Albert Einstein
Albert Einstein जी जितने बड़े साइंटिस्ट थे उनका रहन-सहन और पहनावा उतना ही सिंपल और मिनिमल था। उनको देखकर ये नहीं लगता था कि वो दुनिया के इतने महान साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने दुनिया को ऐसे रेवोल्यूशनरी फार्मूला दिए हैं, जिन्हें पूरी दुनिया रेस्पेक्ट की नजर से देखती हैं, जिनके कामों की वजह से उन्हें नोबेल प्राइज जैसे बड़े अवार्ड से नवाजा गया।
Albert Einstein जी का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक साधारण फॅमिली में हुआ जिनके पिता एक इलेक्ट्रॉनिक वर्कशॉप चलाते थे। Einstein बचपन से अपने अंकल के पास रहे, जिन्होंने Einstein की इंटेलिजेंस को बचपन से साइंस की ओर मोड़ा और उन्हें गिफ्ट में साइंस से जुड़े इक्विपमेंट्स ही दिए ताकि उनका इंटरेस्ट साइंस में बना रहे और ऐसा ही हुआ।
Einstein जेविश (यहूदी) फॅमिली से बिलोंग करते थे लेकिन उन्होंने पढाई एक कैथोलिक स्कूल में की क्यूंकि वो यहूदी परम्पराओं को ज्यादा महत्व नहीं देते थे इसलिए उन्होंने हाई स्कूल भी लुइटपोल्ड जिम्नेजियम से की। Einstein बचपन से साइंस में इंटरेस्ट के चलते 1909 में म्युनिक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गए। उसके बाद Kaiser Wilhelm Society University के डायरेक्टर भी बने, वो बड़े साइंटिस्ट के साथ-साथ एक उदार इंसान भी थे। वो बहुत दयालु इंसान थे, जब जर्मनी में वायलेंस हुआ तब Einstein ने उसकी बहुत निंदा की और उन्हें इसी रीज़न की वजह से जर्मनी छोड़ना पड़ा क्यूंकि वो खुद को एक साइंटिस्ट और एक नार्मल इंसान मानते थे।
Einstein हमेशा अपने आप को एक साधारण और नार्मल टाइप का इंसान बनाये रखते थे, उनको फेमस होना जरा भी पसंद नहीं था लेकिन उन्हें हमेशा रेस्पेक्ट और फेम मिलता जा रहा था क्यूंकि वो ऐसा रिमार्केबल काम किये जा रहे थे कि वो छुपाये नहीं छुप रहे थे। Albert Einstein जब नोबेल प्राइज लेने स्कॉटहोल्म गए तो वो अपना पुराना घिसा-पीटा जैकेट पहन कर गए थे जो उनके दोस्त ने कई साल पहले दिया था ताकि वो नॉर्मल इंसान जैसे दिखे लेकिन वहां भी ऐसा नहीं हुआ, उन्हें बाकी लोगों से अलग और ज्यादा रेस्पेक्ट दी गयी।
Einstein के पास जर्मनी के अलावा स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया और अमेरिका की भी सिटीजनशिप थी। Einstein ने अपनी पूरी लाइफ में कई फील्ड में अपना कंट्रीब्यूशन दिया जैसे The Special And General Theories Of Relativity, General Relativity, Special Relativity, Photoelectric Effect, E=mc2 (Mass-Energy Equivalence), E=hf (Planck-Einstein Relation), Theory Of Brownian Motion, Einstein Field Equations, Bose-Einstein Statistics etc. और लगभग 300 से ज्यादा साइंस रिसर्च लेटर्स लिखे। ये सिर्फ उनके मेहनत के दम पर उनको मिला है। आइंस्टीन कई उपन्यास, फिल्मों, नाटकों और संगीत का विषय या प्रेरणा रहे हैं। टाइम मैगजीन के फ्रेडरिक गोल्डन ने एक बार लिखा था कि आइंस्टीन “एक कार्टूनिस्ट का सपना सच होने” जैसे थे।
