A New Earth Book Summary in Hindi – क्या आप भी हमेशा पास्ट या फ्यूचर के बारे में सोचते रहते हैं ?

Howdy दोस्तों, आज हम आपके लिए एक बहुत ही बढ़िया बुक समरी लेके आये हैं – ए न्यु अर्थ (A New Earth), जिस में हम देखेंगे कि हमारी सारी परेशानियों की वजह क्या है और कैसे हम इन सबसे छुटकारा पा सकते हैं। इस किताब को पढ़कर आप अपनी ज़िन्दगी को खुशियों से भर सकते हैं और एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत कर सकते हैं

आपके बदलने से ही इस धरती का नया जन्म होगा।

यह बुक समरी किसके लिए है :-

– वे जो दुख से छुटकारा पाना चाहते हैं।

– वे जो हिंसा को रोककर समाज में शाँती लाना चाहते हैं।

– वे जो हमेशा पास्ट या फ्यूचर के बारे में सोचते रहते हैं।

लेखक:-

एकार्ट टोले (Eckhart Tolle) जर्मनी में पैदा हुए थे और अब वे कनाडा में रहते हैं। उन्होंने आध्यात्मिकता पर बहुत सी किताबें लिखी हैं। 2008 में न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेखक ने न्हें अमेरिका का सबसे प्रभावशाली धार्मिक लेखक कहा था। 2011 में वाटकिंस रिव्युस (Watkins Reviewas) ने उन्हें पूरी दुनिया का सबसे प्रभावशाली धार्मिक लेखक बताया। टोले अपने बहुत सारे आध्यात्मिक कामों की वजह से जाने जाते हैं।

A New Earth Book Summary in Hindi

अपने ईगो को छोड़कर खुद पर काबू पाना सीखिए।

A New Earth Book Summary in Hindi

क्या आप भी हर वक्त परेशान रहते हैं और पुरानी बातों को बारे में सोचते रहते हैं? क्या आप सारे दुखों की वजह जानकर उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं? तो यह किताब सिर्फ आप के लिए ही लिखी गयी है।

इस किताब को पढ़कर आप जानेंगे कि कैसे ईगो की वजह से हम सभी लोग परेशान रहते हैं और कैसे हम इससे छुटकार पा सकते हैं। हम देखेंगे कि किस तरह सभी धर्म हमें शांति से रहने का उपदेश देते हैं पर इन धर्मों की वजह से ही हमारे समाज में अशांति फैली है।

इस किताब से आप जानेंगे कि आप किस तरह वर्तमान में रह कर अपने सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

और आप सीखेंगे कि:-

– आपकी ख्वाहिशें आपकी दुश्मन क्यों हैं।

– हिंसा की वजह क्या है।

– कैसे आप वर्तमान में रहकर अपनी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

अपने सभी दुखों की वजह खुद इंसान ही है।

A New Earth Book Summary in Hindi

 इंसान हमेशा से ही लालची, स्वार्थी और एक खतरनाक प्राणी रहा है। पिछले 100 साल से इंसान ने बहुत सारे बम और जहरीली गैसें बनाई है जिससे सिर्फ इंसान का ही नुक्सान हुआ है। आज के इस दौर में इंसान और भी खतरनाक और लालची होते जा रहा है। इंसान का यही पागलपन उसके परेशान होने की वजह है।

 इंसान के इन्हीं अविष्कारों की वजह से आज पूरी दुनिया में आतंक फैला हुआ है और सभी लोग डर में जी रहे हैं। हर दिन हिंसा बढ़ी जा रही है और हम कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।

