Hello दोस्तों, भगवान् शिव को कौन नहीं पूजते! हर कोई अपनी मनोकामना पूर्ति के भगवान् शिव के पास जाते हैं और भोलेनाथ तो सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं थोड़ा कुछ बेल के पत्ते, दूध वगैरह उनके स्वरुप शिवलिङ्ग को अर्पण करने से। लेकिन कई बार उनकी कृपा पाने में थोड़ा देर हो जाते हैं और भक्त निराश हो जाते हैं। लेकिन एक ऐसा उपाय है जिससे भगवान् पशुपतिनाथ शिव महादेव जल्दी ही उनके भक्तो पर कृपा कर देते हैं और वह है शिव चालीसा का पाठ। जीवन में जब व्यक्ति सारी परेशानियों से घिरे रहते हैं, सभी सगे सम्बन्धी उनसे दूर चले जाते हैं तब अगर वह व्यक्ति दासत्य भाव से भगवान् शिव की यह चालीसा पाठ करता है तो सहज ही भक्तों की कष्ट दूर कर देते हैं। चालीसा का मतलब है स्तुति गान यानी भगवान की स्वरुप एवं महिमा का गान।
शिव चालीसा में भगवान् शिव का स्वरुप कैसा है इसका वर्णन बड़ी ही सुन्दर रूप से किया गया है। मस्तक पर चन्द्रमा सोभायमान है, जटाओं से गंगा जी धरती पर गिर रही है, कानो में फन उठाये नागो के कुण्डल, एवं गले में बासुकी जी, हाथ में त्रिशूल एवं त्रिशूल में डम्बरू, वस्त्र के रूप में बाघम्बर धारण कर रहें भगवान् शिव की यह रूप अत्यंत मनोहर है।
इस शिव चालीसा का पाठ भक्तों के भय, हर संकट एवं दुःख को दूर करने वाले हैं। अतः इसका पाठ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बड़े बड़े ऋषि, सद्गुरु भी करते हैं। शिव चालीसा नित्य पाठ करने से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। प्रत्येक सोमवार के दिन इसका विधि पूर्वक पाठ भक्तो को मनोवांछित फल देता है ऐसा मान्यता है एवं लाखों भक्तों को इसका फल मिला है। नीचे इस शिव चालीसा का PDF दिया गया है।
PDF Name | Complete Shiv Chalisa PDF in Hindi |
Author Name | श्री अयोध्यादास |
Book Size | 1.03 mb |
No. of Pages | 14 pages |
Publisher | – |
Language | हिंदी |
PDF Category | eBook |
Source | archive.org |
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PDF Name | Complete Shiv Chalisa PDF (व्याख्यासहित) |
Author Name | श्री अयोध्यादास |
Book Size | 310 KB |
No. of Pages | 21 pages |
Publisher | instapdf |
Language | हिंदी |
PDF Category | eBook |
Source | instapdf |
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