Hamesha Motivate Kaise Rahe – Hello दोस्तों, आप शायद मोटिवेशन को खोज रहे है, इसलिए आपको ये आर्टिकल मिला, जिसमें आप सीख सकेंगे की हमेशा मोटीवेट कैसे रहे। तो इसमें सारी बातें प्रेक्टिकली समझाया गया है, तो चलिए शुरू करते है।
- क्या हर वक़्त मोटिवेटेड रहना पॉसिबल है ?
- क्या आप मोटिवेटेड रहते हो ?
- क्या आप जल्दी डीमोटिवेटेड हो जाते हो ?
- क्या अपने कभी अपने माइंड में जाकर ये जानने की कोशिश की है कि आप सोचते कैसे हो ? और आपकी खुश और दुखी रहने का कारण क्या है ?
- क्या ऐसा पॉसिबल है की हम अपनी सोच को बदल सकते है ?
अगर आपके मन में ये सारे सवाल है तो आप सही जगह पर आये है।
Hamesha Motivate Kaise Rahe – How to Stay Motivated All The Time
सबसे पहले इस illusion से बाहर आ जाओ आप, कि कोई भी इंसान ऐसा नहीं है इस दुनिया में जो हर 1 सेकंड motivated रहे, अगर आप जी रहे हैं तो motivation ऊपर नीचे होता ही रहेगा।
अगर आप मर जाए तो ही सब खत्म हो जाएगा।
जिसको आप demotivation बोलते हो, जिसको आप ये बोलते हो कि अंदर से energy नहीं है किसी भी काम को करने की, उसको आप बुरा समझ रहे हो, actual में वो स्टेट बुरी नहीं है।
यही वो स्टेट है जहां पर आप rest कर सकते हो, मतलब अगर हमें कुछ भी करना है, कभी आप शेर को देखा है जंगल में शिकार करते हुए, आप tv पे discovery channel मैं तो देखा होगा।
तो ध्यान से उसको देखो आप कि वो शेर शिकार कैसे करते हैं – उसको जब शिकार करना है तो कई कई बार आधे घंटे या 1 घंटे तक एक ही position में वहां पर खड़ा रहेगा, मतलब वो क्या कर रहा है वो तैयारी कर रहा है attack करने की।
अगर उस time पे आप ये खेल को नहीं समझेंगे तो आप कहोगे कि मैं demotivated क्यों हो रहा हूँ! मैं attack ही करता रहु पूरा दिन, तो अगर आप पूरा दिन attack करते रहोगे, भागते रहोगे तो chances है की आपको कुछ भी नहीं मिलेगा।
तो क्यूंकि वो शेर एक ही दिन में बहुत देर तक pause हो कर एक ही जगह पर बैठा रहता है, यानि की rest कर रहा होता है body का, लेकिन awareness पूरी है, सोया हुआ नहीं है, तैयार हो रहा है।
तो इससे power आ जाती है action में, motivation means doing something, तो आपकी अंदर question ये है में हमेसा कुछ ना कुछ करता कैसे रहु, ऐसा कैसे होगा ? कभी करोगे तो रुकोगे भी तो सही ना।
एक मोटिवेशनल कहानी से इसको समझते है –
कही दो लकड़हारे थे, जो पेड़ काट रहे थे।
दोनों ने साथ साथ में पेड़ काटना शुरू किया था।
1 दिन में दोनों मिलकर 10 पेड़ काट रहे थे।
कुछ दिन बाद एक महीने बाद क्या हुआ कि एक लकड़हारे 20 पेड़ काटते थे 1 दिन में और जो दूसरा लकड़हारे थे वह सिर्फ एक पेड़ ही काट पाए थे।
जबकि मेहनत यह दूसरा वाला ज्यादा कर रहा था, यह दिन में 8 से 10 घंटा काम कर रहा था।
और जो 20 तक पहुंच गया वह सिर्फ 4 घंटे ही काम करता था।
वो क्या कर रहा था कि जब उससे पूछा गया तब उसने बताया कि वह 4 घंटे तो पेड़ काट रहा था और बाकि 4 घंटे उसकी अपनी जो आरी है उसकी धार तेज कर रहा था।
इस कहानी से क्या सीखने को मिला आपको ?
