Hello दोस्तों, आज हम बात करेंगे हैबिट्स के बारे में, यानी हमारी अपनी आदत(Habits) बिल्डिंग के बारे में। तो देखिये ज्यादातर लोगो के पास कुछ अच्छी और कुछ बुरी और कुछ के बहुत ही बुरी आदतें होती है। तो क्या आप जानना चाहेंगे की ये अच्छी या बुरी आदतें हमारी जिंदगी को कैसे इम्पैक्ट करती है? और इनका क्या फायदा या नुकसान हमे होता है?
Habit (आदत) Building Tips
Habits क्या हैं?
तो हम शुरू करते हैं अपनी सुबह से !
अभी आपको सोचना है की आप सुबह जब उठते हैं तब सबसे पहला चीज आप क्या करते हैं ! याद कीजिये की आप सबसे पहले आंख खोलते ही अपनी स्मार्टफोन चेक करते हैं। आप अपना फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ईमेल, इंस्टाग्राम, यूट्यूब देखते हैं। आप अपने आप से पूछिए की ये सब आप क्यूँ देखते हैं ? रोज देखते हैं ?
इसके अलावा अगर आप रात में भी कभी उठते हैं तो सबसे पहले तो अपना फ़ोन ही देखते हैं। क्यूँ देखते हैं पता लगा कभी आपको ? क्यूंकि ये बार बार फ़ोन के नोटिफिकेशन चेक करना हमारी आदत (Habit) बन चुकी है।
अब हमारी फ़ोन देखने की आदत इतना बढ़ चूका है की हम बिना सोचे हुए भी बार बार फ़ोन देखते। और इसलिए इसको हैबिट या आदत भी बोलते हैं।
अब फ़ोन उठाते ही पहले हम सिर्फ एक चीज देखते हैं और एक चीज देखने के बाद हम उसमें ऐसे घुस जातें हैं की जैसे हमारे ऊपर किसी ने कोई कण्ट्रोल कर दिया हो।
उसके बाद क्या करते हैं, मतलब फ़ोन देखने के बाद। शायद चाय पीते हैं, शायद बाथरूम जाते हैं, शायद ब्रश करते हैं ! क्यूँ करते हैं ? वही रोज रोज उसी sequence (क्रम) पे। क्यूंकि वो भी एक हैबिट है। आप बिना सोचे बाथरूम जाते हैं, आप बिना सोचे ब्रश करते हैं etc. और वो अपने आप होता है। क्यूंकि वो एक हैबिट बन चूका है।
एक हैबिट जो जिंदगी भर से चली आ रही है।
फिर आप ऑफिस पहुँचते हैं, या अपना वर्क फ्रॉम होम करते हैं। तो तब क्या करते हैं – ईमेल, वो सिगरेट ब्रेक, लंच ब्रेक, खास दोस्त से बात, कोई स्पेशल गाने हर रोज सुनना।
तो हमारे पुरे दिन में हम कुछ ऐसी चीजें जो हर रोज करते हैं जिसका कोई फंडामेंटल रीज़न नहीं हैं, लेकिन हमने कभी इनको शुरू किया था और अब हम उन काम को ऐसे करते हैं जैसे ये हमारी जिंदगी का हमेशा से हिस्सा रह चूका हो।
वही हमारी Habits (आदत) है।
क्या आपको पता है की ये जो हमारे सारे हैबिट्स है वो सही नहीं होता है। और सारे हैबिट्स गलत भी नहीं होते हैं। लेकिन आपको ये जानना जरुरी है की हर एक हैबिट की एक जर्नी होती है। हर एक हैबिट कही से शुरू हुआ होता है। और जो हमे अच्छा लगता है वही हमारी हैबिट बन जाता है या फिर जिसको हम किसी की प्रेशर में बिना मन के करते हैं वो भी एक दिन हमारी हैबिट बन जाती है।
जब हम पैदा हुए थे कोई हैबिट्स नहीं थे। हमें रोने, माँ की दूध पीने और सुसु करने के अलावा और कुछ नहीं पता था।
और वो सारी चीजें जो हमने जिंदगी से सीखी है वो किसी ना किसी हद तक एक हैबिट बन चुकी है। या हमने छोड़ दिया हुआ होता है।
