जो पाना चाहते है वो कैसे मिले – Hello दोस्तों, अक्सर लोगो को कहते सुना है की जो हम जिंदगी में पाना चाहते है वो हमे कभी नहीं मिला। हमने जब जिसकी चाहत की वो हमे कभी हासिल नहीं हुआ। जिस चीज को, जिस सपने को, जिस इंसान को हम अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा पाने की चाहत रखते है वही हमे नहीं मिला। तो दोस्तों ऐसा हमारे साथ इसलिए होता है क्यूंकि जो हमारी जिंदगी में हमको मिला है हम उसकी कदर नहीं कर रहे। जो हमने पाया है हम उसकी value नहीं करते। तो आज हम जानेंगे की जो भी आपका दिमाग सोच सकता है उसे हासिल कैसे और क्यों कर सकते है?
जो पाना चाहते है वो कैसे मिले?
दोस्तों जो हमे नहीं मिला उसके पीछे हम जिंदगी भर भागते रहते है और इसके चक्कर में जो हमारे पास है हमे वो भी नहीं दीखता। हम उसे भी गंवा देते है। जो चीज नहीं मिली उसके लिए रोने से अच्छा है जो चीज हमारे पास है हम उसकी कदर करना सीखे, हमे उसमे खुश होना सीखना होगा। ऐसा भी नहीं है की हमारे पास जो है हम उसमें ही खुशी ढूंढे तो हमे जीवन में और कुछ नहीं मिलेगा। अब आपको एक story बताता हूँ, ध्यान से पढ़ियेगा –
“एक आदमी अपनी जिंदगी से बहुत दुखी था। बहुत मेहनत भी करता था। उसने सोचा मैं कुछ पैसे जमा कर लूँ फिर अपने माता-पिता को तीर्थों की यात्रा कराऊंगा।
पैसा जमा करने में इतना समय हो गया की उसके माता-पिता का शरीर ही शांत हो गया। फिर उसने सोचा की मेरी पत्नी जो मेरे लिए इतना समर्पण करती है, जिसने सारी जिंदगी मेरा ख्याल रखा, उसे कुछ महंगा तौफा मैं gift के रूप में दूँ। पर हर महीने इतना खर्स हो जाता है की कुछ पैसा बचता ही नहीं। कभी सोचता हूँ की अपने परिवार को लेके विदेश घुमा कर लाऊँ। पर कोई भी इच्छा मेरी आज तक पूरी नहीं हुई।
एक दिन वो बहुत दुखी हो कर एक महात्मा के पास गया, उसने अपने जिंदगी के सारे दुःख उस महात्मा को बता दिया।
महात्मा ने कहा -“तू एक काम कर, ये जो सामने बगीचा है, इस बगीचे में बहुत सारे फूल है, और इन सबमें से जो तुझे सबसे अच्छा लगे, वो फूल मेरे पास लेके आ। पर शर्त ये है – जिन फूलों को छोड़ कर तू आगे निकल गया, वहां तू वापस पीछे नहीं आ सकता, तू सीधा सीधा इस बगीचे से निकल के मेरे पास इस बगीचे का सबसे सुन्दर सा फूल लेके आ।”
वो आदमी उस बगीचे के अंदर गया, उसने बहुत सारे सुन्दर सुन्दर फूल देखे, पर उसने सोचा आगे अभी और सुन्दर फूल होंगे। ऐसे धीरे धीरे वो आगे बढ़ता गया, पर आगे चलते चलते आखिरी में उसे मुरझाये हुए फूल दिखाई दिए। पर शर्त ये थी की वो वापस पीछे नहीं जा सकता था। आखिरी में उसने एक मुरझाया हुआ फूल ही लेकर महात्मा जी के पास आगया।
महात्मा ने उससे कहा की “पूरी बगीचा में तुझे ये सिर्फ मुरझाया हुआ फुल ही सबसे सुन्दर लगा, इससे सुन्दर तुझे कोई और फूल नहीं लगा।”
तो उसने कहा “मैंने बहुत सुन्दर फूल देखे, पर मैंने सोचा अभी मैं और आगे देखूँ, अभी मैं और आगे देखूँ, और इस चक्कर में वो सारे सुन्दर फूल पीछे रह गया।”
