Hey दोस्तों, क्या आपको सक्सेसफुल लोगो के Success Stories in Hindi के बारे में पढ़ना अच्छा लगता है? क्या आप किसी सक्सेसफुल लोगो के बारे में जानते है? क्या आप भी अपने आपको सक्सेसफुल इंसान बनाना चाहते है? तो पहले आप अलग अलग सक्सेसफुल लोगो की लाइफ के बारे में जानिए। आपको अभी लगता होगा आप बहुत स्ट्रगल कर रहे हैं, लेकिन जब आप दूसरे बहुत सक्सेसफुल लोगो के बारे में पढ़ेंगे तब आपको पता लगेगा की आपसे भी बदतर हालत थी बहुत सारे सक्सेसफुल लोगो की। इसलिए अगर आपको लगता है की आप लाइफ में कुछ खास कर नहीं पा रहे है तो डिमोटिवेट ना हों, मेहनत और सही स्ट्रेटेजी के साथ काम कीजिये और लोगो से सीखिए तब आप भी एकदिन सक्सेसफुल लोगो की लिस्ट में आएंगे।
50+ Success Stories in Hindi
Eminem
Marshall Bruce Mathers III यानी Eminem को सारी दुनिया Rap God के नाम से जानती हैं। उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1972 में संत Joseph Missouri में सिंगल मदर के घर हुआ। जब उनका जन्म हुआ तब उनकी माँ की उम्र केवल 17 साल थी। Eminem ने अपने पिता को कभी नहीं देखा, पैसों की कमी के कारण बचपन में ही उनकी माँ को कई घर बदलने पड़े। जिसकी वजह से वो ठीक तरह से लोगों से मिल नहीं सके और इसलिए उनके कोई दोस्त नहीं बन पाए। उनका बचपन अकेले ही बीता, आखिर में कई शहरों की ठोकर खाने के बाद वो डेट्रॉइट मिशिगन चले गए।
कुछ साल पहले तक अमेरिका में रंग-भेद का मसला कुछ ज्यादा ही था, वहां काले लोगों के साथ बहुत भेद-भाव किया जाता था। Eminem जहाँ गए थे वहां काले लोगो की पॉपुलेशन ज्यादा थी इसलिए जैसा काले लोगों के साथ होता था वैसा ही Eminem के साथ भी हुआ। उनके साथ बहुत बार मारपीट भी हुई, एक बार Angelina Belly नाम की एक लड़की ने उनके साथ इतनी मारपीट की कि Eminem को सिर में बहुत चोट आई और वो कुछ दिनों तक कोमा में चले गए।
ऐसे इंसिडेंट की वजह से काफी कम उम्र में वो डिप्रेशन में चले गए और 9th क्लास में 3 बार फ़ैल हो गए अंत में उन्होंने पढ़ाई छोड़कर नौकरी करना शुरू कर दी। अपनी कंडीशन के कारण हार मानने से पहले ये बात याद रखना कि पैसों की कमी के कारण Rap God अपने में Gilbert’s Lodge मिशिगन में बर्तन धोने और लोगों की कार वाश करने का काम भी कर चुके हैं।
जब Eminem टीनएजर थे तो काफी नेगेटिव माहौल, माँ को पैसों को लेकर परेशान देखकर और काले-गौरों से परेशान होने के दौरान उनके अंकल ने उन्हें rap songs गाने के लिए मोटीवेट किया जिनका नाम रोनी था। उन्होंने Eminem को एक rap song का कैसेट गिफ्ट किया, जिससे उन्हें काफी इंस्पिरेशन मिली लेकिन 1991 में अंकल रोनी ने भी सुसाइड कर लिया जिससे Eminem फिर से टूट गए। अंकल के जाने के बाद Eminem ने उनकी दी गयी इंस्पिरेशन और मोटिवेशन की आग को अपने दिल में जगाये रखा। और काफी सालों की मेहनत के बाद 1996 में उनक पहली एल्बम “Infinite” रिलीज हुई जो फ्लॉप साबित हुई। उसकी वजह से Eminem डग्स और एलकोहॉल के आदी हो गए और आत्महत्या करने की भी कोशिश की।
उसके ठीक एक साल बाद 1997 में “Rap Olympic” नाम का एक कम्पटीशन हुआ जिसमें उन्होंने परफॉर्म करके 2nd प्राइस हासिल की और इसी कम्पटीशन की वजह से उन्हें काफी लोग जानने लग गए। इसी कम्पटीशन के बाद Eminem को Dr. Dre क प्रोडूस की गई एल्बम बनाने का चांस मिला, जिसका नाम “Slim Shedy” था, जो 1999 में रिलीज हुई। जो उस साल की सबसे हिट Rap एल्बम साबित हुई और वही से Eminem ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बचपन में Angelina Belly नाम की लड़की ने Eminem के साथ मारपीट की उस पर उन्होंने “Brain damage” नाम का song भी बनाया।
