जादुई चश्मा

किसी गांव में एक गरीब किसान अपने परिवार के रहता था। किसान के परिवार में उसकी पत्नी कमला और बेटा राधे, उसके साथ ही रहते थे। किसान दिन-रात मेहनत करके किसी तरह अपने परिवार का गुजारा करता था।

एक दिन किसान ने अपने बेटे राधे से कहा – “बेटा राधे तुम्हारी माँ बाजार गयी है, और मैं खेतो में बीज बोने जा रहा हूँ, इसलिए तुम घर पर ही रहना, क्यूंकि गांव में बहुत चोरिया हो रही है”

राधे – “ठीक है पिताजी, आप निश्चिंत हो कर जाइये, मैं कही नहीं जाऊंगा”

किसान ने खेत पहुँच कर वहां खेत की काम करने लगा, मतलब खेत की खुदाई शुरू कर दी।

तभी उसे फावड़े के किसी धातु से टकराने की आवाज सुनाई दी।

उसने मिट्टी हटा कर देखा, तो उसे एक चमकता हुआ डिब्बा दिखाई दिया।

किसान ने उस डिब्बे को बाहर निकालके देखा। और सोचने लगा – “मुझे ऐसा लगता है, इसमें जरूर कोई खजाना होगा”

यह सोचकर जैसेही डिब्बे को खोल कर देखा तो वे उदास हो गया।

और बोलने लगा – “हे भगवान, ये तो बस एक बेकार सा चश्मा है, मेरी किस्मत ही ख़राब है”

यह सोचकर किसान उस चश्मे को वही पर छोड़ दिया और अपना काम करने लगा।

थोड़ी देर बाद राधे वहां आया। और राधे अपने पिताजी को बोले – “पिताजी आप कुछ देर आराम कर लीजिये, तब तक मैं खेत के रखवाली कर लेता हूँ”

किसान ने बोला – “ठीक है बेटा, पर जरा ध्यान से, आजकल जंगली जानवर खेत में कभी भी आ जाते है”

किसान वही पर पेड़ के नीचे आराम करने लगा।

आराम करते करते वो सोचने लगा – “क्यों न इस चश्मे को लगा कर देखा जाये, कमसे कम मुझे इस धुप से तो आराम मिलेगा”

किसान ने चश्मा लगा कर अपने बेटे की तरफ देखा और उसे कुछ जंगली जानवर अपने बेटे पर हमला करते हुए नजर आये। उसने जल्दी से चश्मा उतार दिया। और ये सोचने लगा – “अरे अरे, ये अचनाक मुझे क्या हो गया था ! ये सब क्या था ! मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया !

इसलिए किसान ने दुबारा चश्मा लगाया और दूसरी बार भी उसे वही दिखा जो उन्होंने पहले देखा था।

किसान को तब समझ आगया की ये कोई साधारण चश्मा नहीं, बल्कि जादुई चश्मा है।

किसान ने जल्दी से राधे के पास गया और बोला – “बेटा राधे, तुम जल्दी घर जाओ, यहाँ सारा काम मैं खुद ही कर लूंगा” और किसान इतनी घबराहट में अपने बेटे को ये बात बोला था की वो देख कर राधे ने उनसे पूछा – “क्या हुआ है पिताजी, मैं तो अभी घर से आया हूँ, माँ भी घर में है, तो फिर आप मुझसे जाने को क्यों कह रहे है ?”

किसान ने बोला – “कल से खेत का सारा काम तुम्हे ही तो करना है, इसलिए आज तुम सिर्फ आराम करो”

ये सुनकर राधे घर चला गया।

किसान को समझ आगया की ये कोई साधारण चश्मा नहीं, बल्कि ये बहुत शक्तिशाली जादुई चश्मा है, जिसे पहनकर वो सबका निकट भविष्य देख सकता है।

किसान बहुत खुश हुआ, और मन ही मन बोला – “अरे वाह ! अब तो मैं पुरे गांव का भविष्य देख सकता हूँ ! क्यों न मैं लोगो का भला करने के लिए इस चश्मे का इस्तेमाल करूँ !

