Be Obsessed or Be Average Book Summary in Hindi by Grant Cardone

Be Obsessed or Be Average Book Summary in Hindi – Hello दोस्तों, साल 2016 में Grant Cardone जी ने ये किताब रिलीज किया, जिसका नाम है Be Obsessed or Be Average. इस किताब को पढ़ने के बाद आपके अंदर जीवन को पूरी तरह से जीने के लिए एक नजरिया पैदा हो जायेगा.

अगर आप बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हो, या आप एक बिजनेस लीडर् हो या फिर आप जिंदगी के पहलुओं के बारे में जानने में दिलचस्पी हो तो ये बुक आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

 

लेखक –

इस किताब के लेखक Grant Cardone खुद एक बहुत जाने-माने बिजनेस मैन हैं. इसके साथ ही साथ ये बेस्ट सेलिंग किताब “The 10x Rule” के लेखक भी हैं. जो आपने इस ब्लॉग पर पढ़े भी होंगे।

 

Be Obsessed or Be Average Book Summary in Hindi by Grant Cardone

 

जिंदगी में जुनून का होना कितना ज़रूरी है?

 

हम लोगों में से कई लोगों को ऐसा लगता है कि हमारी जिंदगी रिटायरमेंट के बाद काफी सुकून से भरी हुई हो जायेगी. कई लोग तो अपनी पूरी जिंदगी रिटायरमेंट के इंतज़ार में लगा देते हैं, लेकिन लेखक बताते हैं कि जिंदगी का ऐसा अप्रोच सही नहीं है.

इन सबके साथ लोगों के अंदर फियर ऑफ़ फेलियर भी बहुत ज्यादा होता है. इस फियर में फेलियर के कारण ऐसा होता है कि उनके पास से कई बेहतरीन अवसर गुजर जाते है. इस किताब को पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि जिंदगी के सामने शेर की तरह चौड़ी छाती करके कैसे जीना है?

सबकी जिंदगी में कभी ना कभी ऐसा समय जरूर आता है. जब उन्हें अपनी जॉब से बोरियत हो जाती है. कई बार तो लोग इतनी बुरी तरह से बर्न आउट हो जाते हैं कि वो अपनी जॉब ही छोड़ देते हैं, अगर आप भी ऐसी स्थति में फंसे तो आपके सामने दो ऑप्शन होते हैं. पहला कि आप कुछ समय के लिए ब्रेक ले लें. दूसरा ऑप्शन ये होता है कि आप अपने अंदर एक जुनून को पैदा करिए.

लोग इन दो ऑप्शन का चुनाव अपनी-अपनी सहूलियत से कर लेते हैं, देखा ये जाता है कि एवरेज लोग पहले ऑप्शन का चुनाव करते हैं. लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इस रास्ते पर चलने से उन्हें अल्टीमेट गोल कभी नहीं मिलेगा. इसलिए अगर आपको अपने गोल से प्यार है तो फिर आप दूसरे ऑप्शन का चयन करिए।

इसी के साथ अगर आप एग्जॉस्ट हो गये हैं, तो फिर खुद से कुछ सवाल करिए सबसे पहला सवाल तो ये करिए कि कहीं आप सही रास्ते से भटक तो नहीं गये हैं? दूसरा सवाल करिए कि आपके लिए आपका लक्ष्य कितना ज़रूरी है?

कई लोग ऐसा सोचते हैं कि जिंदगी में जूनून लाने से सब कुछ बिगड़ सा जाता है. कई लोग ऐसा भी सोचते हैं कि अगर आपको जीवन में बैलेंस बनाकर रखना है तो फिर आपको जुनूनी नहीं होना चाहिए.

लेकिन इस किताब के लेखक की सोच इस बात से थोड़ी सी अलग है, वो सोचते हैं कि जिंदगी में जुनून का होना बहुत जरूरी है, उनके हिसाब से अगर आपकी जिंदगी में लक्ष्य और जुनून होगा तो आप कभी भी बोर नहीं हो सकते

लेखक ये भी कहते हैं कि जुनून से ही शरीर में एनर्जी का बहाव होता है.

 

 

मोटिवेट रहने के लिए अपने जुनून को हमेशा फ्रेश रखिये

 

मान लीजिये कि आपको मालूम है कि आपका पैशन क्या है? लेकिन इतना मालुम होने बस से ये तय नहीं हो जाता है कि आप अपने लक्ष्य तक पहुँच ही जायेंगे. अगर आपको जिंदगी में लक्ष्य की प्राप्ति करती है तो फिर आपके सफर में लगातार तेजी बनी रहनी चाहिए, सिर्फ सही और सटीक शुरुआत होने बस से सफलता नहीं मिल जाती है, सफलता तभी मिलेगी जब आपका सफ़र लगातार चलता ही रहेगा.

