अच्छी नींद के लिए क्या करे – Hello दोस्तों, आज हम जानेंगे की हर रात अच्छी नींद पाने के लिए क्या करें। आजकल ज्यादातर लोग तनाव में ग्रसित रहते हैं, इतना ज्यादा टेंशन ले लेते हैं जिसकी वजह से उन्हें नींद नहीं आती। और आखिर में उन्हें नींद की गोलियां लेने पड़ती है।
लेकिन क्या आप जानते जो नींद लेने के लिए नींद की गोलिओं का सहारा लेते हैं, दरअसल वो अपने जिंदगी को बड़े खतरे में डाल रहे है, क्यूंकि नींद की गोलिओं के रैपर पर डिस्क्लेमर लिखा होता है की उसके कितने सारे साइड इफेक्ट्स होती है।
जैसे लगातार नींद की गोली खाने से आपकी याददाश्त कमजोर होने लगते हैं, इतना ही नहीं लोगों का नर्वस सिस्टम भी धीरे धीरे कमजोर होता चला जाता है। उस इंसान का शरीर एक्टिव नहीं रह पाता, उसके अंदर एनर्जी खत्म होने लगती है। वैसे इंसान के हार्ट अटैक होने का चान्सेस 50% तक बढ़ जाता है। और अगर कोई गर्भवती महिला नींद की गोलिओं का सेवन करती है तो उसका असर उसके बच्चे पर भी पड़ता है।
और ज्यादा दिनों तक नींद की गोलिओं का सेवन करने के बाद एक ऐसा आता है की उसकी नींद बिलकुल ही खत्म हो जाती है। फिर उसे नींद की गोली के सेवन के बाद भी नींद नहीं आती।
तो अगर आप एक अच्छी क्वालिटी के नींद चाहते हैं तो आपको नींद के गोलिओं का सहारा नहीं लेना चाहिए। इसके लिए आपको कुछ changes करना होगा अपने लाइफ में और आप एक बहुत ही अच्छी क्वालिटी नींद ले पाएंगे बिना नींद की गोलिओं लिए।
अच्छी नींद के लिए क्या करे?
एक बात सबसे पहले जान लीजिये की नींद की आवश्यकता आपको नहीं आपके शरीर को होती है। और हर एक शरीर की अपनी एक अलग requirement होती है। अब अगर एक बूढ़ा इंसान कहे की मुझे नींद कम आती है, तो मैं क्या करूँ। तो जैसे इंसान के शरीर बूढ़ा होने लगता है उसकी नींद कम होने लगती है। और ये नेचुरल है।
नींद की आवश्यकता ही आपके शरीर को क्यूँ होती है?
आपका शरीर नींद का डिमांड करता है, आपके इस बॉडी के निर्माण के लिए। क्यूंकि एक बच्चा एक बड़े व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा नींद लेता है। वो 18-22 घंटा सोता है। क्यूँ ? क्यूंकि उसके शरीर का निर्माण हो रहा है। और अगर व्यक्ति को नींद नहीं आएगी तो उसके शरीर के निर्माण में यानी प्रकृति इस शरीर का नैचुरली निर्माण कर रही है उसमें बाधा आ जाती है।
बाधा ना आ जाये इसलिए प्रकृति ने आपको नींद दी है। जब आपका शरीर सो जाता है तब आपके शरीर के अंदर निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है। कितना खून बनना है, कितना प्रोटीन चाहिए, हड्डी, मास, मज्जा ये सभी बनाने की फैक्ट्री शुरू हो जाती है। इसलिए एक बच्चा बड़ो के मुकाबले ज्यादा सोता है।
बूढ़े इंसान क्यों नहीं सो पाता?
बूढ़े व्यक्ति के शरीर में अब निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं है। उसके शरीर में अब कुछ नहीं बनेगा। जितना है वो पुराना होता चला जायेगा। इसलिए बूढ़े व्यक्ति की नींद कम हो जाती है।
और बात आज ही क्लियर हो जाइये की माँ-बाप को अपने बच्चो टार्चर भी नहीं करना चाहिए। माँ-बाप अपने बच्चो को डांटते रहते हैं, अपने आपसे comparison करते है की देखो मैं कितनी देर सोता हूँ। मैं केवल 3-4 घंटे सोता हूँ और तुम बहुत ज्यादा सोते हो, जीवन में कुछ नहीं कर पाओगे।
असल में बच्चो को नींद की आवश्यकता है।
हमें आजकल नींद क्यूँ नहीं आती है?