तो जैसे इंसानों की एक जिंदगी होती है पैदा होने और मरने की, वैसे ही एक हैबिट की जिंदगी होती है पैदा होने की और मरने की।
तो ये हैबिट्स हमारी जिंदगी में जरुरी क्यों है, हमारे हैबिट्स हमे कैसे define करते हैं और क्यों अच्छे हैबिट्स होना सबसे इम्पोर्टेन्ट चीज है, एक स्ट्रांग पर्सनालिटी डेवेलोप करने के लिए।
तो चलिए जानते है –
सबसे पहली चीज –
अपनी पूरी दिन को आंख बंद करके याद करने की कोशिश करिये।
सुबह जिस टाइम से आप उठते हैं और जब आप सोते हैं उसके बीच वो हर एक चीज जो आप ऑलमोस्ट रोज करते हैं, वो आप रोज की एक लिस्ट बनाइये।
आप सिगरेट रोज पीते हैं, आप चाय रोज पीते हैं, आप खाना रोज खाते हैं, ब्रश रोज करते हैं, आप टॉयलेट या बाथरूम रोज जाते हैं, तो वो हर एक चीज जो आप रोज करते हैं उसकी एक डिटेल लिस्ट जरूर बनाइये।
और फिर अपने आप से पूछिए की क्या ये मेरी हैबिट है या नहीं। और अगर हैबिट है तो फिर एक और चीज करिये उसके सामने ये लिखिए की आपको क्या लगता है की ये आपकी एक अच्छी हैबिट (आदत) है या एक गन्दी हैबिट है।
और इसमें आपको अपने आपसे सच बोलना पड़ेगा, क्यूंकि एक ही इंसान है जिसे आप झूठ नहीं बोल सकते वो है आप खुद। तो अपने दिल हाथ रखके सच बोलेंगे की ये मेरी हैबिट सही है या गलत।
अब सारी सही या अच्छी हैबिट्स को एक साइड लिखें और अब अपने आप से ये पूछिए की इन हैबिट्स के अलावा ऐसी कोई और हैबिट है जो आप अपनी जिंदगी में चाहते हैं। जो किसी रीज़न से नहीं कर पाए हैं अभी तक। लेकिन आप चाहते हैं वो अच्छी हैबिट्स अपनाना। और अगर वो है तो वो भी लिखिए।
अब आपके पास दो लिस्ट हो चुकी है – एक गुड हैबिट्स की लिस्ट (जो आप करते हैं और जो चाहते हैं ) और एक है bad हैबिट्स की लिस्ट (जो आप नहीं चाहते हैं, लेकिन करते हैं)।
अच्छी हैबिट्स जरुरी क्यूँ हैं?
वो पहली याद कीजिये की जब आपने पहली बार बाइक या गाड़ी चलाई हो ! आप काफी डरे होंगे, आप आसपास की हर एक चीज देखे होंगे, सामने गाय आगयी, आपके साथ में कौन हैं, वो कौन हॉर्न बजा रहा है, वो ट्रैफिक लाइट का रंग क्या है etc.
और आप आज का दिन याद करिये जब आप बाइक या गाड़ी चलाते हैं आप शायद सोचते भी नहीं हैं की आप कैसे चला रहे हैं, अपने आप वो सब कुछ हो जाता है, गियर अपने आप बदल जाता है, ट्रैफिक लाइट रेड दिखने ब्रेक अपने आप लग जाता है, आप टर्न ऑटोमेटिकली ले लेते हैं और काफी बार तो ऐसा होता है की आपको याद ही नहीं है की आप जा कहाँ रहे होते हैं, लेकिन आप सही दिशा में जा रहे होते हैं।
हैबिट्स हमारी सारी सिस्टम को या हमारी पूरी बॉडी को नेचुरल बना देते हैं। हमे ध्यान लगा कर सोचना नहीं पड़ता है की हम कर क्या रहे हैं।
और आप ये सोचिये की अगर आपके पास अच्छी हैबिट्स हों, तो आप उस सारी अच्छी चीजें बिना सोचे हुए अपनी जिंदगी में करेंगे। सोचो कितना पावरफुल चीजें है।
आप वो हर अच्छी चीज जो लोगों को पॉसिटिवली इन्फ्लुएंस करती है, आपकी अपनी जिंदगी को पॉसिटिवली इन्फ्लुएंस करती है वो आप नैचुरली कर पाएंगे, क्यूंकि वो आपकी हैबिट्स बन चूका है।