इसलिए हमेशा कोशिश करते रहिये कि आपका जुनून आपके साथ ही चलता रहे जब तक जुनून रहेगा. तब तक आपका सफर भी चलता रहेगा.

क्या आप जानते हैं कि बहुत शानदार करियर होने का मतलब क्या होता है? बहुत शानदार करियर होने का मतलब ये नहीं होता है कि आप एक गोल को पा लें फिर उसके बाद काम ही छोड़ दें. बहुत शानदार करियर होने का मतलब ये होता है कि आपके पास गोल्स की पूरी सिरीज होनी चाहिए.

अच्छा रहेगा कि आपके पास एक पूरी स्क्रिप्ट हो. फिल्मकार की तरह आप अपनी सुपरहिट जिंदगी की स्क्रिप्ट लिखिए, आपको पता होना चाहिए कि इस चैप्टर के बाद क्या होने वाला है?

अपनी जिंदगी का जितना शानदार आप क्लाइमेक्स लिखेंगे आपकी जिंदगी उतनी ही ज्यादा बेहतर होगी. क्लाइमेक्स का मतलब गोल्स और जुनून से है.

एग्जाम्पल के तौर पर ऑथर अपने जीवन का किस्सा सुनाते हैं वो कहते हैं कि एक समय उनके पास 500 अपार्टमेंट हुआ करते थे. लेकिन तभी उनका सपना बदल गया. उन्हें लगा कि इस फिगर को 1000 तक ले जाना है. उन्होंने अपने नये गोल की तरफ ध्यान किया. नतीजा उनके पक्ष में आया. आज उनके पास 4500 से ज्यादा यूनिट्स हैं.

इस अध्याय से आपको सीख मिलनी चाहिए कि जिंदगी में लक्ष्य को हमेशा बड़ा रखना चाहिए. अगर आपका लक्ष्य बड़ा होगा और जुनून से भरपूर होगा तो फिर सक्सेस की तरफ आपके पाँव भी बढ़ेंगे.

 

 

बड़ा सोचिये और प्रैक्टिकल भी रहिये

 

फ्यूचर में एक्साक्ट्ली क्या होने वाला है? इस बात का अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता है. करोड़पति बिजनेस मैन को भी ये नहीं पता है कि उसके अगले प्रोजेक्ट का अंजाम क्या होने वाला है? फिर सवाल ये आता है कि आप कैसे एक्साक्ट्ली जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जिंदगी में सुकून आ जाएगा..

इसलिए हमेशा बड़ा सोचिये खुद को चैलेन्ज करते रहिये. आपकी सोच ऐसी होनी चाहिए, जिससे आपकी बॉडी का ट्रू पोटेंशिअल निकलकर सामने आ सके. जितना प्रेजेंट में आप खुद को चैलेन्ज देने की कोशिश करते रहेंगे. आपका भविष्य भी उतना ही बेहतर होगा. इसकी कोई गारंटी तो नहीं ले सकता है. लेकिन भरोसा ज़रूर दिलवा सकता है.

आप अपनी जिंदगी के बड़े फैसले आराम से सोचकर करियेगा. ऐसा ना करियेगा कि शर्मा जी की नकल करते हुए नए बिजनेस की शुरुआत कर लिए. ऐसा भी ना करियेगा कि परिवार के प्रेशर के कारण शादी कर लिए.

जीवन का यही जादुई फार्मूला अपने बिजनेस के लिए भी इस्तेमाल करियेगा. किसी भी प्रोडक्ट को मार्केट में लाने से पहले उसके ऊपर रिसर्च भरपूर करियेगा. जब तक टार्गेट ऑडियंस के लिए प्रोडक्ट तैयार ना हो जाए तो उसे कभी लॉन्च मत कर दीजियेगा.

इन सबके साथ अपने बिजनेस में तेजी के महत्त्व को कभी मत भूलियेगा. याद रखियेगा कि उगते सूरज को दुनिया सलाम करती है. इसलिए कम्पटीशन के दौर में फर्स्ट आने की कोशिश करियेगा. किसी भी प्रोडक्ट को मार्केट में सबसे पहले लाने के लिए आपके अंदर जुनून का होना बहुत ज़रूरी है.