दुनिया भर के अलग अलग धर्मों में दुःख की अलग अलग परिभाषाएँ दी गयी हैं –

  • रामायण के एक महार्षि ने कहा – सब मोह माया है। उन्हें हिसाब से ये दिमाग एक मायाजाल में भ्रमित रहता है। यही माया उनके सारे गलत काम करवाती है।
  • बौद्ध धर्म के गुरुओं ने बताया कि ये दुनिया दुखों से भरी पड़ी है और सभी दुखों का एक ही कारण है – इच्छा। अगर इंसान अपनी इच्छाओं को सूली पर चढ़ा दे तो उसके सारे दुख खतम हो जाएंगे।
  • जैन धर्म के तीर्थंकरों ने दुख जैसी दूसरी भावनाओं से छुटकारा पाने के लिए इस दुनिया की सभी चीजों से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने कपड़े पहनना भी छोड़ दिया था।
  • क्रिश्चन धर्म में पाप को परिभाषित किया गया है। उसमें कहा गया है कि इंसान होने का कर्तव्य भूलना ही सबसे बड़ा पाप है।
  • इस्लाम कहता है कि एक मासूम इंसान कि हत्या करना पूरी मानवता की हत्या है।

सभी धर्मों ने लगभग एक ही सन्देश दिए हैं। सभी धर्मों ने कहा की ख्वाहिश ही इंसान की सबसे बड़ी दुश्मन हैं। लेकिन अब तक कोई भी धर्म हिंसा को रोक पाने में सक्षम नहीं हो पाया है।

हमें इस हिंसा से निपटने के लिए दूसरे नए तरीकों की ज़रूरत है।

 इंसान हमेशा से ही हिंसा जैसी चीज़ों को देखता आ रहा है। बहुत सारे धर्म गुरुओं ने हिंसा से निपटने के लिए नए धर्म बनाए लेकिन इनसे कोई फायदा नहीं हुआ।

 जब ये धर्म बनते थे तो ये धर्म नहीं हुआ करते थे। ये हिंसा और जातिवाद से निपटने के मूवमेंट्स हुआ करते थे। लेकिन आने वाले समय के साथ लोग इन मूवमेंट्स को धर्म की तरह अपनाने लगते थे जिससे जातिवाद और हिंसा और बढ़ जाती थी।

 इतिहास में बुद्ध और महावीर जैसे लोगों ने हिंसा को रोकने की बहुत कोशिश की। गौतम बुद्ध ने कहा – जीयो और जीने दो। समय के साथ हम इन्हें भगवान की तरह पूजने लगे लेकिन इनकी दी हुई शिक्षा को भूल गए।

 लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है? क्यों ये मूवमेंट्स धर्म बन जाते हैं और लोगों में हिंसा बढ़ा देते हैं। आइए इन सवालों पर गौर करें।

 जब इन मूवमेंट्स की बाग़ डोर दूसरों के हाथों में आती थी तो वे इन मूवमेंट्स में कुछ ऐसी बातें लागू कर देते थे जिनका मूवमेंट से कोई लेना देना नहीं होता था। समय के साथ ये मूवमेंट्स अपना अर्थ खोने लगे।

 पुराने ज़माने के राजा या दूसरे शक्तिशाली लोग इन मूवमेंट्स को दबा देते थे। इसलिए वे इन मूवमेंट्स को शुरु करने वाले लोगों को मार देते थे और ये मूवमेंट्स वहीं बंद हो जाते थे।

 जैसे जैसे हम तरक्की की ओर बढ़ रहे हैं वैसे वैसे ही हिंसा बढ़ती जा रही है। जिन धर्मों ने हमें भाई चारे से रहने का उपदेश दिया आज उन्हीं के नाम पर दंगे हो रहे हैं धर्म हिंसा ने निपटने में नाकामयाब रहा।

 तो आखिर हम हिंसा से छुटकारा कैसे पाएँ। आइये देखते हैं।

हिंसा रोकने से पहले हमें हिंसा की वजह को जानना होगा।

A New Earth Book Summary in Hindi

 इससे पहले आप ये सवाल पूछे कि हिंसा कैसे रोकें, आपको ये सवाल पूछना चाहिए कि हिंसा क्यों होती हैं?