2001 में Eminem ने एक्टर के रूप में “The Wash” नाम की मूवी में भी काम किया और एक्टिंग की दुनिया में भी कदम रखा। फिर 2002 में “8 Mile” में काम किया और आज तक वो 17 फिल्म में एक्टर के रूप में काम कर चुके हैं।उनके ऊपर “The Way I Am” नाम की फिल्म भी बनी जो उनकी लाइफ पर बेस्ड है जिसमें उनकी गरीबी, स्ट्रगल और लाइफ में ऊंच-नीच के बारे में बताया है। जिस इंसान ने अपने पिता को कभी नहीं देखा, जिसका बचपन अकेले में बिना दोस्तों के गुजरा, रेस्टॉरेंट में बर्तन धोने से लेकर अपनी इंस्पिरेशन (अंकल रोनी) के डेथ तक, कोमा में जाने से लेकर के ड्रग एडिक्ट तक Eminem की लाइफ बहुत चैलेंजेस का सामना किया। लेकिन वे स्ट्रगल और गोल को अचीव करने की चाहत ने आज उन्हें इस लेवल पर पहुंचा दिया की दुनिया उन्हें उनके फील्ड का God, Rap God कहती हैं। जिनके नाम पर 15 Grammy अवार्ड्स और 1 Oscar अवार्ड है। जो फिल्म और म्यूजिक का सबसे बड़ा अवार्ड है।
Eminem आज तक 364 अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए है, जिसमें से 255 अवार्ड्स उनके नाम पर है। Eminem ने 2013 में Rap God song में 6 मिनट 4 सेकंड में 1560 वर्ड्स गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड तक बना डाला।
Sandeep Maheshwari
संदीप माहेश्वरी उन लाखों में से एक नाम है जिन्होंने सफलता, खुशी और संतोष की तलाश में संघर्ष किया, असफल रहे और फिर भी आगे बढ़े। किसी भी अन्य middle class के आदमी की तरह, वह भी अस्पष्ट सपनों का एक समूह था और जीवन में अपने लक्ष्यों की एक धुंधली दृष्टि थी। लेकिन फिर भी वे एक ऐसी learning attitude अपने अंदर रखता था, जिसकी वजह से वो उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए भी हार नहीं माना।
यह वह समय था जिसने उन्हें अपने जीवन का सही अर्थ सिखाया। और एक बार पता चला, की उन्हें अपने comfort zone से जैसे भी करके बाहर निकलना ही पड़ेगा और वह बार बार अपने comfort zone से इस्तीफा देता रहा, क्यूंकि उसको अपनी सफलता के रहस्य को पूरी दुनिया के साथ साझा करता था।
आज लोगों की मदद करने और समाज के लिए कुछ अच्छा करने का यह जूनून, उन्हें “फ्री लाइफ-चेंजिंग सेमिनार और Sessions” के रूप में लोगों के जीवन को बदलने की सोच, उन्हें एक Free Life Changing मोटिवेशनल सेमिनार करने के लिए प्रेरित किया। और आज उनके इस मिशन को अब लाखों लोगों द्वारा सक्रिय रूप से प्रचारित और अभ्यास किया जा रहा है। यह उनका परिश्रमी ध्यान, उनके परिवार का महान समर्थन और उनकी टीम का विश्वास है जो उन्हें बनाए रखता है।
उनका परिवार एल्युमीनियम के कारोबार में था, किसी के साथ partnership में, but कुछ Personal चीजों की वजह से उनके पिताजी को रातो रात पार्टनरशिप से बाहर आना पड़ा। ऐसे में उनका बसा बसाया परिवार एक ही रात में ढह गया और जरूरत के इस महत्वपूर्ण समय को भरने के लिए उन पर भारी पड़ गया। उस समय संदीप माहेश्वरी जी 10th स्टैंडर्ड में पढ़ते थे और अपनी family को एक एक रूपए के लिए इतना संघर्ष करते देख उनके अंदर से आवाज आती थी की यार इस situation से बाहर निकलने के लिए मुझे लाइफ में कुछ करना हैं, ये नहीं पता क्या करना है, लेकिन कुछ करना हैं।
और जैसा कि किसी भी युवा ने उम्मीद की थी, उसने वह सब कुछ करना शुरू कर दिया जो वह कर सकता था। मतलब कुछ छोटे छोटे actions लेने स्टार्ट कर दिए। उनकी family ने एक STD PCO की दुकान खोली थी, जिसमें वो जाकर बैठ जाया करते थे। और कोई छोटी-मोती चीज बेचने में भी घर वालों को मदद करते थे।
