13+ Horror Stories in Hindi | सच्ची भूतिया कहानी संग्रह

Hello दोस्तों, इस पोस्ट में आपके लिए सच्ची भूतिया कहानियों का संग्रह करके लाया हूँ, उम्मीद है आपको पसंद आएगा/आएगी। तो चलिए शुरू करते हैं –

Horror Stories in Hindi

Valentine’s Day मॉन्स्टर से प्यार

ये कहानी है फरवरी 2019 की। कहानी एक नैना नाम की लड़की की है।

कुछ ही दिन पहले नैना का ब्रेकअप हुआ था और तब से वो थोड़ी चुप-चुप सी हो गयी। नैना का सारा फोकस अपने काम पर था और इसलिए वो देर रातो तक ऑफिस में काम करती रहती थी। वैलेंटाइन्स डे पास आ रहा था और उसकी सारी फ्रेंड्स अपने बॉयफ्रैंड्स के साथ Goa जाने वाले थे। पर नैना ने काम का बहाना करके उनको मना कर दिया।

नैना थोड़ी उदास थी कि इस वैलेंटाइन्स डे पर कोई नहीं होगा। वैलेंटाइन्स डे पर नैना अपने ऑफिस में ही काम कर रही थी। जब वो काम करते करते थक गयी, तब वो ऑफिस के नीचे एक कॉफ़ी शॉप में जाके बैठ गयी। वहां उसे एक अपने एक्स-बॉयफ्रेंड के जैसा दिखने वाला आदमी दिखा, जिसके साथ बातें करनी शुरू कर दी।

बाते करते करते नैना को वो लड़का पसंद आने लगा और दोनों ने एक क्लब में जाने का प्लान किया। नैना ने रातभर उस लड़के के साथ खूब डांस किया और वो बहुत दिनों बाद काफी खुश महसूस कर रहा थी। उस लड़के ने जब नैना से उसके घर चलने के लिए कहा, तो नैना ने हाँ कर दी। नैना जब उस लड़के की घर पहुंची, तो वो थोड़ी ड्रंक थी, पर उसे साफ साफ समझ आ रहा था कि वो घर थोड़ा अजीब।

उस घर में अजीब सी महक थी, जिससे नैना का दम घुट रहा था। फिर भी नैना उस लड़के पर भरोसा करके उसके साथ बैडरूम में चली गयी। जैसे ही लड़के ने नैना को गले लगाया, वैसे ही नैना को ऐसा लगा कि उस लड़के ने गर्दन पर बहुत जोड़ से काटा। नैना ने उसे तुरंत पीछे धक्का दिया और धक्का देते ही उसने देखा की उस लड़के की चेहरा पूरी तरह से बदल चूका है, ऐसा लग रहा था की मानो वो कोई भयानक मॉन्स्टर हो। नैना बुरी तरह घबरा गयी।

वो लड़का नैना की तरफ आगे बढ़ा और नैना डर के मारे बेहोश हो गयी। अगले दिन जब वो उठी तो वहां कोई नहीं था, पुरे घर का नक्शा बदला हुआ था, वो घर धूल-मिट्टी से भरा हुआ था और ऐसा लग रहा की जैसे उस घर में सालों-साल से कोई नहीं है। वो तुरंत वहां से निकलकर अपनी एक फ्रेंड की घर चली गयी। उस लड़के के बारे में मालूम करने पर नैना के होश उड़ गए। जब उसने कॉफ़ी शॉप ओनर से पूछा कि उस रात आपने मेरे साथ कोई लड़का देखा था।

तो वो बोला कि नहीं हमने किसी को नहीं देखा, बल्कि हमने तो ये सोचा था आप अकेले किसको देखकर बात कर रही थी। नैना को ये बात सुनकर अजीब लगा, उसके बाद वो उसी क्लब में गयी और क्लब मैनेजर से उसी लड़के के बारे में पूछा, तो क्लब मैनेजर ने उसे cctv फोटेज दिखाई, जिसमें उसने देखा कि उस रात वो अकेले ही डांस कर रही थी।

जब उसने उस लड़के के बारे में और इनफार्मेशन निकाली तो उसे पता चला कि वो लड़का जो उसे कॉफ़ी शॉप में मिला था उसे मरे हुए 2 साल से ज्यादा हो चुके थे। इस बात को सोचकर की वैलेंटाइन्स की पूरी रात वो जिस लड़के के साथ थी, वो रियलिटी में एक्सिस्ट ही नहीं करता। वो पूरी तरह से सुन्न हो गयी थी। और उसकी गले की चोट का निशान आज तक उसे उस भयानक एक्सपीरियंस की याद दिलाता रहता है।

हॉस्टल के एक बंद कमड़े

ये कहानी मेरे एक इंजीनियर दोस्त की है, जो उनके साथ 2016 में घटित हुई थी। तो मैं उसी की नजरिये से ये कहानी आपको बताऊंगा।

ये कहानी है 2016 की, जब मैं R.V. College में इंजीनियरिंग कर रहा था। कॉलेज का 1st year था और मुझे Chamundi Block में रूम no. 36 अलॉट हुआ था। हॉस्टल के पहले दिन से मेरे साथ कुछ अजीब ही चीजें हो रही थी। रोज सोने के बाद में आधी रात में मुझे किसी लड़के के रोने की आवाजें सुनाई देती थी, जैसे कोई उस लड़के को बुरी तरह पीट रहा हो। कभी मुझे ऐसा लगता था कि मेरी रूम के अंदर कोई आया है और खिड़की के पास खड़े होकर मुझे बस घुड़ते जा रहे है।

मुझे तब और ज्यादा डर लगने लगा, जब मेरे रूममेट ने बताया कि उसे ऐसी कोई आवाज सुनाई नहीं देती। शुरू के पहले महीने में हमें 4 दिन की छुट्टी मिली थी, कई लोग घर चले गए और हॉस्टल में बहुत ही कम लोग रुके थे। मेरा रूममेट भी घर चला गया और मैं मेरे रूम में अकेला था। उस दिन रात को बाहर जोड़दार बारिश हुई थी। करीब रात के 12 बजे दरवाजे पे बहुत जोड़ से खटखट की आवाजें आने लगी, मैंने दरवाजा खोला तो वहां कोई नहीं था।

