड़ने के तरीकों के बारे में बताती है और साथ ही कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताती है जिसे अपना कर हम अपने गुस्से और तनाव को काबू कर सकते हैं। तो दोस्तों इस बुक समरी को आप ध्यान से पढ़ें अगर आप भी गुस्सा और तनाव पर अपना काबू पाना चाहते हैं तो।
सबसे पहले खुद से यह सवाल पूछे –
तो ये बुक समरी आपके लिए ही है।
इस बुक को चार्ल्स एच एलियॉट (Charles H. Elliott, PhD) और लॉरा एल स्मिथ (Laura L. Smith, PhD) ने लिखी है।
चार्ल्स एच एलियॉट (Charles H. Elliott PhD) एक साइकोलॉजिस्ट हैं। वे लोगों को भावनाओं पर काबू पाना सिखाते हैं और एक बेहतर ज़िन्दगी की तरफ जाने में उनकी मदद करते हैं। वे एकेडमी आफ काग्निटिव थेरेपी के फाउंडर्स में से एक हैं।
लॉरा एल स्मिथ (Laura L. Smith PhD) भी एक मनोवैज्ञानिक हैं जिनका मनोविज्ञान में बहुत बड़ा योगदान रहा है। वे न्यु मेक्सिको साइकोलॉजीकल एसोसिएशन की प्रेसिडेंट हैं। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को दिमाग की सेहत का खयाल रखने के तरीकों के बारे में बताया है।
आज के इस युग में हम खुद को समय नहीं दे पा रहे हैं। हम पैसों और कामयाबी के पीछे इसलिए भाग रहे हैं क्योंकि उनसे हमें बहुत सारी सुविधाएं मिल सकती हैं लेकिन हम उनके पीछे भागने में यह भूल गए हैं कि हमारी ज़िन्दगी का असली मकसद खुशी पाना है। यही तनाव और गुस्से की वजह है।
गुस्सा करने से सिर्फ आपका ही नहीं आपके परिवार और आप के आस पास के लोगों का भी नुकसान होता है। जो लोग हर वक्त गुस्सा करते रहते हैं उनके पास कोई नहीं रहना चाहता। इसलिए इसे काबू करना बहुत जरूरी है।
यह किताब हमें बताती है कि किस तरह से हम अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। इसके अलावा इस किताब से हम यह भी जानेंगे कि तनाव का हमारे सेहत पर क्या असर होता है और किस तरह से हम इससे से छुटकारा पा सकते हैं।
यह बात हर किसी को पता है कि गुस्सा करना अच्छी बात नहीं है।
गुस्से से हमारे शरीर में अल्सर नाम के केमिकल निकलते हैं जिससे हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इससे हमारा ही नुकसान होता है।
इसके अलावा गुस्से से हमारे आस पास मौजूद लोगों का भी नुकसान होता है।
जब हम गुस्से में होते हैं तो हम कुछ ऐसा कर बैठते हैं। जिसका हमें बाद में पछतावा होता है।
हम अपने किसी दोस्त को कुछ बुरा-भला बोल देते हैं या फिर किसी पर हाथ उठा देते हैं।
हम किसी का नुकसान कर देते हैं या फिर पागलों की तरह हरकतें करने लगते हैं।
जो लोग ज्यादा गुस्सा करते हैं उनके आस पास कोई नहीं रहना चाहता।
कुछ लोग अपने गुस्से को किसी दूसरे पर उतार देते हैं।
वे किसी दूसरे से किसी बात पर गुस्सा होते हैं लेकिन किसी और पर अपना गुस्सा दिखाते हैं।
इन सभी बातों से आपको यह तो पता चल गया कि गुस्से से कितने नुकसान हो सकते हैं।
लेकिन हर एक चीज का एक दूसरा पहलू भी होता है।
गुस्से का इस्तेमाल भी अच्छे कामों के लिए किया जा सकता है।
अगर कोई आपको बार बार परेशान कर रहा है और अगर आप एक बार उसे डाँट दें तो वह आपको परेशान नहीं करेगा।
अगर आप ऐसे लोगों पर गुस्सा नहीं करेंगे तो ये आपकी शांति को कमजोरी समझ कर आपको हमेशा परेशान करते रहेंगे।
नेल्सन मंडेला ने अपने गुस्से का इस्तेमाल नस्लवाद को खत्म करने के लिए किया।
बचपन से ही वे अपने चारों तरफ काले और गोरे लोगों के बीच हो रहे भेद भाव से परेशान थे।
अपने गुस्से का सही इस्तेमाल कर उन्होंने समाज में बदलाव लाने का काम किया।
गुस्से के लक्षणों को पहचानना आसान है और इसे पहचान कर गुस्से को काबू करना भी आसान है।
जब आप गुस्से में रहते हैं तो खुद को काबू करना लगभग असंभव सा लगता है।
आप इस भावना में आसानी से बह जाते हैं और कुछ गलत कर बैठते हैं।
इसलिए गुस्से को पहले ही काबू कर लेना चाहिए।