उसके बावजूद भी उन्होंने अपनी पढाई में भी काफी अच्छा परफॉर्म करके दिखाया, जिसकी वजह से उन्हें Delhi University में Admission मिल गया। उस दौरान उनकी फॅमिली ने बहुत स्ट्रगल करा, but वही वो एक संघर्ष का समय था जब एक Entrepreneur जन्म ले चूका था। उन्होंने किसी भी औपचारिक शिक्षा से परे रुचि और आवश्यकता की खोज की। इसलिए, उन्होंने एक शानदार छात्र होने के बजाय, बी.कॉम के तीसरे वर्ष में दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई छोड़ने का विकल्प चुना। बल्कि, उन्होंने अभी तक एक और दिलचस्प विषय के अध्ययन की यात्रा शुरू की। जीवन नामक विषय।
कॉलेज के दिनों में ही संदीप माहेश्वरी जी शानदार मॉडलिंग की दुनिया से आकर्षित होकर, उन्होंने 19 साल की उम्र में एक मॉडल के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। मॉडलों द्वारा अनुभव किए गए उत्पीड़न और शोषण के साक्षी, उनके मन में कुछ बदलाव आया। और यह वह मोड़ था जब उन्होंने अनगिनत संघर्षरत मॉडलों की मदद करने का फैसला किया। एक मिशन के भीतर, उन्होंने छोटी शुरुआत की। फ़ोटोग्राफ़ी में 2 सप्ताह का पाठ्यक्रम और वहाँ, वह एक हाथ में एक कैमरा के साथ एक दर्जन से अधिक फोटोग्राफर था, लेकिन इसमें ज्यादा कुछ नहीं बदला। मॉडलिंग की दुनिया को बदलने की इच्छा के साथ आगे बढ़ते हुए, उन्होंने मैश ऑडियो विजुअल्स प्राइवेट के नाम से अपनी कंपनी स्थापित की। लिमिटेड और पोर्टफोलियो बनाना शुरू किया।
उस समय उन्होंने जैसा की मैंने बताया हैं की 2 सप्ताह की Photography का Course किया और एक कैमरा के साथ अपनी photography करियर की शुरुवात की। अपने ही पास के किसी garden में एक water फाउंटेन के पास। उस समय मार्किट में बाकि Photographers और संदीप माहेश्वरी जी में एक बहुत बड़ा फर्क आ चूका था, संदीप जी modeling में फ़ैल हो चुके थे और हर एक मॉडलों द्वारा अनुभव किए गए उत्पीड़न और शोषण के साक्षी जो बने थे, लेकिन बाकि photographers को इनके बारे में पता नहीं थे। और इसी का फायदा उठा कर लोगो को Help करने के लिए उन्होंने अपने घरो से Photography करना शुरू कर दिया और उसमें से उनके पास हर महीने का 20000 तक इनकम हो जाता था। और कुछ लोग संदीप माहेश्वरी के पास आने लगे और धीरे धीरे वो मार्किट में पॉपुलर होने लगे, और हर एक बात को लोगो के सामने सच बोल देते थे।
फिर उसके बाद में एक और Multi-level Marketing Company आयी, जिसका नाम था Japan Life. वहां पे joining करने के लिए उनको 70000 तक देना पड़ता था। जहाँ संदीप जी के पास इतने पैसे नहीं थे, तो उनके दोस्त ने कुछ पैसे दिए और कुछ पैसे उनके कैमरा बेचने से मिला ऐसे करके उस कंपनी के अंदर घुस गए और वहां पे उन्होंने 11 महीने के अंदर अंदर वो महीने का 1 लाख से ज्यादा कमाने लग गए थे। 20 साल की उम्र में! लेकिन उनके अंदर से आया की अपनी खुद Company खोलनी है और संदीप जी ने वहां से रिजाइन कर दिया। वहां से रिजाइन करने के बाद अपना एक Multi-level Marketing Company खोली, वर्ष 2002 में, उन्होंने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर Partnership में, वो कंपनी भी बहुत सक्सेसफुल हुई थी, लेकिन छह महीने के भीतर वो कंपनी बंद हो गयी, और उनके हाथ में एक रूपए तक नहीं आया।
लेकिन संदीप का दिमाग अभी भी खुला था। अपने दिल में “साझाकरण(Sharing)” की अवधारणा के साथ, उन्होंने Marketing Management के ऊपर एक उलटी पुस्तक में अपने पूरे अनुभव को अभिव्यक्त किया, लेकिन वो बुक मार्किट में इतनी sale नहीं हुई। तब वह सिर्फ 21 साल का था। Again उनको Failure का सामना करना पड़ा। but उन्होंने उस Book लिखने के लिए वो बहुत सारे Marketing की Books पढ़ डाली, जिसमें indirectly आगे जाके उन्हें Business Startup करने में बहुत Help करा।