आज हमने इतनी तरक्की की है, हमारे पास में हाई टेक है, स्मार्टफोन है, स्मार्ट टीवी है। हम अपना ज्यादा से ज्यादा समय इन्हीं चीजों में लगाते है और उसके बाद यही कारण होता है हमारी नींद ना आने का।
आपने अक्सर महसूस किया होगा जिस रात आपको टेंशन होती है, आपके माइंड में अधिक विचार चल रहे होते हैं, तो आपकी नींद आता ही नहीं है। क्यूंकि आपके विचार आपके शरीर को पूरा डिस्टर्ब करता है।
जब आप एक प्रॉपर नींद ले लेते हो तो उस नींद में आपके शरीर को इतनी ऊर्जा मिल जाती है जितनी आपको चाहिए। और आपको दिनभर काम करने के लिए चाहिए होता है।
अगर आप दिन में सो जाते हो तो आपको रात को नींद नहीं आती। क्यूंकि आपके शरीर के अंदर उतनी ऊर्जा बची हुई, जब तक वो खर्च नहीं होगा यानी आप थक नहीं जायेंगे तब तक आपको नींद नहीं आएगी।
और ये बात आपसे ज्यादा आपका शरीर जानता है। इसलिए वो रात को करवटें बदलता है। करवटें बदल बदलके वो उतना थक जाता है, उतनी एनर्जी का इस्तमाल कर लेता है उसकी बाद आपको नींद आ जाती है।
मैंने बहुत सारे लोगों को देखा है की रात में उसकी नींद नहीं आते हैं, क्यूंकि वो दिनभर उतनी एनर्जी खर्च ही नहीं करते और एनर्जी खत्म ही नहीं होती। तो नींद क्यों आएगा।
नींद आने का सिंपल सा लॉजिक यह है की आपके शरीर को एनर्जी चाहिए। और आपके शरीर में आलरेडी एनर्जी है तो नींद क्यों आएगी। आप कोई फिजिकल एक्टिविटी करिये या साइकिल या बाइक लेके कही घूमने जाइये, या घर में कोई सब्जी की खेती कजिये। तभी तो आपकी एनर्जी खत्म होगी। और रात में अच्छी नींद आएगी।
और वो बिना मेहनत के रात को नींद ना आने की वजह से नींद की गोली लेते है।
एक योगी बिना नींद लिए हुए भी अपने भीतर उतनी ऊर्जा ले सकता है, जितनी आपको नींद में प्राप्त होती है। इसका मतलब ये है की बिना नींद के आप भी अपने शरीर को नींद लेने के बाद जैसा रिलैक्स या फ्रेश फील करते है उतना ही रिलैक्स दे सकते हैं।
जब आप सोते हो तब देखना आपके शरीर के क्या स्थिति होती है, आपका शरीर किसी भी प्रकार के हलन-चलन में नहीं होता। वो एक रेस्ट पोजीशन में होता है और एक प्रॉपर रेस्ट को नींद कहा जा सकता है।
अगर आप प्रॉपर रेस्ट लेते हो, जागते हुए भी तो समझो आपके एक नींद ले ली।
सोते समय आपके शरीर बिलकुल स्थिर होता है, शिथिल होता है, अब वो किसी प्रकार के गतिविधि नहीं कर रहा होता है। किसी भी प्रकार के तनाव में नहीं होता है। बिलकुल शांत और स्थिर।
अगर आप जागते समय भी प्रॉपर शांत और स्थिर रहते हो, बिना किसी चिंता के, तो अब इस शरीर में वही होगा जो नींद लेते समय आपके भीतर घट रहा होता है। वही निर्माण का कार्य या कॉस्मिक एनर्जी को स्टोर करने का कार्य, जिसकी जरुरत इस शरीर को रोजमर्रा की जिंदगी में होता है।
तो एक योगी यही करता है।
आप योगी को जब भी देखोगे वो एकदम शांत बैठा हुआ ही देखोगे। इतना शांत जितना की एक व्यक्ति नींद में भी नहीं हो पाता। तो समझो वो नींद में मिलने वाली ऊर्जा या एनर्जी को कलेक्ट कर रहा है।
