ये कहानी है एक राजा और एक भिखारी की, जो कहानी हम सभी के जीवन से रिलेटेड है, तो चलिए शुरू करते हैं –
एक बार एक राजा के घर में एक बहुत बड़ी खुशियां आती है, वो बहुत खुश थे, तो उन्होंने फैसला किया कि आज प्रजा के बीच जाऊंगा, उनसे बातें करूँगा, उन्हें कुछ तौहफे दूंगा, सबसे मिलूंगा।
अपनी ख़ुशी अपनी प्रजा के साथ बाटूंगा।
तो वो सभी के बीच जाते हैं, उनके साथ कई सिपाही भी जा रहे हैं।
उन्होंने कुछ सोने के सिक्के अपने साथ लिए जा रहे थे।
वो प्रजा से मिलते हैं, उनसे बातें करते हैं, उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं और उन सभी को एक एक सोने के सिक्के भी दे रहे थे।
तभी राजा की नजर दूर बैठे एक भिखारी पर पड़ती है, वो बहुत उदास है, चुपचाप एक कोने में बैठा है।
राजा ने सिपाहीओं से कहा कि उसे मेरे पास लेकर आओ।
सिपाही जाते हैं, भिखारी को राजा के पास लेकर आते हैं।
राजा ने उसे एक सोने का सिक्का दिया, वो बहुत खुश हो गया, खुश होकर वो अपने स्थान पर वापस जाता है।
अब स्थान ऐसा है कि उसके बगल में ही एक नाला है, उस ख़ुशी में, उस गड़बड़ी में उससे वो सिक्का नाले में गिर गया।
अब वो फिर से दुखी हो गया, वो उस सिक्के को नाले में खोजने की कोशिश कर रहा है, उसे नाले से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है, पर कुछ हो नहीं पा रहा।
ये करते करते ही राजा की नजर फिर से उस पर गयी, राजा समझ गए, उन्होंने सिपाही से कहा, उसे फिर से बुलाओ।
तो सिपाही जाता और उनको फिर से बुलाते हैं, राजा ने उन्हें एक और सिक्का दिया, राजा ने उनसे कहा उसे छोड़ो तुम ये सिक्का रखो।
भिखारी खुश हो गया, अब भिखारी वापस अपने जगह पर जाता है, लेकिन वो अपने पहले सिक्के को अभी भी ढूंढ रहा है, बड़ी कोशिशें कर रहा है।
राजा की नजर फिर से उसपर गयी, राजा ने उसे फिर से बुलाया, ये सोचकर की उसे दुःख हो रहा है, तो राजा ने उस भिखारी को एक और सिक्का दिया।
अब देखा जाये तो उसे तीन सिक्के दे दिए गए हैं, एक सिक्का नाले में गिर गया पर दो सोने के सिक्के अभी भी उसके पास है, लेकिन अब भी वो सिक्का लेने बाद फिर से नाले के पास जाता है और उस सिक्के को खोजने लगता है।
अब फिर से राजा उसे अपने पास बुलाते हैं।
राजा उसे कहते हैं यही गलती तुम सब करते हो, तुम्हारे पास अभी भी दो सिक्के हैं, लेकिन तुम्हारा मन उस एक सिक्के पर पड़ा है जिसे तुमने खो दिया है।
हम जीवन में भी यही करते हैं, हमारे past में जो हमारे साथ गलत चीजें हो गयी, उन्हें याद कर करके present में जो अच्छी चीजें हैं, उसे बर्बाद कर देते हैं, उसे भूल जाते हैं, उसे अनदेखा कर देते हैं।
हमारी खुशिओं को, हमारी परिवार को, हमारी परिस्थितिओं को जो आज बहुत अच्छी है उसका आनंद लेने की बजाय, उन बातों को याद करते हैं, जो पहले हो चुकी है, जो अब आपके हाथ में नहीं है।
उसे आप बदल नहीं सकते, उसका आप कुछ नहीं कर सकते, फिर भी आप उसी के पीछे पड़े हुए हो और भूल जाते हैं की आपके पास अभी भी दो सोने के सिक्के हैं।
तो राजा यही सीख देते हैं कि एक सिक्का अगर खो गया यानी कुछ चीजें जीवन में गलत हो गयी तो उसे भूल जाओ, क्यूंकि आगे जीवन में बहुत कुछ है।
आपके present में कई ऐसी चीजें हैं, जिसे देख कर, जिसे महसूस करके, जिसका आनंद लेकर आप अपने जीवन को बहुत बेहतर बना सकते हैं। पुराणी बातों को भूल जाना ही आपके जीवन को बेहतर बनाने का एक तरीका है।