जब उसको अपने Photographer की जो Passion थी उसके बारे पता चला, तब उन्होंने फिर से एक कैमरा ख़रीदा और दो लाइट ख़रीदा और अपने ही कमरे में background लगाया और लाइट वगेरा लगाकर अपने photography करियर की वापस से शुरुवात की और महीने का 30000-40000 तक कमाने लगा। उसके बाद इसी journey को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने Limca Book of Record के लिए try किया वर्ष 2003 में, और उन्हें One of The Busiest Photographer of The World ख़िताप मिले क्यूंकि उन्होंने केवल 10 घंटे और 45 मिनट में 122 मॉडलों के 10,000 से अधिक शॉट्स लेने की बाजीगरी करी, और विश्व रिकॉर्ड बना ही दिया।
लेकिन उम्मीद के मुताबिक, वह नहीं रुके। उनका ध्यान ग्लैमर और अस्थायी आराधना से नहीं मिला। बल्कि, इसने उनकी जन्मजात इच्छा को आगे बढ़ाते हुए मॉडलिंग की दुनिया को फिर से जीवंत कर दिया। फिर से उन्होंने अपने उस Photography को मतलब Portfolio बनाना बंद कर दिया और Stock Photography की तरफ ध्यान दिया। और Models से बिना पैसे लिए वो Photos खींचता था और Stock करता गया।
26 साल की उम्र में, उन्होंने ImagesBazaar लॉन्च किया, वर्ष 2006 में। और वहां Indian Stock Images की एक बहुत बड़ा Stock बना दिया। बड़े पैमाने पर सेटअप नहीं होने के कारण, उन्होंने मल्टी-टास्किंग का काम संभाला। काउंसलर, टेली-कॉलर और खुद एक फोटोग्राफर होने के नाते, उन्होंने अपना रास्ता आगे बढ़ाया। और आज, ImagesBazaar करोड़ो अलग अलग Categories और 45 देशों में 7000 से अधिक ग्राहकों के साथ भारतीय छवियों का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह है। But वेबसाइट launch के बाद उसको फिर से Failure का सामना करना पड़ा, जब वेबसाइट launch हुई थी तब वो Open होने में 5 मिनट तक लगता था, क्यूंकि संदीप माहेश्वरी जी का IT के बारे में ज्यादा knowledge नहीं थी। और ये 6-7 महीने के अच्छे से काम नहीं कर पाया।
दोस्तों ऐसी Situation में हममें से ज्यादातर लोग तो दुखी होकर बैठ जाते होंगे और टूट गए होंगे, but संदीप माहेश्वरी जी ने हार नहीं माना, उन्होंने खुद Internet और Books से Programming सीखते गए, और जब उन्होंने कुछ हद तक प्रोग्रामिंग सीख लिए थे, तो उन्होंने उनके वेबसाइट में बहुत सारी Bugs को ढूंढ लिए थे और उनके Web Developer को उन Bugs के बारे में बताया और उन्होंने वो सब Bugs को fix किये और उसके बाद imagesbazaar.com कुछ सेकंड में ही Load होने लगी। और आज तो 2 सेकंड से भी कम समय में वो Load हो जाते हैं। और आज वो 10 करोड़ से भी ज्यादा रूपए कमाते हैं महीने का।
संदीप माहेश्वरी जी ने अकेले इस प्रतिमान को मॉडलिंग की दुनिया में लाया है। अनगिनत मॉडल को सफलतापूर्वक शोषण और उत्पीड़न जैसे शब्दों के साथ लॉन्च किया गया है जो काफी हद तक अलग करा गया था। जहाँ बाकि लोग Model से पैसे लेते हैं फोटो खींचने के लिए, वहां संदीप माहेश्वरी जी Model को थोड़ा सा पैसा देते हैं उनके इनकम से। यह जीवन बदलने वाला प्रयास था जिसने उन्हें 29 साल की छोटी उम्र में भारत के सबसे प्रसिद्ध उद्यमियों में से एक बना दिया। उनकी नैतिकता ‘द नेवर फियर ऑफ फेलर्स’ और “बी ट्रूथ टू सेल्फ टु बी एंड सेल्फ और अन्य” जैसे कुछ दर्शन को प्रतिध्वनित करती है।
एक सफल उद्यमी होने के अलावा, वह एक मार्गदर्शक, एक संरक्षक, एक रोल मॉडल और दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए एक युवा आइकन है। लोग उन्हें प्यार करते हैं और उन्हें हर किसी पर विश्वास करने और अपने जीवन को ‘Easy’ (आसान) बनाने में मदद करने के अपने महान मिशन के लिए प्यार करते हैं। ईश्वरीय शक्ति में उनका अटूट विश्वास उन्हें रोमांचित करने की ताकत देता है। सफलता के मुकाम पर होने के कारण, यह जानकर काफी हैरानी होती है कि पैसा उन्हें लुभाता नहीं है।
