The Joys of Compounding Book Summary in Hindi

कंपाऊंडिंग एक पावरफुल कॉन्सेप्ट है जो आप अपनी नॉलेज को बढ़ाने, खुद को इम्प्रूव करने और वेल्थ बिल्ड करने के लिए यूज़ कर सकते हैं। रोज़ के कुछ पेज पढ़कर आप साल में कईं बुक्स पढ़ सकते हैं। रोज़ तीस मिनट का एक्सरसाइज़ आपके हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। सालों साल इंवेस्ट करते … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 19) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 19: शुकदेव गोस्वामी का प्रकट होना) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : घर लौटाते हुए राजा (महाराज परीक्षित) ने अनुभव किया कि उन्होंने निर्दोष तथा शक्तिमान ब्राह्मण के प्रति अत्यन्त जघन्य तथा अशिष्ट व्यवहार किया है। फलस्वरूप वे अत्यन्त उद्विग्न थे। श्लोक 2: [राजा परीक्षित … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 18) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 18: ब्राह्मण बालक द्वारा महाराज परीक्षित को श्राप) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् श्रीकृष्ण अद्भुत कार्य करनेवाले हैं। उनकी कृपा से महाराज परीक्षित द्रोणपुत्र के अस्त्र द्वारा अपनी माता के गर्भ में ही प्रहार किये जाने पर भी जलाये नहीं जा सके। श्लोक … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 17) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 17: कलि को दण्ड तथा पुरस्कार) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : उस स्थान पर पहुँचकर महाराज परीक्षित ने देखा कि एक नीच जाति का शूद्र, राजा का वेश बनाये, एक गाय तथा एक बैल को लट्ठ से पीट रहा था, मानो उनका कोई स्वामी न … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 16) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 16: परीक्षित ने कलियुग का सत्कार किस तरह किया) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : हे विद्वान ब्राह्मणों, तब महाराज परीक्षित श्रेष्ठ द्विज ब्राह्मणों के आदेशों के अनुसार महान् भगवद्भक्त के रूप में संसार पर राज्य करने लगे। उन्होंने उन महान् गुणों के द्वारा शासन चलाया, … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 15) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 15: पाण्डवों की सामयिक निवृत्ति) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् कृष्ण का विख्यात मित्र अर्जुन, महाराज युधिष्ठिर की सशंकित जिज्ञासाओं के अतिरिक्त भी, कृष्ण के वियोग की प्रबल अनुभूति के कारण शोक- संतप्त था। श्लोक 2: शोक से अर्जुन का मुँह तथा कमल-सदृश हृदय … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 14) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 14: भगवान् श्रीकृष्ण का अन्तर्धान होना) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : भगवान् श्रीकृष्ण तथा अन्य मित्रों को मिलने तथा भगवान् से उनके अगले कार्यकलापों के विषय में जानने के लिए अर्जुन द्वारका गये। श्लोक 2: कुछ मास बीत गये, किन्तु अर्जुन वापस नहीं लौटे। … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 13) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 13: धृतराष्ट्र द्वारा गृह-त्याग) श्लोक 1: श्री सूत गोस्वामी ने कहा : तीर्थयात्रा करते हुए विदुर ने महर्षि मैत्रेय से आत्मा की गति का ज्ञान प्राप्त किया और फिर वे हस्तिनापुर लौट आये। वे अपेक्षानुसार इस विषय में पारंगत हो गये। श्लोक 2: विविध प्रश्न पूछने के … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 12) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 12: सम्राट परीक्षित का जन्म) श्लोक 1: शौनक मुनि ने कहा : महाराज परीक्षित की माता उत्तरा का गर्भ अश्वत्थामा द्वारा छोड़े गये अत्यन्त भयंकर तथा अजेय ब्रह्मास्त्र द्वारा विनष्ट कर दिया गया, लेकिन परमेश्वर ने महाराज परीक्षित को बचा लिया। श्लोक 2: अत्यन्त बुद्धिमान तथा महान् … Read more

श्रीमद् भागवत महापुराण (स्कन्ध 1-अध्याय 11) | Shrimad Bhagavatam Hindi

श्रीमद् भागवत महापुराण – स्कन्ध 1: सृष्टि (अध्याय 11: भगवान् श्रीकृष्ण का द्वारका में प्रवेश) श्लोक 1: सूत गोस्वामी ने कहा : आनर्तों के देश के नाम से विख्यात अपनी अत्यन्त समृद्ध राजनगरी (द्वारका) के निकट पहुँच कर, भगवान् ने अपना आगमन उद्घोषित करने तथा निवासियों की निराशा को शांत करने के लिए अपना शुभ … Read more