द्वितीय विश्व युद्ध से पूर्व, एक अखबार ने अपने एक कॉलम में एक संक्षिप्त विवरण प्रकाशित किया की आइंस्टाइन को अमेरिका में इतनी अच्छी तरह से जाना जाता था कि लोग उन्हें सड़क पर रोक कर उनके दिए सिद्धांत की व्याख्या पूछने लगते थे। आखिरकार उन्होंने इस निरंतर पूछताछ से बचने का एक तरीका निकाला। वे उनसे कहते की “माफ कीजिये! मुझे लोग अक्सर प्रोफेसर आइंस्टीन समझते हैं पर वो मैं नहीं हूँ।”
Michael Jordan
Michael Jordan को बास्केटबॉल का आज तक का सबसे बेस्ट प्लेयर माना जाता है, जिन्होंने स्टार्टिंग के फेलियर और करियर के बीच बहुत डिफीकल्टीज को पार करके हार्डवर्क और बास्केटबॉल की तरफ डेडिकेशन से वो मुकाम हासिल किया, जहाँ तक किसी भी प्लेयर का पहुंचना बहुत मुश्किल हैं। “I can accept failure, everyone fails at something. But I can’t accept not trying.” – ये छोटा सा क्वोट माइकल की पूरी स्टोरी बयान करती है कि उनकी लाइफ कितने उतार-चढ़ाव से भरी है। वो सक्सेसफुल हुए और अनसक्सेसफुल भी हुए, उनके पिता का मर्डर हुआ, लाइफ में बहुत सी कंट्रोवर्शीज आई लेकिन मुश्किल कंडीशन में भी खुद को संभाल कर आगे बढ़ने की तरफ ध्यान दिया और आज वो सबसे बेस्ट बास्केटबॉल प्लेयर हैं।
17 फरवरी 1963 को ब्रूकली के एक मिड्ल क्लास फॅमिली में Michael Jordan का जन्म हुआ। वो 5 भाई-बहनों में 4th नंबर पर थे। उस समय ड्रग्स और रेसिस्म के कारण उनकी फॅमिली कैरोलिना के विलिंगटन शहर में चले गए, जहाँ उन्होंने अपनी पढाई कम्पलीट की। Michael Jordan के पेरेंट्स ने बचपन से Michael के mindset को सक्सेसफुल बनाने के लिए तैयार कर दिया था। Michael Jordan बचपन से बास्केटबॉल में नहीं जाना चाहते थे, उनका इंटरेस्ट तो बेसबॉल में जाना था।
12 साल की उम्र तक वो बेसबॉल खेला करते थे और उसमें वो काफी अच्छे प्लेयर भी थे, लेकिन बास्केटबॉल में जाने के पीछे एक अलग कहानी हैं। एक बार बचपन में Michael अपने भाई के साथ बास्केटबॉल खेल रहे थे तो उनके भाई lorry ने उन्हें बास्केटबॉल में हरा दिया और वो इस अपमान को सहन नहीं कर सके, और इतने छोटे इंसिडेंट की वजह से उन्होंने अपने आप को बास्केटबॉल का बेहतर प्लेयर बनाने की ठान ली और रेगुलर इस गेम में अपने आप को बेहतर बनाने में लग गए और उन्हें इस गेम से प्यार हो गया।
Michael के बचपन की एक inspiring घटना जो सभी के लिए बहुत inspiring साबित होती है, जब Michael 13 साल के थे तब उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाया और एक पुराना और इस्तेमाल हुआ टी-शर्ट देकर पूछा कि अच्छा बेटा यह बताओ इस टी-शर्ट की कीमत कितनी होगी? माइकल थोड़ा सोचने के बाद बोले यह $1 का होगा। तो पिता ने कहा तुम्हें कुछ भी कर के बाजार में जाकर इस टी-शर्ट को $2 में बेचना है। माइकल ने सोचा कि ऐसा क्या किया जाये जिससे इस पुराने टी-शर्ट के $2 मिल सके। माइकल ने उस टी-शर्ट को अच्छे से धो दिया और फिर घर पर आयरन ना होने के कारण उसे ढेर सारे कपड़ों के नीचे सीधा करने के लिए रख दिया।