आप देखोगे जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके नींद कम हो जाती है, जब तक वो व्यक्ति अच्छे से सो नहीं पायेगा, वो अपनी बीमारी से रिकवर नहीं हो सकता।
बीमारी से रिकवर होने के लिए शरीर के भीतरी सिस्टम को ठीक करना होता है और उसे ठीक करने के लिए आपके भीतर शांति होनी चाहिए। अगर आपके अंदर शांति है तो उसके लिए आपके शरीर को प्रॉपर आराम चाहिए।
यानी की नींद चाहिए। इसलिए डॉक्टर्स जब मरीज को दवाई देते हैं तो उन दवाइओं में जो गुण होते हैं वो बीमारी को ठीक करने के लिए कम, बल्कि मरीज को नींद आ जाये इस प्रकार के गुण ज्यादा होते हैं।
अगर मरीज अच्छे से सो पायेगा तो वो उतनी ही जल्दी अपनी बीमारी से रिकवर कर सकेगा।
अच्छे से नींद लाने की तकनीक
No.1 सुबह उठ कर और सोने से पहले मैडिटेशन करें
तो अगर आप आज के समय में ज्यादा तनाव में रहते हैं तो आपको डेली सुबह ध्यान करना चाहिए।
आप फील करोगे आपको बहुत नींद आने लगेगा। और नींद ध्यान के बाद आने लगता है। क्यूंकि आजकल हर इंसान को बहुत ज्यादा टेंशन होती है और छोटी छोटी टेंशन की वजह से वो अच्छे से सो नहीं पाते।
जब कोई व्यक्ति मैडिटेशन या ध्यान करता है तो उसके भीतर टेंशन लेने शक्तियां खत्म हो जाती है या उसे जब कोई प्रॉब्लम्स होती है तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो कोई व्यक्ति ध्यान करने लगता है उनको समाज की छोटी-मोटी बातों से फर्क नहीं पड़ता और जब छोटी-मोटी बातों से फर्क नहीं पड़ेगा तो आपके दिमाग में विचार नहीं आएंगे, विचार नहीं आएंगे तो आपको टेंशन नहीं होगी और जब टेंशन नहीं होगी तो आप चैन की नींद ले पाओगे।
No.2 – शरीर को शिथिल कर लीजिये
जब आप रात में बिस्तर पर लेटते हो तो अपने शरीर को बिलकुल शिथिल कर लीजिये। एकदम स्थिर कर लीजिये। शरीर में किसी भी अंग पर तनाव नहीं होना चाहिए। फिर आप अपनी ऑंखें बंद कर लो। और अपने शरीर को महसूस करो पैरों उंगलिओं से सिर के ऊपर तक होश पूर्वक देखो।
ये भी देखो की आपका शरीर एक शिथिल अवस्था में पड़ा हुआ है। बिलकुल शांत। अपना पूरा फोकस अपने शरीर पर लाने की कोशिश करो। अपना पूरा फोकस हर एक अंग पर ले जाओ। (ये एक दिन में नहीं होगा, हर दिन प्रैक्टिस करना पड़ेगा) ऐसा करने से आपके माइंड में विचार धीरे धीरे कम होता चला जायेगा। अपने श्वास पर ध्यान दीजिये। देखिये आपका श्वास कहा जाता है और कहाँ से हो कर बाहर आता है। ऐसा आप जितने समय कर सकते है करो, क्यूंकि ऐसा करके से अपने आप ही नींद आ जाएगी।
No.3 – वेब
आजकल हर एक के पास स्मार्टफोन है या स्मार्ट टीवी होती ही है। और ये सबसे main कारण होती है हमे नींद नहीं आने की। तो इसके लिए आपको स्मार्टफोन छोड़ने की जरुरत नहीं, क्यूंकि हमें स्मार्टफोन की लत लग चुकी है तो हम छोड़ नहीं पाएंगे। लेकिन कुछ चेंज करने की कोशिश कर पाएंगे ना !