लेकिन इससे पहले आपको जानना होगा कि गुस्से के लक्षण क्या क्या हैं।
जब आपको गुस्सा आने वाला होता है तो –
अगर आपको ऐसे लक्षण अपने शरीर में देखने को मिलते हैं तो समझ जाइए कि आपके अंदर एक खतरनाक लहर उठने वाली है जिसे काबू करने का वक्त आ चुका है।
इसे काबू करने के लिए आप सबसे पहले खुद को यह बताइए कि आपको गुस्सा सिर्फ पांच से दस मिनट के लिए ही आएगा।
अगर आप किसी तरह से ये वक्त गुजार लें तो आप खुद पर जीत हासिल कर लेंगे।
ये पांच से दस मिनट गुजारने के लिए आप कुछ तरीके आजमा सकते हैं।
हम में से हर किसी के साथ कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें बरदाश्त करना बहुत मुश्किल होता है।
अगर हम उन्हें सुधारने के लिए कुछ नहीं कर पाते हैं तो हमें और गुस्सा आने लगता है।
ऐसी बातों के बारे में बार बार सोच कर हम अपने गुस्से को और बढ़ा देते हैं और फिर इस पर काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है।
जब हम किसी ऐसी बात को बार बार सोचते हैं तो इसके साथ ही हमारे दिमाग में गुस्से को बढ़ाने वाली बहुत सी बातें आने लगती हैं।
मान लीजिए कि आप कहीं ट्रैफिक में फँस गए जिससे आप अपने काम के लिए देर हो गए।
जब आप देर से पहुंचे तो आपको आपके बॉस की डाँट खानी पड़ी।
इसके बाद आप अगर इस बात को बार बार सोचेंगे तो आपका गुस्सा शाम तक बरकरार रहेगा।
आप शाम को अपने परिवार वालों पर भी गुस्सा करेंगे और रात को सोते वक्त खुद से कहेंगे कि “आज का दिन बहुत खराब था।”
इससे बचने के लिए आप रोजाना सुबह 10 मिनट इसे सोचने में लगा सकते हैं।
आप सुबह सुबह उठ कर सोचिए कि बीते हुए दिन में आपके साथ क्या क्या हुआ जिससे आपको गुस्सा आया।
इस समय के अलावा अगर आपके दिमाग में कोई ऐसा खयाल आए जिसे सोचकर आपको गुस्सा आ रहा हो तो आप उसे अगले दिन की सुबह सोचने के लिए टाल दीजिए।
ऐसा करने से आप धीरे धीरे अपने इस ज्यादा सोचने वाली आदत से छुटकारा पा सकते हैं।
इसके अलावा आप यह भी सोच सकते हैं कि आप अपने गुस्से को एक गोली की तरह बंदूक में भर कर आसमान में फायर कर रहे हैं।
इसके बाद यह सोचिए कि वो आप से बहुत दूर जा रहा है और समय के साथ इतना दूर चला गया कि अब आपको दिखाई नहीं दे रहा है।
जब लोग आपके साथ अभद्रता से बात करते हैं तो वे यह नहीं दिखाते कि आप कौन हैं, वे यह दिखाते हैं कि वे कौन हैं।
गुस्सा या अभद्रता करने वाला हमेशा अपने असली रुप को दिखाता है।
इसलिए अगर आपके साथ कुछ ऐसा हो तो आप शांत रहने की कोशिश कीजिए।
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती।
जब कोई आपको परेशान कर रहा हो तो उससे बहस करना या फिर वहाँ से उठ कर चले जाना आपके हाथ में है।
अगर आप वहाँ से उठ कर नहीं जाएंगे तो एक वक्त ऐसा जरूर आएगा जब आप अपने गुस्से पर काबू नहीं पा सकेंगे और अपना आपा खो देंगे।
शांत रहते से बहुत सी बातें हल हो जाती हैं।
इसलिए अगर आप किसी से बहस नहीं करना चाहते तो आप शांत रहिए या अगर वह कुछ ज्यादा ही बहस करने के मूड में है तो आप उसके पास मत रहिए।
इन सब बातों के अलावा पुरानी बातों को याद कर के भी हम अपने गुस्से को बढ़ाने का काम करते हैं।
अगर आपका मूड खराब हो तो पुरानी यादें आग में घी का काम करती हैं।
इसलिए अपने दिमाग से पुरानी और तकलीफ भरी यादों को दूर रखिए।
पुरानी यादों की तकलीफ को कम करने के लिए आप उसे किसी अच्छे दोस्त के साथ बाँट सकते हैं।
दुख बाँटने से कम हो जाता है।
या फिर आप हर वक्त कुछ अच्छा सोच कर।
खुद को इन सब यादों से दूर रख सकते हैं।
तनाव में रहना बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं है।
इससे जब आप परेशानी में नहीं रहते तो भी परेशानी के बारे में सोच कर परेशान रहते हैं।
हर वक्त परेशान रहने से आपको ज्यादा गुस्सा आने लगता है और आप बहुत आसानी से अपना आपा खो देते हैं।
बड़े तनाव