लेकिन जब मैं वापस मुड़ा तो मेरे रूम का सारा सामान बिखड़ा पड़ा था। बारिश और तेज हो गयी थी, जिसकी वजह से लाइट भी चली गयी। कुछ देर बाद दरवाजे पर और जोड़ो से खटखट हुई, लेकिन इस बार भी बाहर कोई नहीं था। तब मैंने देखा जिस पर हमेशा ताला लगा हुआ रहता था, वो बिलकुल खुला पड़ा था। पता नहीं मुझे क्या सुझा, मैं उस रूम के अंदर झाँकने से खुद को रोक ही नहीं पाया।

अंदर घुसते ही कमड़े का दरवाजा एकदम जोड़ से बंद हो गया, मुझे फिर वही रोने की आवाज सुनाई देने लगी, जो मुझे रोज रात में सोने नहीं देती थी। तभी मेरे पीछे की अलमाड़ी भी बहुत तेजी से हिलने लगी, मुझे ऐसा लगा कि उसके अंदर से कोई बाहर आना चाहता है। इतने में मुझे खिड़की टूटने की आवाज सुनाई दी और जैसे ही पीछे मुड़ा मुझे कड़कती बिजली की रौशनी में पंखे से लटकी एक लड़के की लाश दिखाई दी। मैं वो देखके पूरी तरह घबरा गया। और जैसे-तैसे करके उस कमड़े से निकलकर नीचे गार्ड के पास भागा और उसे सब कुछ बताया। और मुझे उस गार्ड अंकल ने उस रूम no. 37 ले गया, लेकिन अबकी बार मैंने जो देखा उससे मेरे होश उड़ गए।

मैंने देखा उस कमड़े पर ताला लगा हुआ था। उस गार्ड अंकल ने मुझे बताया, वो रूम पिछले 15 सालों से बंद पड़ा है। उसने बताया कि यहाँ एक लड़का रहता था, जिसे यहाँ एक प्रोफेसर की बेटी से प्यार हो गया था, लेकिन प्रोफेसर को उनका रिश्ता बिलकुल मंजूर नहीं था। और cultural fest के एक दिन उस प्रोफेसर ने उस लड़के को पंखे से लटका कर मार डाला। और उस लड़के का नाम भी अमित था, ये सुनके मैं तरह काँपने लगा।

मैंने उस रात उस गार्ड अंकल के पास ही गुजारा और मैंने अगली सुबह ही उस हॉस्टल को छोड़ दिया। उस रात के बाद मेरे साथ ऐसा किस्सा कभी नहीं हुआ, लेकिन फिर भी मेरे अंदर उस हॉस्टल के सामने गुजरने की हिम्मत कभी नहीं हुई।

कुलधरा गाँव

ये कहानी है राजस्थान की कुलधरा गाँव की। राजस्थान का कुलधरा गाँव इंडिया की सबसे Haunted जगहों में से एक है। यहाँ कई लोगों के साथ ऐसे अजीब हादसे हुए हैं, जिन्हें आसानी से बयां नहीं किया जा सकता। कुलधरा गाँव 170 साल पहले अचानक एक दिन बंजर हो गया, जितने भी लोग यहाँ रहा करते थे, वो सब ये जगह छोड़के चले गए।

उस गाँव की जो पालीवाल brahmins थे उन्होंने एक ही रात के अंदर उस गाँव को छोड़ दिए और ये भी एक रहस्य बनके रह गए कि उस गाँव के लोग सेटल्ड कहाँ हुए। सिर्फ एक ही रात में पूरा गाँव डेजर्ट बन गए और किसी को नहीं पता वहां के लोग एक ही रात में कहा गायब हो गए। मान्यता है कि इस गाँव के ऊपर एक श्राप है, और भटकती आत्माएं किसी भी इंसान को यहाँ टिकने नहीं देती।

जब कुलधरा में भूत-प्रेत की होने की बातें बहुत बढ़ने लगे, तब दिल्ली की एक Paranormal Investigation Team ने गाँव में जाके इस रहस्य की सच्चाई का पता लगाने का सोचा।

2011 में 4 Paranormal Experts की टीम दोपहर के समय कुलधरा पहुंची और उन्होंने अपनी investigation शुरू करी। शुरू शुरू में उन लोगों को किसी भी पैरानॉर्मल एक्टिविटी या किसी भी एनर्जी का कोई sign नहीं मिला। उनका EMF मीटर और Ghost Detector मीटर जो आसपास की शक्तिओं और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड्स को identify कर लेता है, उसने भी कोई signal नहीं पकड़ा। पर जैसे जैसे शाम होने लगी, उन्हें कुलधरा की महल में भाड़ीपन महसूस होने लगा।

जब उनमें से एक टीम मेंबर अंशुमान, गाड़ी में रखी पानी की बोतल लेने गाड़ी के पास गया तब उसने देखा कि उन लोगों की गाड़ी पर किसी बच्चे के हाथ के निशान थे। उसको ये बेहद अजीब लगा। क्यूंकि दूर दूर तक वहां कोई भी बच्चा नहीं था। इतने में टीम के बाकि तीन लोग जो कुलधरा के अंदर थे उन्हें अचानक महसूस हुआ कि औरतों का झुण्ड उनकी तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने जैसे ही अपना पैरानॉर्मल मीटर ऑन किया, वैसे ही उस मीटर ने एक अजीब सी frequency पकड़ना शुरू कर दिया, जो उन औरतों के बढ़ते क़दमों की आवाज के साथ और तेज हो गए।

वही अंशुमान अपनी गाड़ी से पानी की बोतल निकालते हुए गाड़ी के शीशे को एकदम से डर गया। शीशे से उसने देखा कि एक बहुत ही बूढ़ा सा आदमी वहां खड़ा उसे घूर रहा है, पर जब उसने गाड़ी के बाहर देखा, तो बूढ़ा आदमी गायब था। और तभी उसे खुलधरा की खंडहरों से अपने दोस्तों के चीखने की आवाज सुनाई दी। वो भागा-भागा अंदर गया, तो उसने देखा कि उसके दोस्त सही सलामत एक कुएँ के पास खड़े हुए है। ठण्ड बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी और उनका मीटर ये संकेत दे रहा था कि कुएँ के अंदर किसी आत्मा का वास है।

जैसे ही उन्होंने कुएँ के अंदर टॉर्च मारी, वहां से चमगादड़ों का एक झुण्ड निकला, जिससे वो सभी बहुत डर गए। अंशुमान ने हिम्मत करके उस कुएँ में वापस झाँका तो उसको वहां से अजीब सी आवाजें आयी – “वापस चले जाओ, चले जाओ यहाँ से……” और फिर एक बार पीछे से औरतों के झुण्ड उनकी तरफ बढ़ने की आवाजें वापस आने लगी। इतने में अचानक कुएँ के अंदर से एक हाथ अंशुमान की तरफ बढ़ा और अंशुमान के हाथ को पकड़कर उसको कुएँ के अंदर खींचने लगा।