 हिंसा की वजह है ईगो। हमारा ईगो ही हमें कभी भी शांति से नहीं बैठने देता। ईगो को पास्ट और फ्यूचर में रहना पसंद है। ये हमेशा बीती बातों को सोचता रहता है या आने वाली चीज़ों को फ़िक्र करता रहता है।

 आज हर कोई सफलता पाना चाहता है। उन्हें लगता है कि इंसान अपनी सफलता से जाना जाता है। इसी सफलता को पाने के लिए इंसान हमेशा परेशान रहता है और इसके पीछे भागता रहता है।

 इस तरह हम कह सकते हैं कि अगर आप परेशान है तो इसकी वजह है आपका ईगो और अगर आपको अपने परेशानी से छुटकारा पाना है तो आपको अपने ईगो से छुटकारा पाना होगा।

 ईगो से छुटकारा पाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन ईगो ही आपका दोषी है। पुरानी यादें और भविष्य की चिंताओं को लेकर चलने से ही आपकी परेशानियां बढ़ती हैं।

 आज अक्सर हमारा आमना सामना ऐसे लोगों से होता है जो हमेशा ही परेशान रहते हैं। अगर वो लोग अपने घमंड, ख्वाहिश और ईगो को छोड़ दें तो उनकी सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।

 ईगो की वजह से हमारे सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है। अक्सर हम गुस्से में कुछ ऐसे काम कर बैठते हैं जिनका हमें बाद में अफ़सोस होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने आप को नहीं जानते। हम अपने ही ख्यालों में उलझे रहते है और उसे काबू नहीं कर पाते।

सारे दर्द और सभी परेशानियों को ढोते रहना ही ईगो का काम है।

 आइये इस कहानी को पढ़कर आप समझने की कोशिश करें कि ईगो किस तरह से हमें हमेशा परेशान रखता है।

 एक बार एक अंधी बूढी महिला जंगल में रास्ता भटक गयी। दो साधुओं ने उस बेचारी महिला को देखा। उन में से एक साधू ने उस बूढी महिला का घर पूछा और उसे अपनी गोद में उठा कर उसके घर तक ले गए।

 यह बात दूसरे साधु को अच्छी नहीं लगी। इस घटना के कुछ घंटों के बाद दूसरे साधू ने कहा-आपने जो किया वो हम साधुओं को शोभा नहीं देता। तो उसपर पहले साधूने कहा- मैंने तो उस महिला को तो कई घंटो पहले ही उतार दिया, लेकिन आप उसे अब भी उठाये हुए हैं।

 तो इस तरह ही ईगो आपको कभी भी वर्तमान में नहीं रहने देता। ये आपके दिमाग को हमेशा पुरानी बातों को सोचने पर मजबूर करता है जिससे आपकी बेचैनी, उत्सुकता और परेशानी बढ़ती रहती है।

 ईगो से आपका दर्द और बढ़ जाता है। अगर कभी आपका किसी से झगड़ा हुआ हो तो आप उस बात को कई दिन तक याद करते रहते हैं और अपने ख्यालों में ही उस इंसान को बार बार मारते रहते हैं। क्या इससे आपको सुकून मिलता है? नहीं। बल्कि आप और बेचैन हो जाते हैं।

 इसलिए हमें कभी भी पुरानी बातों को याद नहीं करना चाहिये। अगर आपके साथ कुछ अच्छा नहीं हुआ तो आप उस बात को वहीं पर छोड़कर आगे बढ़ जाइये। बुरी यादों को कभी भी अपने साथ मत रखिये।

अगर आप संतुष्टि पाना चाहते हैं तो आपको अपनी ज़िन्दगी का असली मकसद जानना होगा।

A New Earth Book Summary in Hindi

आइये इस सवाल पर गौर करें –

  • आपकी ज़िन्दगी का असली मकसद क्या है?
  • क्या आप दुनिया के सबसे अमीर आदमी बनना चाहते हैं?