संदीप माहेश्वरी जी अपने कंपनी में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ एक भावनात्मक संबंध है जो उसके लिए मायने रखता है। एक पूरे नए उद्योग या संगठन के निर्माण में सक्षम, वह अपने स्व-निर्मित बेंचमार्क का पालन करने के लिए संतुष्ट है जो कहता है, “यदि आपके पास आपकी आवश्यकता से अधिक है, तो बस इसे उन लोगों के साथ साझा करें जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।” अपनी उम्र और कद के किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में पूरी तरह से अलग आभा के साथ, वह चूहे की दौड़ से ऊपर उठ गया और अपने सरल मंत्र ‘आसान है’ के साथ ‘जीवन मुश्किल है’ की जो एक Myth थे लोगों के पास में उसको उनके द्वारा खत्म कर दिया गया।
और उन्होंने इन सभी बातो को बताया, जैसे ‘पैसा पेड़ों पर बढ़ता है’, ‘सफलता सिर्फ मेहनत करने से ही नहीं मिलता है’ और सबसे दिलचस्प की “कहने के लिए आसान है, लेकिन करना आसान है”। उनके जीवन में वो सभी bad experiences की वजह से ही उनको अपने जीवन में सक्सेस मिला। आज उनका जो experiences हैं वो सभी उनके past में गुजरने वाले bad experiences से आया हैं। संदीप का मानना है कि चाहे आप एक रुपये से शुरू करें या एक लाख से शुरू करें अपने बिज़नेस, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि शुरुआत करें और वह भी अपने पैसे से। उनकी Energy कल के Leader’s को उद्यमशीलता की भावना को प्रज्वलित और प्रेरित करने और उन्हें सफल बनाने में मदद करने के लिए हैं। और यही उसका Mission भी हैं।
संदीप माहेश्वरी जी को एंटरप्रेन्योर इंडिया समिट द्वारा Creative Entrepreneur of the Year 2013 Award दिया गया। “बिज़नेस वर्ल्ड” पत्रिका द्वारा संदीप माहेश्वरी जी को One of India’s Most Promising Entrepreneurs का Award मिला। ग्लोबल यूथ मार्केटिंग फ़ोरम द्वारा उन्हें Star Youth Achiever Award instituted Award मिला। ब्रिटिश काउंसिल (a division of the British High Commission) द्वारा Young Creative Entrepreneur Award दिया गया। “ET Now” टेलीविजन चैनल द्वारा उन्हें Pioneer of Tomorrow का Award मिला। इसके अलावा वह लगभग सभी प्रमुख पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों जैसे द इकोनॉमिक टाइम्स, इंडिया टुडे, सीएनबीसी-टीवी 18, आईबीएन 7, ईटी नाउ, न्यूज़एक्स और इत्यादि में भी चित्रित किया गया है।
Oprah Winfrey
Oprah Winfrey एक टॉक शो होस्ट, एक मीडिया एक्जीक्यूटिव, एक्ट्रेस और billionaire philanthropist (समाज-सेवी) हैं। 1986 से 2011 तक 25 सीज़न तक प्रसारित होने वाले द ओपरा विन्फ्रे शो के लिए उन्हें अपना स्वयं का होस्ट, बेतहाशा लोकप्रिय कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। 2011 में, विन्फ्रे ने अपना खुद का टीवी नेटवर्क, ओपरा विन्फ्रे नेटवर्क (OWN) लॉन्च किया। मिसिसिपी के ग्रामीण शहर कोसियसको में जन्मी विनफ्रे 1976 में बाल्टीमोर चली गईं, जहां उन्होंने पीपल टॉकिंग की मेजबानी की। बाद में, उसे शिकागो टीवी स्टेशन द्वारा अपने सुबह के शो की होस्ट करने के लिए भर्ती किया गया था। दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक Oprah Winfrey का जन्म 29 जनवरी, 1954 में मिसिसिप्पी में कोसीसुस्को के ग्रामीण शहर में एक अविवाहित महिला के घर में हुआ।