अंशुमान ने जैसे ही नीचे देखा वो हक्का-बक्का रह गया, उसको वही डरावना बूढ़ा आदमी दिखा और अंशुमान बेहोश हो गया। उसके बाकि दोस्तों ने उसको वहां निकाला और कुलधरा से वापस जाने का फैसला किया। जल्दी जल्दी वो उस रात निकल तो जरूर गए, लेकिन कुलधरा में जो भी उन्होंने महसूस किया उससे उन्हें यकीन हो गया की कुलधरा बहुत ही Haunted है। और वहां रात में बहुत ज्यादा आत्माएं भटकती है। अंशुमान की तबियत उस हादसे के बाद काफी महीनों तक ख़राब रही और कई सालों तक वो बूढ़ा आदमी उसके सपनों में आता रहा।

हॉन्टेड बस स्टॉप

यह कहानी उत्तर प्रदेश के रहने वाले 15 साल के लड़के रोनित के साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है। एक हॉन्टेड बस स्टॉप की कहानी।

एक शाम रोनित अपने tuition खत्म करके घर जाने के लिए bus stop पर बैठा, Bus का इंतजार कर रहा था। तभी उसने देखा कि एक बूढी औरत वही बैठी रो रही थी। ये देख कर रोनित को बहुत बुरा लगा और इंसानियत के नाते उसने उस औरत को पानी ऑफर किया। उस औरत ने अचानक ही रोना बंद कर दिया और उसने रोनित की तरफ बहुत ही डरावनी तरीकेसे देखा और उससे पूछने लगी – “क्या तुम्हें पता है मेरा पति कहाँ हैं ? पता है तो मुझे अभी बता दो वरना तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा।”

रोनित उसका यह सवाल सुनकर दो कदम पीछे हट गया, उसे लगा कि वो बूढी औरत शायद पागल है! लेकिन वो औरत अपनी जगह से उठी और रोनित की तरफ बढ़ने लगी। रोनित ने तब देखा की उस बूढी औरत के पैर उल्टे थे, और वो जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में थी। ये सब देखते ही रोनित बुरी तरह डर गया, क्यूंकि उसके साथ ऐसा कुछ पहली बार हो रहा था। रोनित ने अपनी पानी की बोतल वही छोड़ दी और भागने लगा।

भागते-भागते वो सीधा अपने घर पहुँच गया। पूरी शाम रोनित यही सोचता रहा कि आखिर वो औरत थी कौन !!! और उससे इस तरीकेसे बात क्यूँ कर रही थी! मगर उसे कुछ समझ नहीं आया। उसी रात करीब दो बजे रोनित की नींद अचानक ही किसी के रोने की आवाज से खुल गयी। वो जैसे ही उठके बैठा, उसके होश उड़ गए। वही bus stop वाली औरत रोनित के बिस्तर पर बैठी रो रही थी। उसके हाथ में वही पानी की बोतल थी, जो रोनित bus stop पर छोड़ आया था। मगर उस बोतल में पानी नहीं, बल्कि खून था।

वो औरत एकदम से रोनित पर झपटी और उसका गला दबाने लगी। उस बूढी औरत का चेहरा इतना डरावना था कि जैसे वो रोनित को वही खा जाएगी। वो बार बार यही कहती रही कि रोनित ने उसके पति को मारा है। रोनित डर के मारे जोड़-जोड़ से चिल्लाने लगी। तभी उसकी मम्मी-पापा भाग कर उसके कमड़े में आ गए, उन्होंने जैसे ही लाइट ऑन की, वो औरत रोनित के ऊपर से गायब हो गयी। बिचारा रोनित हक्का-बक्का होकर रोते हुए अपने पेरेंट्स को सब कुछ बताने लगा। लेकिन उसके मम्मी-पापा को लगा की शायद उसने कोई बहुत बुरा सपना देखा है।

आज तक रोनित समझ नहीं पाया है कि उसके साथ उस दिन आखिर क्या हुआ था और वो औरत कौन थी! लेकिन रोनित उस रात के बाद से कुछ महीनों तक बहुत सहमा-सहमा रहने लगा, उसने अपनी टूशन भी छोड़ दी और फिर कभी उस Bus Stop वाले रास्ते पर नहीं गया।

अग्रसेन की बाओली

Delhi Agrasen’s Baoli में ऐसा क्या है और क्या हुआ था जिसकी वजह से उसे मोस्ट haunted प्लेस बना दिया गया?इंडिया की कैपिटल दिल्ली में इतिहास के कई राज छुपे हैं, उन्हीं में से एक है Agrasen की बाओली। 103 सीढ़ी गहरा इंडिया का सबसे मसूर कुआं, जहाँ कई सालों पहले पानी को स्टोर किया जाता था। पर अब ये जगह सूखी पर गयी है। और चमगादड़ों और कबूतरों का घर बन चुकी है।

आमिर खान की PK की शूट के बाद ये जगह काफी पॉपुलर हो गयी और काफी टूरिस्ट बाऊली देखने जाने लगे। हालाँकि कई लोग ऐसे भी है जो Agrasen की बाओली को हॉन्टेड मानते हैं। और यहाँ जाने की सलाह किसी को नहीं देते। उन्हीं में से ऐसे एक है आकाश, जो एक बॉलीवुड फिल्म की प्रोडक्शंस संभाल रहा था और शूट से पहले ये जगह देखने आया था। क्यूंकि शाम 6 बजे ये जगह पब्लिक के बंद हो जाती है। लेकिन आकाश दिल्ली अथॉरिटी की स्पेशल परमिशन लेकर 2013 की एक रात अपने एक कैमरामैन के इस जगह का मुआयना करने के लिए यहाँ आया।

Agrasen की बाओली में एक अजीब सी शांति थी और दूर दूर तक वहां कोई नहीं था। पत्थर की दीवारों से गूंजती हुई चमगादड़ों की आवाज, इस जगह को और डरावना बना रही थी। बाओली के निचले हिस्से में बहुत अँधेरा था। पर आकाश ने कैमरामैन को बोला की शूट के जरुरी है कि हर angle से उस बाओली की फोटो ली जाये और इसलिए उन दोनों ने बाओली में और नीचे जाने का सोचा। जैसे जैसे वो दोनों सीढ़ीओं से नीचे जा रहे थे, वैसे वैसे ठंड बढ़ती जा रही थी, और बाहर की सारी आवाजें धीमी होती जा रही थी। उन दोनों को बस उनके चलने की गूंज सुनाई दे रही थी।

