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भूलने की दवा

कहानी1 year ago8 Views

ये कहानी है एक माँ की। एक बार एक Medical Store चलाने वाले एक आदमी ने हर दिन कि तरह स्टोर खोले और ठीक दोपहर में उनके स्टोर में बहुत सारे customer आये हुए थे। उनका नौकर मेडिसिन निकाल निकाल के फटाफट दे रहा था। उनकी मेडिकल स्टोर पर उस दिन बहुत ज्यादा भीड़ थी। मालिक फटाफट billing कर रहे थे। तो इनका जो रेगुलर काम था वो चल रहा था।

तभी उस मेडिकल स्टोर की मालिक को उन customers कि भीड़ में एक चेहरा दिखाई दिया, जो उनके मेडिकल स्टोर के सामने जो सड़क थी उसके पार। एक पेड़ था उसके नीचे खड़ा हुआ था। वो एक बुजुर्ग महिला का चेहरा था।

ऐसा लग रहा था दूर से देखने पर कि जैसे वो इनसे कुछ कहना छह रही है, इन्हें उन कस्टमर्स की भीड़ में सिर्फ और सिर्फ अब वही चेहरा देख रहा था।

इन्हे लग रहा था कि वो बुजुर्ग महिला इनसे कुछ अपनी कहानी कहना चाह रही है, कुछ बात करना चाह रही हैं, लेकिन कह नहीं पा रही है।

अब इन मेडिकल स्टोर की मालिक को लगा कि जल्दी से जाकर उन महिला से बात करनी है उन अम्मा से बात करनी है।

उन्होंने फटाफट नौकरों कि मदद करना शुरू कर दिया, उन्होंने फटाफट से काम करके कस्टमर्स को मेडिसिन देते गए और थोड़े ही देर में कस्टमर्स कम हो गए, भीड़ कम होने लगी धीरे धीरे, अभी कुछ 5-6 कस्टमर्स बचे थे, इन्होने अपने नौकरों को कहा भाई लोग अब तुम लोग कस्टमर्स को देख लो, मैं 5 मिनट में वापस आता हूँ।

ये आदमी अपने मेडिकल स्टोर से बाहर निकले, सड़क पार करके उस पेड़ तक पहुंचे जहाँ वो अम्मा जी खड़े थे। और उस अम्मा जी को जाके प्रणाम किया नमस्ते किया और कहा कि अम्मा जी प्रणाम, क्या बात है, मैं वहां से देख रहा था की आप मुझे कुछ कहना चाह रही है,

लेकिन आप दुकान तक भी नहीं आ रही थी। आपके पास पैसे नहीं है तो बताइये, मैं आपको मेडिसिन दे दूंगा और आपसे पैसा नहीं चाहिए, प्लीज बताइये मैं आपकी किस तरह से मदद कर सकता हूँ ?

तो उस अम्मा जी ने कहा बेटा पैसों कि कमी नहीं है मेरे पास, पैसे हैं मेरे पास में, लेकिन मैं तुम्हारे दुकान पर इसलिए नहीं आ रही थी, क्यूंकि वहां पर बड़ी भीड़ थी, बहुत सारे लोग थे, मुझे लगा कि जब कोई नहीं रहेगा तब चली जाउंगी।

तो उस आदमी ने पूछा ऐसी कौनसी मेडिसिन चाहिए आपको, जो आप उनके सामने नहीं ले पा रही थी। आप आ जाती आप बताई देता तो मैं आप तक मेडिसिन पहुंचा देता। आप परेशान क्यों है ? इस तरफ क्यों खड़ी है ?

तो वो जो अम्मा थी उन्होंने बताया कि बेटा मैं क्या बताऊँ, कल शाम में मेरे बच्चो का कॉल आया, मेरे बच्चे न बड़े शहर में रहते हैं और मुझसे मिलने के लिए हर साल गर्मी की छुट्टियों में आते हैं, कल मेरे बेटे ने मुझे कॉल करके बोला कि मम्मी इस बार मैं, मेरी वाइफ और मेरे बच्चे हम लोग सभी घूमने के लिए hill स्टेशन जा रहे हैं, और मैं इन सबको लेके जा रहा हूँ,

क्यूंकि इनकी छुट्टियां बार बार नहीं आएंगे, इसलिए हम लोग पहाड़ो में घूमने के लिए जा रहे हैं और आपसे मिलने के लिए इस बार छुट्टी में नहीं आ पाएंगे, we are sorry मम्मा, मम्मा अगली बार पक्का आएंगे ! – और ऐसा बोल करके मेरे बच्चे ने कॉल काट दिया, मुझे एक शब्द तक बोलने नहीं दिया।

जब ये बातें बोल रही थी उस अम्मा जी ने तो उनकी आँखों से आंसू तप तप के निकल रहे थे। ये दुकान कि मालिक समझ नहीं पा रहे थे कि क्या बोले।

तभी वो माता जी उसको बोली कि बेटा मुझे याद आ गया कौनसी दवाई चाहिए।

तो उस आदमी ने उसे पूछा बताइये बताइये कौनसी दवाई चाहिए मैं फटाफट से लेके आता हूँ, आपकी मदद करता हूँ।

तो अम्मा ने बोला बेटा क्या आपके मेडिकल स्टोर पर अपने बच्चो को भूलने कि दवाई हैं ? मुझे मेरे बच्चो को भूलने कि दवाई चाहिए !

और ये बोल करके वो अम्मा जी वहां से चुपचाप चले गए। ये आदमी सुन्न हो गए। ये चुपचाप अपने मेडिकल स्टोर में आ गए और सोचने लगे कि ऐसा कभी कोई दिन ना आये कि पेरेंट्स को बच्चो को भूलने की दवाई लेने के लिए किसी मेडिकल स्टोर पर जाना पड़े।

Conclusion

दोस्तों ये है तो छोटी सी कहानी, लेकिन हमें बहुत बड़ी बात सिखाती है अपने माता-पिता की कदर कीजिये, respect कीजिये, बहुत सारा प्यार दीजिये। क्यूंकि एक दिन ऐसा आएगा जब वे नहीं रहेंगे, तब आपको  उनकी कमी महसूस होंगी, आप समझ नहीं पाएंगे कि उस कमी को कैसे fill करें, कैसे उस कमी को पूरा करें।

क्यूंकि माता-पिता का प्यार ऐसा प्यार होता है जो बिना किसी स्वार्थ के होता है उन्हें आपसे कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ आपका प्यार चाहिए…….. सिर्फ और सिर्फ प्यार!

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