उनकी माँ ने उन्हें बचपन में अपनी नानी के घर छोड़ दिया और उनसे दूर चली गई। जहाँ Oprah का उनके रिश्तेदारों ने Rape किया। जिसकी वजह से Oprah सिर्फ 14 वर्ष की उम्र में ही प्रेग्नेंट हो गयी और कुछ समय बाद बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गयी। 1971 में, विनफ्रे ने टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रवेश किया। हाई स्कूल के दौरान ही उन्होंने एक रेडियो कंपनी में काम किया और 19 साल की उम्र में एक स्थानीय इवनिंग शो में को-एंकर बन गई। उसके बाद वह दिन में प्रसारित होने वाले एक लोकल चैनल के शो से जुड़ गयी। कुछ समय बाद उन्हें एक न्यूज़ चैनल में न्यूज़ एंकर की नौकरी मिली और 1978 में दी पीपल टॉक शो को होस्ट करने का मौका मिला। इसी शो में काम करने के दौरान उन्हें अपने जीवन के असली मकसद का एहसास हुआ और वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए शिकागो चली गई।
स्टीवन स्पीलबर्ग की 1985 की फिल्म द कलर पर्पल में एक सहायक अभिनेत्री की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें Best Supporting Actress के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए nominate किया गया। कुछ सालों की मेहनत के बाद आखिरकार 1986 में उन्होंने “The Oprah Winfrey Show” की शुरुवात की। ये वही शो था जिसने Oprah की जिंदगी बदल दी। Oprah ने इस शो में पहले महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की और बाद में फिर सामाजिक, चिकित्सा, राजनीतिक, मैडिटेशन और फिल्मी जगत के विषयों में भी बातें करने लगे थे। इस शो में दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ शामिल हुई और Oprah का जीवन सक्सेस की बुलंदियों को छू गया। इसी के साथ उन्होंने हार्पो प्रोडक्शन नाम की कंपनी की शुरुवात की थी।
2013 में उन्हें Presidential Medal Of Freedom (अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान) से सम्मानित किया गया। जून 2018 में, Oprah ने Apple के साथ ओरिजिनल कंटेंट क्रिएट करने के लिए एक multi-year deal के सौदे के लिए सहमत हुए। 2020 में Forbes के अनुसार उनकी कुल संपत्ति $2.6 बिलियन है। Oprah ने जीवन के बुरे दौर से निकलकर खुद को प्रभावशाली बनाया और उनके दुःख और उनके साथ बीती हुई बुरी घटनाओं पर ध्यान न देकर, अपने सपनों को पूरा करने में लगी रही। और खुद को एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में दुनिया के सामने लाया। और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाकर सफलता की बुलंदियों तक पहुंची।
APJ Abdul Kalam
गरीब और अनपढ़ परिवार में पैदा होना किसी को महान बनने से नहीं रोक सकता यह हमें Dr. APJ Abdul Kalam से सीखने को मिलता है। सिम्पलीसिटी, हार्डवर्क, देशप्रेम की भावना आपको किस मुकाम तक पहुँचा सकती हैं, एक महान देश का प्रेजिडेंट तक बना सकती हैं। महान बनने के बाद भी उस सिम्पलीसिटी को बनाये रखना हमें कलाम साहब से सीखने को मिलता हैं। उन्होंने कभी अपने पद का एक परसेंट भी फायदा नहीं उठाया और अपनी पूरी जिंदगी देश को मजबूत बनाने में दे दी। उन्होंने जितनी पावरफुल और आक्रामक मिसाइल बनाई वो खुद पर्सनली बहुत शांत और सरल स्वभाव के इंसान थे।
Dr. APJ Abdul Kalam का जन्म 15 October, 1931 में एक बहुत गरीब परिवार में हुआ, जहाँ 5 भाई-बहन में से एक कलाम साहब भी थे। उनके पिता नाव चलाते थे जिससे उनका घर चलता, वो पढाई में ज्यादा खास नहीं थे लेकिन सपने बहुत बड़े थे और देश के लिए कुछ करने की आग उनके अंदर बचपन से ही थी, उनमें नई चीजों को जानने की भूख बचपन से थी। गरीबी की वजह से वो अपनी पढाई का खर्चा अख़बार बाँट कर उसमें से पैसे जोड़कर उठाते थे। उन्होंने अपनी प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई अपने गाँव की सरकारी स्कूल से की और हाई स्कूल की पढाई श्वाटर्ज हायर सेकण्डरी स्कूल से की जो उनके पड़ोस के गाँव में थी।
