13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi – ये 13 आदतें जानिए

13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi – 13 Things Mentally Strong People Don’t Do (2014) उन लोगों के लिए है जो असफलता के दुःख में डूबे पड़े हैं और एक नीरस जीवन काट रहे हैं। इस से सीख मिलेगी किस प्रकार बुद्धिमान लोग हमेशा प्रसन्न रहते हैं। यह उन्हें अपने दुखों से निकल कर जीवन को नए तरीके से जीने का मार्ग दिखायेंगे।

 

 

लेखक के बारे में –

इस किताब की लेखिका ऐमी मॉरीन हैं। वोह एक समाज सेविका एवं एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक हैं। साइकोलॉजी के क्षेत्र में इनका विशेष नाम है।

 

 

यह बुक समरी किनके लिए है –

  1.  जो लोग अपने जीवन में खुश नहीं और दूसरों को खुश देखकर खुद पर अफ़सोस करते हैं।
  2.  जिन लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरणा और आत्म-विश्वास की जरुरत है।
  3.  जो माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित है।
  4.  जिन लोगों के घर में विवाद और अशांति का माहौल है।

 

 

 

13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi

 

व्यर्थ की चीजों में अपना समय और उर्जा बर्बाद न करें

 

अपने भाग्य को कोई बदल नहीं कर सकता, पर अपने नज़रिए को बदल सकता है। अगर हमारे जीवन में कोई परेशानी आ जाये तब हमें क्या करना चाहिए ? दुखी होकर बैठ जाना चाहिए या उस मुश्किल का हल सोचना चाहिए?

 

दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान, जो चीज़ उनके काबू में नहीं है, उसका ना सोचकर, जो चीज़ काबू में है, उसपर ध्यान देते हैं।

 

मान लीजिये किसी कारण हमारे परीक्षा का एक पेपर खराब जाता है, तब ज्यादातर लोग दुखी होकर बैठ जाते हैं और दिनभर वही सोचकर अपना समय बर्बाद कर लेते हैं। उसी जगह एक दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान आगे आने वाले पेपर्स में अच्छा करने का सोचता है और खूब मेहनत करता है। इसी कारण दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान बड़ी आसानी से सफलता प्राप्त कर लेता है और साधारण इंसान व्यर्थ की चिंता में डूबा पड़ा रहता है।

 

पारिवारिक जीवन पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। हर इंसान का अपना अलग-अलग दृष्टिकोण होता है। अगर हम चाहेंगे कि हर व्यक्ति हमारी तरह सोचे तो यह संभव नहीं। ज़्यादातर रिश्ते इसी कारण टूटते हैं क्योंकि हम एक दूसरे को समझने की कोशिश ही नहीं करते और अपने विचारों को दूसरों पर थोपना चाहते हैं। ज़रुरत है कि हम अपनी सोच को बदले एवं दूसरों को काबू करना छोड़ दें।

 

दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान का अपनी भावनाओं पर पूरा नियंत्रण होता है। वो किसी की बातों या किसी के काम से विचलित नहीं होते एवं दूसरों को काबू करने की कोशिश नहीं करते। साथ ही, वो खुद पर अफ़सोस भी नहीं करते। जीवन में दुःख-सुख आना स्वाभाविक है, इसलिए मुश्किल समय के लिए खुद को कोसना बेवकूफी है। इसलिए हमारे लिए ज़रूरी है कि हम व्यर्थ की चिंता से बचे एवं अपने समय और उर्जा को किसी महत्वपूर्ण कार्य में उपयोग करें।

 

 

दूसरों की बातों और विचारों पर ध्यान न दें

 

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बचपन से हमें अपने माता-पिता के अनुसार चलना पड़ा है। यहाँ तक कि हमें क्या बनना चाहिए ये भी वही निर्णय लेते हैं। इसलिए हम बचपन से ही दूसरों के विचारों और बातों को बड़ा महत्व देते आ रहे हैं। पर क्या ये करना उचित है? हम चाहे जितना भी प्रयत्न कर लें हर इंसान को खुश कर पाना नामुमकिन है। जब कोई हमारे पीठ पीछे हमारी बुराई करता है तब हमें बहुत बुरा लगता है। लोगों को दूसरों के नुक्स निकालने में बड़ा मज़ा आता है। दूसरों की कड़वी बातें हमारे आत्मविश्वास और मनोबल को ठेस पहुँचाती है। दूसरों के अनुसार चलकर हम उन्हें खुद को चोट पहुंचाने की शक्ति प्रदान कर देते हैं जो एकदम गलत है। ऐसे में हमें क्या करना चाहिये?

