श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 19: शुकदेव गोस्वामी का प्रकट होना) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : घर लौटाते हुए राजा (महाराज परीक्षित) ने अनुभव
यहाँ पर सनातन धर्म के अलग अलग महान सनातन ग्रन्थ के संस्कृत श्लोक के अर्थसहित व्याख्या एकदम सरल हिंदी में की गयी है।
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 19: शुकदेव गोस्वामी का प्रकट होना) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : घर लौटाते हुए राजा (महाराज परीक्षित) ने अनुभव
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 18: ब्राह्मण बालक द्वारा महाराज परीक्षित को श्राप) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् श्रीकृष्ण अद्भुत कार्य करनेवाले हैं।
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 17: कलि को दण्ड तथा पुरस्कार) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : उस स्थान पर पहुँचकर महाराज परीक्षित ने देखा कि
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 16: परीक्षित ने कलियुग का सत्कार किस तरह किया) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : हे विद्वान ब्राह्मणों, तब महाराज परीक्षित
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 15: पाण्डवों की सामयिक निवृत्ति) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् कृष्ण का विख्यात मित्र अर्जुन, महाराज युधिष्ठिर की सशंकित
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 14: भगवान् श्रीकृष्ण का अन्तर्धान होना) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् श्रीकृष्ण तथा अन्य मित्रों को मिलने तथा
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : तीर्थयात्रा करते हुए विदुर ने महर्षि मैत्रेय से आत्मा की
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 12: सम्राट परीक्षित का जन्म) श्लोक 1: शौनक मुनि ने कहा : महाराज परीक्षित की माता उत्तरा का गर्भ अश्वत्थामा द्वारा छोड़े
श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 11: भगवान् श्रीकृष्ण का द्वारका में प्रवेश) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : आनर्तों के देश के नाम से विख्यात अपनी
हरे कृष्ण। इस पोस्ट में श्रीमद भागवत महापुराण के स्कन्ध 1 के अध्याय 10 सम्पूर्ण अर्थ संग्रह किया हुआ है। आशा है आप इसे पढ़के इसी जन्म में इस जन्म-मरण