तो महात्मा ने कहा – “यही तेरी जिंदगी की कहानी है। जो सुन्दर लम्हे तेरी जिंदगी में आते है तू उन्हें छोड़ कर आगे ही देख रहा है, की ऐसा हो जाये तो मैं खुश होऊंगा, मुझे ये मिल जाये तो खुश हो जाऊंगा। तेरी खुशी आज में, इस पल में नहीं है, तुझे जो मिला है तू उसमे खुश नहीं है। अगर तुझे जो मिला है और तू उसमें खुश हो जाये तो तेरे सारे दुःख दूर हो जाये।”
तो दोस्तों ये कहानी हम सबकी भी है। हम भी उन्ही चीजों के लिए रोते रहते है, मरते रहते है जो हम हासिल नहीं कर पाते। पर जो हमारे पास होता है हम उसकी कभी कदर ही नहीं करते।
इतना सुन्दर जीवन हमको मिला है, हम उसकी कभी कदर ही नहीं करते। दोस्त याद रखना एक बात खुशियां कही आपका भविष्य में इंतज़ार नहीं कर रही है। खुशियां आज और इसी पल में है, बस जरुरत है उन्हें पहशानने की और उन्हें समझने की।
दोस्त मैं आपसे पूछता हूँ – क्या एक कुत्ता हाथी के बच्चे को जन्म दे सकता है? बिलकुल भी नहीं. एक कुत्ता अपने बच्चे को ही जन्म दे सकता है। लेकिन आपके दिमाग के लिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आप जो चाहे वह सोच सकते हैं और जो चाहे वो पा सकते हैं।
आपके दिमाग के सोचने की शक्ति अनलिमिटेड है। यह कुछ भी सोच सकता है और कुछ भी अचीव कर सकता है। अगर आप कुछ सोच रहे हैं लेकिन आपको लग रहा है कि ऐसा नहीं हो सकता तो आपको अपने बिलीफ़ सिस्टम को बदलने की जरूरत है। आप अपने बिलीफ़ सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा एक्सपोजर दीजिए और उसके लिए आप ऐसे लोगों की कहानियां पढ़ सकते हैं या वीडियो देख सकते हैं जिन्होंने इंपॉसिबल को भी पॉसिबल किया हो।
हमारे बिलीफ सिस्टम कैसा है?
अगर आपके दिमाग में आता है कि आपको 10000 कमाने है तो आप 10000 जरुर कमा सकते हैं। और अगर आपके दिमाग में 10 करोड़ आता है तो ये 10 करोड़ भी जरूर कमा के देता है, यहाँ अगर आपको कुछ चाहिए तो वो है अपने बिलीफ़ सिस्टम को मजबूत करना है। लेकिन आपका दिमाग वो सभी चीजें सोच सकता है जो वो चाहता है। किसी भी चीज़ के बारे में सोचो अपने दिल को समझाओ और वो चीज़ आपको मिल जाएगी। जो सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज़ वो है उस विचार को दिमाग में लाना।
नेपोलियन हिल ने एक किताब लिखा जिसका नाम था, “थिंक एंड ग्रो रिच” और वो खुद भी इस बात पर जोर देते हैं। आपको सिर्फ ये सोचने की जरूरत है की आपकी लाइफ़ अच्छे के लिए बदल सकती है और कुछ भी अचीव कर सकती है।
मुझे हमारे टीचर ने मुझे एक बहुत ही अच्छी बात सिखाई थी की, “अपने सपनों को आसमान की तरफ फेंको और अब अपने सपनों को कहो की वो आपको ऊपर की तरफ खींचे, हो सकता है की वहां तक न पहुँच पाए जहाँ तक आपके सपने हों लेकिन हाँ आप कम से कम थोड़ा सा ऊपर तो उठेंगे। तो अब आप थोड़ा ऊपर उठे और अपने सपनों तक पहुँच जाएँ।”
जितना बड़ा सोच सकते हैं सोचिये और ये भी सोचें की आप उन्हें पा सकते हैं।
हम हमेशा अपने सपनों के साथ समझौता करते हैं। क्यों है ना?