एग्जाम्पल के लिए एप्पल कंपनी को देखिये. उसके हर प्रोडक्ट में कुछ ना कुछ कमी रहती है. लेकिन फिर भी मार्केट में वो नम्बर 1 है. इसके पीछे का रीजन क्या है? इसके पीछे का कारण है कि वो किसी भी प्रोडक्ट को सबसे पहले लोगों तक लेकर आती है. इसलिए ज्यादा परफेक्ट बनने के चक्कर में स्लो मत हो जाइएगा.

 

 

डर को डराने की कला

 

साइकोलोजिकल रिसर्च में पता चला है कि इंसान के हार के पीछे की सबसे बड़ी वजह डर ही होता है. आपको एक हुनर सीखना ही पड़ेगा, वो हुनर है कि डर को आखिर कैसे डराना है? याद रखिये कि अगर आप बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं तो फिर आप जवान है.

अगर आप जवान हैं तो फिर डरने की क्या ज़रूरत है? सीना चौड़ा करिए और डर के सामने मुस्कराते हुए खड़े हो जाइए. किसी भी बड़े काम की सक्सेस के लिए डर का होना जरूरी है. लेकिन वो डर की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए. यो डर इतना होना चाहिए कि आपके अंदर एनर्जी का फ्लो बढ़ जाए.

लेकिन अगर वो डर आपकी सफलता के बीच में मुश्किल पैदा कर रहा है तो फिर आपको जंगल के शेर का स्वभाव अपने अंदर लाना ही पड़ेगा.

अगर आपके बिजनेस के सफर में डर बार-बार आपके सामने आ रहा है तो फिर आप समझ जाइए कि जिंदगी में आप आगे बढ़ रहे हैं. बढ़ते जाइये गोल्स की तरफ देखिये और सोचिये कि क्या ये डर काफी है सुस्त बैठकर काम बंद कर देने के लिए

अपने अवाब की तुलना अपने गोल्स के साथ करिए. फिर देखिये कि किसका कद ज्यादा बड़ा है? क्या आपका गोल बड़ा है?

अगर आपका गोल बड़ा होगा तो फिर आपको डर के साथ खेलने में मजा आने लगेगा डर जब भी लगे तो उसे अपने साथ बैठा लीजिये और कहिये अभी मुझे और दूर जाना है. सफलता मेरा इंतज़ार कर रही है.

वैज्ञानिकों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि डर से कुछ साइकोलोजिकल मदद भी मिलती है. अगर आपको कम्पटीशन में आगे बढ़ता है तो फिर डर से भी दो-दो हाँथ करना ही पड़ेगा.

डर से जल्दी से दोस्ती करिए और आगे बढ़ने के रास्ते को और अच्छे से मजबूत बनाइए

लेखक साल 2008 में आये इकॉनोमिक क्राइसिस को याद करते हुए बताते हैं कि उस दौर में पूरी दुनिया डरी हुई थी. सभी अपने घर में बैठ गये थे. मार्केट से पैसे लोग हटाने लगे ये, तभी मैंने सोचा कि इस समय का मुझे फायदा उठाना ही चाहिए, मै ऐसे डरकर घर में नहीं बैठ सकता हूँ. आज नहीं तो कल फिर से दुनिया उठकर खड़ी होगी तब तक मुझे अपने बिजनेस को खड़ा कर लेना है. फिर मैंने उस क्राइसिस का सही इस्तेमाल करने का फैसला किया था.

 

 

पैसों के इस्तेमाल की कला को सीखना बहुत ज़रूरी है

 

क्या आप सक्सेस को नापने का तरीका जानते हैं? कैसे आप जानते हैं कि आप सफल हो रहे हैं या फिर नहीं? लेखक बताते हैं कि सफलता को नापने का एक मात्र रास्ता ग्रोथ ही होती है जितना आप ग्रो करेंगे उतना ही आप सफल माने जायेंगे, क्या आप आज के दिन कल से ज्यादा ग्रो कर रहे हैं? अगर आप हर रोज़ ग्रोथ कर रहे हैं, तभी आप सफलता की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.

कई लोग ये सवाल भी करते हैं कि डर हानिकारक होता है. तो उसे दूर कैसे भगाया जाए? इसका जवाब बहुत आसान है. डर हानिकारक कभी नहीं होता है. वो नुकसान तभी करेगा जब आप उसे करने दोगे.

डर का सही इस्तेमाल जिस दिन आप जान जायेंगे. उस दिन के बाद से आपको रोकना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाएगा, जिसका साथी ही डर हो उसको कौन ही हरा सकता है? अगर आपको कोई हरा नहीं सकता है तो फिर विजेता तो आप ही हुए.