 

दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान दूसरों की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। उनका अपने दिमाग पर पूरी तरह नियंत्रण रहता है। उन्हें विचारों पर पूरा विश्वास होता है एवं किसी की बातों से वो अपना मनोबल टूटने नहीं देते। वो दूसरों की बातों में आकर अपना निर्णय नहीं बदलते। ऐसे लोग आत्मनिर्भर होते हैं। उनके लिए मन की शांति और लक्ष्य सिद्धि महत्वपूर्ण होते हैं। वो दूसरों की बातों में अपना समय न बर्बाद करके अपने कार्य में व्यस्त और खुश रहते हैं।

 

किसी महान कवि ने ठीक कहा है – “सुनो सबकी पर करो अपने दिल की”।

 

 

बदलाव और नयी सोच का प्रयोग करें

 

डर एक ज़ंजीर की तरह हमें कैद कर लेता है और आगे बढ़ने से रोकता है। हम मुश्किलों से भागते रहते हैं। हम बदलाव से डरते हैं चाहे वो शारीरिक होया मानसिक। पहला उदाहरण है कि सभी लोग जानते हैं, सुबह उठकर शारीरिक व्यायाम या योगा करना हमारे सेहत के लिए कितना लाभदायक होता है, मगर वास्तविकता यह है कि ज्यादातर लोग अपने नींद को प्राथमिकता देते हैं। दूसरा उदाहरण है कि सभी बच्चे पढाई में अच्छे नहीं होते। कई बच्चे खेल-कूद या नाचने-गाने में निपुण होते हैं। मगर उस हुनर का सही इस्तेमाल बहुत कम ही कर पाते हैं। तीसरा उदाहरण है कि हम अपने वर्क एरिया में कुछ नया प्रयोग करने से डरते हैं। साथ ही, किसी प्रकार का जोखिम उठाने से घबराते हैं। अपने हुनर को सही दिशा नहीं दे पाते।

 

लेकिन ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए पुराने नियमों को बदलना ज़रूरी है। ज्यादातर लोग नकारात्मक सोच और समाज की रुढ़िवादी या पुरानी मानसिकता के कारण आगे नहीं बढ़ पाते। पर एक दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान नयी सोच और नये प्रयोग से नहीं डरता। वह आगे बढ़ने के लिए बड़ी आसानी से अपने नियमों और व्यवहार को बदल डालता है। हर मनुष्य में बुद्धि मौजूद होती है। कुछ लोग अपने नकारात्मक सोच के कारण उस बुद्धि का प्रयोग नहीं कर पाते और जीवन में कुछ नहीं कर पाते। उसी जगह कुछ लोग सकारात्मक सोच का प्रयोग करते हैं और जीवन में बहुत आगे बढ़ जाते। ऐसे लोगों को ही दिमागी तौर पर मज़बूत कहा जाता है। ऐसे लोग अपनी काबिलियत और बुद्धि के दम पर जोखिम उठा पाते हैं एवं आसानी से लाभ पा सकते हैं। इसलिए हमें ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए खुद को बदलने की ज़रूरत है।

 

 

अपनी गलतियों की ज़िम्मेदारी लें और गलतियों से सीखें

 

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आजकल हम एक दूसरे पर दोष डालते रहते हैं। कोई अपनी गलतियों की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहता। दुनिया में आधी लड़ाईयां इसी कारण होती हैं। लोग खुद को सुधारने की जगह दूसरों को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं। इस प्रसंग में हमारे देश की राजनीति का उल्लेख आवश्यक है। हमारे देश का कोई भी मुद्दा हो चाहे भ्रष्टाचार, महंगाई या बलात्कार, हर एक नेता समाधान खोजने की जगह अलग-अलग राजनैतिक दलों के नेताओं पर तीर साधते रहते हैं। क्या एक दूसरे पर भार डाल देने से समस्या का समाधान हो जाता है?