एक कैंडिडेट एक इंटरव्यू के लिए जाता है और कंपनी कहती है की आप किसी भी कीमत पर उन्हें चाहते हैं। वो कैंडिडेट जॉब ऑफर एक्सेप्ट करता है और बदले में 1 लाख की सैलरी की डिमांड करता है। कंपनी वाले उसको 60,000 रूपये देने की बात करते हैं। और आपको लगता है की अगले महीने उसे 1 लाख रूपये मिलेंगें? नहीं।
ठीक उसी तरह जब भी आप कुछ बड़ा सोचते हैं तो लोग आपको कम में सेटल करने की कोशिश करते हैं। तो आपको अपनी वैल्यू बढ़ानी है। ऐसा सबके साथ होता है, तो ऐसे में आपको खुश रहना है लेकिन संतुष्ट नहीं। अगर आप चाहते हैं आपको 1 लाख रूपए चाहिए और आप वैसे क्वालिटी काम कर सकते हैं तो आपको कभी उसके नीचे का ऑफर एक्सेप्ट ही नहीं करना चाहिए। तब लोग आपको वो देने के लिए तैयार हो जायेंगे। लेकिन आपको अपना 100% देना होगा अपने काम में।
जब आप कुछ बड़ा सोचेंगे या करना चाहेंगें तो आपके आस पास के लोग, आपके परिवार वाले यहाँ तक की आपका खुद का दिमाग आपको आगे बढ़ने से रोकेगा।
लोग बोलेंगे की जितना मिल रहा है उसी में खुश रहो। लोग आपको हतोत्साहित करेंगे – की ऐसा मत करो या वैसा मत करो। उनके पास पता नहीं कहाँ कहाँ के उदाहरण आ जायेंगें की एक आदमी ने ऐसा ही किया था तो उसके साथ ये हो गया या वो हो गया। उनको लगेगा की कहीं कुछ बड़ा करने के चक्कर में मेरा नुक्सान न हो जाए।
लेकिन मैं कहता हूँ की होना चाहिए। मैं भी अपनी लाइफ में फेल हुआ हूँ, लकिन उससे मैंने बहुत कुछ सीखा है और मैं लाइफ में आगे भी बढ़ा हूँ। मैं एक बार नहीं कई बार फेल हुआ हूँ अलग अलग फील्ड में, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और मैं प्रयास करता गया।
आज मेरे फॅमिली मेंबर्स एकदम दुसरे तरह से बात करते हैं क्यूंकी मैंने मेरे बारे में जो उनका बिलीफ़ सिस्टम था वो उनके अंदर से चेंज कर दिया है।
क्या लोगों के एक्सपीरियंस से हमें सीखना चाहिए?
आपको इतनी सी बात समझनी है की जो भी लोग सोचते या समझते हैं वो पूरा उनके एक्सपीरियंस के ऊपर आधारित होता है। हो सकता है की जो आप करना चाहते हैं उसकी कोशिश वो पहले कर चुके हों लेकिन असफल हो गए हों और इसीलिए आपको मना कर रहे हों। वो नहीं चाहते कि आप भी फेल हों और आपको बचाना चाहते हों। लेकिन इन सभी के चक्कर में आप भी कम्फर्ट जोन में चले जाते हैं, आप उस काम को करने की Risk लेने से डर जाते है और जब तक आप कम्फर्ट ज़ोन में हैं और आप risk लेने से डरेंगे तो आप कभी सक्सेसफुल नहीं बन सकते।
लोगों से ये सीखें कि कुछ लोग है जो बहुत ज्यादा सक्सेसफुल है, लेकिन हममें से ज्यादातर लोग फ़ैल क्यों हो जाते हैं और उसका कारण क्या है ? और दोनों से सीख कर आप अपने तरीके से उस काम को कीजिये जो नॉलेज और एक्सपीरियंस के बेसिस पर आपको लगता है की ये ठीक है।
खुद कि वैल्यू बढ़ाये
तो जो मने आपको इंटरव्यू वाली कहानी बताई, उसमें अगर कैंडिडेट 1 लाख रूपये से नीचे काम करने के लिए मना कर देता तो पॉसिबिल्टीज़ थीं की उसको और ज्यादा का ऑफर दिया जाता या फिर वो दूसरी जगह नौकरी देखता जहाँ उसे ज्यादा पैसा मिलता।
तो आपको खुद ही अपनी वैल्यू बढ़ानी है। आपको ध्यान रखना है की जो कुछ भी चीजें आपके माइंड में आती हैं आप वो सब कुछ कर सकते हैं। तो हमेशा ही बड़ा सोचिये और कभी काम के साथ समझौता मत कीजिये कि मैंने 1 लाख बोला और कंपनी ने सीधे 60000 का ऑफर दे दिया मैंने ऐसा सोचा तक नहीं था और मुझे ये ऑफर स्वीकार कर लेना चाहिए। हमेशा आपको बड़ा सोचना भी है और बड़ा करना भी है। आप जब कोम्प्रोमाईज़ करने को रेडी होंगे तब आप जीवन भर हर चीज के साथ कोम्प्रोमाईज़ ही करते रहेंगे। इसलिए आपको अपनी वैल्यू क्रिएट करनी है और आपकी वैल्यू दिन प्रतिदिन बढ़ाना भी है।
एक बात हमेशा ध्यान में रखना – आपको खुश हमेशा ही रहना है लेकिन संतुष्ट नहीं। हाँ आपके पास जो भी उसे संतुष्ट रहे लेकिन कुछ करना है तो अपनी लाइफ में तो करने में संतुष्ट नहीं होना है।