अगले दिन उन्होंने देखा टी-शर्ट पहले से बेहतर दिखाई दे रहा है, उसके बाद उन्होंने पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर 5 घंटों की कड़ी मेहनत बाद उसे बेच दिया और बहुत खुश होते हुए घर आये और अपने पिता जी को पैसे दे दिए। 15 दिनों के बाद पिता ने फिर से वैसा ही एक कपडा दिया और कहा कि जाओ इसे $20 में बेच कर आओ। इस बार माइकल को थोड़ा-सा आश्चर्य हुआ कि भला इसके $20 कौन देगा। लेकिन पिता ने कहा एक बार कोशिश तो करो। तो उन्होंने फिर से अपना दिमाग लगा कर सोचा और अपने दोस्त की मदद से शहर जा कर उस टी-शर्ट पर मिकी माउस की स्टीकर लगवा लिया और ऐसे स्कूल के सामने जाकर खड़े हो गए जहाँ ज्यादातर बच्चे अमीर घर से ही आते थे।
एक छोटे बच्चे ने अपने पापा से कह कर उसे खरीद लिया। उस छोटे बच्चे के पिता ने उस कपड़े को $5 एक्स्ट्रा टिप देकर ख़रीदा और इस तरह उन्होंने $1 के उस टी-शर्ट को $20 में बेचा और $5 टिप भी मिली, इस तरह माइकल ने पुरे $25 में बेचा और ख़ुशी-ख़ुशी आकर उन्होंने अपने पिता जी को बताया। कुछ दिनों के बाद माइकल को उनके पिता जी ने एक और कपडा दिया और बोला की जाओ इसे $200 में बेच के आओ, इस बार माइकल को लगा की अब तो यह बहुत ही ज्यादा है लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी क्यूंकि अभी तक माइकल पिता जी के द्वारा दिए गए इस कार्य में पूर्ण रूप से सफल हो रहे थे।
आखिरकार माइकल ने यह काम को भी करने की ठान ही ली लेकिन उन्होंने इस बार इस काम के बारे में 2-3 दिन तक सोचा कि आखिर वह कैसे इस पुराने से टी-शर्ट को जिसका मूल्य मात्र $1 है उसे $200 में कैसे बेचे? जैसा कि हम जानते है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, ठीक उसी तरह माइकल ने हार नहीं मानी और उस पुराने कपडे की कीमत बढ़ाने का उपाय खोज ही लिया माइकल उस कपड़े को लेकर शहर गए। उन्होंने देखा कि उस दिन शहर में कोई बहुत ही बड़ी पॉपुलर एक्ट्रेस आई है माइकल पुलिस के द्वारा बनाये गए सुरक्षा घेरे को तोड़कर कपडे पर उस एक्ट्रेस का ऑटोग्राफ लेने में कामयाब हो गए।
बच्चे की मासूमियत देख कर एक्ट्रेस भी मना नहीं कर पाई, अगले ही दिन माइकल उस ऑटोग्राफ वाले कपडे को लेकर बाजार निकल गए। वहां बहुत भीड़ जमा हो गई जो उसे खरीदना चाहती है और उस कपडे की बोली लगाई जा रही थी, आखिरकार माइकल ने वो कपडा $2000 में बेचा। इस घटना के बाद से माइकल के पिता को इस बात का एहसास हो गया कि उनका बेटा अब जीवन में कुछ भी कर सकता है। माइकल एक ऐसे व्यक्ति हैं जो आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं।
माइकल की लाइफ में हर उस बड़े आदमी की लाइफ के जैसे मुश्किलें आयी, जब वो 10th क्लास में थे तो गर्मियों की छुट्टी के दौरान उन्होंने जूनियर बास्केटबॉल टीम को ज्वाइन किया, जहाँ उनका परफॉरमेंस बाकी प्लेयर से काफी अच्छा था, लेकिन फाइनल टीम के लिए उनको सेलेक्ट नहीं किया गया क्यूंकि उनकी हाइत बाकी खिलाड़ियों के मुकाबले काफी कम थी। ये इंसिडेंट उनके करियर की पहली निराशा थी, इस घटना के बाद उन्होंने खुद को और बेहतर बनाने की सोची और जब भी वो प्रैक्टिस करने जाते तो सबसे पहले जाते और सबके जाने के बाद तक पुरे डेडिकेशन के साथ प्रैक्टिस करते और फाइनली हार्डवर्क की वजह से नेक्स्ट ईयर अपनी हाई स्कूल टीम में सेलेक्ट हो गए और अपनी टीम के स्टार प्लेयर बन गए।