1954 में उन्होंने St. Joseph College से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की फिर मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में एरोस्पेस की पढाई करने के लिए पहुँच गए, जहाँ पढाई के लिए उनके पास फीस नहीं थी। तब उन्हें स्कूलरशिप के लिए कॉलेज से एक प्रोजेक्ट दिया गया लेकिन किसी रीज़न की वजह से वो उसे पूरा नहीं कर सके। लेकिन कलाम साहब की जरुरत और उनके फाइटर जेट को लेकर इंटरेस्ट को देखते हुए प्रोफेसर ने उन्हें 3 दिन का एक्स्ट्रा टाइम दिया जिसे उन्होंने 3 दिनों की दिन-रात की मेहनत से पूरा कर दिया। इतनी मेहनत के बाद उन्हें स्कूलरशिप मिल गयी और 1960 में उन्होंने वहां से इंजीनियरिंग पूरी की। उनकी लाइफ से हर मोड़ पर मुश्किलें थी जिसे उन्होंने डेडिकेशन और मेहनत से हल किया।
उसके बाद उन्हें हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड में नौकरी मिल गयी, कुछ टाइम नौकरी करने के बाद वो पायलट बनने की चाहत लिए देहरादून चले गए, जहाँ 22 लोगों में सिर्फ 8 लोगों को चुना गया था। वहां उनका एडमिशन नहीं हो सका। फिर वो दिल्ली चले गए जहाँ वो DRDO में साइंटिस्ट की पोजीशन पर जुड़े और हेलिकॉप्टर्स डिजाइनिंग का काम किया। 1969 में उन्हें वहां से ISRO भेज दिया गया, जहाँ वो प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर रहे। 1980 में सरकार का एडवांस मिसाइल प्रोग्राम शुरू हुआ जहाँ उन्होंने “अग्नि” और “पृथ्वी” जैसी मिसाइल बनाई। 1998 में पोखरण नुक्लेयर टेस्ट में कलाम साहब का मैन रोल था। इसके बाद वो स्पेस प्रोग्राम और मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़े और वही से उन्हें “Missile Man of India” के नाम से जाना जाने लगा।
APJ Abdul Kalam कभी राजनीति से नहीं जुड़े लेकिन फिर भी वो 18 जुलाई 2002 को देश के सबसे बड़े पद पर पहुंचे – राष्ट्रपति। उन्होंने India 2020 ((A Vision For The New Millennium) नाम की बुक भी लिखी, जिसके अनुसार वो इंडिया को जिस रूप में नए डिकेड में देखना चाहते थे, उस बारे में लिखा है। कालम साहब हमेशा देश के युवा और उनके बेहतर फ्यूचर के अलावा कोई बात नहीं करते थे। इंडिया के प्रेजिडेंट के पद से रिटायर होने के बाद वो IIT हैदराबाद में प्रोफेसर के रूप में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में रहे। इसके बाद प्रेजिडेंट और भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद अपनी लाइफ के अंत तक पूरा समय स्टूडेंट के बेहतर फ्यूचर के लिए दे दिया। 27 जुलाई, 2015 के दिन उनकी मृत्यु IIM Shillong में एक लेक्चर देने के दौरान में हुई थी।
उनकी एक क्वोट है – “सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही न आने दें।” – APJ Abdul Kalam
तो दोस्तों हमेशा एक बात याद रखना की “मुश्किलें तो आएंगी ही जिंदगी में, लेकिन जो उस मुश्किल से आगे बढ़ने के लिए तैयार होते हैं, कुछ करने के लिए तैयार होते हैं, उसी इंसान को इस दुनिया में सक्सेसफुल लोग कहते हैं।”
Steve Jobs
जब भी दुनिया के महान इंटरप्रेन्योर का नाम लिया जाता है, तो Steve Jobs जी के नाम शीर्ष श्रेणी में आता है। आज वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी प्रभावशाली सोच के नतीजे आज भी हमारे बीच उन्हें जिन्दा रखे हुए हैं। Steve Jobs का जन्म एक अविवाहित दंपति के घर हुआ जो पढ़े-लिखे नहीं थे, उनकी माँ चाहती थी कि Steve को पढ़े-लिखे माँ-बाप मिले जो Steve को भी पढ़ा लिखा बना सके, लेकिन Steve को Paul और Kalra Jobs ने गोद ले लिया जो खुद पढ़े-लिखे नहीं थे और गरीब भी थे।