अचानक आकाश को लगा की बाओली की और गहराई में कोई एक साइड से दूसरी साइड भागा, उसे एक सेकंड के लिए ये बहुत अजीब लगा। पर उसने सोचा की शायद ये उसका बहम है और वो अपने कैमरामैन को बिना बोले और नीचे उतरने लगा। एकदम नीचे पहुँच कर जब कैमरामैन बाओली की फोटोज ले रहा था, तब अचानक एक फोटो खींचने पे उसे ऐसा लगा की कोई भूतनी उसके सामने खड़ी है। उसके हाथ से कैमरा नीचे गिर गया और टूट गया।

जब कैमरामैन ने आकाश को ये बात बताई, तब आकाश थोड़ा घबरा गया। उसे लगने लगा कि बाओली में अब ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं है। पर क्यूंकि कैमरा टूट गया था, तो उसने फ़ोन में कुछ फोटोज लेकर वहां से जल्दी से निकलने का तय किया। जैसे ही उसने फ़ोन का कैमरा ऑन किया, उसने कैमरे में एक चुड़ैल को देखा वो सीढ़ीओं से अपने हाथों के बल उतड़ रही थी।

ये देखकर वो सुन्न पड़ गया, कैमरामैन ने जब देखा की आकाश का चेहरा पीला पड़ रहा है, वो तुरंत आकाश को लेके Agrasen की बाओली से निकल गया। पूरी रात वो दोनों डर के मारे नहीं सोए, जब उन्होंने कैमरा ठीक कराया और उसके अंदर की फोटोज देखी, तो उन सारी फोटोज पर कुछ धुंधली सी परछाई थी। जब ये बात आकाश ने अपने प्रोडक्शन हेड को बताई, तब उसने आकाश की बात नहीं मानी और अपने दूसरे असिस्टेंट को फोटोज लाने भेज दिया, जिसके साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

डुमस बीच

January 01, 2003 की सुबह रितेश और उनके दोस्तों के साथ ऐसी घटना हुई, जिसे वो आज तक याद करते हैं। उस समय रितेश सूरत, गुजरात की एक IT कंपनी Infotech में जॉब कर रहा था।

साल 2002 खत्म होने वाला था और New Year सेलिब्रेट करने के लिए रितेश ने डुमस बीच जाने का प्लान बनाया। 31 December, 2002 की शाम को वो अपने दो और दोस्तों को लेकर डुमस बीच के पास एक Resort पर पहुंचे, जहाँ new year की एक बहुत बड़ी पार्टी चल रही थी। Resort के स्टाफ को कुछ पैसे उन्होंने अपने ड्रिंक्स का जुगाड़ भी कर लिया था। खूब जोरो-शोरों से Resort में पार्टी करने के बाद, वे तीनो समुन्द्र के किनारे बैठने के लिए डुमस बीच की ओर चलने लगे।

Resort के एक वेटर ने उन्हें रोकके बताया की डुमस बीच बहुत ही Haunted है, और वहां रात में आत्माएं भटकती है और उनको वहां जाने से मना किया। लेकिन उन तीनों ने वेटर की बात नहीं सुनी और डुमस बीच चले गए। तीनों डुमस बीच पर बैठे हुए अपने हाथ में एक एक ग्लास ड्रिंक लिए गप्पे मार रहे थे। डुमस बीच एकदम सुनसान थी। और उन तीनों के अलावा दूर दूर तक वहां कोई नहीं था।

कुछ ही देर में रितेश की दोस्त रवि को वहां दूर कोई खड़ा दिखा, जो धीरे धीरे उसके पास आ रहा था। उसका चेहरा धुंधला था, ऐसा लग रहा था कि जैसे वो बस एक प्रोजेक्शन है। रवि ने जब ये बात अपने दोनों दोस्तों को बताया तो उन्हें कुछ नहीं देखा और उन्होंने उसका मजाक बनाना शुरू कर दिया। रितेश ने बोला कि उसे ज्यादा चढ़ गयी है और अब उसे और नहीं पीना चाहिए। लेकिन रवि काफी Sure था कि कुछ तो अजीब है। वो बार बार उसी धुंधले चेहरे वाली उस औरत को देख रहा था।

देखते ही देखते अचानक वो औरत उनके पास आ गयी और उसके आर-पार हो गयी। रवि को एकदम से काफी uneasy लगने लगा और वो चक्कर खा के नीचे बैठ गया। रितेश ने उसे पानी पिलाया, लेकिन रवि की हालत और ख़राब होती जा रही थी। उसका गरम पड़ने लगा और वो ठण्ड से कपकपाने लगा। उन्होंने वापस Resort जाने का सोचा, पर रवि चलने की हालत में नहीं था। रितेश ने अपने दूसरे दोस्त पुनीत को पानी, दवाइया और जैकेट लाने को कहा।

जैसे ही पुनीत वहां से गया, वैसे ही रितेश को किसी के रोने की आवाज आयी। रितेश ने देखा कि समंदर के किनारे बैठा एक औरत नीचे मुंह करके रो रही थी। रितेश को भी समझ आ गया कि बीच पर और देर रुकना ठीक नहीं है। वो तुरंत कांपते हुए रवि को उठाने बढ़ा, जैसे ही रितेश ने रवि को खिंचा, रवि ने कांपना बंद कर दिया, और रितेश को पीछे बहुत जोड़ से धक्का दिया। रवि कि आँखों में एक अजीब सी लाल चमक थी। उसने गुस्से में रितेश को देखा, जिसे रितेश बहुत ज्यादा घबरा गया। इतने में पुनीत भी Resort के स्टाफ को लेकर वहां पहुँच गया।

रवि उन सबको देखकर बहुत जोड़ से गुस्से में चिल्लाया। और ये देखकर Resort वालों ने आग जलाकर उसे डराया और बहुत कोशिशों के बाद उसे बांध दिया। वो कुछ देर और चिल्लाया, उसके बाद बेहोश होकर नीचे गिर गया। रवि सुबह सुबह पास के हॉस्पिटल ले जाया गया, तो उससे मालूम हुआ कि उसे 107 डिग्री बुखार था। दो दिन हॉस्पिटल में रहके रवि ठीक तो हो गया, लेकिन उसे अपने साथ हुई घटना के बारे में कुछ याद नहीं। लेकिन रितेश और पुनीत इस हादसे को कभी नहीं भूल पाए।