कॉलेज में भी उन्होंने अपने बास्केटबॉल के करियर को स्टार्ट रखा, माइकल अपनी कॉलेज यूनिवर्सिटी ऑफ़ नॉर्थ कैरोलिना की टीम के प्रमुख प्लेयर थे। 1982 में National Collegiate Athletic Association Championship में अपनी टीम को जीत दिलाने में माइकल का प्रमुख रोल था, 1984 में लॉस एंजेलिस समर Olympic में US बास्केटबॉल टीम के कप्तान थे जिसमें माइकल ने टीम को विनर बनाया।
1984 में माइकल ने ग्रेजुएशन के दौरान ही शिकागो बुल्स टीम को ज्वाइन कर लिया, माइकल के आने से पहले शिकागो टीम एक हारी हुई टीम थी लेकिन माइकल की आते ही टीम ने अपनी परफॉरमेंस दिखानी शुरू कर दी। वहां उनकी परफॉरमेंस इतनी जबरदस्त थी कि 1984-1985 में उन्होंने हर मैच में 28 पॉइंट्स के एवरेज स्कोर बना कर स्टार प्लेयर बन गए। लेकिन उसके अगले साल माइकल के पैर में चोट लगने की वजह से वो अगला सीजन नहीं खेल पाए। उसके अगले सीजन में वो और भी जोश और मेहनत से टीम में वापस आये और पूरी सीजन में 3000 पॉइंट्स करने वाले प्लेयर बन गए।
1987-1988 में माइकल मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर बन गए थे और डिफेंसिव प्लेयर ऑफ़ दी ईयर का ख़िताब भी जीता। .माइकल अपनी शानदार परफॉरमेंस से सक्सेस की सीढ़ियों पर चढ़ते जा रहे थे, उन्होंने अपनी टीम को 1990-1991, 1991-1992, 1992-1993 का विनर बनाने में सबसे मैन रोल निभाया। 1992 में वो गोल्ड मेडल टीम का हिस्सा रहे।माइकल की लाइफ मुश्किलों से भरी रही क्यूंकि 1993 में माइकल को गैंबलिंग करते देखा गया और उन्हें बास्केटबॉल से सन्यास लेना पड़ा जिससे वो काफी टूट चुके थे। फिर उनके पिता की हत्या हुई उसका रीज़न भी गैंबलिंग के कारण हुई दुश्मनी ही पता चला।
बास्केटबॉल से सन्यास के बाद उन्होंने शिकागो लीग बेसबॉल का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था मतलब अगर बास्केटबॉल नहीं तो बेसबॉल ही सही लेकिन वो रुकना तो चाहते ही नहीं थे। 1993-1994 में शिकागो बुल्स का बास्केटबॉल में परफॉरमेंस अच्छा नहीं रहा क्यूंकि माइकल उस टीम में नहीं थे, लेकिन कुछ समय बाद माइकल ने फिर से बास्केटबॉल में एंट्री की और 1997 तक शिकागो बुल्स को अपने लेवल से कभी नीचे नहीं आने दिया। माइकल पहले एथेलेटिक्स Billionaire हैं, माइकल के नाम पर सबसे बड़ी स्पोर्ट्स अपैरल कंपनी Nike, कोकाकोला, McDonalds जैसी बड़ी ब्रांड को प्रोमोट भी कर चुके हैं। 2010 की फ़ोर्ब्स 20 सेलिब्रिटीज में भी उनका नाम आ चूका है।
जैसे क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर को माना जाता है वैसे ही माइकल जॉर्डन को बास्केटबॉल का भगवान माना जाता हैं। अगर उनके अचीवमेंट की बात करे तो उन्होंने जिस भी रीज़न से फूटबैक किया था तो अगली बार वो उससे दो गुना जोश और मेहनत के साथ वापस आते और अपने काम से लोगों का दिल जीत लेते।
Robert Downey Junior
Robert Downey Jr. दुनिया के बेहतरीन और फ़ेमस एक्टर्स में से एक हैं, Ironman और Sherlock Holmes जैसी मूवीज़ के लिए उन्हें पूरी दुनिया मे काफ़ी फेम मिला। Robert मूवीज़ वाली फैमिली से बिलोंग करते है फिर भी उनकी पर्सनल लाइफ़ काफ़ी चैलेंजिंग रही हैं, जो हम सभी के लिए काफ़ी इंस्पायरिंग हैं।