अब आते हैं सब्जेक्ट के ऊपर कि पैसों का सही इस्तेमाल क्या होता है?

अपने आप से सवाल करिए कि पैसों का सही इस्तेमाल क्या होता है? क्या पैसों को सेव करना ही उसका सही इस्तेमाल है? इसका जवाब है नहीं, सेविंग इज नॉट ऑलवेज गुड. अगर आप बिजनेस मैन हैं तो फिर पैसों का सही इस्तेमाल सेविंग नहीं है.

अगर पैसा आपकी आगे बढ़ने में मदद नहीं कर रहा है. तो फिर वो पैसा आपके किसी भी काम का नहीं है. पैसा तभी आपके काम आ सकता है. जब वो आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा.

इस किताब के लेखक आपको सजेस्ट करते हैं कि अपनी कमाई का 30 से 40 प्रतिशत अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में इन्वेस्ट करना चाहिए, जो पैसा आप अपने बिजनेस के ऊपर लगायेंगे. वही पैसा आगे जाकर आपकी मदद करेगा.

याद रखिये एक फार्मूला. पैसा उसी की मदद करता है. जिसके पास उसको यूज करने का तरीका होता है. अगर आपको पैसे को यूज करना आता है तो फिर पैसा आपको रंक से राजा बना सकता है.

 

 

जो आपको हेट करते हैं, उनको अपने जुनून का हिस्सा बनाइए

 

बिजनेस कैसे काम करता है? जैसे-जैसे आपके पास सक्सेस आती जायेगी. आपके क्रिटिक्स भी बढ़ते जायेंगे, समीक्षक के साथ ही साथ आपके विरोधी भी बढ़ेगे. इसके लिए आपको समझना चाहिए कि बिजनेस ऐसे ही काम करता है.

आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है. आज के समय में हेट करने वालों का जन्म भी होता है. अब सवाल ये उठता है। कि उनका सामना कैसे करना है? इसके पीछे का जवाब ये है कि उन्हें एक्सेप्ट कर लीजिये. उनका धन्यवाद दीजिये कि उन्होंने अपना कीमती समय निकालकर आपके ऊपर ध्यान दिया.

अगर लोगों का ध्यान आपके ऊपर जा रहा है तो इसका मतलब साफ़ साफ है कि आप सफल हो रहे हैं. इसके पहले वाले अध्याय में आपको बताया गया था कि सफल होने का मतलब होता है कि आप ग्रोथ कर रहे हैं.

आप ग्रोय कर रहे हैं. इसका मतलब है कि लोग आपके ऊपर ध्यान दे रहे हैं इस बात को याद कर लीजिये कि जितने ज्यादा लोग आपको हेट करेंगे, उतने ही ज्यादा आप सफल होंगे. इसको

एक अलग पहलु से ऐसे देखा जा सकता है कि जैसे-जैसे लोग आपकी समीक्षा करने की शुरुआत कर देंगे. इसका मतलब आपने अपनी जिंदगी में कुछ तो बड़ा कर दिया है.

आज का दौर कितना व्यस्त है आज के समय लोगों के पास खाना खाने तक का समय नहीं रहता है, ऐसे में अगर कोई आपके बारे में बात कर रहा है तो इसका मतलब है कि आपका काम कहीं ना कहीं उसे प्रभावित भी कर रहा

इसकी एक और संभावना को देखते हैं मान लीजिये कि सोशल मीडिया में आपको अरबों लोग गाली दे रहे हैं. इसका मतलब ये है कि भविष्य में आप राजनेता भी बन सकते हैं. हो सकता है कि प्रधानमंत्री की कुर्सीों में आपका ही नाम लिखा हो.

सियासत में ऐसे लोगों का इंतज़ार रहता है, जिनकी लोकप्रियता सोशल मीडिया में काफी ज्यादा हो. इसलिए अपने काम को करते समय कभी भी ये मत सोचियेगा कि लोग आपको सोशल मीडिया में ट्रोल करने लगेंगे अगर लोग ट्रोल नहीं करते हैं, तब आपको सोचना चाहिए कि आखिर क्या कमी रह गयी कि लोगों ने अपना समय मेरे काम को नहीं दिया.

इसलिए अब से आपको हर नेगेटिव चीज़ को अपने सीने में लेना है, पॉजिटिव रहिये और नेगेटिव को हल्के फुल्के अंदाज़ में मैदान से बाहर का रास्ता दिखा दीजिये.