तो आपको करना यह है –
#1 – प्लेस्टोर में जाकर कोई भी अच्छी रेटिंग वाली ब्लू लाइट फ़िल्टर app को डाउनलोड कर लेना है और उसे यूज़ करना है।
इससे होगा क्या – इससे होगा ये की जब आप रात में सोने के लिए बिस्तर पर जाते हैं और बिना ब्लू लाइट फ़िल्टर के फ़ोन को यूज़ करते हैं तो आपके दिमाग में स्लीपिंग हॉर्मोन्स निकलने वाले होते हैं वो निकल नहीं पाते हैं ब्लू लाइट की वजह से। क्यूंकि आपके स्क्रीन में बहुत ज्यादा ब्लू लाइट होता है।
जब आप ब्लू लाइट फ्लटर यूज़ करते हो तब आपके दिमाग स्लीपिंग हॉर्मोन्स निकलने लगता है और आपको नींद आने लगता है।
#2 – आप रात में कोई फिल्म ना देखें जब आप बिस्तर पर होते हैं तब।
#3 – try ये करें की जब भी आप बिस्तर पर सोने जाओ तो फ़ोन में eBooks पढ़ो और या फिर बुक समरी देखो यूट्यूब पर।
#4 – सोने से एक घंटे पहले अगर संभव है तो अपने प्रोफेशनल काम को ना करें।
#5 – बुक्स पढ़ने की हैबिट बना लो, हर दिन थोड़ा थोड़ा करके पढ़ो। और इसे आपके स्मार्ट फ़ोन में नहीं पढ़ना है, इसे Amazon Kindle पर पढ़ो। क्यूंकि kindle को सिर्फ पढ़ने के लिए ही बनाया गया है और आपके ऑंखें भी स्वस्थ रहता है। kindle को एकदम किताब की तरह ही बनाया गया है, हालाँकि इसका प्राइस थोड़ा ज्यादा है लेकिन आपकी लाइफ में ज्यादातर प्रॉब्लम खत्म हो जाएगी।
क्यूंकि वैसे भी आपकी नींद अच्छे से आएगी और बुक्स पढ़ने से आपको तो लाखों गुना फायदा मिलेगा।
Conclusion –
तो अगर आपको अच्छी नींद तो आपको इन सारी चीजों को अपने लाइफ अपनाना है –
- तो आप सोने से पहले कुछ पढ़ें तो आपकी नींद अच्छी आएगी।
- ब्लू लाइट फ़िल्टर को यूज़ करें।
- सुबह उठ कर और सोने से पहले मैडिटेशन जरूर करें।
- kindle पर एबूक्स पढ़ें।
- सुबह उठ कर और सोने से पहले अच्छी Affirmations को पढ़ें
- अपनी प्रोफेशनल काम को सोने से पहले ना करें।
- अपनी लाइफ से न्यूज़ जैसी चीज को हटा दीजिये।
- घर में इंडोर प्लांट लगाइये।
- हो सके तो अपने घर में ही कुछ सब्जी की खेती कीजिये, थोड़ा मेहनत कीजिये।
- हर दिन सुबह और शाम एक्सरसाइज कीजिये कुछ आधा-एक घंटा।
- अपने फॅमिली या दोस्तों के साथ अपने हर एक प्रॉब्लम को शेयर कीजिये और सलूशन निकालिये और रिलैक्स फील कीजिये।
- हर दिन कोशिश कीजिये की तनाव कमसे कम लीजिये।
- कही घूमने के लिए भी टाइम निकाले।
- अगर हो सके तो हर दिन कुछ 2-5 किमी साइकिल चला सकते हैं।
- कोई भी बीमारी के लिए आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाइओं का सेवन करें।
- जितनी संभव हो नींद की गोली मत लीजिये।
- सोने से आधा घंटा पहले ठंडा पानी नहा लीजिये।
- सोने से पहले कभी एक्सरसाइज मत करें।
- सोने से 2-3 घण्टे पहले ही खाना खाइये।
- रात में नॉन-वेज ना खाएं।
तो जब आप इन सारे कामों को करेंगे तो आपको 100% नींद आएगी। इनमें से आपको हर काम को करने की कोशिश करना चाहिए। हम सबको नींद की बहुत आवश्यकता होती है अब इसका मतलब ये नहीं आपको बहुत लम्बे समय तक सोना चाहिए, बल्कि आप 4-5 घंटे की अच्छी क्वालिटी की नींद लेकर अपने शरीर स्वस्थ रख सकते हो। वैसे एक एडल्ट को 7-8 घंटे की नींद लेना चाहिए।
बूढ़े व्यक्ति को 3-4 घंटे से कम की नींद में काम हो जाती है।