किसान खेत का काम छोड़ कर गांव में घूमने निकल गया।

वे गांव के लोगो का भविष्य देखता और उन्हें ऐसा कोई काम करने नहीं देता, जिसे उन्हें कोई नुकसान हो।

गांव के सभी लोग उसके बहुत तारीफ करने लगे।

एक दिन उसे अपने पुराना दोस्त ललन मिला।

और वे सोचने लगा की – “क्यों न मैं ललन का भविष्य देखु”

किसान चश्मा लगा कर ललन को देखने लगा, और उसने देखा की ललन को एक व्यापारी बहुत सारा धन देने वाला है।

इतना देखते ही किसान के मन में लालच आगया और उसने आधा भविष्य देख कर ही चश्मा निकाल दिया।

और उसके मन बुरे विचार आने लगे – “क्यों न मैं ललन को उसके रास्ते से भटका कर खुद ही उस व्यापारी से सारा धन ले लूँ”

ये सोचकर किसान ललन के पास गया। और उससे बातचीत करने लगे।

किसान – “कैसे हो ललन भाई ! और इतनी जल्दी में कहाँ जा रहे हो ?”

ललन – “मैं ठीक हूँ, तुम कैसे हो ! बस जरा बाजार जा रहा था”

किसान – “बाजार ! लेकिन आज तो बाजार बंद है न भाई”

ललन – “बाजार बंद है, पर क्यों ?”

किसान – “मैं अभी बाजार से ही आरहा हूँ, आज वहां किसी व्यापारी की दुकान में आग लग गयी है, इसीलिए आज बाजार बंद है”

ललन – “अच्छा ! फिर तो आज बाजार जाना बेकार है”

यह बोलकर ललन अपने घर चला गया, और किसान पैसो के लालच में बाजार चला गया।

बाज़ार पहुंचने ही किसान को एक व्यापारी मित्र मिला, जिसने उसे पैसो से भरे एक बैग देते हुए कहा – “अरे भाई, अच्छा हुआ की तुम मिल गए, क्या तुम मेरा ये बैग तुम्हारे पास रख सकते हो, क्यूंकि मैं कुछ दिन के लिए दूर विदेश जा रहा हूँ, और मैं ऐसे ही किसी पे भरोषा नहीं कर सकता, तो क्या मेरे वापस आने तक मेरे बैग का ध्यान रख लोगे !”

किसान ने सोचा – “अरे वाह! मैं इस बैग को लेकर बहुत अमीर हो जाऊंगा और व्यापारी मित्र के वापस आने तक अपना घर भी बदल दूंगा, और व्यापारी मित्र मुझे दुबारा कभी भी धुंध नहीं पायेगा”

ऐसा सोचके किसान ने अपने व्यापारी मित्र से कहा – “अरे भाई, तुम निचिंत हो कर विदेश जाओ, मैं इस बैग का अच्छे से ध्यान रखूँगा”

ये कहते हुए किसान ने व्यापारी मित्र से बैग ले लिया और व्यापारी वहां से चला गया।

तभी वहां भागते हुए एक और व्यापारी आया और किसान को जोड़ से पकड़ कर बोला – “तुमने मेरा बैग चुराया, अब तुम्हारी खेर नहीं”

व्यापारी ने किसान को बहुत मारा और इसी बीच वो चश्मा भी टूट गया।

वो व्यापारी किसान को बोलने का मौका दिए बिना ही उस बैग को अपने साथ लेकर चला गया।

अब वो किसान को समझ आगया की वे पैसो से भरा बैग चोरी का था और उसके मित्रो ने उसे धोका दिया था।

किसान को अपने किये पर बहुत पछतावा हुआ।

और वो कहने लगा – “ये सब कुछ ये जादुई चश्मा के कारण हुआ है, अगर मैं इस चश्मे से भविष्य न देखता, तो मेरे मन में कभी लालच नहीं आता और न ही मैं इन सब चीजों में फसता”

तो दोस्तों इस कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती है – “हमे कभी भी किसी भी चीज का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।”

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