 

 

अपने आस-पास बेस्ट क्रिएटिव टीम का निर्माण करिए, ये आपकी ज़िम्मेदारी है

 

किसी भी बिजनेस को सक्सेस की तरफ क्या लेकर जाता है. मीठा स्वाभाव या फिर तेजदार तकनीक? इसका जवाब है कि आपके पास तेजदार तकनीक होनी चाहिए, अगर आप खुद क्रिएटिव हैं तो फिर आपका काम आसान हो जायेगा.

लेकिन अगर आप क्रिएटिव नहीं है तो फिर अपने आस-पास बेस्ट क्रिएटिव लोगों की टीम को रखिये जितनी बेहतर आपकी टीम होगी उतना ही बेस्ट आपका बिजनेस होगा

क्या बिना सेना के और हथियार के किसी भी जग को जीता जा सकता है? नहीं, अगर आपके पास सेना ही नहीं है. तो फिर आपको जंग में विजय कैसे मिलेगी? जंग हो या बिजनेस या फिर हो कोई भी खेल जीत तब तक नहीं हो सकती है. जब तक आपके पास शानदार टीम ना हो.

अगर आपको अच्छे लोगों को हायर करने में थोड़ा पैसे ज्यादा भी देने पड़ते हैं तो भी पीछे मत हटियेगा,

सबसे पहली तकनीक आप ये भी इस्तेमाल कर सकते हैं कि मार्केट की बेस्ट सैलरी ऑफर करिए. इससे फायदा ये होगा कि उस इंडस्ट्री के बेस्ट लोग आपके पास आयेंगे कई लोग तो दूसरी कम्पनिया छोड़कर भी आपके पास आयेंगे. अब फैसला आपको करना है कि घोड़ों के साथ रेस में जायेंगे या फिर गधों के साथ,

एक बार जब आपके पास अच्छी टीम तैयार हो जाए तो उसके आपकी जिम्मेदारी है कि आप उस टीम का ख्याल भी रखें. इस किताब के लेखक बताते हैं कि आपके पास ये हुनर होना चाहिए कि अपनी टीम को कम्फर्टेबल माहौल दे

कहा गया है कि बेस्ट क्रिएटिविटी तभी निकलती है, जब काम करने वाली जगह में सुकून के साथ पेशन भी हो. इसीलिए शुरू के अध्यायों में आपको बताया गया था कि अपने अंदर जुनून को कभी भी खत्म होने मत दीजियेगा.

जब आपकी टीम को आपके अंदर का जुनून दिखेगा तो वो भी काम को पूरी शिद्दत से करेंगे. अगर आप चाहते हैं कि आपकी टीम के अंदर एनर्जी बनी रहनी चाहिए तो फिर उनको आपके अंदर भी बहुत ज्यादा एनजी दिखनी चाहिए,

जितना प्यार और शिद्दत आप अपने काम को दिखाएँगे, आपकी टीम भी ठीक वैसा ही काम करके दिखाएगी.

बड़ा सोविये ताकतवर टीम बनाइये डर से दोस्ती करिए, खुद को चैलेंज करते रहिये और आगे बढ़ते जाइए,

 

 

Conclusion

 

शानदार होने का क्या मतलब होता है? इसका मतलब होता है कि आपके पास ग्रोथ होनी चाहिए. आपको ग्रोथ की कद्र करते आना ही चाहिए. अपने लिए और अपनी कंपनी के लिए हमेशा लक्ष्य बड़ा रखिये. जितना बड़ा लक्ष्य होगा, उतनी ही बड़ी सफलता होगी.

अब आपको क्या करना है?

टास्क के ऊपर समय लगाने से बेहतर है कि खुद के जुनून के ऊपर समय लगाइए. आज भी समय है कि खुद के जुनून को पहचान लीजिये. जितनी जल्दी आप ये कर लेंगे. उतनी ही जल्दी आपको सफलता का रास्ता भी मिल जाएगा.

 

तो आपको आज का हमारा यह Be Obsessed or Be Average Book Summary in Hindi by Grant Cardone कैसा लगा ?

आज आपने क्या सीखा?

अगर आपके मन कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताये।

 

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

 

सम्बंधित लेख –

  1. The 10X Rule Book Summary in Hindi – सफल होने का 10X रूल क्या है? (PART – 1)
  2. The 10X Rule Book Summary in Hindi (PART – 2)
  3. 100+ Book Summary in Hindi

2 thoughts on “Be Obsessed or Be Average Book Summary in Hindi by Grant Cardone”

Leave a Comment