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Anne Frank की 15 साल की उम्र में ही दम तोड़ देने की कहानी

कहानी2 years ago8 Views

क्या Anne Frank को जानते हैं? क्या आपने कभी उनके बारे में पढ़ी है? उन्होंने कैसे डायरी लिखना शुरू किया और क्यूँ एनी ने छोटी सी उम्र में जीवन त्याग दिए? अगर आप Anne Frank के बारे में नहीं जानते है तो यह छोटी सी पोस्ट पढ़िए।

क्या आपने 10वीं कक्षा में The Diary Of A Young Girl नाम की बुक को पढ़ी है? उस बुक में एक छोटी सी बच्ची और उसके डायरी के बारे में लिखा था। वह डायरी 15 साल की एनी फ्रेंक नाम की एक छोटी बच्ची ने लिखी थी।

25 जून के दिन एनी फ्रैंक की डायरी की एनिवर्सरी मनाये जाते हैं।

एनी फ्रैंक 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट नाम के शहर में एक यहूदि परिवार में पैदा हुई थी। यह वह दौर था जब हिटलर और उनकी पार्टी को अधिक से अधिक समर्थक मिल रहे थे।

हिटलर यहूदियों से नफरत करता था और उन्हें देश की समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराता था। यहूदियों की नफरत और खराब आर्थिक स्थिति की वजह से ऐनी के माता-पिता ने एम्स्टर्डम जाने का फैसला लिया।

ऐनी की बहन मार्गोट उससे तीन साल बड़ी थी। एनी फ्रैंक बचपन से ही एक लेखिका बनना चाहती थीं लेकिन वो सपना जिन्दा रहते पूरा नहीं हो पाया। एनी फ्रैंक के मौत के बाद ही उनकी लेखिका बनने की पूरा हो पाया।

1 सितंबर 1939 को, जब ऐनी फ्रैंक 10 वर्ष की थी, नाज़ी जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण किया, और इसी वजह से द्वितीय विश्व युद्ध आरम्भ हुआ।

एनी फ्रैंक 1942 में नीदरलैंड के कब्जे के दौरान नाजियों से छिप गए थे। दो साल बाद ही उसे खोजा गया था।

नाजियों ने नीदरलैंड पर भी आक्रमण किया। पांच दिन बाद, डच सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। धीरे-धीरे नाजियों ने कानून को सख्त कर दिया, जिससे यहूदियों का जीवन और कठिन हो गया।

ऐनी के साथ सभी यहूदी बच्चों को अलग यहूदी स्कूलों में जाना पड़ा।

उनके पिता का बिज़नेस भी बंद हो गया।

उसके तेरहवें जन्मदिन पर, उनके छिपने से ठीक पहले, ऐनी को एक डायरी भेंट की गई।

जब वे सीक्रेट जगह पर आये तो वहां पर ही वे डायरी लिखने की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने अपनी डायरी का नाम किट्टी रखा।

उन्होंने अपने सीक्रेट जगह के हर क्षण को अपने डायरी के साथ ही बिताया, और साथ ही नाजियों के अत्याचार के बारे में भी अपनी डायरी में जगह दिया।

ऐनी ने अपने डायरी में वहां घटी में घटनाओं के बारे में लिखा, और अपनी भावनाओं और विचारों के बारे में भी लिखा।

4 अगस्त 1944 में उन्हें और उनके साथिओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की छापेमारी का कारण आज तक पता नहीं चल पाया है।

गिरफ्तारी के बाद एनी और उनके परिवार को एक डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया। उस सेंटर में उनके साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं।

कुछ समय में ही डिटेंशन सेंटर में भयंकर बीमारियां फैलने के कारण छोटी सी एनी सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में दम तोड़ दिया।

एनी के मरने के बाद उनके पिता ने एनी की लिखी हुई डायरी को छपवाकर उनके लेखक बनने के सपने को साकार किया।

2 Comments

(Hide Comments)
  • Deepu Raj

    August 20, 2022 / at 2:21 pmsvgReply

    भाई आपने अपनी साईट में ऐनी फ्रैंक के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी दी है.

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