Robert Downey Jr. का जन्म 4 अप्रैल 1965 को Manhattan में हुआ, उनके पिता Robert Downey Sr. डायरेक्टर थे और उनकी माँ Asley एक एक्ट्रेस थी। फ़िल्म फ़ैमिली से बिलोंग करने की वजह से काफ़ी छोटी उम्र में उन्होंने एक्टिंग करना स्टार्ट कर दिया था, उन्होंने अपनी पहली फ़िल्म सिर्फ 5 साल की उम्र में की थी जिसका नाम Pound था। उसके बाद उन्होंने उनके पिता की बनाई मूवीज़ में काफ़ी छोटे-मोटे रोल्स किये।
अब मुश्किलें आनी शुरू होने वाली थी, उनके पिता एक ड्रग एडिक्ट थे और Junior ने काफ़ी छोटी उम्र में ड्रग्स लेना सीख ली थी इसकी आदत से परेशान होकर उनकी माँ ने उनके पिता को तलाक दे दिया। और Junior अपने पिता के साथ लॉस एंजेलिस रहने चले गए, उन्होंने काफ़ी टाइम अपनी माँ के बिना ही गुज़ारा। Robert ने 16 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी और अपनी माँ के पास चले गए क्योंकि वो ड्रग्स लाइफ़ से आगे बढ़ना चाहते थे और मूवीज़ लाइन में फिर से जाना चाहते थे।
उन्होंने 1983 से 1990 तक रेगुलर मूवीज़ में काम किया ताकि वो अपने करियर को बना सके। उन्हें पहली बड़ी सक्सेस 1985 में Tuf Tuf नाम की मूवी से मिली जिसमें junior ने James Speder के को-एक्टर का किरदार निभाया था। मूवीज़ में लीड एक्टर के तौर पर Junior ने 1987 में John Hughes की फ़िल्म The Pickup Artist से शुरुआत की, जिसमें Robert के Jeck Jerico के किरदार को लोगों ने बहुत पसंद किया। इसी करियर की बातों के बीच उनके ड्रग्स लेने की आदत नहीं छूट रही थी, वो ड्रग्स लेने के बुरी तरह से एडिक्ट हो चुके थे। 1990 में Robert ने कई बार ड्रग्स से पीछा छुड़ाने की कोशिश की लेकिन वो उसमे असफल रहे। 1992 में Chaplin नाम की मूवी से उनका नाम बड़े-बड़े एक्टर्स में आने लग गया था और इसी मूवी से Robert ऑस्कर के लिए नॉमिनेट भी हुए थे। उनकी लाइफ़ में एक तरफ़ तो उनकी एक्टिंग की तारीफ होती थी और दूसरी तरफ उनके ड्रग एडिक्शन की वजह से उन्हें नापसंद भी किया जाता था।
1992 में Robert ने शादी की और उसके 4 साल बाद तक मीडिया से दूर रहे। लेकिन 1996 में उन्हें अचानक कोकीन, हेरोइन जैसे ड्रग्स के यूज़ करने के जुर्म में 1 साल के लिए जेल जाना पड़ा, उसके बाद उन्हें नशा छुड़ाने के लिए काफ़ी जगह रखा गया लेकिन उनके ड्रग्स लेने की लत ने पीछा नहीं छोड़ा। Robert को अपनी इस ड्रग्स की आदत की वजह से 1996 से 2001 के 5 साल के पीरियड में 6 बार जेल पड़ा, जब उन्हें आखिरी बार पकड़ा था तब वो लॉस एंजेलिस की सड़कों पर नंगे पैर घूम रहे थे और ड्रग्स के शक़ की वजह से उन्हें फिर से अरेस्ट किया गया।
Robert ने हार न मानते हुए ड्रग्स और करियर में से करियर को अपना पार्टनर चुना और 2001 में “I Want Love” नाम के सॉन्ग से कमबैक किया। ये एक तरीके से Robert की लाइफ़ का दूसरा चैप्टर था क्योंकि ड्रग्स जैसे नशे को नॉर्मल इंसान नहीं छोड़ सकता, उसके लिए बहुत डिटरमाईंड होना पड़ता है। बहुत लोग उस पीरियड में गिव-अप कर देते और अगर Robert भी उस पीरियड में गिव-अप कर देते तो आज हम उन्हें मूवीज़ में नहीं देख पाते। Robert की लाइफ़ का अच्छा पीरियड उनकी दूसरी शादी के बाद ही शुरू हुआ था, 2004 ने उनकी मुलाक़ात उनकी फ़्यूचर वाइफ़ Susan Levin से हुई, उन्होंने शादी की एक ही शर्त रखी कि अगर वो ड्रग्स को पूरी तरह छोड़ देंगे तो Susan उनसे शादी करेगी। 2005 में उनकी शादी Susan से हो गयी थी।
