दुःखी कुत्ता
किसी गांव में एक कुत्ता रहता था। एक बार वहाँ अकाल पड़ने के कारण उसने दूसरी जगह जाने का निश्चय किया। नए शहर में जाकर उसे एक समृद्ध घर मिला। घर की मालकिन कभी भी घर का दरवाजा बंद नहीं करती थी। कुत्ता आराम से घर में घुसता, खाना लेता और जी भरकर खाता था। एक दिन वह घर से खाना खाकर बाहर आ रहा था तभी सड़क के कुत्तों ने उस पर हमला कर उसे घायल कर दिया। यहाँ उसका कोई भी अपना नहीं थी। उसे बहुत अकेलापन लगने लगा। वह दु:खी हो गया। अपने गांव को छोड़ने का उसे दुःख होने लगा। गांव में कोई उससे नहीं लड़ता था और न ही उसे इस तरह प्रतिदिन हाथ-पाँव मारना होता था। वह अपने घर वापस लौट गया। उसके मित्र और स्वजन उसे वापस लौटा देखकर बहुत प्रसन्न हुए।
सीख: अपने परिवार और मित्रों के बीच ही सुरक्षा मिलती है।
चतुर सियार
एक दिन एक सियार को जंगल में घूमते हुए एक मृत हाथी मिला। सियार हाथी देख खुश तो बहुत हुआ पर वह उसकी मोटी चमड़ी काट पाने में असमर्थ था। तभी एक शेर उधर से जा रहा था। सियार ने शेर से सहायता मांगी पर उसने मना कर दिया। उसी समय एक बाघ आया। सियार ने उससे कहा कि शेर ने हाथी को मार दिया था। बाघ डरकर भाग गया। फिर एक चीता आया। सियार ने कहा कि हाथी मारकर शेर स्नान करने गया था और उसने चीता को साथ में भोजन करने के लिए कहा था। ज्योंही चीता ने चमड़ी फाड़ी सियार ने कहा, “अरे भागो! शेर आ रहा है… ” चीता घबराकर भाग गया। तभी उधर घूमता हुआ एक दूसरा सियार आया। सियार ने सोचा, “अरे, इससे क्या डरना? वह तो मेरा संबंधी है, मैं उसे देख लूंगा।” सियार ने उस पर हमला कर उसे भगा दिया और फिर आराम से उसने जी भरकर मांस खाया।
सीख: अपने संसाधनों का पूरा उपयोग करना चाहिए।
बढ़ई और ऊँट
एक गरीब बढ़ई था। वह अपना भाग्य आजमाने दूसरी जगह जा रहा था। रास्ते में उसने एक ऊँटनी और उसका नवजात शिशु देखा। शिशु को जन्म देने के कारण ऊँटनी बहुत कमजोर हो गई थी। वह उन्हें घर ले आया और उसे खाना खिलाया। ऊँटनी स्वस्थ हो गई और शिशु बड़ा हो गया। बढ़ई ऊँटनी का दूध बेचकर तथा और ऊँट खरीदकर धनार्जन करने लगा। पति-पत्नी ने सुखभरा जीवन जीना प्रारम्भ कर दिया। ऊँट पास के खेतों तथा जंगलों में हरी घास चरने चले जाते थे। चरकर शाम को घर लौट आते थे। एक जवान ऊँट अकेला देर तक चरा करता था। साथी ऊँट साथ चलने को कहते पर वह अपनी ही जिद पर अड़ा रहता था। एक दिन अकेला घर लौटते समय वह रास्ता भूल गया। शाम ढलने लगी थी। वह घबरा गया। एक शेर अवसर की ताक में था। शेर ने उस पर हमला कर दिया।
सीख: अच्छी सलाह ठुकराकर हठ का फल बुरा होता है।
नासमझ गधा
एक धोबी के पास एक गधा और एक कुत्ता था। गधा खूब परिश्रम करता था और कुत्ता खाता और सोता था। फिर भी गधा कभी शिकायत नहीं करता था। एक रात एक चोर ने धोबी के अहाते में घुसने की चेष्टा करी । कुत्ता बेसबर सो रहा था। कुत्ते के पास बैठे गधे ने कुत्ते को जगाया, चोर से सावधान किया पर कुत्ते ने अनसुनी कर दी। गधे ने कई बार कुत्ते को बताया पर उसके कानों पर जूँ न रेंगी। वह करवट बदलकर चुपचाप सोता रहा। कोई उपाय न देखकर अपने मालिक को बचाने के लिए असहाय गधे ने जोर-जोर से रेंकना शुरु कर दिया। धोबी की नींद खुली। वह बाहर आया तो चोर झाड़ी में छिप गया। धोबी ने चारों ओर देखा पर उसे कुछ न दिखा। आधी रात में नींद खराब होने से उसे बहुत नाराजगी हुई और उसने गधे की खूब पिटाई कर दी।
सीख: अपने काम से काम रखना चाहिए।
साहसी स्त्री
एक जंगल में बहुत सारे बंदर रहते थे। जंगल के बाहर बने मंदिर में वे बंदर आते रहते थे। एक बार बंदरों ने मंदिर की घंटी चुरा ली। वे उससे खेलने लगे। उसकी तेज आवाज से उन्हें मजा आ रहा था। गांव के लोगों ने समझा कि जंगल के राक्षस ने घंटी चुरा लिया था। कोई उस घंटी को लाने के लिए या राक्षस का सामना करने के लिए राजी नहीं था। अंततः एक स्त्री जिसने बंदरों को घंटी से खेलते देखा था वहाँ जाने के लिए राजी हुई। एक टोकरी में उसने ढ़ेर सारा खाने का समान लिया और जंगल में जाकर उसने पेड़ के नीचे उन्हें रख दिया। बंदर घंटी लेकर नीचे आये और उन्हें खाने लगे। स्त्री ने अवसर देखकर चुपचाप घंटी उठाई और वापस आ गई। राजा के पास स्त्री के साहस भरे कार्य का समाचार पहुँचा। राजा ने उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा करी और उसे पुरस्कृत किया।
सीख: साहस और चतुराई से किसी भी समस्या का हल निकल जाता है।
चालाक शेर
किसी गुफा में एक शेर रहता था। एक दिन जब वह सो रहा था तब कहीं से एक चूहा घुस आया। वह सोए शेर पर उछला – कूदा करता था। शेर थोड़ा परेशान तो होता था पर कुछ कहता नहीं था। धीरे-धीरे चूहे की शरारत बढ़ने लगी। वह सोए शेर के कान में घुसता तो कभी-नाक में गुदगुदी करता शेर भी अपना धीरज खोने लगा। एक दिन शेर को एक बिल्ली मिली। शेर ने कहा, “मेरे साथ चलो, मै रोज तुम्हें अच्छा खाना दूंगा।” दोनों गुफा में आए। बिल्ली को देख चूहा डरकर छिप गया। किन्तु भूखा वह कब तक छिपा रहता। बाहर निकलते ही बिल्ली ने उसे धर दबोचा। शेर अत्यंत प्रसन्न हुआ क्योंकि उसकी समस्या स्वतः सुलझ गई थी। अब शेर ने बिल्ली को भोजन देना बंद कर दिया था। बिल्ली समझ गई कि वह शेर के द्वारा ठगी गई थी। वह चुपचाप वहाँ से चली गई।
सीख: अवसरवादियों से सावधान रहना चाहिए।