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वर्ल्डस मोस्ट पीसफुल पेंटिंग

कहानी1 year ago10 Views

एक बार की बात है एक बहुत बड़ी आर्ट गैलरी ने एक बहुत बड़ी कांटेस्ट डिक्लेअर किया। उसमें उन्होंने अनाउंस किया की जो भी पेंटर पीस को दीपिक करने वाली वर्ल्ड की सबसे अच्छी पेंटिंग बनाएगा उसको 10 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा।

ये बात पूरी दुनिया में फैल गयी और पूरी दुनिया से हज़ारों पैन्टेर्स ने अपनी अपनी पेंटिंग्स भेजी उस कांटेस्ट में पार्टिसिपेट करने के लिए।

उन हज़ारों पेंटिंग्स में से उस कांटेस्ट के जो जज थे उन्होंने फाइनली सिर्फ 100 पेंटिंग्स को सेलेक्ट किया और उन 100 पेंटिंग्स एक एक्सहिबिशन लगायी।

उस एक्सहिबिशन में इन सारे पैन्टेर्स को तो invite किया ही किया साथ ही साथ मीडिया वाले भी बैठे हुए थे और मीडिया वालों के साथ हज़ारों लोगों की भीड़ भी जमा थी, क्यूंकि प्राइस अमाउंट इतना बड़ा था तो सबका इंटरेस्ट था ये जानने में की कौन जीतेगा, की वो पेंटिंग कैसी होगी और कौन वो पेंटर होगा जिसको इतना बड़ा अमाउंट मिलेगा।

फाइनली वो दिन आ ही गया।

वहाँ पर सारी ही पेंटिंग्स देखने लायक थी और एक से बढ़कर एक थी।

उसमें से कुछ पेंटिंग्स थी जहाँ पर सबसे ज्यादा भीड़ थी।

जैसे एक पेंटिंग थी जहाँ पर बिलकुल साफ पानी की नदी बह रही थी, जिसके पीछे कुछ पहाड़ थे उसकी ऊपर बर्फ जमी हुई थी और पीछे से सनराइज हो रहा था।

एक और पेंटिंग थी जहाँ पर पेंटर ने पीस को डेपिक्ट किया था फुल मून नाईट के थ्रू। यानी की एक बिलकुल पीसफुल लेक थी, जिसका पानी बिलकुल स्टिल था। इतना स्टिल की उसके अंदर आप रिफ्लेक्शन देख सकते थे आस-पास में जो भी कुछ था उसका। बिलकुल एक मिरर की तरह, और बिलकुल डार्क आसमान थी, और कुछ तारे चमक रही थी और एक चाँद चमक रहा था।

उसके अलावा एक और पेटिंग थी जिसमें बिलकुल सफ़ेद बादल थे, नीला आसमान था, नीचे कुछ पहाड़ और जमीन पर बिलकुल हरी-हरी घास थी।

यानी की सारे ही पेंटिंग्स ऐसी थी। जिसको देख करके ही मन शांत हो जाये। तो कांटेस्ट बहुत ही टफ था। क्यूंकि सारी पेंटिंग्स एक से बढ़कर एक थी। वो जजस के लिए शॉर्टलिस्ट करना की कौनसी पेंटिंग बेस्ट है वो भी बहुत ज्यादा टफ थी।

लेकिन वो मोमेंट आ ही गया जब जजस ने अपना माइंड मेकअप कर ही लिया और एक पेंटिंग को इन सारी पेंटिंग्स में से सेलेक्ट कर लिया और उस पेंटिंग को एक बड़ी से कर्टन के पीछे रख दिया।

सामने वो सारे पैन्टेर्स बैठे हुए थे, मीडिया वाले थे, और हज़ारों लोगों की भीड़ लगी हुई थी। सबकी क्यूरोसिटीबढ़ती चली जा रही थी क्यूंकि अमाउंट बहुत बड़ा था।

लेकिन जैसे ही वो पर्दा हटा और सामने से सबने उस पेंटिंग को देखा तो हैरान रह गए। सब एक दूसरे की शकल देखने लगे, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की एक्चुअल में हो क्या रहा है !

क्यूंकि जो पेंटिंग वहां पर दिख रही थी वो दूर दूर तक शांति को डिपिक्ट नहीं कर रही थी।

तो सबको लगा की शायद उस आर्ट गैलरी से कोई गलती हुई है या जजस से कोई गलती हुई है और किसी गलत पेंटिंग को वहां पर रख दिया है।

तो कुछ पैन्टेर्स एक साथ गए और जा करके उस आर्ट गैलरी के ओनर से मिले और जा करके उससे पूछा की “क्या ये कोई गलती है ? गलती से कही कोई गलत पेंटिंग तो आपने वहां पर नहीं रख दी ?

तो आर्ट गैलरी वाला थोड़ा सा मुस्कुराया और बोला की “ये पेंटिंग बिलकुल ठीक है, जजस ने इसी पेंटिंग को सेलेक्ट किया है और यही पेंटिंग आज की विनर है।”

सारे पैन्टेर्स ये जवाब सुन करके गुस्से से भर गए और सबने मिल करके रिवोल्ट कर दिया और ये देख करके मीडिया वाले भी अपनी जगह से खड़े हुए और भागते हुए गए उस आर्टगैलरी के ओनर के पास में और अपने mic  उनके मुँह के सामने रख दिया।

और फिर से वहां पर जो आर्टगैलरी का ओनर था वो थोड़ा सा मुस्कुराया और कहा की “मुझे कुछ बोलने से पहले एक बार इस पेंटिंग को ध्यान से देखें, थोड़ा पास से देखिये शायद आपको कुछ ऐसा नजर आये जो दूर से नजर नहीं आ रहा है। क्यूंकि आप सबने एक चीज तो देख ली की इस पेंटिंग में आंधी है तूफान है सारों तरफ सब कुछ तहस-नहस हो रहा है, आसमान में बिजली कड़क रही है, काले बादल है ये सब तो आपने देख लिया, लेकिन एक चीज नहीं देखि की इस पेंटिंग में एक घर भी है, उस घर में एक छोटी सी खिड़की है, जहाँ पर एक आदमी खड़ा हुआ है। ध्यान से जाकरके देखिये वो जो आदमी खड़ा हुआ है और बाहर देख रहा है उस खिड़की से, उसके सेहरे पर कोई डर नहीं है बल्कि एक हलकी सी मुस्कान है, एक ठहराव है, एक सुकून है और यही है शांति का असली मतलब”

Moral:- शांति का मतलब ये नहीं हैं की हमारे बाहर सब कुछ शांत है और फिर हम शांत है क्यूंकि वो टेम्पररी है।

असली शांति का मतलब ये है की हमारे बाहर चाहे जो कुछ भी हो रहा हो, हम अंदर से अंदर से पूरी तरह से शांत हैं, हमारा मन शांत हैं, क्यूंकि जिसका मन शांत नहीं हैं उसको चाहे आप कितनी सुन्दर से सुन्दर जगह पे ले जाकरके बिठा दो, वो वहां पर जाकरके दुःखी ही रहेगा। लेकिन दूसरी तरफ से जिसका मन शांत हैं उसके बाहर चाहे कुछ भी हो रहा हो चाहे मौसम कैसा भी हो, चाहे उसके आस-पास में सब कुछ तहस-नहस हो रहा हो, तूफान हो लेकिन वो अंदर से बिलकुल शांत रहेगा और यही है शांति का असली मतलब।

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