Beat Sugar Addiction Now Book Summary in Hindi – शुगर की लत आम तौर पर लोगों में पाई जाती है। आने वाले सबक में हम देखेंगे की ये चार तरह के होते है। हम इसके होने कि वजह, इससे होने वाले नुकसान और इसके इलाज के बारे में जानेंगे। ये किताब एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसकी मदद से आप शुगर की लत को हराकर वजन कम कर सकते हैं और सेहतमंद ज़िन्दगी जी सकते हैं।
क्या आप अपने लत से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं, क्या आप सेहतमंद जिन्दगी चाहते हैं, क्या आप एक महिला हैं जो पीरियड्स के समय होने वाले चिड़चिड़ेपन और शुगर कि लत से परेशान हैं तो ये बुक आपके लिए है।
लेखक
इस किताब को लेखक जैकोब टीटेलबाम और क्रिस्टल फीडलर हैं।
जैकोब टीटेलबाम एक फिसिस्ट और एक लेखक है, जिन्होने बहुत सारी किताबें लिखी हैं। उनकी कुछ किताबें हैं- “फ्राम फैटीग टू फैनटैस्टिक” और “पेन फ्री 1-2-3″।
क्रिस्टल फीडलर एक जर्नलिस्ट हैं जो सेहत के मुद्दो पर बातें करती हैं। इन्होनें नेचुरल तरीकों से इलाज करने के बारे मे बहुत से आर्टिकल लिखे हैं और बहुत सी किताबों कि लेखिका भी है।
हमारे शरीर को शुगर की जरूरत होती है। यह शुगर हमें एनर्जी देती है। तो फिर हमें इससे पीछा छुड़ाने कि क्या जरूरत है?
शुगर से मिली एनर्जी छोटे समय के लिए होती है पर सेहत पर इसका असर लम्बे समय के लिए होता है। इससे लम्बे समय तक चलने वाली बीमारियाँ हो सकती है। इस लिए इस लत से छुटकारा पाने का समय आ गया है।
ये किताब चार तरह की शुगर की लत से आपका आमना सामना कराती हैं –
और आप जानेंगे –
एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन पाया जाता है। ज्यादा एनर्जी ड्रिंक पीने से आपको पहली तरह की शुगर की लत हो सकती है।
इस लत के शिकार हुए लोग अपने काम में माहिर होते हैं। ये लोग सारा दिन अपने घर, स्कूल या औफिस के काम को पूरा करने में लगे रहते हैं। इस दौरान थक जाने पर उन्हें एनर्जी की जरूरत पड़ती है और वो एनर्जी ड्रिंक पीते हैं। एनर्जी ड्रिंक पीने से वे थोड़ी देर के लिए अच्छा महसूस करते हैं, लेकिन समय के साथ इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। समय के साथ उन्हें इसकी लत लग जाती है। वो इस जाल में कुछ ऐसे फँसते हैं:
थक जाने पर वो एनर्जी ड्रिंक पीते हैं। इससे उन्हें थोड़ी देर के लिए एनर्जी मिल जाती है। लेकिन थोड़ी देर बाद, वो फिर से थका हुआ महसूस करते हैं और फिर से एनर्जी ड्रिंक पीते हैं। इस तरह से वे इसके आदि हो जाते हैं। इस तरह कि शुगर कि लत से छुटकारा पाना थोड़ा मुश्किल है पर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। आइए अगले सबक में देखें कैसे।
आइए देखें ये क्या होता है।
SHINE का मतलब है :
आइए एक एक कर के इसे समझें।
Sleep:- जब आपके शरीर को अच्छे से नींद नहीं मिलती, तो आप सारा दिन थका हुआ महसूस करते हैं। और थकने पर आपके शरीर को शुगर की तलब होने लगती है। इसलिए, आपको कम से कम रात में आठ घंटे सोना चाहिए।
Hormonal balance:- हमारे गले मे थाइयाइड नाम का एक अंग पाया जाता है। इस अंग से एक हार्मोन निकलता है जिससे हम भोजन को एनर्जी मे बदलते हैं। जब ये अंग ठीक से काम नहीं करता, तब हमें शुगर की लत लग जाती है। इसका इलाज डाक्टर की मदद से हो सकता है।
Infections:- शुगर की लत से हमारा एनर्जी लेवल कम रहता है। इससे हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और हम आसानी से बीमारियों की चपेट में आ जाते है। इसको सुधारने के लिए हमे अपने खाने में जिन्क लेना चाहिए।
Nutrition support :- हमें खूब अनाज, मीट और फल खाना चाहिए। पैकेट के सामान को ना खाकर हमे अनाज, मीट और फल खाना चाहिए। विटामिन और मिनरल लेने से हम जल्दी नहीं थकेंगे।
Exercise:- इससे हमारी एनर्जी बढ़ती है और शुगर की लत कम होती है। हमें कम से कम हफ्ते में 4-7 बार 30 मिनट तक टहलना चाहिए।
क्या आप भूखे होने पर चिड़चिड़े हो जाते है?