गुड हैबिट्स एक discipline लाता है, एक रूटीन लाता है, एक rhythm लाता है, जो जिंदगी में बहुत जरुरी है।
अगर आपको वेट लूस करना है तो आपको हर रोज gym जाना पड़ेगा, एक दिन या चार-पांच दिन gym जाने से कुछ नहीं होने वाला, हर रोज जाने के बाद ही शायद तीन महीने में या छे महीने में या एक साल में आप अपनी वेट लूस कर पाएंगे। इसको एक डिसिप्लिन बोलते हैं और ये हैबिट्स से आता हैं।
क्यूंकि उसके बाद मतलब रोज रोज gym जाने के बाद आपकी ऐसी हैबिट बन जाएगी जहाँ gym जाना आपके लिए जबरदस्ती वाला काम नहीं होगा रोज। वो एक ऐसी चीज होगी जो आप नैचुरली या अपने आप करेंगे हर रोज। ये गुड हैबिट्स का सबसे बड़ी पावर है।
लेकिन हैबिट की एक बहुत बड़ी प्रॉब्लम है – वो प्रॉब्लम ये है की एक हैबिट बनने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ हैबिट एक महीने में बन जाता है, तो वो भी बहुत बड़ा समय है। हम किसी चीज को 3-4 दिन करने के बाद छोड़ देते हैं। और ये सबके साथ होता है। लेकिन जो रोज किसी चीज करने की हैबिट बना लेते है वही जीवन में सफल बन जाते हैं।
एक हैबिट आप खरीद नहीं सकते हैं। एक हैबिट आप किसी से उधार नहीं ले सकते। एक हैबिट आप ओवरनाइट कहीं से नहीं ला सकते। हैबिट को बनने में टाइम लगेगा।
बुरी हैबिट तो जल्दी बन जाते हैं लेकिन अच्छी हैबिट के लिए टाइम लगता है।
आप पहले ये decide कीजिये की कौनसी हैबिट्स आप अपनी जिंदगी में चाहते हैं और कौनसी हैबिट्स से आप छुटकारा चाहते हैं। और फिर आप systematically रोज उन हैबिट्स की तरफ आगे बढिये। और कुछ टाइम में मतलब जितना भी टाइम लगे वो हैबिट्स नेचुरल बन जाएँगी।
Habits बनाई कैसे जाती हैं? पुराने हैबिट्स को चेंज कैसे करें?
इसमें टाइम लगेगा। और इसके एप्रोच को बहुत हार्ड वर्क से आपको समझना पड़ेगा।
#Step 1 – Start Small
एक छोटी सी शुरुवात करिये। धीरे धीरे शुरु कीजिये। एक हैबिट को ओवरनाइट चेंज करने की जरुरत नहीं है और ना ही आप कर पाएंगे। ये आपको कोशिश भी नहीं करना चाहिए।
एक्साम्पल 1 –
आप सिगरेट छोड़ना चाहते हैं। अगर आप दस सिगरेट दिन में पीते हैं। तो ये बेवकूफी है की अगर आप अपने आपसे बोलेंगे की अगले दिन से मैं सिगरेट एक भी नहीं पिऊंगा। और हो सकता है आज एक दो सिगरेट आप ज्यादा पी ले।
क्यूंकि उस हैबिट से फाइट करने के लिए आपकी जो एनर्जी और मोटिवेशन या mindset चाहिए होगा। वो एक दिन में लाना बहुत मुश्किल होगा। और हम मुश्किल चीजों को अपना हैबिट बनने ही नहीं देते हैं। इसलिए आप धीरे धीरे शुरुवात कीजिये।
आज मैं दस नहीं नौ सिगरेट पिऊंगा और इस पुरे हफ्ते मैं 9 ही पिऊंगा। अगले हफ्ते 8, उसके अगले हफ्ते 7, उसके अगले हफ्ते 6, उसके अगले हफ्ते 5, उसके अगले हफ्ते 4, उसके अगले हफ्ते 3, उसके अगले हफ्ते 2, उसके अगले हफ्ते 1 और उसके अगले हफ्ते शायद एक दिन में एक भी नहीं।
और उसको फ्री धीरे धीरे बढ़ाने की कोशिश करिये।
एक्साम्पल 2 –
