Consistent कैसे रहे? | How to Be Consistent?

Consistent कैसे रहे? – Hello दोस्तों, जब भी हम मोटिवेटेड फील करते हैं और हमारे में कुछ कर दिखाने का जोश और जूनून बहुत ज्यादा होता है, तब हम अपना goal बनाते हैं और उस पर काम करना शुरू कर देते हैं। पहले कुछ दिन तो बहुत प्रोडक्टिव जाते हैं और हम अपना काफी सारा काम पूरा भी कर लेते है।

लेकिन धीरे धीरे वो दिन आने लगते हैं जब हमारा काम करने का मन नहीं करता, हम धीरे धीरे करके काम से दूर हो जाते है, और देखते ही देखते ही हमारी कंसिस्टेंसी भी टूट जाती है और हम फिर से वही पहुँच जाते हैं जहाँ से हमने शुरू करा था, हममें से 99% लोग ऐसे ही जिंदगी जीते हैं।

थोड़े से समय की मोटिवेशन, थोड़ी सी मेहनत और फिर वापस से वही पुराणी आदतों पे आ जाते हैं। यही रीज़न है क्यूँ हमें कंसिस्टेंट रहना आना चाहिए। अगर सक्सेसफुल बनने का एक सीक्रेट ऐसा है जो टैलेंट और हर दूसरे एडवांटेज को पीछे छोड़ सकता है तो वो कंसिस्टेंसी ही है।

Consistent कैसे रहे?

मोटिवेशन आपको काम को शुरू करने का धक्का देती है लेकिन descipline आपको काम करते रहने की ताकत देता है, इसे बोलते है “The Law of Consistency” – John Maxwell

ये मैटर नहीं करता है कि आप कितने टैलेंटेड हो, और ना ही ये, कि आपको कितनी opportunities मिली। अगर आप ग्रो करना चाहते हो, और खुद की किस्मत को बदलना चाहते हो, तो कंसिस्टेंट रहो। – John Maxwell

इसका मतलब यही है कि हमें अपना ध्यान कंसिस्टेंट रहने पर नहीं बल्कि अपने अंदर डिसिप्लिन बिल्ड करने पर होना चाहिए।

क्यूंकि एक डिसिप्लिन इंसान खुद ही हर वो चीज को करता है जो जरुरी है।

डिसिप्लिन होने का मतलब है कि आप अपने काम को हर हाल में पूरा करते हो चाहे उसको आपको करने का मूड ना भी हो तब भी।

एक्साम्प्ल के लिए मान लीजिये आपने एक बॉडीबिल्डर को देखकर पूरा मोटिवेटेड हो गए और आपने ठान लिया कि आपको भी बॉडीबिल्डर बनना है, या फिर आपको भी Gym में जाकर बॉडी बनाना है।

और आप Gym में जाते भी हो, लेकिन एक-दो महीने के बाद आपकी मोटिवेशन खत्म और आप Gym जाना बंद कर देते है। लेकिन डिसिप्लिन ऐसा होना चाहिए कि चाहे आप किसी दिन Gym में जाकर एक्सरसाइज ना भी करो लेकिन आपको Gym जाना है हर दिन और वहां पर एक घंटा बिताना है।

ऐसा करने पर आप थोड़ी एक्सरसाइज कर ही लोगे। और आपकी डिसिप्लिन यानी कंसिस्टेंसी भी बनी रहेगी।

और यही चीज आपको एक दिन सक्सेस दिलाता है। आप क्वालिटी टाइम बिताओ specially उन दिनों पर भी जिन दिनों पर आपका काम करने का बिलकुल मन नहीं करता। क्यूंकि यही चीज आपको दूसरों से अलग बनाएगी।

जहाँ दूसरे लोग एक पॉइंट के बाद काफी कम्फ़र्टेबल होकर बैठ जाते हैं वही आपके आगे एक goal होता है जो आपको अपनी तरफ खींचता है और आपके पीछे अपनी पोटेंशियल को ना अचीव करने का डर, आपको उससे दूर अपने गोल की तरफ भागने के लिए मोटीवेट करता है।

दुनिया के सबसे बड़े साइको बायोलॉजिस्ट में से एक Jaak Panksepp ने अपनी एक रिसर्च में ऑब्ज़र्व करा कि चूहों के दिमाग में मजूद मोटिवेशन सर्किट कब सबसे ज्यादा एक्टिवेट होते हैं। क्यूंकि हमारे दिमाग की फाउंडेशन भी अनिमालिस्टिक सर्किटरी से बनी है तो दूसरे जानवरों की बिहैवियर को स्टडी करने से हम खुद के बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल बेहवियर्स के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।