हॉन्टेड होटल

ये कहानी है Mr. Ramesh की। उनकी कहानी उनकी जुबानी – कुछ साल पहले मुझे बंगाल के एक छोटे से शहर में फैक्ट्री इंस्पेक्शन के लिए जाना पड़ा। जहाँ काम खत्म होते होते मुझे काफी लेट हो गया था। इसलिए मैं उस फैक्ट्री के पास वाली होटल में जाके ठहर गया।

जब मैं पहुंचा तो रिसेप्शनिस्ट ने मुझे बताया कि सारे रूम्स फुल हो चुके हैं। काफी रात हो चुकी थी और बाहर बहुत ज्यादा ठण्ड थी। इतनी देर रात मैं कहाँ जाता, मैंने रिसेप्शनिस्ट से बहुत रिक्वेस्ट करी और मेरी लाख मिन्नतों के बाद उसने 6th फ्लोर पर एक रूम दे दिया। लेकिन रूम में जाते जाते उसने मुझसे एक बात बोली जिसे सुनकर मुझे थोड़ा अजीब लगा। उन्होंने बोला कि आप अपना रूम 12 बजे के बाद बिलकुल मत खोलियेगा।

मैंने उस बात पर ज्यादा गौर नहीं किया और उसे पानी की बोतल भिजवाने के लिए बोलकर मैं अपना रूम चला गया। मैं इतना थका हुआ था कि मुझे कब नींद आयी, मुझे पता ही नहीं चला। मैं सो ही रहा था कि मेरे रूम पर धक्-धक् हुई।मुझे लगा कि फाइनली पानी की बोतल आ गयी। मैंने उठके देखा तो कमरे में एकदम अँधेरा था और शायद होटल की लाइट भी चली गयी थी। जब मैंने दरवाजा खोला तब मैं नींद में ही था, तो मैं नींद पर ही था, तब मैंने टाइम पर ध्यान नहीं दिया।

दरवाजे पर एक आदमी था, जिसका पूरा मुंह एक सफ़ेद shawl से ढका हुआ था। उसके एक हाथ में लालटेन थी और दूसरे हाथ में पानी की बोतल। जैसे ही मैं पानी की बोतल लेने के लिए आगे बढ़ा, वो आदमी थोड़ा पीछे हो गया और होटल की बालकनी की तरफ चलने लगा, मैं उस पर चिल्लाते हुए आगे बढ़ा। लेकिन वो मेरी बात ही नहीं सुन रहा था। मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उस आदमी का हाथ पकड़ लिया, वो एक पल के रुका और पीछे मुड़ा। और जैसे ही मैंने उसे पानी छीनने की कोशिश करी, वो आदमी मेरे ऊपर जोड़ से चिल्लाया और उसकी शाल उसकी मुंह से हट गयी।

मैंने जो देखा वो देख कर मैं हक्का-बक्का रह गया! उस आदमी की आँखें नहीं थी, सर ऊपर से खुला हुआ था और पूरा चेहरा जला पड़ा था। मैं एकदम से बहुत ज्यादा घबरा गया और तुरंत अपने कमरे की ओर वापस भागा। मैंने देखा की घडी में 1:30 AM बज रहा है और तब मुझे उस रिसेप्शनिस्ट की बात याद आयी। तभी मेरे रूम में वापस धक्-धक् हुई और मैंने इस बार दरवाजा नहीं खोला और रिसेप्शन पर कॉल लगाया, रिंग बजती रही, लेकिन किसी ने भी फ़ोन नहीं उठाया।

मैं सारी रात दरवाजे पर धक्-धक् की आवाज से बहुत ज्यादा दर गया था। और सुबह सूरज निकलते ही मैंने रिसेप्शनिस्ट के पास जाकर उसे खूब डांटा। तब उस रिसेप्शनिस्ट ने मुझे बताया कि “कुछ साल पहले रात के 12 बजे के बाद उस होटल के 6th फ्लोर पर एक आदमी ने खुद को जलाकर सुसाइड की थी। उसके बाद से उस आदमी की आत्मा उसी फ्लोर पर भटकती है और उस रूम में रुकने वाले लोगों में से कुछ लोग 6th फ्लोर की बालकनी से गिर कर मर भी चुके हैं। और इसलिए वो 6th फ्लोर का किसी भी रूम किसी को allot नहीं करते हैं।”

रिसेप्शनिस्ट की ये बातें सुनकर मैंने खुद को खुशनसीबी माना कि मैं जिन्दा हूँ। और सुबह सुबह ही उस होटल से चेकआउट किया और वापस अपने घर आ गया। उस दिन के बाद मुझे आज तक रात 12 बजे के बाद घबराहट महसूस होती है, और उस आदमी का डरावना चेहरा मुझे ढंग से सोने भी नहीं देता, और इसलिए मुझे नींद की गोली भी लेना पड़ता है।

Ragini MMS

ये कहानी है एक प्यार में परे couple रागिनी और उदय की है, जो एक रियल horror स्टोरी है। रागिनी और उदय अपना वीकेंड सेलिब्रेट करने के लिए दूर जंगल में बने एक कॉटेज में गए थे। वे दोनों वहां अपना वीकेंड मनाने के लिए काफी समय से प्लानिंग कर रहे थे। दोनों रास्तेभर प्यार-मोहब्बत की बातें करते हुए उस कॉटेज तक पहुँचे। लेकिन जब रागिनी गाड़ी से उतरी, तो उसे ऐसा लगा की घर की खिड़की पर कोई औरत काली साड़ी पहने खड़ी है।

उसने उदय को ये दिखाने की कोशिश की, लेकिन जब उदय ने खिड़की की तरफ देखा तो वहां पर कोई नहीं था। उदय का ध्यान सिर्फ रागिनी की खूबसूरती पर था। उदय ने कुछ दिन पहले ही अपनी मस्ती के लिए उस घर की बेडरूम में दो hidden cameras लगा रखे थे, ताकि आज रात वो दोनों जो भी करें वो सभी रिकॉर्ड हो जाये। लेकिन उसे क्या पता था की आज रात उन Hidden cameras के आलावा, उनका पाला एक चुड़ैल से पड़ने वाला है। वो दोनों लोग उस घर में अंदर चली गयी।