हममें से बहुत सारे लोग हैं जो सुबह जल्दी उठना चाहते हैं। वो बोलते हैं मैं रोज 8 बजे उठता हूँ, लेकिन मैं 5 या 6 बजे उठना चाहता हूँ। लेकिन ये मेरे लिए पॉसिबल ही नहीं होता है।
अगर आप 8 बजे उठते हैं तो 5 बजे उठने के लिए आप कभी भी 5 बजे की अलार्म मत लगाइये। उससे आप नहीं उठ पाएंगे। हो सकता है एक या दो दिन उठ भी ले, फिर वापस से आप को 8 बजे पहले उठने का मन ही नहीं करेगा और फिर आप कहोगे क्या फर्क पड़ता है मैं जल्दी उठूँ या लेट उठूँ।
तो अगर आप 8 बजे उठके 5 बजे उठना चाहते हैं तो उसको आप एक्सटेंड करिये। पहले दिन 7.45 बजे उठिये। अगले दिन 7.30 बजे उठिये। अगले दिन 7.15 बजे उठिये, उसके अगले दिन 7 बजे उठिये, और धीरे-धीरे धीरे-धीरे करके आप 5 बजे तक पहुंचेंगे।
तो सबसे पहला स्टेप है जो है स्टार्ट स्माल। पूरा पहाड़ एक ही दिन में नहीं काटना है। आपने Dashrath Manjhi के नाम तो सुना ही होगा। जिसको माउंटेन मैन भी कहा जाता है। उन्होंने Gaya district स्थित Atri और Wazirganj के बीच में जो पहाड़ आता है उसको 22 साल तक तोड़ कर 15 कि.मी. का एक रास्ता बना डाला। इससे ज्यादा एक्साम्पल इस दुनिया में और है ही नहीं। इसके ऊपर एक बॉलीवुड फिल्म (Manjhi: The Mountain Man) भी है अगर आपने नहीं देखा जाके जरूर देखिये।
तो धीरे धीरे करके आप भी कुछ भी बड़ी से बड़ी हैबिट्स अपना सकते है।
#Step 2 – स्मार्ट Goal
जो भी goal है आपकी हैबिट को इंक्लूड करने का या किसी हैबिट को अपनी जिंदगी से एक्सक्लूड करने का है, उसका एक स्मार्ट goal टेक्निक बनाइये। की आप इसको कैसे हासिल करेंगे।
आप बहुत स्पेसिफिक रहेंगे की आप किस हैबिट को अडॉप्ट करना चाहते हैं, आप उसको measure करेंगे, उसपे एक्शन लेंगे उसको रेलेवेंट बनाएंगे और time-bound nature देंगे।
तो प्लान करना जरुरी है, क्यूंकि जब तक आप प्लानिंग नहीं करेंगे तो वो हैबिट आपकी जिंदगी की हैबिट नहीं बनेगी।
और एक ऐसी छोटी सी चीज जो हम काफी बार भूल जाते हैं की एक हैबिट को बदलना या एक नई हैबिट को अपनी जिंदगी में लाना बहुत मुश्किल काम है। तो पुरे रास्ते पे जब जब आप अपने goal की तरफ बढ़ रहे होंगे, तो हर माइलस्टोन पे या अचीवमेंट पे आप सेलिब्रेट करिये। अपने आपको सब्बासि दीजिये। अपने दोस्तों के साथ शेयर करिये।
फेसबुक पे जाके भी आप पोस्ट कर सकते हैं की यार मैंने इस मकसद की तरफ ये एक छोटा सा कदम बढ़ाया है और मैं चाहता हूँ की आप सब लोग मुझे प्रोत्साहित करें, क्यूंकि मुझे अंदर से ख़ुशी हो रही है की मैं इस अच्छी हैबिट्स की तरफ आगे बढ़ पा रहा हूँ।
उलटिमटेली दोस्तों अगर हमारी जिंदगी में कोई अच्छी हैबिट्स है तो उससे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट और कोई नहीं है। क्यूंकि अगर आप सही हैबिट्स के साथ जिंदगी जीते हैं तो आप कहाँ कहाँ पहुँच सकते हैं ये आपको भी नहीं पता है।
अगर आप रोज सुबह उसी समय उठते हैं जब आपको उठना चाहिए, आप सही मीडिया कंटेंट consume करते हैं, आप उन लोगों के साथ अपना टाइम बिताते हैं जिन लोगों के साथ आप को अपना टाइम बिताना चाहिए, आप वो चीजें पढ़ते हैं जो आपको पढ़ना चाहिए, आप अपने काम में उस लगन से काम करते हैं जिस लगन से आपको अपने काम करना चाहिए।