Robert के करियर के दूसरे चैप्टर भी जोरों से अपनी पकड़ बनाने लग गया था, ड्रग्स के बुरे दौर के बाद उनके करियर में “The Singing Detective” जैसी मूवी आयी जिससे उन्हें फिर से काफ़ी फेम मिला। उसके बाद उन्होंने “Kiss Kiss Bang Bang” और डिज़्नी की “The Shaggy Dog” और “David Fincher” की जोडीएक में काम किया। Robert को दुनिया मे एक रिमार्केबल रोल मिला जिसका नाम “Ironman” है, जो 2008 में रिलीज़ हुई, ये Robert के करियर की अब तक कि सबसे बेस्ट बड़ी मूवी थी। उसके बाद Robert बॉक्स ऑफिस के स्टार बन गए थे, उनकी हर मूवी बॉक्स ऑफिस में ब्लॉकबस्टर साबित होती है फिर उन्होंने Avengers, Captain America, Sherlock Holmes जैसी मूवीज़ में काम किया और अपने आप को हॉलीवुड का एक बहुत सक्सेसफुल एक्टर बना दिया।
जिसने भी Robert के करियर को लाइव देखा है तो उसे पता होगा कि उनका करियर सन 2000 में पूरे तरीके से ख़त्म हो चुका था और अगर वो डिटेरमिनेशन के साथ हॉलीवुड में वापसी नहीं करते तो आज उन्हें कोई नहीं जान पाता। तो दोस्तों देखा आपने कैसे Robert Downey Jr. ने ड्रग्स की उस लत से ऊपर उठकर आज दुनिया में उनका एक अलग पहचान बनाया।
Cristiano Ronaldo
Cristiano Ronaldo दुनिया के टॉप फुटबॉल प्लेयर्स में से एक हैं, जो 2020 की फ़ोर्ब्स में हाईएस्ट पेड अथेलेट्स में 2nd नंबर पर हैं। उनकी सक्सेस कुछ इस तरह की है कि लोग उसे किस्मत का खेल समझते हैं, लेकिन उनकी डेडिकेशन और मेहनत ने उनके गेम को परफेक्शन के एक अलग लेवल पर पहुंचा दिया।
Cristiano Ronaldo का जन्म 5 फरवरी 1985 को पुर्तगाल के मैडिएरा सिटी में एक ग़रीब फ़ैमिली में हुआ उनके पिता एक माली थे और उनकी माँ कुक थी। उनके पिता अमेरिकन प्रेज़िडेंट Ronaldo Regan के बड़े फैन थे इसलिए उन्होंने उनके नाम पर Ronaldo का नाम रखा। Ronaldo के पिता एक ऐल्कोहॉल एडिक्ट थे और अपनी काफ़ी सैलरी वो शराब पीने में गवा देते थे इसी रीज़न से उनकी फाइनेंसियल कंडीशन बचपन से सही नहीं थी और फाइनेंसियल कंडीशन की वजह से जब Ronaldo अपनी माँ के पेट मे थे तब उनकी माँ अपने 4th बेटे को जन्म देना नहीं चाहती थी।
उन्होंने अबॉर्शन कराने की कोशिश भी की लेकिन डॉक्टर्स ने मना कर दिया क्योंकि कुदरत को शायद ये मंज़ूर था कि दुनिया को एक बेहतरीन प्लेयर देना है। Ronaldo को बचपन से ही फुटबॉल खेलने में इंटरेस्ट था, जब वो 8 साल के थे तब पहली बार वो अपने शहर की लोकल टीम (Andorinha Football Club) से खेले थे जहाँ उन्होंने बहुत अच्छा परफॉर्म किया था। अच्छे परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें 10 साल की उम्र में Club Deportivo Nacional में एंट्री मिल गयी थी। वहाँ उन्होंने 2 साल तक बहुत अच्छे तरीके से परफॉर्म किया, उसके बाद वो पुर्तगाल की नेशनल टीम में शामिल हो गए और अपने बेहतर परफॉर्मेंस की वजह से Ronaldo का सिलेक्शन इंटरनेशनल टीम में हो गया और 2003 में मैनचेस्टर टीम ने रोनाल्डो को 19 मिलियन डॉलर देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया।