 

वास्तविक में, इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है। जिस प्रकार एक छोटे शिशु के मन में किसी तरह का डर या संकोच नहीं रहता और वह बार-बार गिरकर चलना सीखता है, उसी प्रकार हमें भी असफलता या गलतियों के भय से हार नहीं मानना चाहिये। इसलिए दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान अपनी गलतियों की पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं। उन्हें अपनी गलतियों से प्रेरणा एवं मार्ग-दर्शन मिलती है। इसलिए अपनी गलतियों से सीखकर हम ज़िन्दगी में आगे बढ़ सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान पुरानी बातों को याद करके दुखी नहीं होते। वो अपने वर्तमान को हमेशा बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते हैं।

 

 

दुःख पहुँचाने वालों से दूरी रखें और अपना कुछ समय अकेले में बिताएं

 

क्या आपको फेसबुक पर लोगों के मुस्कुराते चेहरे या उनकी शानदार जीवन-शैली देखकर बुरा लगता है और अपने समस्यायों में उलझी जिंदगी पर अफ़सोस होता है ?

 

वास्तविक में किसी की जिंदगी सर्वसंपन्न नहीं होती। सभी के जीवन में मुश्किलें आती है। पर सोशल मीडिया पर सभी लोग अपने अच्छे पलों को दिखाना पसंद करते हैं। इस कारण हमें दूसरों का जीवन अत्यंत खुशहाल और सुखमय जान पड़ता है, जो वास्तविक में नहीं होता।

 

दिमागी तौर पर मज़बूत लोग फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया के मंचो से खुद को दूर रखते हैं, जिससे अन्य लोगों के हालातों को देखकर उनका मन व्याकुल ना हो। वो किसी खराब संगत से भी दूर रहते हैं। ख़राब लोगों से हमें अवगुण और कुबुद्धि ही मिलती है। इसलिए कहा जाता है,”अनाज के साथ घून भी पिसता है”।

 

दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान निंदा करने वाले और दुःख पहुँचाने वालों से भी दूरी बनाकर रखते हैं।

 

साथ ही, हमारे जीवन में बहुत तरह की परेशानियाँ होती हैं। हम दिन भर की भाग दौड़ से थके-हारे रहते हैं। ऐसे में दिमागी तौर पर मज़बूत लोग कुछ समय एकांत एवं शांत वातावरण में समय व्यतीत करना पसंद करते हैं। ऐसा करने से हमारे दिमाग को आराम और मन को शांति मिलती है। दिमाग और मन के साथ-साथ ये लोग तन को भी स्वस्थ रखते हैं। नियमित व्यायाम और योग अभ्यास से शरीर को स्वस्थ रखते हैं।

 

 

लालच और जलन से दूर रहें और धैर्य रखें

 

इंसान हमेशा चिंता और दुःख में डूबा पड़ा रहता है। ख़राब और नकारात्मक सोच हमें जकड़कर रखती है। ऐसे में, अगर हम अपनी भावनाओं पर नियंत्रण ना पा सके तो हमारा जीवन व्यर्थ है। एक दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान खुद को नकारात्मक सोच से दूर रखता है। वह दुःख, चिंता, ईर्ष्या, निंदा आदि चीजों से अपना मन व्याकुल नहीं करता। इससे उसका जीवन सुखमय बन पाता है। वह पुराने दिनों की असफलता सोचकर मायूस नहीं होता। वह भविष्य की चिंता करके नहीं घबराता। लोगों के धन-दौलत से ईर्ष्या नहीं करता। अपना समय लोगों की निंदा करने में बर्बाद नहीं करता। वह अपना समय अच्छे काम में प्रयोग करता है जैसे कि बुजुर्गों की सेवा या गरीब और असहाय की मदद।

 