और ये सारी चीजें आपको जोड़-जबरदस्ती की वजह से नहीं करते हैं, but आप एक हैबिट की वजह से करते हैं तो आप सोचिये, आपकी जिंदगी कितनी आसान हो जाएँगी। आप सोचिये की वो दिन जब बाइक सीखते थे या गाड़ी सीखते थे तब कितना मुश्किल लगता था आपको बाइक या गाड़ी चलाने में और आज आप ऑटोमेटिकली गियर बदल लेते हो, कोई चीज आगे आ जाने पर अपने आप ब्रेक लगा देते हो, गाड़ी पार्किंग करने के बाद अपने आप हैंड-ब्रेक लगा देते हो और लॉक कर देते हो, बाइक की चाबी अपने आप लॉक होने के लिए घुमा देते हो और ये बिना सोचे करते हैं आप वही हैबिट है।
और अब अपने आपसे सोचिये की इसी सरलता से आप अपने जिंदगी चला पाते तो कैसा होगा आपकी जिंदगी एकदम ऑटोमैटिक सब कुछ हो जायेगा। और ये होगा सिर्फ एक छोटी सी कदम से।
मतलब अगर आप बुक रीडिंग हैबिट अपनाना चाहते हैं तो पहले दिन एक paragraph से शुरू कीजिये और हर रोज इसको बढ़ाते जाइये, मतलब दूसरे दिन एक पेज और हर रोज एक पेज और एक या दो हफ्ते बाद रोज के दो पेज पढ़िए और जब आप कुछ 2-3 महीने के ये हैबिट अपनाएंगे तो बुक्स पढ़ना आपके लिए सबसे इजी लगने लगेगा।
अगर आप excercise की हैबिट बिल्ड करना चाहते हैं तो पहले दिन 5 या 10 मिनट से शुरू करिये और हर दिन 4-5 मिनट बढ़ाते जाइये या हर रोज चाहे सिर्फ 10 मिनट ही करें लेकिन हर रोज कीजिये, एक भी दिन गैप मत दीजिये। और कुछ महीने में आपका ये हैबिट बन जायेगा।
अगर आप सुबह जल्दी उठना चाहते हैं तो आप हर दिन कुछ मिनट पहले उठने की कोशिश करिये और एक दिन आएगा जब आप सुबह 4 या 5 बजे उठ पाएंगे। लेकिन आपको हर दिन कुछ मिनट पहले उठना ही पड़ेगा तभी आप इसको हैबिट बना पाएंगे।
अगर आप हैल्थी रहना चाहते हैं तो रोज अच्छा खाना खाने की कोशिश कीजिये, जंक फ़ूड को धीरे धीरे लाइफ से हटाते जाइये। अगर आप हर दिन जंक फ़ूड खाते हैं तो पहले एक दिन गैप दीजिये और धीरे धीरे एक हफ्ते में एक बार खाइये और धीरे धीरे महीने में एक बार ऐसे धीरे धीरे जंक फ़ूड को अपने लाइफ से हटाते जाइये।
Conclusion –
तो दोस्तों आज हमने सीखा की हैबिट्स क्या है, और अच्छी हैबिट्स को कैसे अपनी जिंदगी में धीरे धीरे अपनाना होता है और बुरे हैबिट्स को कैसे जिंदगी से निकाला जा सकता है।
क्या करे –
- तो आपको करना ये है की पहले अपनी सारी हैबिट्स की लिस्ट बना लीजिये,
- उसके बाद उन हैबिट्स को अच्छी हैबिट्स और बुरी हैबिट्स की केटेगरी में भाग कर लीजिये,
- और उसके बाद अच्छी हैबिट्स की केटेगरी में और हैबिट्स डाले जो आप अपनी जिंदगी में अपनाना चाहते हैं,
- और उसके बाद उसको धीरे धीरे एक छोटी सी शुरुवात से शुरू कीजिये।
- और बुरी हैबिट्स को धीरे धीरे चाहे आपको उसके लिए एक साल ही क्यूँ ना लग जाये, उसको छोड़ते जाइये।
बस Done, अब आप धीरे धीरे अपने आपको एक बेहतर पर्सनालिटी में पाएंगे। और एक साल बाद आप इसको याद करके हिसाब लगाइएगा की आप कितने बदल गए हैं एक बेहतर पर्सनालिटी के साथ।