क्या आपने कभी सोचा ऐसा क्यों होता है?
– शायद आप दूसरी तरह की शुगर की लत के शिकार हैं।
इसके होने की वजह है लगातार तनाव मे रहना। तनाव की वजह से हमारे एड्रेनल ग्लैड से कोरटिसोल और एड्रेनल नाम के हार्मोन ज्यादा निकलने लगते हैं जिससे खून मे शुगर की कमी हो जाती है। ऐसा होते ही हम बाहर से शुगर लेना शुरु कर देते है। इससे हमे थोड़ी देर के लिए एनर्जी मिलती है पर कुछ देर के बाद फिर से खून में शुगर की कमी हो जाती है। ऐसे में हमें तुरंत ही शुगर चाहिए होती है वरना हमारा सर भारी हो जाता है या हमें बेचैनी होने लगती है।
दूसरी तरह की शुगर की लत की शिकार अक्सर महिलाएं होती हैं, जो सभी को खुश करने की कोशिश करती हैं। महिलाएं घर और बच्चों के साथ ही नौकरी या बिज़नस भी देखती है। ऐसे में तनाव होना आम बात है। और तनाव होते ही उन्हें शुगर की लत लग जाती है।
ये लोग खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचते हैं। लेकिन जब इन्हें भूख लगती है तो ये अपनों पर ही गुस्सा कर बैठते हैं।
पहला, आप अपने रोज के काम को थोड़ा कम कर दीजिए। लेकिन ऐसा कर पाना शायद आपके लिए मुश्किल हो।
दूसरा, अपने एड्रेनल ग्लांड्स (adrenal glands) को जरूरत का पोषण दें, ताकि वह ठीक से काम कर सके। शुगर लेवल को कन्ट्रोल करने के लिए जरूरी खाना खाएँ। इससे आपको कम थकावट होगी।
पैकेट में आने वाली शुगर या आटे को न खाएँ। आटा सेहतमंद नहीं होता है। ये जैसे ही शरीर में पहुँचता है, शुगर में बदल जाता है और खून में जाकर मिल जाता है। अनाज फायदेमंद होते हैं क्योंकि इन्हें में पचने में ज्यादा समय लगता है, जिससे शुगर लेवल कन्ट्रोल मे रहता है।
पनीर, बीन, अंडे और माँस मे प्रोटीन होता है जिसे पचने में ज्यादा समय लगता है। इसे खाने से खून में शुगर लेवल कन्ट्रोल में रहता है।
क्या किसी ने आपको दिन में सिर्फ तीन बार खाने को कहा है? तो इसके बारे में भूल जाइए। आप थोड़े थोड़े समय पर प्रोटीन वाले स्नैक्स खाइये। स्नैक्स में आप कुछ घंटों रुक रुक कर अंडे, चीज़ या ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं। इससे आपका शुगर लेवल कन्ट्रोल मे रहता है।
एक यीस्ट, जिसका नाम कैन्डिडा एल्बिकन है, आपके इन्टेस्टाइन में रहता है। ये एक ऐसा केमिकल निकालता है जिससे आपको शुगर कि लत लग जाती है। जब आप और शुगर लेते हैं तो आप असल में इस यीस्ट को खिलाते है जिससे आपके शुगर कि लत और बढ़ जाती है। ये आपको एक जाल में फँसा देती है।
इससे आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और आप आसानी से रोगों के चपेट में आ जाते हैं। इससे फाइब्रोमाइएल्जिया (fibromyalgia) हो सकता है जिससे आपको थकान, बदन दर्द और भूलने की बीमारी हो सकती है।
ऐसे लत के शिकार लोग दिन भर शुगर वाला खाना खाते रहते हैं। सुबह कॉफी, लंच और डिनर में मैदा या ब्रेड जैसी और चीजें खाते है जो शरीर में जाते ही शुगर में बदल जाते हैं। ये लोग अपने साथ केक या कोई मीठी चीज़ रखे रहते है और समय समय पर खाते रहते हैं। अगर शुगर आपके ऊपर हावी हो गयी है तो घबराइए मत। इसका ईलाज हो सकता है।
इसका इलाज आसान है। अगर आपको शराबी नहीं बनना, तो शराब छोड़ दीजिए। उसी तरह अगर आपको यीस्ट से छुटकारा पाना है तो शुगर लेना बंद कर दीजिए। अपने रोज के खाने से उन शुगर वाली चीजों को निकाल दीजिए जो जरूरी नहीं है
इसके अलावा आप चार कदम उठा सकते हैं। ऐसा खाना खाना शुरू कर दीजिए जिसमें प्रोटीन ज्यादा और शुगर कम हो। अनाज, सब्जियाँ और फल खाइए।
आप एन्टी-फंगल दवाइयां जैसे डाइफ्लुकन भी ले सकते हैं। एन्टी फंगल हर्ब भी मदद कर सकते हैं। एन्टी-फंगल हर्ब से आपको अपच हो सकता है, इसलिए उसे थोड़ी मात्रा में ही लें। आप कोकोनट आइल का पावडर और अंगूर के बीज खा सकते है।