इस तनाव की वजह वो होती है जिससे आप बहुत ज्यादा डरते हैं या जिसकी वजह से आपकी जिन्दगी में बहुत सारे बदलाव आने वाले होते हैं।
एक्साम्पल के लिए नौकरी खोने के डर से पैदा हुआ तनाव।
इस तनाव की वजह छोटी होती है लेकिन आपकी सेहत पर इसका असर बड़े तनाव जितना ही होता है।
ये वो हर दिन के काम हैं जो आप करना नहीं चाहते लेकिन फिर भी आपको करना पड़ता है।
दोनों तरह के तनाव का हमारी सेहत पर एक सा असर होता है इसलिए यह जरूरी है कि आप दोनों से निपटने के बारे में सोचें।
तनाव में रहने से बहुत सारी बीमारियाँ होती हैं।
इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, आप डिप्रेशान में जा सकते हैं और आप लम्बे समय तक रहने वाली बीमारियाँ के शिकार बन सकते हैं।
बड़े तनाव से निपटने के लिए आपको खुद को यह समझाना होगा कि इनसे आपको सिर्फ इसलिए डर लग रहा है क्योंकि इनसे आपकी जिन्दगी में बहुत से बदलाव आने वाले हैं।
आपको खुद को समझाना होगा कि एक नौकरी खो देने से आपकी जिन्दगी खत्म नहीं हो जाएगी।
आप आसानी से दूसरी नौकरी ढूंढ सकते हैं।
तनाव से निपटने के लिए आप खुद उसके लिए अलग अलग हल ढूंढ सकते हैं।
अगर आपको किसी काम को ले कर तनाव है तो आप उस काम को करने के तरीके के बारे में सोचिए और फिर उस काम को पूरा कर के अपने आप को तनाव से दूर कीजिए।
अगर आप रात में अच्छे से नहीं सो रहे हैं तो यह आप के तनाव और गुस्से की वजह से हो सकता है।
कम सोने की वजह से आप आसानी से अपना आपा खो देते हैं।
इसकी वजह से आप तनाव में रहते हैं जिससे आप अपना रोज का काम भी अच्छे से नहीं कर पाते।
रात भर अच्छे से सोने से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं और इस दुनिया के सुनहरे हिस्से की ओर अपना ध्यान खींच सकते हैं।
अच्छी नींद के साथ ही अगर आप रोज़ कसरत करें तो आप अपने गुस्से और तनाव को और ज्यादा काबू कर सकते हैं।
कसरत करने के बाद गुस्सा करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इन सब आदतों के साथ ही अगर आप हर चीज़ का आभार जताने की आदत डालें तो आप अपने गुस्से को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
हमें गुस्सा इसलिए आता है क्योंकि हम जो चाहते हैं हमें वो नहीं मिल रहा होता।
इसलिए अगर आपके साथ कुछ भी अच्छा हो तो आप उसका आभार जताइए जिससे आपको यह पता लगे कि आपके साथ क्या अच्छा हो रहा है।
इसे अपनी आदत बना लीजिए।
हर रोज खाने से पहले अपने खाने का आभार जताइए, उन चीज़ों के बारे में सोचिए जिनके लिए आप शुक्रगुजार हैं।
इससे आप अपना ध्यान तनाव वाली चीजों से हटा कर अच्छी चीज़ों पर लगा सकते हैं।
गुस्से और तनाव से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे आपको ब्लड प्रेशर और बहुत सारी बीमारियाँ हो जाती हैं।
गुस्से को काबू करने के लिए गुस्से के लक्षणों को पहचानिए और उसे आने से पहले ही रोक लीजिए।
जो लोग अक्सर आपके गुस्से की वजह बनते हैं उनसे दूर रहा कीजिए।
अच्छी नींद लेने, कसरत करने और आभार जताने जैसी आदतों को अपना कर आप अपने तनाव और गुस्से पर काबू पा सकते हैं।
गाड़ी चलाते वक्त अपने सीट पर आराम से सीट बेल्ट लगा कर बैठिए और जल्दबाजी में गाड़ी मत चलाइए।
अपने आस पास के माहौल का मज़ा लेना सीखिए।
इससे आपको गुस्सा बहुत गुना कम हो जायेगा।
तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह बुक समरी (Anger Management For Dummies Book Summary in Hindi) कैसा लगा?
क्या इसे पढ़ने के बाद आपको लगता है की आप अपना गुस्सा कम या मैनेज कर पाएंगे?
अगर आपका कोई सवाल और सुझाव या कोई प्रॉब्लम है तो वो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
और इस बुक समरी (Anger Management For Dummies Book Summary in Hindi) को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.
Sachin Shinde
क्या मै आपकी बुक summeries की यू tube videos बना सकता हू?
ROCKTIM BORUA
Sorry, You Can’t.