तो उन्होंने देखा कि जब एक भूखा चूहा कुछ खाने का ढूंढ रहा होता है तब साइंटिस्ट उसकी पूंछ पर एक स्प्रिंग लगाकर ये measure कर सकते हैं कि वो उस फिक्स्ड स्प्रिंग को कितनी फाॅर्स के साथ खींचता है।

जितनी ज्यादा फाॅर्स होगी उतनी ही ज्यादा उस चूहे के अंदर अपने गोल तक पहुँचने की मोटिवेशन होगी और normally एक भूखे चूहे एक सर्टेन मोटिवेशनल फाॅर्स दिखाते है, लेकिन जब साइंटिस्ट उस एनवायरनमेंट में बिल्ली की फैला देते हैं, तब चूहा डर जाता है और वो उस एनवायरनमेंट से जल्दी से जल्दी बाहर निकलना चाहते हैं।

यहाँ हमारे लिए इंटरेस्टिंग बात ये है कि चूहा डरने के बाद और मोटिवेटेड फील करता है और वो उस स्प्रिंग को और तेजी से खींचता है ताकि वो अपने खाने के पास और जल्दी पहुँच सके। और अपना पेट भरने के साथ साथ अपनी जान भी बचा सके।

इसका मतलब Consistent रहने और हमेशा मोटिवेटेड रहने और Discipline रहने का Secret यही है कि आप अपनी प्रेजेंट सीटुएशन्स से बाहर निकलना चाहते हो और एक बड़ा गोल, जिसके बारे में सोचते ही आप इमोशनल हो जाते हो, आप उसकी तरफ बढ़ना चाहते हो।

जब आप इस ढंग से समझ लेते हो तब आपके लिए हर काम को करना बहुत इजी बन जाता है। क्यूंकि आपको उसके आलावा कुछ दीखता ही नहीं है, आपको पता है कि आपके पास अपनी लाइफ को बेहतर बनाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और आप कुछ भी करके अपने गोल तक पहुँचते हो।

यही कहानी होती है हर उस इंसान की जो एकदम जीरो से स्टार्ट करता है, वो अपनी प्रेजेंट सिचुएशन से खुश नहीं होता, तो वो उससे बाहर निकलने के लिए मेहनत करना शुरू कर देता है, उसके मन में एक सपना होता है, जो उसके दिल में इस आग को जगाये रखता है और हाथ-पैर मारने और स्ट्रगल करने के कुछ समय बाद वो सितारों के बीच खड़ा होता है।

हमे भी हमेशा मोटिवेटेड और कंसिस्टेंट रहने के लिए उस डरे हुए चूहे की तरह एक्ट करना चाहिए। यही वो पॉइंट होता है जहाँ आपकी मोटिवेशन पीक करती है।

जबकि वो लोग जो इतने हार्ड वर्किंग नहीं होते वो थोड़ा बहुत अचीव करने के बाद ढीले पर जाते है या वो कंसिस्टेंट नहीं रह पाते और एक्सक्यूसेस बनाते है, वो उस चूहे की तरह होते हैं, जिसे लगता है कि उसे अपना गोल यानी खाना मिल चूका है और वो अब बिल्ली यानी किसी भी तरह की डेंजर से दूर एक सेफ एनवायरनमेंट में आ चूका है।

जो लोग ये सोचते है की वो फेलियर से डरते है वो गलत है, वो असल में सक्सेस से डरते है, क्यूंकि अगर आप सच में फेलियर से डरते तो आप अभी तक बहुत सक्सेसफुल बन गए होते, लोग जिस चीज से डरते है वो उससे कोसो दूर रहना चाहते है  – Barbara Sher

Conclusion

तो दोस्तों मेरा रिकमेन्डेशन यही है की यदि आप कुछ भी गोल बना लेते है तो चाहे आपका मोटिवेशन खत्म हो जाये फिर भी बिना मन के भी उस काम को करते रहिये।

चाहे आप एक दिन में सिर्फ एक घंटा या कुछ ही मिनट्स ही उस काम को करो, लेकिन करो हर दिन।

मतलब चाहे आप demotivated हो, लेकिन Discipline को बनाये रखो।

Discipline मतलब जो आपने ठान लिया है उसको हर हाल में करना ही है। मतलब Gym जाना है तो जाना है, चाहे gym जाके कुछ भी करो ही मत, लेकिन जाना जरूर है।

आपने इस आर्टिकल से क्या सीखा और इम्प्लीमेंट किया मुझे नीचे कमेंट में जरूर बताये।

आपको ये आर्टिकल कैसा लगा और आपको इससे क्या हेल्प मिला मुझे जरूर बताये।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

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