लेकिन रागिनी को अंदर से बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था, मतलब घर के अंदर आते ही उनकी अच्छी फीलिंग bad फीलिंग में बदल गए। रागिनी को उस घर के अंदर नेगेटिव वाइब्स आ रही थी, लेकिन उसने उदय का मन रखने के लिए कुछ नहीं कहा। और वो दोनों जोड़-जोड़ से गाने बजाकर पार्टी करने लगी। लेकिन तभी उनका गाना अचानक से बंद हो गया, मतलब वो साउंड बॉक्स अचानक से बंद हो गया और कमरे के लाइट्स भी फ्लिकर (टिमटिमाना) करने लगी।

रागिनी को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसका नाम पुकारा ! रागिनी….. रागिनी….. रागिनी ने डर के मारे उदय से पूछा की क्या उसे वो आवाज सुनाई दी। लेकिन उदय ने कहा की उसकी कान तो अब भी उन गानों से बज रहे हैं। अब लाइट्स भी बंद हो गए। जब कुछ देर तक भी लाइट्स नहीं आयी तो उदय लाइट्स चेक करने के लिए बेसमेंट में में गया। रागिनी उसी कमरे में बेड पर बैठ कर उदय का wait कर रही थी।

उसे हर दो मिनट पर एक आवाज सुनाई देती। रागिनी….. रागिनी….. ये आवाज मानों बहुत दूर से आ रही थी। तभी अचानक से उदय चिल्लाता हुआ रागिनी के पास आया, वो बहुत घबराया हुआ था। उदय घबरायी हुई आवाज में कह रहा था – वो…. वो…. चुड़ैल, वो… वो… यहाँ चुड़ैल है…. तभी उदय हवा में उड़ने लगा, मानो किसी ने उसे जबरदस्ती उठा लिया हो।

देखते ही देखते वो धम से नीचे गिर पड़ा। और इसी के साथ जोड़ से एक आवाज आयी। रागिनी…… उदय फिर से हवा में उड़ने लगा और फिर से दीवार से जाकर टकड़ा गया और बेहोश हो गया। रागिनी ने उसे उठाने की बहुत कोशिश की, मगर वो नहीं उठा। रागिनी को लगा की उस घर में रहना ठीक नहीं हैं, उसने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन घर के सारे खिड़की-दरवाजे लॉक हो गए थे। रागिनी को वही काली परछाई फिर से देखने को मिली, जो उसने खिड़की पर देखी थी।

वो परछाई अचानक से उसके सामने आ गयी, जो पूरी तरह से जली हुई थी। रागिनी उसे देखके सुन्न पड़ गयी और कुछ ही पलों में बेहोश हो गयी। रागिनी उसी घर में हफ़्तों तक कैद थी। रागिनी उदय को रोज उठाने की कोशिश करती, लेकिन उदय को कभी होश ही नहीं आया और उसकी बॉडी धीरे धीरे सड़ने लगी। वो औरत रागिनी को बार बार दिखती, जैसे वो कुछ कहना चाह रही हो।

एक दिन रागिनी को वो दोनों हिडन cameras दिखें, जिससे वो समझ गयी कि उदय उसका MMS बना रहा है। वो उदय से बहुत प्यार करती थी और ये देख कर वो अंदर से टूट गयी। कुछ दिनों के बाद उसे ढूंढते ढूंढते उसके परिवार वाले वहां पहुंचे। उन लोगों ने रागिनी को एक कोने में बैठ कर कुछ खाते हुए देखा। वो लोग उसके पास गए और उन्होंने देखा कि रागिनी cockroach और मकड़ीयां खा रही है। रागिनी पूरी तरीकेसे पागल हो गयी थी, वो बस एक ही चीज बड़बड़ाये जा रही थी – Ragini MMS…… Ragini MMS…… Ragini MMS…… Ragini MMS……

Stree

आपने तो Stree Movie देखा ही होगा, मैंने भी देखा और देखने के बाद उसके बारे में थोड़ा रिसर्च किया तो पता चला की वो Movie एक सत्य घटना पर ही आधारित है।

ये कहानी है 1984 की कर्नाटक के एक छोटे से गाँव की है। उस गाँव में कई दिनों से काफी हलचल मची हुई थी। रोज रात में गाँव का कोई ना कोई मर्द अपने ही घर से गायब हो रहा था। ये खबर सुनकर वेंकट नाम का एक रिपोर्टर उस गाँव में पहुंचा। शाम के कुछ 6 ही बजे होंगे, लेकिन गाँव के लोग जल्दी-जल्दी अपनी दुकानें बंद करके घर लौट रहे थे।

वेंकट ने देखा की हर घर के main door पर कनाडा लैंग्वेज में “नाले बा” यानी “कल आना”, ऐसा लिखा है। उसने वहां एक पुजारी को रोकके पूछा की इस गाँव में ये सब क्या हो रहा है? उस पुजारी ने उसे बताया की उस गाँव में एक लाल साड़ी वाली चुड़ैल घूम रही है, वो रोज रात में घर घर जाके जोड़ से दरवाजा खटखटाती, और घर के अंदर जो भी मर्द है, उसका नाम पुकारती। पुजारी जी ने फिर कहा कि कोई भी आदमी उसके आवाज को नजरअंदाज नहीं कर पाते और दरवाजा खोल देता है। कहते हैं वो चुड़ैल हर आदमी को अपने वश करके कही दूर ले जाती है और मार देती है। इसलिए इस गाँव के लोगों ने उससे बचने के लिए घर के बाहर “नाले बा यानी कल आना” लिखना शुरू किया।

पुजारी जी ने फिर से कहा अगर उस चुड़ैल ने वो पढ़ लिया तो वो कल आता है और कल देखता है फिर से वही लिखा हुआ है “नाले बा यानी कल आना” तो वो वापस चली जाती है। इतना कहकर वो पुजारी जल्दी जल्दी अपने घर के रास्ते चला गया। वेंकट को तो कल के अखबार के लिए एक अच्छी कहानी तो मिल गयी, पर कुछ ही दूर जाते ही, उसका स्कूटर पंचर हो गया। अब अँधेरा बहुत हो चूका था, और गाँव के सभी लोग अपने जा चुके थे। अचानक से वेंकट को लगा की उसके आसपास कोई है, तो वो स्कूटर लिए तेजी से आगे चला।