जब Steve बड़े हुए तो उन्होंने Reed College में दाखिला लिया और समय पर फीस न देने के कारण उन्हें college से निकाल दिया गया और कुछ समय के लिए वो घर भी छोड़कर चले गए। उसी दौरान वो अपने दोस्तों के घर सोते थे और कांच की बोतल बेच कर और मंदिर के लंगर का खाना खाकर अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। उसी दौरान वो उनके कॉलेज के दोस्त Daniel kottke के कहने पर अध्यात्म की खोज के लिए भारत में नीब करोरी बाबा के आश्रम (कैंची धाम, नैनीताल) गए और 7 महीने भारत में रहकर फिर से अमेरिका चले गए। अमेरिका जाकर वो Atari नाम की गेमिंग कंपनी में जॉब पर लग गए। उसी दौरान उनकी प्रेमिका से उन्हें लड़की हुई जिसका नाम Lisa है, जिनके नाम पर बाद में कंप्यूटर भी बना।
काफी समय डिप्रेशन और गरीबी से जुझने के बाद वो एक दिन उनके दोस्त Steve Wozniak के घर पहुंचे, जहाँ उन्हें एक कंप्यूटर दिखाई दिया और Steve उस कंप्यूटर से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी बनाने की ठान ली। 1 अप्रैल 1976 को Steve Jobs, Steve Wozniak और साथियों ने मिलके Jobs के घर के गेराज में कंप्यूटर बनाने स्टार्ट किये और पहले कंप्यूटर का नाम Apple One रखा गया। Apple One की सफलता के बाद उन्होंने 1977 में Apple 2 का निर्माण किया जो इतना सफल साबित हुआ कि 1993 तक बिका और तब तक 50 लाख से ज्यादा कंप्यूटर बिक गए थे और उन्होंने सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया।
1979 में उन्होंने Mouse बनाया और ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस का निर्माण किया, 1983 में Lisa नाम का कंप्यूटर बनाया जो असफल रहा, जिससे उन्हें काफी निराशा मिली। असफलता के पीछे अहम कारण ये था कि वो मार्केटिंग पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, तभी उनकी मुलाकात John Sculley से हुई जो पेप्सिको के मार्केटिंग हेड थे। Jobs ने Scully को Apple में हायर किया, ताकि वे मार्केटिंग का काम संभाल सके। इसी बीच 1985 में दोनों की सोच में फर्क के कारण मतभेद इतने बढ़ गए कि बोर्ड मीटिंग में जॉब्स को एप्पल के प्रमुख पद से हटा दिया गया।
ऐसी निराशाजनक स्थिति में टूटने की बजाये उन्हें उसमें भी संभावनाएं नजर आई और उन्होंने Apple का एक शेयर अपने पास रखकर बाकी सारे शेयर बेच दिए और उन पैसों से NeXT नाम की कंपनी की शुरुवात की तथा Pixer Animations के आधे से ज्यादा शेयर खरीद लिए। करीब 11 साल बाद 1996 में एप्पल के पास कोई बेहतर प्रोडक्ट्स ना होने की वजह से उसकी मार्किट वैल्यू गिरने लगी। वही जॉब्स अपनी कंपनी NeXT में एक बेहतर कंप्यूटर बनाने में लगे हुए थे, तभी एप्पल ने नेक्स्ट को खरीदने का प्रस्ताव रखा और कंपनी को खरीद लिया जिससे एप्पल को बेहतर कंप्यूटर मिल गया और Steve Jobs को अपनी कंपनी वापस मिल गयी। फिर आने वाले सालो में Steve Jobs ने Ipod, Itunes और Iphone जैसे बेहतर प्रोडक्ट लाकर एप्पल को दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बना दी।
5 अक्टूबर 2011 को पैंक्रिएटिक कैंसर के चलते Steve Jobs का देहांत हो गया।
“Stay Hungry, Stay Foolish.” – Steve Jobs
मेरा मानना यह है की Steve Jobs के दुनिया छोड़ने के बाद Apple और उनके प्रोडक्ट्स में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है क्यूंकि एक बहुत ही बड़ी अलग सी पर्सनालिटी का अंत जो हो गया है। Steve Jobs कम चीजों का इस्तेमाल करके बेहतर जिंदगी और साधनों का निर्माण करना जानते थे। सादगी में सुंदरता देखने का उनका नजरिया उन्हें बाकी बिजनेसमैन से अलग करता है, जो मैडिटेशन की देन है, उन्होंने अपनी सोच, कल्पना इच्छा शक्ति को इतना बढ़ा दिया था कि वे किसी भी चीज का परिणाम अपनी सोच से निकल देते थे। उनके हिसाब से महान बनने का एक ही तरीका था Happy बने रहो।