साथ ही, हमारी ज़िन्दगी में धैर्य की बहुत आवश्यकता है। कोई व्यापारी अगर सोचे कि व्यापार के प्रथम दिन से उसको लाभ प्राप्त होगा तो यह संभव नहीं। कोई छात्र अगर सोचे परीक्षा के एक दिन पहले पढ़ लेने से उसे प्रथम स्थान मिल जायेगा तो यह भी संभव नहीं। सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ धैर्य की असीम ज़रूरत होती है। बुद्धिमान व्यक्ति सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं।

 

 

दुनिया से किसी चीज़ की अपेक्षा ना रखें

 

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ज्यादातर लोग हुनर या प्रतिभा होने के बावजूद भी कुछ नहीं कर पाते। वो सही मौके या सही समय का इंतजार करते रहते। ऐसे लोग दूसरों पर निर्भर करते हैं। कोई भी निर्णय खुद से नहीं ले पाते। असल में, कभी भी समय इनके अनुकूल नहीं हो पाटा और ये ज़िन्दगी में कुछ नहीं कर पाते।

 

वहीं एक दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान के गुण उसके बचपन से ही नज़र आता है। बचपन से ही ये अपना काम स्वयं करना पसंद करते हैं। चाहे पढाई हो या साफ़-सफाई ये अपना काम बड़ी आसानी से बिना किसी हिचक के कर लेते हैं। दिमागी तौर पर मज़बूत लोग आत्मनिर्भर होते हैं। समय और परिस्थिति चाहे जितनी भी प्रतिकूल हो इनका मनोबल नहीं तोड़ पाते। ये दुनिया से किसी चीज़ की अपेक्षा नहीं रखते। ये अपना काम करने के लिए किसी की मदद या किसी मौके का इंतजार नहीं करते। ऐसे लोग चालाक तो होते हैं मगर स्वार्थी नहीं। ये लोग समाज से भले ही अपेक्षा न रखे मगर समाज की भलाई का सोचते हैं। इनका लक्ष्य होता है अपने काम से पूरे संसार को लाभ पहुँचाना।

 

ऐसे लोगों का मन एकदम सरल और व्यवहार अत्यंत लोकप्रिय होता है। ऐसे लोग अपने माता-पिता और गुरुजनों के साथ-साथ अन्य लोगों का भी आदर-सत्कार करते हैं। केवल यही नहीं, ऐसे लोग प्रकृति को भी पूजनीय समझते हैं। प्रकृति से हमें ऊर्जा और हमारे खाने-पीने की सामग्री प्राप्त होती है इसलिए इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमारी है। इसी कारण ये लोग अपने आस पास के पर्यावरण को साफ रखना पसंद करते हैं।

 

इसलिए इन्ही सब विशेषताओं के कारण एक दिमागी तौर पर मज़बूत इंसान किसी साधारण व्यक्ति से जीवन में ज्यादा कामयाब और सफल हो पाते हैं। अपने स्वभाव और व्यवहार के कारण वो आसानी से लोगों के प्रिय बन जाते हैं।

 

 

Conclusion –

 

यह किताब हमें समय और उर्जा का सदुपयोग करना सिखाती है। यह हमें खराब विचारों और ख़राब संगती से बचना सिखाती है। यह हमें मानसिक और शारीरिक रूप से शक्तिशाली बनना सिखाती है। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना सिखाती है। यह हमें बुद्धिमान व्यक्ति की भांति अपने सूझ-बुझ से काम लेना और आत्मनिर्भर बनना सिखाती है। और हमें एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पुरोत्साहित करती है।

 

तो दोस्तों आपको आज का ये 13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi कैसा लगा और आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताए। इस 13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

 

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

4 thoughts on “13 Things Mentally Strong People Don’t Do Book Summary in Hindi – ये 13 आदतें जानिए”

    • Hey there, aapne shayad dhyan se book summary ko nhi padha hai, is book summary 13 things ke bare mei bataya gaya hai, aur vo 13 things har ek heading mei 2 things ke bare mei bataya gaya hai.

      Thanks for your valuable time.

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