अगले 6 साल तक मैनचेस्टर टीम में रहते हुए Ronaldo ने 84 गोल्स किये, फिर 2009 में स्पेन के Real Madrid ने Ronaldo को लगभग 108 मिलियन डॉलर्स देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया। Ronaldo गेम में बहुत अच्छे तो हैं लेकिन हर उस लड़के की तरह उन्होंने भी बचपन मे काफ़ी ऐसी हरकतें की है जिससे उन्हें बाद में शर्मिंदा होना पड़ा था, जब वो 14 साल के थे तब उन्होंने स्कूल में एक टीचर के ऊपर चेयर फेंक दी थी, जिसकी वजह से उन्हें स्कूल से निकाल दिया था, ऐसी हरकतें उन्हें हम जैसा एक नॉर्मल इंसान बनाती हैं।
उसके बाद जब वो 15 साल के थे तब उन्हें Racing Heart नाम की बीमारी का पता चला, जिसकी वजह से उनका फुटबॉल खेलना रुक भी सकता था क्योंकि इस बीमारी में अचानक धड़कन तेज़ी से धड़कने लगती है और बेहोशी छाने लगती है, लेकिन सही वक़्त पर Ronaldo की इस बीमारी का इलाज होने की वजह से आज हम उन्हें इस जगह देख पा रहे हैं।
Elon Musk
Elon Musk एक सक्सेसफुल बिज़नेसमैन, एक इन्वेंटर, एक इंजीनियर और डिज़ाइनर है जिनके रेवोल्यूशनरी आईडिया ने दुनिया को बदल के रख दिया है। वो इंसान की संभावनाओं से आगे की तैयारियों से जुड़े प्रोजेक्ट्स में सक्सेसफुल तरीके से लगे हुए हैं। उनकी लाइफ़ की जर्नी एक बिज़नेस माइंडेड पर्सन या जो अपनी लाइफ़ में कुछ अलग सोच के ज़रिए से कुछ करना चाहते है उनके लिए काफी मददगार साबित होती है, वो SpaceX के फाउंडर और CEO हैं, साथ ही वो बोरिंग कंपनी और x.com के फाउंडर और नेऔरा लिंक, openAl, Zip2 में को-फाउंडर हैं और सोलरसिटी के चैयरमेन भी हैं।
Elon Musk का जन्म 28 जून 1971 को प्रीटोरिया, अफ्रीका में हुआ, उनके पिता एक इंजीनियर और पायलट थे और उनकी माँ एक मॉडल थी, जब Elon 9 साल के थे तब उनकी माँ और पिता का तलाक हो गया था और वो उनके पिता के साथ रहे जबकि उनके भाई और बहन उनकी माँ के साथ रहे। वो बचपन से बुक्स और इंवेंशन्स के बारे में काफ़ी फोकस्ड थे क्योंकि उनका उसमे इंटरेस्ट था और जब वो पूरे फोकस के साथ इन सब चीज़ों के बारे में पढ़ते थे तो अगर कोई उन्हें आवाज़ लगाता तो उन्हें उनकी आवाज़ सुनाई नहीं देती थी, इसी के चलते उनके पेरेंट्स ने उस एक्सीडेंट के बारे में डॉक्टर्स से कंसल्ट भी किया कि कहीं वो बहरे तो नहीं हैं लेकिन ऐसा नहीं था, ये सिर्फ ज़्यादा फोकस के कारण था।
10 की उम्र में उनके पिता ने उन्हें एक कंप्यूटर दिलाया जिसे उन्होंने खुद से बिना किसी टीचर की हेल्प से सीखा। 12 कि उम्र में उन्होंने उस कंप्यूटर की हेल्प से Blast नाम का एक गेम बनाया और एक कंपनी को 500 डॉलर्स में बेच दिया। 17 कि उम्र में वो कनाडा अपनी माँ के रिलेटिव के पास चले गए और “Queen University” में एडमिशन लिया, उसकी मैन वजह यह थी कि उन्हें अमेरिका जाना था और उन्हें लगा कनाडा के सिटीज़न बनने से अमेरिका जाना आसान होगा। फाइनली 1992 में Musk ने “Pennsylvania University” में फिजिक्स और इकोनॉमिक्स में एडमिशन लेने के लिए कनाडा छोड़ दिया और अमेरिका चले गए।