अलग से पोषण लें। जिन्क आपके इम्यून सिस्टम को ठीक करता है। लम्बे समय तक चलने वाली बीमारियाँ जैसे क्रोनिकल फैटिग सिन्ड्रोम की वजह से जिन्क कि कमी हो सकती है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में आप जिन्क की दवाईयाँ (लगभग 15-25mg रोज) ले सकते हैं। विटामिन ए, बी और डी लेने से आपकी एनर्जी बनी रहती है।
अंत में आप फूड एलर्जी को चेक कराएँ। फूड एलर्जी की वजह से आपके शुगर की लत बढ़ सकती है। आप एक एक कर के किसी एक तरह के खाने को खाना छोड़िए और देखिए इसका आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है।
क्या पीरियड के समय आपका मूड खराब रहता है? आप चिड़चिड़ापन या मीठा खाने कि लत से परेशान हैं? अगर ऐसा है तो आपको चौथी तरह की शुगर की लत है। ये आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल डिसबैलेंस और इन्सुलिन रेसिस्टेन्स की वजह से होता है।
प्रीमेन्सट्रुल सिन्ड्रोम (पी एम एस) की वजह से ऐसा हो सकता है। पी एम एस पीरियड के समय होने वाले चिड़चिड़ेपन और शुगर की लत से तालुक रखता है। हालाकि इसे लेकर अब भी उलझन है, पर ज़्यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसा प्रोजेस्टेरोन और प्रोस्टाग्लैन्डिन नाम के हार्मोन की कमी की वजह से होता है।
ये हार्मोन मेन्सट्रुल साइकल को पूरा करने में मदद करते हैं। पर पीरियड के समय इनका बनना कम हो जाता है, जिसकी वजह से मीठा खाने का मन करता है। मीठा खाने से थोड़ी देर तक राहत मिलती है पर उसके बाद फिर से मीठा खाने का मन करने लगता है। ऐसा क्यों होता है? इन्सुलिन रेसिस्टेन्स कि वजह से।
इन्सुलिन खून में शुगर कि मात्रा को काबू करता है। यह शुगर को सेल्स मे जाने देता है और उससे आपको एनर्जी मिलती है। इन्सुलिन रेसिस्टेन्स कि वजह से सेल्स में शुगर नहीं जाता, जिससे आपको मीठा खाने कि तलब होती है और आप मीठा खाते हैं। पर फिर भी सेल्स में शुगर नहीं जाता। इससे शरीर में शुगर कि मात्रा बढ़ने लगती है।
क्या आप पीरियड से संबंधित सभी समस्याओं से एक साथ किसी जादुई मंत्र की मदद से छुटकारा पाना चाहती हैं? आप इसके जैसा ही एक दूसरा तरीका आजमा सकती हैं।
मीठा खाने से बचिए। वो खाना खाइए जिसमें प्रोटीन ज्यादा हो और शुगर कम हो। साथ ही साथ बाहर के खाने, पैकेट के खाने और आटे से दूर रहें।
अगर आपको इन्सुलिन रेसिस्टेन्स है तो आप अपने खाने को पूरी तरह से बदलिए । ढ़ेर सारी नेचुरल रेमेडि लीजिए, जिससे आपको पी एम एस और शुगर की लत से लड़ने में मदद मिलेगी। ये प्रोस्टाग्लैन्डिन कि कमी से होने वाले परेशानियों से भी छुटकारा दिलाता है।
विटामिन B6 प्रोस्टाग्लैन्डिन कि कमी से लड़ने में मदद करता है। आप 6 महीनों तक 150-200mg विटामिन B6 रोज लीजिए। इससे आपका चिड़चिड़ापन और शुगर कि लत काबू में रहेगा।
अपने हार्मोन की कमी को आप बायो आइडेन्टिकल हार्मोन से कन्ट्रोल कर सकते हैं।
रसायनिक हार्मोन से दूर रहें। इससे कोई फायदा नहीं होगा। बायो आइडेन्टिकल हार्मोन से बहुत फायदा हो सकता है। बहुत सारे सर्वे से ये बात सामने आई है। जर्नल ऑफ वुमेन्स हेल्थ और जेन्डर बेस्ड मशीन में की गई दो हजार स्टडी से ये बात सामने आई है कि जिन महिलाओं ने रसायनिक हार्मोन को छोड़कर बायो आइडेन्टिकल हार्मोन लेना शुरु किया उनकी जिन्दगी मे काफी अच्छे बदलाव आए।
शुगर की लत किसी भी लत के जैसे ही शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आप को मीठा खाने कि तलब होती है तो आपको इन चार मे से कोई एक लत हो सकती है। पर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। अपने लिए सबसे अच्छे रास्ते को चुनिए और एक सेहतमंद ज़िन्दगी की ओर कदम रखिए।
तो दोस्तों आपको आज का यह Beat Sugar Addiction Now Book Summary in Hindi कैसा लगा ?
आपने आज क्या सीखा ?
अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.