तो आप कितनी धार तेज करते हो आपकी brain की, जिस brain से आपको सोचना है, करना है, आपकी body के ऊपर कितना काम करते हो जिससे आप आपकी लाइफ की हर एक काम को करते हो, इस body के ऊपर हम काम नहीं करते हैं।
फिर आप बात करते हो laziness कि, laziness तो आनी ही है, body के ऊपर आप कितना काम कर रहे हो ? आप 8-10 घंटे तक तो आप मोबाइल के ऊपर लगे हुए हो, इसकी वजह से body पूरी stiff हो रही है।
उसकी वजह से आपकी brain में blood proper तरीके से नहीं पहुँच रहा है, तो आपकी अंदर laziness तो आएगी ही आएगी।
आप body पे काम नहीं कर रहे हैं और mind में भी, तो आप कुछ नहीं कर रहे हो, mind कि powers बढ़ाने के लिए।
Mind और Brain की powers कैसे बढ़ती है ?
- एक तरीका है – blood circulation से।
- दूसरा तरीका है – brain को rest देने से, relax करने से।
मैं यहां पर सोने वाला rest की बात नहीं कर रहा हूँ, यानी being absolutely aware but not doing anything in your brain. मतलब आप माइंड के लेवल पर तो एकदम सचेत(conscious) हो, लेकिन ब्रेन में कुछ कर नहीं रहे हो, सोच नहीं रहे हो।
उससे क्या होता है brain sharp हो जाती है, कितनी sharp हो सकती है उसकी कोई हद(limit) नहीं है।
आप scientist को देखो उसमें आपको देखना होगा कि वह लोग कई कई घंटों तक, कई कई दिनों तक कुछ-कुछ cases में बैठे रहते थे एक ही जगह पर, सब कुछ छोड़ के, और जब कुछ नहीं कर रहे थे तब discovery होती थी।
दूसरी तरफ ऐसे लाखो scientist आए और गए, उन्होंने क्या किया जिंदगी में 50 साल तक गधो की तरह काम ही काम किया, सुबह से रात तक laboratory में ही लगे रहे, लेकिन कुछ नहीं कर पाए अपनी लाइफ में।
करने से सब कुछ नहीं होता है, ना करने की power जिस दिन आपको समझ आएगी, कुछ ना करने की, तब आपको मोटिवेशन बाहर से नहीं चाहिए होगा, अंदर ही अंदर मोटिवेटेड रहोगे।
जब आप कुछ नहीं कर रहे होते हैं, जगे हुए हो लेकिन कुछ नहीं कर रहे हो ना अंदर ना बाहर, उस वक्त क्या होता है ?
उस वक्त आपकी brain एक ऐसे कंप्यूटर के जैसे होते हैं जो अभी अभी format हुआ है और format होते ही उसके बाद में जैसे ही कोई thoughts उसके अंदर जाता है तो एकदम से process हो करके बाहर आता है, तो यह है actual solution to motivated.
तो don’t live in this illusion, infact यह बड़ा खतरनाक state है अगर आप इसको achieve करने की कोशिश कर रहे हो कि – मैं हमेशा motivated रहूं।
क्यों? क्योंकि आपको समझ ही नहीं आएगा कि मैं कह क्या रहा हूं, मान लीजिये मैंने आपको ऐसा टैबलेट दिया और आपको कहा की daily ये दो टेबलेट खालो, आप बैठ भी नहीं पाओगे आपकी अंदर इतनी energy आ जाएगी अंदर से, ऐसे कुछ टेबलेट होते हैं।
तो अब आप उस टेबलेट को खाओगे तो दिन भर भागते ही रहोगे, मतलब कोई काम है तो उसको करते ही रहोगे गधो की तरह, तो आप कभी सोच नहीं पाओगे।
Hhyperaction mode में जब आप होते हो तो उस वक्त आप कुछ सोच नहीं पाते हो, कुछ सोचने के लिए आपको pause होके बैठना आना चाहिए, brain को silent करना आना चाहिए, relax करना आना चाहिए आपको। तभी आपको रियल मोटिवेशन मिलेगा अंदर से भी और बाहर से भी।
Conclusion
तो दोस्तों देखा आपने कि आपको हमेशा मोटिवेटेड रहने के लिए कुछ काम करना जरुरी नहीं है।
आप कुछ नहीं करोगे तब भी अंदर ही अंदर जो आप अपने आपको डेवेलोप कर रहे होते है, कुछ नया सीखते रहते है, कुछ क्रिएटिव करते रहते है वही मोटिवेशन है।
आपको अलग से मोटिवेशन खोजने की जरुरत नहीं है।
तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह Article(hamesha motivate kaise rahe) कैसा लगा ?
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आपको क्या लगता है हर वक़्त मोटिवेशन से भरे रहना जरुरी है?
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.
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