किसी ने बहुत ही मधुर आवाज में उसका नाम पुकारा – वेंकट…… वेंकट…… वेंकट ने जैसे ही स्कूटर को रोककर उसके शीशे की ओर देखा, तो उन्हें देखा की वो चुड़ैल उनके पीछे ही खड़ा है। वो तुरंत स्कूटर को छोड़कर बहुत ही तेजी से गाँव की तरफ आगे भागा, वो एक छोटे से मकान में जाके छिप गया और दरवाजा अंदर से कसके बंद कर लिया। अब दरवाजे पर जोड़ जोड़ से खत खत होने लगी और उसे अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देने लगी। वेंकट बहुत बुरी तरह डरा हुआ था।

कुछ देर बाद जब सारी आवाजें शांत हुई, तो उसने बहुत हिम्मत करके दरवाजा खोला, तो वहां कोई नहीं था। लेकिन अचानक से वो चुड़ैल उसके सामने आया और जोड़-जोड़ से भयानक आवाज निकलने लगे। लेकिन बाद में क्या हुआ उसको याद नहीं! उसके बाद फिर सुबह हुई तो वेंकट उसी घर में बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। वो दिन था और आज का दिन वेंकट को कभी ये समझ नहीं आया की उस रात उसके साथ क्या हुआ। गाँव के लोगों ने की वो उस गाँव का नहीं है, शायद इसलिए बच गया, चुड़ैल के हाथों से। ऐसे ही कुछ महीना बीत गया और कुछ महीनों बाद उस चुड़ैल का कोई किस्सा सुनने में नहीं आया। लेकिन आज भी उस गाँव के लोगों ने अपने घर के बाहर “नाले बा यानी कल आना”, ऐसा लिखा है।

La Llorona

ये कहानी है La Llorona नाम की एक महिला की जिन्होंने अपने ही दोनों बच्चो को नदी में डुबों कर मार डाला, दोस्तों अगर आप 18 साल से ऊपर के हैं तभी ये स्टोरी पढ़ना, क्यूंकि ये कहानी सच होने के साथ साथ बहुत ज्यादा डरावनी भी है।

बहुत साल पहले Mexico के एक गाँव में मरिया नाम के एक बेहद सुन्दर लड़की रहती थी। मरिया एक बहुत ही गरीब फॅमिली से बिलोंग करती थी। गरीब होने के बावजूद उसकी खूबसूरती की चर्चा पुरे गाँव में होती थी। एक बार एक बहुत ही रईस व्यक्ति उस गाँव से गुजर रहा था और जाते जाते उसकी निगाह मरिया पर पड़ी। जैसे ही उस रईस आदमी ने मरिया को देखा, उसे देखते ही वो आदमी उसके प्यार में पर गया और उस आदमी ने मरिया से शादी करने के लिए मन बना लिया।

मरिया को भी आदमी पसंद आ गया और जब उसने मरिया से शादी करने के लिए पूछा तो वो तुरंत मान गयी। शादी के बाद दोनों ने उसी गाँव में अपना घर बसा लिया और ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगे। बहुत महीने सब कुछ अच्छा चल रहा था और कुछ ही सालों में उनके बच्चे भी हो गए। उस रईस आदमी को अक्सर काम के चलते घर से दूर जाना रहता था और इसी वजह से वो हर रोज घर नहीं आ पाता था। वक़्त बिता और धीरे-धीरे उस आदमी ने घर आना ही बंद कर दिया।

काफी दिनों तक जब वो घर नहीं आया तब मरिया ने रो-रोके अपनी हालत बहुत ज्यादा ख़राब कर ली। ऐसा लगता था की उसके चेहरे पर वो आंसुओं के निशान गढ़ गए हों और उसकी सारी खूबसूरती ढल गयी हों। कुछ महीनों बाद मरिया को खबर मिली उसके पति ने किसी जवान लड़की से दूसरी शादी कर ली थी। ये खबर सुनकर मरिया ने गुस्से में पागल होकर अपने दोनों बच्चो को नदी के पास ले जाकर जबरदस्ती पानी में डुबो दिया। जब उसे अपने दोनों बच्चों की चीख सुनाई दी तब उसे होश आया की उसने ये क्या कर दिया। लेकिन तब तक उसके दोनों बच्चे नदी में बह चुके थे।

इस बात के गम में मरिया ने भी कुछ दिनों बाद ही उस नदी में कूद कर अपनी जान दे दी। कहते हैं कि जब वो स्वर्ग के दरवाजे पर पहुंची तो उसे अंदर नहीं घुसने दिया और उसे कहा गया की जब तब वो अपने बच्चो को ढूंढ नहीं लेती, तब तक उसे मुक्ति नहीं मिलेगी। तब से मरिया मरे हुए और जिन्दा लोगों की दुनिया की बीच में फंस कर अपने दोनों बच्चो की तलाश में यहाँ से वहां भटकती रहती है, और उनके लिए रोती रहती है। ऐसी बहुत सारी कहानियों की माने जहाँ कही भी समुद्र होता है वहां देर रात मरिया के रोने की जोड़-जोड़ से आवाजें आती है। और इसलिए लोग उसे La Llorona या Weeping Women बुलाते हैं।

लोग कहते हैं की रात में समुद्र के पास नहीं जाना चाहिए क्यूंकि अगर कोई La Llorona को देख लें या उसे रोते हुए सुन ले तो उसका बुरा वक़्त शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं उस इंसान की डरावनी मौत भी हो सकती है, और तो और अगर कोई बच्चा भूल के उसका रोना सुन ले तो वो उसे अपना बच्चा समझके अपने साथ ले जाती है। पहले उसे माफ़ी मांगती है, लेकिन जब उसे पता चलता है की वो उसका बच्चा नहीं है तो उसे समुद्र में डुबो मार देती है। एक ऐसा ही किस्सा मेक्सिको में रह रहे पेड्रो नाम के लड़के के साथ हुआ, एक बार वो और उसका छोटा भाई देर रात तक फुटबॉल खेल रहे थे। और उनकी बॉल घर के पास वाली नदी में चली गयी, वो दोनों बॉल लेने के लिए नदी के पास गए।

तभी अचानक उन्हें एक किसी औरत के रोने की आवाज आने लगी। पेड्रो थोड़ा डर गया और वही रुक गया, पर उसका छोटा भाई उस बॉल को लाने नदी में चला गया। पेड्रो ने देखा की उस नदी से सफ़ेद गाउन में एक औरत निकल कर आ रहे हैं और देखते ही देखते उसके भाई के पीछे आ कर खड़ी हो गयी। उस औरत ने पेड्रो के भाई को अपनी गोद में उठाया और उसे लेकर पानी के अंदर चली गयी। पेड्रो ने घबराकर अपने भाई का नाम चिल्लाया, लेकिन वहां कोई नहीं आया। तभी अचानक वो औरत पेड्रो के सामने आयी और उसे पानी की तरफ तेजी से खिंचा।

