Factory VS Industry VS Company – Hello दोस्तों, Business से रिलेटेड बहुत से words हम अक्सर सुना करते हैं और ये वर्ड्स इतने कॉमन होते हैं की इनकी बीच का डिफरेंस हम आसानी से समझ ही नहीं पाते और अक्सर कंफ्यूज बने रहते हैं।
ऐसे ही कुछ वर्ड्स है Factory, Industry और Company. दोस्तों इसलिए आज हम आपको बताएँगे की इन वर्ड्स में डिफरेंस क्या क्या है और इसकी डेफिनिशन क्या है।
तो बिना देरी के चलिए शुरू करते हैं –
Factory को मैन्युफैक्चरिंग प्लांट या प्रोडक्शन प्लांट भी कहा जाता है, जो एक इंडस्ट्रियल साइट होती है। ये अक्सर कॉम्प्लेक्स होता है, जिसपे बहुत सारी बिल्डिंग्स होती है और जिनमें machinery लगी होती है।
यहाँ बहुत सारे वर्कर्स होते है जो प्रोडक्ट्स manufacture करते हैं। और मशीन्स को ऑपरेट करते हैं।
फैक्ट्रीज मॉडर्न इकोनॉमिक्स प्रोडक्शन का एक मेजर पार्ट है, क्यूंकि पूरी दुनिया में प्रोडक्ट्स फैक्ट्रीज में ही क्रिएट और प्रॉसेस किये जाते हैं।
ये ऐसी बिल्डिंग्स होती है जहाँ पर वर्कर्स मशीन्स का यूज़ करके ऐसी चीजें बनाते हैं, जिन्हें बेचा जा सके।
बहुत सी फैक्ट्रीज में मशीनो (रोबोट) के जरिये भी पूरा काम किया जाता है।
आजकल जो मॉडर्न फैक्ट्रीज होती हैं उनमें बड़े स्टोर रूम्स यानी वेअरहॉउस होते हैं, जिनमें मैन्युफैक्चरिंग रिलेटेड हैवी टूल्स और इक्विपमेंट्स को रखा जाता है।
फैक्ट्रीज किसी और जगह के सामान की सप्लाई ले सकती है और उस Raw मैटेरियल्स से बना सकती है।
हर Industry के प्रोडक्ट्स फैक्ट्री में ही तैयार होते हैं और ऐसे ही कुछ फैक्ट्रीज हैं –
ये फैक्ट्रीज हमेशा से एक्सिस्ट नहीं करती थी, बल्कि इंडस्ट्रियल रेवोलुशन के टाइम में फैक्ट्री सिस्टम शुरू किया गया।
इस सिस्टम की शुरू होने से पहले प्रोडक्ट्स तैयार करने का काम या तो घर पर किया जाता था या फिर छोटी सी वर्कशॉप में।
लेकिन फैक्ट्री सिस्टम शुरू होने के बाद बहुत बड़े लेवल पर प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए powered machinery, centralized workplace, unskilled workers और labour division का यूज़ किया गया।
Industry हमारे इकॉनमी का ऐसा पर्टिकुलर सेक्टर होता है जो या तो Goods की मैन्युफैक्चरिंग में इन्वॉल्व होता है या फिर सर्विसेज प्रोवाइड कराते हैं।
इंडस्ट्री ऐसी कम्पनीज का एक ग्रुप है जो अपने प्राइमरी बिज़नेस एक्टिविटीज में सिमिलर होते हैं।
ऐसे ही कुछ इंडस्ट्रीज हैं –
फैक्ट्री एक ऐसी साइट या लोकेशन है जहाँ बिज़नेस का मेकिंग प्रोसीजर होता है। | जबकि इंडस्ट्री ऐसी businesses का कलेक्शन होता है जो same मटेरियल या सर्विस प्रोवाइड कराते हैं। |
फैक्ट्री इंडस्ट्री का एक पार्ट होती है। | जबकी इंडस्ट्री का एरिया बहुत ही वाइड होता है, जिसमें बहुत सारे फैक्ट्रीज होते हैं। |
फैक्ट्री को मिलने वाला स्कोप इंडस्ट्री से काफी कम होता है, फैक्ट्रीज के जरिए इकॉनमी में प्रोग्रेस होती है। | इंडस्ट्री इकोनॉमिक प्रोग्रेस के लिए फैक्ट्री का यूज़ करती है, और उस कंट्री के लोगों की लिविंग स्टैंडर्ड्स को बेहतर बनाने में हेल्प भी करती है। |
फैक्ट्री सिर्फ प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन से रिलेटेड होती है। | जबकि इंडस्ट्री के मामले में प्रोडक्शन और सर्विसेज दोनों शामिल होते हैं। |
कंपनी ऐसे इंडिविजुअल से बनी होती है, जो उस कंपनी के Aims और Objectives को पूरा करने के लिए साथ में काम करते हैं।
कंपनी बहुत तरह की हो सकते हैं जैसे –
कंपनी के डिफरेंट फॉर्म्स उसके रजिस्ट्रेशन और structure पर डिपेंड करते हैं।
Law में कंपनी को एक Individual माना जाता है, जैसे Axis बैंक, Infosys, Tata Steel, Tech Mahindra etc. ये सभी कम्पनीज के ही examples है।
कंपनी इंडस्ट्री का ही एक पार्ट है। | एक इंडस्ट्री में बहुत सारी कंपनियां शामिल होती है। जो सिमिलर प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए इन्वॉल्व होती है। |
कंपनी छोटी-बड़ी होती है, जोकि अपने आपमें कम्पलीट नहीं होते है। | इंडस्ट्री अपने आपमें कम्पलीट होती है और इंडस्ट्री हमेशा कंपनी से बड़ी होती है। |
फैक्ट्री ऐसी फैसिलिटी है जहाँ पर प्रोडक्ट्स बनाये जाते है और प्रोसेस किये जाते हैं। | कंपनी इंडिवीडुअल्स का एक accociation या कलेक्शन है। |
तो दोस्तों आपको समझ में आ गया होगा की Factory, Industry and Company में क्या अंतर है।
तो अब आपको इनमें कौनसे इंडस्ट्री में स्टार्टअप करना है मुझे जरूर बताये।
तो आपको आज का हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा ?
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