 इसका मतलब आप चाहते हैं कि आपसे अमीर कोई न हो। आप सबसे अमीर रहने के लिए हमेशा ही परेशान रहेंगे और दूसरों से कम्पटीशन करते रहेंगे।

  • क्या आप समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं?

 इसका मतलब है कि आप समाज में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। आप अपने आप को देखना चाहते हैं कि आप औरों से अच्छे हैं।

  • क्या आप एक खुशहाल परिवार पाना चाहते हैं?

 जरूरी नहीं कि आपका परिवार आपके हिसाब से ही रहे और आपकी बातों को माने। घर में झगडे होते रहते हैं जो कि आपकी परेशानी की वजह बन सकती है।

 तो इन सबसे एक बात साफ़ है कि अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं तो वो न मिलने पर आपको तकलीफ ज़रूर होगी। और उसे पाने के लिए आप हमेशा मेहनत करते रहेंगे और हमेशा परेशान रहेंगे। इसलिए आपको बाहरी ज़रूरतों को छोड़कर अंदर की ज़रूरतों के बारे में सोचना चाहिये।

हम सभी की बाहरी ज़रूरतें भले ही अलग अलग हों, पर अंदर की जरूरतें एक जैसी ही हैं। हम सभी खुश रहने चाहते हैं और सुकून से अपने ज़िन्दगी बिताना चाहते हैं।

अंदर की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें ईगो के जाल में उलझना छोड़ना होगा। आपको ये जानना होगा कि सोच में होने और होश में होने में बहुत अंतर है। अगर आप होश में हैं तो आप वर्तमान में रहेंगे, लेकिन अगर आप सोच में हैं तो आप या तो भविष्य के बारे में सोच रहे हैं या भूत के बारे में।

आप के पास जो भी है आप उसे स्वीकार कीजिये और इस पल का पूरा आनंद उठाइये।

A New Earth Book Summary in Hindi

 हर कोई चाहता है कि वो रोज़ की परेशानियों को किसी बक्से में बंद कर के ताला मार दे। लेकिन सिर्फ कुछ लोग ही ऐसा कर पाते हैं। आईये देखें कि आप किस तरह अपनी इन परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

 सबसे पहले तो आपको वर्तमान में रहना सीखना होगा। अगर आप वर्तमान में रहते हैं तो आप अपने आप ही खुश रहेंगे। वर्तमान में रहने का मतलब है आपके पास जो कुछ भी है उसे स्वीकार कीजिये। अगर आप हमेशा किसी चीज़ की शिकायत करते रहेंगे तो आप हमेशा ही कुछ न कुछ पाने के लिए परेशान रहेंगे और वर्तमान में नहीं जी पाएंगे।

 आपको जिस भी चीज़ में खुशी मिलती है आप वो कीजिये, भले की वो दूसरों के हिसाब से मज़ेदार न हो। आप अपने आप को हर माहौल का आनंद लेने के लायक बनाइये जिससे आप हमेशा खुश रह सकें। लेकिन फिर भी अगर आप जो कर रहे हैं उसमें आपको खुशी नहीं मिल रही तो आप वो काम छोड़ दीजिए।

 आप हमेशा अपने आप को होश में रखिये। चिंता होना आम बात है। आप बस उस चिंता को बगल में रखकर वर्तमान पर फोकस कीजिये। आप जितना ज़्यादा वर्तमान में रहेंगे आपके स्वीकार करने की क्षमता उतनी ही बढ़ेगी।

Conclusion

 आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम इतने उलझे हुए हैं कि हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गलत रास्तों को अपना रहे हैं। इसलिए आज दुनिया में हिंसा बढ़ी जा रही है। इन सभी की शुरुआत ईगो से ही होती है। हमारा ईगो हमें हमेशा दूसरों से बेहतर बनने की उत्सुकता रहती है। इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने ईगो से छुटकारा पाएँ।

 तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह बुक समरी कैसा लगा और इस बुक समरी से आपने क्या सिखा मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये और इस बुक समरी को अपने दोस्तों के साथ share जरूर करें।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

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