Pennsylvania से निकलने के बाद 1995 में Musk ने Stanford university में फिजिक्स एंड मटेरियल साइंस में Phd. करने के लिए एडमिशन लिया, लेकिन 2 दिन के बाद उन्होंने वहाँ से स्टडी छोड़ दी क्योंकि वो अब बिज़नेस में जाना चाहते थे। उसी साल 1995 में Elon ने उनके भाई Kimbal Musk के साथ मिलकर Zip2 नाम की कंपनी की शुरुआत की, जो ऑनलाइन न्यूज़पेपर इंडस्ट्री के लिए सिटी गाइड का काम करती थी। जिसे बाद में Compaq नाम की कंपनी को बेच दिया और ओवरऑल 307 मिलियन डॉलर्स मिले जिसमें से Elon Musk को 22 मिलियन डॉलर्स मिले फिर उन्होंने उसी पैसों से x.com नाम की एक वेबसाइट बनाई जो ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर की सर्विस प्रोवाइड करती थी, जो बाद में जाकर Paypal बनी।
जुलाई 2002 में Paypal को ebay.com ने ख़रीद लिया जिससे अकेले Elon Musk को 165 मिलियन डॉलर्स मिले लेकिन वो इन सब से भी सेटिस्फाइड नहीं थे , वो दुनिया मे कुछ रेवोलुशन लाना चाहते थे इसलिए उन्होंने Paypal से मिलने वाली सारी कमाई को SpaceX में लगा दिया। वो लोगों को दुनिया से दूर स्पेस में भेजने की प्लानिंग कर रहे थे और उसी के लिए उन्होंने 2002 में “Space Exploration Technologies Corp.” नाम की कंपनी बनाई, उससे पहले एयरोस्पेस के सेक्टर में कोई भी प्राइवेट कंपनी नहीं थी।
SpaceX में अपनी सारी कैपिटल लगाने के बाद Elon के पास रहने के लिए घर भी नहीं बचा था और मुश्किलों की बात करे तो शुरुआत में उनके कंपनी के 3 रॉकेट लांच फैल हो गए थे जिसकी वजह से अब उनके पास सिर्फ़ उतना ही पैसा बचा था कि वो इस प्रोजेक्ट को बन्द कर दे या एक लास्ट रॉकेट लांच कर सके। अगर लास्ट रॉकेट लॉन्च फ़ेल हो जाता तो Elon के पास कुछ नहीं बचता क्योंकि उन्होंने अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया था और लास्ट 4th रॉकेट लॉन्च सक्सेस हुआ और SpaceX के शेयर्स की रेट बढ़ने के साथ उनकी कंपनी सक्सेस की तरफ मुड़ गयी।
उन्हें रेवोल्यूशनरी आईडिया पसंद है इसलिए उन्होंने 2004 में Tesla नाम की कंपनी में पैसा इन्वेस्ट किया जो Tesla Coil के आधार पर अपनी कार बना रही थी, आज कई देशों में वो कार अपनी अच्छी परफॉर्मेंस दे रही है और वो कार एनवायरनमेंट के लिए भी अच्छी साबित हो रही है, Elon Musk इस कंपनी के CEO भी हैं।
उनका Solar City नाम से प्रोजेक्ट भी चल रहा है जो अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, जो सोलर एनर्जी से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने का काम करती है और साथ ही उनका Hyperloop नाम से प्रोजेक्ट भी चल रहा है, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बहुत अच्छा तरीका है और बहुत तेज़ भी हैं। Elon Musk ने Iron man 2 में एक शार्ट रोल भी किया है, Elon ने बचपन से ही यकीन न हो ऐसे काम करने शुरू कर दिए थे, जिन काम के बारे में वो नहीं जानते थे उसे भी वो खुद से सीख कर अंजाम दे देते थे, उन्होंने रॉकेट साइंस की कोई स्पेशल पढ़ाई नहीं की लेकिन उन्होंने रॉकेट भी डिज़ाइन किये। उनका मानना है कि अगर आप अपनी लाइफ में कुछ नया नहीं कर रहे हैं तो ये बहुत बुरी बात है। आपको हमेशा कुछ नया ट्राई करते रहना चाहिए।