Hello दोस्तों, सुन्दरकाण्ड जोकि तुलसीदास जी द्वारा विरचित श्री रामचरितमानस का ही पञ्चम सोपान है। सुन्दरकाण्ड भाग को रामचरितमानस का सबसे मनोहर अंश कहा गया है। श्री रामचरितमानस का प्रत्येक दोहा, चोपाई, सोरठा तथा छन्द महामंत्र कहलाता है। जैसे महाभारत का विराटपर्व सबसे श्रेष्ट माना गया है उसी प्रकार सुन्दरकाण्ड को भी रामचरितमानस का सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस सुन्दरकाण्ड में सभी को सुन्दर बताया गया है। इस काण्ड को जो भी भक्त विधिपूर्वक अध्ययन तथा अनुष्ठान करते हैं उनकी हर एक मनोकामना पूर्ण होती है ऐसा बताया गया है। इस काण्ड कई रहस्यात्मक बातों का उल्लेख हैं।
सबसे पहले भगवान् श्री जानकीनाथ जी की आरती दिया गया है, जोकि आपको विधिपूर्वक पाठ करने होंगे। उसके बाद श्री तुलसीदास जी, श्री वाल्मीकि जी, श्री शिव जी तथा श्री हनुमान जी का आवाहन तथा पूजन करने होंगे और उसके पश्चात तीनों भाइयों सहित श्री सीताराम जी का आवाहन तथा पूजन एवं ध्यान करना चाहिए और उसके पश्चात ही इस सुन्दरकाण्ड का पाठ करनी चाहिए।
नीचे जो Sunderkand का PDF आपको प्रोवाइड किया है उसमें व्याख्यासहित सरल अर्थ में इस श्री रामचरितमानस का सुन्दरकाण्ड दिया गया है।
Complete Sunderkand PDF
PDF Name | Sri Ramcharitmanas Sundarkand PDF (Sachitra, Satik, Mota Type) Code 1349 |
Author Name | श्री गोस्वामी तुलसीदास |
Book Size | 1.87 MB |
No. of Pages | 130 pages |
Publisher | गीताप्रेस गोरखपुर |
Language | हिंदी |
PDF Category | eBook |
Source | archive.org |
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