फकीर बाबा

ये कहानी है एक फकीर बाबा की, जिनके दोनों हाथ नहीं थे। जो एक पार्क में रह के अपनी जिंदगी बिता रहे थे। उन्हें लग रहा था उनकी लाइफ खत्म हो गयी है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी।

आते-जाते लोगों से मदद की गुहार लगाते थे। और आते-जाते लोग भीख पर पैसे दे जाते थे।

एक दिन एक लड़का वहां से निकला और उसने सोचा “आज मैं चल करके इनसे बात कर लेता हूँ। रोज वो उन्हें देखता था जब भी अपने ऑफिस जाता था उस रास्ते से ही जहाँ वो बाबा बैठता था।

तो उस दिन उसके पास थोड़ा टाइम था, वो गया बाबा जी के पास और जा करके बोला “बाबा जी कुछ टाइम है आपके पास, आपसे मुझे 4-5 सवाल पूछना है।

बाबा जी ने सोचा की ये छोटा बच्चा है, मेरे साथ मजाक करने आ गया होगा, हांसी उड़ाने आ गया होगा। उनके पास तो टाइम ही टाइम था। उन्होंने कहा बेटा पूछ लो। मैं तो फ्री हूँ, मेरे पास तो टाइम ही टाइम है।

तो इस लड़के ने पूछा – “की बाबा जी आपके दोनों हाथ नहीं हैं, आपको बुरा नहीं लगता, आपको नहीं लगता की लाइफ में कुछ है मतलब का!”

तो फकीर बाबा ने कहा – “नहीं मुझे नहीं लगता, मुझे लगता है की मेरी जिंदगी ठीक है, मुझे लगता है मेरी जिंदगी में सब कुछ है, सही है, उपरवाले ने ठीक दे रखा है, उपरवाले ने मुझे जिन्दा रखा यही मेरे लिए काफी है।”

फिर उस लड़के ने पूछा की बाबा जी एक बात बताइये – “आपको भूख नहीं लगती, खाना कहाँ से आता है, लोग तो आपको पैसा-वैसा देके चले जाते हैं, क्या करते हो इस पैसे का?”

तो बाबा ने कहा – “वो दूर आपको एक बंदा दिखाई दे रहा है ? जो पैसा मांगता है, भीख मांगता है, चपाती मांगता है ! वो पता है क्या करता है, यहाँ पर जब भीख वो ले लेता है जब लोग यहाँ से आना-जाना कम कर देता है तो वो गलियों में जाता है, कॉलोनी में जाता है, महलों में जाता है, वहां से भीख ले करके आता है, खाना ले करके आता है, मैं उसको पैसे दे देता हूँ और खाना उससे ले लेता हूँ।”

फिर इस लड़के ने पूछा की – “बाबा जी एक बात बताइए, आपको खाना खिलाता कौन है, वो बंदा तो आपको खाना देके चला जाता होगा, आप खाते कैसे हैं, आपके तो दोनों हाथ नहीं हैं ?”

लड़का मजाक के मूड में था या कुछ अलग सोच रहा था, पता नहीं उनसे मन में क्या चल रहा था, लेकिन एक के बाद एक सवाल पूछ रहा था !

तो बाबा जी ने कहा की “बेटा सही सवाल है की मुझे खाना खिलाता कौन हैं ! मैं आते-जाते लोगों को आवाज देता हूँ की औ जाने वालों औ आने वालों, ऊपर वाला आपके दोनों हाथ सही सलामत रखें मुझे बस खाना खिला के जाइए, रोटी खिलाके चले जाओ। काफी सारे लोग मुझे इग्नोर करके चले जाते हैं, लेकिन काफी लोग ऐसे होतें हैं जो मुझ पर तरस खा कर के मेरे पास आते हैं और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पांच पांच दस दस दिन तक लगातार मेरी मदद के लिए आते हैं, मुझे रोटी खिलाके जातें हैं।”

फिर उस लड़के ने पूछा “बाबा जी आपको प्यास तो लगती होंगी आप पानी कैसे पी लेते हो?”

तो बाबा जी ने कहा की “बेटा ये भी अच्छा सवाल है, मैं अपने पैरों से इस घड़े को नीचे गिरा देता हूँ प्याले में पानी भर जाता है और पशुओं की तरह पानी पी लेता हूँ।

फिर उस लड़के ने एक और सवाल किया की “आखिरी सवाल है बाबा जी अगर आप जवाब दें तो, इस पार्क में मच्छर बहुत है, आपको काटते भी होंगे, आपको नींद कैसे आ जाती है ?”

तो बाबा जी कहा – “हाँ मुझे कोई बार काफी सारे मच्छर काट लेते हैं, तब मैं जमीन पर लोटने लगता हूँ, अपने आपको रगड़ने लगता हूँ। जैसे वो मछली पानी से बाहर आने के बाद लोटने लगती है वैसे ही मैं लौटने लगता हूँ, क्या करू बेटा यही मेरी जिंदगी है।”

जब बाबा जी ने सारी बात खत्म कर ली तो उस लड़के ने एक बात कही की “बाबा जी आपकी जिंदगी लानत है, आपके दोनों हाथ नहीं है, आपकी शरीर पर लानत है।”

जैसे ही ये बातें उसने बोला बाबा जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने बोला “बेटा तुमने अब तक जितने सवाल पूछ रहे थे, मेरे मजाक उड़ा रहे थे सब ठीक था लेकिन शरीर पर लानत है ये कभी मत बोलना, इस शरीर को कभी गाली मत देना, क्यूंकि ये बहुत किस्मत वालों को मिलता है और इस शरीर का एक एक अंग कीमती है, ये उनसे पूछो जिनके पास वो अंग नहीं हैं, जिसके पास ऊँगली नहीं, हाथ नहीं, पैर नहीं है उनसे पूछो की इसकी कीमत क्या है ! इस शरीर का मोल कोई लगा नहीं सकता, दुनिया सारा पैसा दे दें तब भी इसको खरीद नहीं सकते, कुछ लोग हैं जिनको ये शरीर मिला है, लेकिन वो उलटे काम करते हैं, गलत काम करते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शरीर का सही इस्तेमाल करते हैं, आपको ऊपरवाले ने ये शानदार शरीर दिया है, इसका सही इस्तेमाल कीजिए, सही उपयोग कीजिए “

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