पेड्रो घसीटता हुआ नदी के पास जा रहा था, लेकिन किसी तरह उसने उस औरत की हाथ में जोड़ से एक पत्थर उठाकर मारा और वहां से भाग निकला। उसने घर आकर पूरी बात अपने फादर को बतायी, तो वो बहुत घबरा गए। सारी रात पेड्रो के छोटे भाई को ढूंढा गया, लेकिन वो कहीं नहीं मिला। लोग कहने लगें कि La Llorona उसे ले गयी। कई साल बीते लेकिन भाई कभी वापस नहीं लौटा। पेड्रो और उसकी फॅमिली उस जगह से बहुत दूर चले गए। और उस रात के बाद पेड्रो कभी किसी नदी के पास नहीं जा पाया।

La Llorona की कहानी पर एक Movie भी बनाया गया, जिसका नाम है – The Curse of The Weeping Women, 19th April 2019 में ये फिल्म रिलीज़ किया गया।

शमन और आत्मा

ये कहानी नार्थ-ईस्ट में बसे सिक्किम के एक छोटे से गाँव की है। सिक्किम के उस छोटे से गाँव में एक झाकरी यानी शमन रहता था। शमन वो लोग होते हैं जो आत्माओं से बातें कर सकते हैं और लोगों की बीमारीओं को ठीक भी कर सकते हैं, जैसे की कोई तांत्रिक।

कहते हैं शमन इंसानों की दुनिया और आत्माओं की दुनिया का जरिया होते हैं। एक तरफ वो जिन्दा लोगों की बीमारी आत्माओं की मदद से दूर कर सकते हैं, तो दूसरी तरफ वो मरे हुए लोगों को उनकी राह दिखाकर उन्हें मुक्ति भी दिला सकते हैं। ऐसा ही एक शमन था देव नाम का एक लड़का, जो लोगों के अतीत को देख सकता था और आत्माओं से बात कर सकता था। एक दिन उन्हें एक चिट्ठी मिली, जो उसके बचपन के दोस्त अनुराग ने उसे भेजी थी।

उस चिट्ठी में लिखा था – “देव, मुझे तुम्हारी मदद की बहुत जरुरत है। मैं मिलि नाम की एक लड़की से बहुत प्यार करता हूँ और हम दोनों बहुत जल्द शादी करने वाले थे, लेकिन परसों रात अचानक मिलि मेरे घर आ गयी। जब मैंने उसे देखा तो उसके बाल बिखरे हुए थे और वो खून में लटपट थी। मिलि ने मुझे बताया की उसने अपने पापा, माँ और छोटे भाई को जान से मार दिया। मैं ये सुनकर चौंक हो गया और मुझे समझ नहीं आया की मैं क्या करूँ, मैंने उस मिलि को अपने पास ही सुला लिया, पर अगली सुबह से मिलि ने अजीबो-गरीब हरकत करने लगी है, वो कीड़े-मकोड़े खा रही है और मुझ पर बहुत जोड़ों से किसी दूसरी भाषा में चिल्लाये जा रही है और उसकी तबीयत भी बहुत ख़राब होती जा रही है, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे उसके ऊपर किसी आत्मा ने कब्जा कर लिया है, प्लीज देव तुम जल्दी से यहाँ आ जाओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।”

देव ने उस चिट्ठी को पढ़ते ही अनुराग की घर के लिए निकल गया। लेकिन जब देव अनुराग के घर पहुंचा तो बहुत देर हो चुकी थी। मिलि की लाश एक पेड़ से लटकी हुई थी और अनुराग उसके बगल में खड़ा जोड़ों से रो रहा था। जब मिलि की लाश नीचे उतारी गयी तो देव मिलि के बगल में लेता और देव ने उसका हाथ पकड़ लिया। उसके बाद देव ने जैसे ही आँखें बंद की मानों वो एक दूसरी दुनिया में चला गया। देव ने उस दूसरी दुनिया में देखा की पेड़ पर लटकी मिलि ने ही अपनी आँखें खोली और मिलि की आत्मा अपने शरीर से निकल कर देव के सामने आ गयी।

देव ने उस आत्मा से कहा वो उसे अपने अतीत में ले जाये और मिलि की आत्मा मान गयी। देव ने मिलि के अतीत में देखा की एक काली परछाई ने मिलि पर कब्ज़ा कर लिया था। उस काली परछाई ने मिलि को बताया की वो मिली के शरीर में अपना बदला लेने आयी है। उसने काली परछाई ने मिलि से कहा की “वो एक स्कूल टीचर थी, जिसके पुरे परिवार को मिलि के corrupt पॉलिटिशियन बाप ने मार डाला।, मिली के पिता और उनके आदमीओं ने उसके दोनों छोटे बच्चो को भी नहीं छोड़ा और इसलिए अब वो भी उनके किसी भी परिवार वाले को नहीं छोड़ेगी।”

उस आत्मा ने ये कहकर एक एक करके सबको मार डाला और मिलि को एक पेड़ से लटकाकर उसके अंदर से चली गयी। देव ने मिली के अतीत में ये सब देखा और जाते जाते मिली ने देव को कहा की वो अनुराग का ध्यान रखें और उसे कहे की वो हमेशा अनुराग से प्यार करती रहेगी। मिली की ये बात सुनते ही देव की आँखें खुल गयी और वो अपनी दुनिया में वापस आ गया। देव ने अनुराग को सब कुछ बताया और कहा की अब मिलि और स्कूल टीचर की आत्मा दोनों को ही मुक्ति मिल गयी है और वो वापस इस दुनिया में कभी नहीं आएंगे। ये सुनकर अनुराग ने देव का सुक्रिया अदा किया और देव वहां से चला गया।

Tumbbad गाँव

ये कहानी महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव Tumbbad की है। कहते हैं Tumbbad गाँव देवी-देवताओं द्वारा श्रापित है। क्यूंकि इस गाँव की लोगों ने बहुत साल पहले एक मंदिर का निर्माण किया, जिसमें हस्तर को पूजा जाता था। हस्तर पूर्ति की देवी की पहली संतान थी। पूर्ति की देवी यानी अनगिनत अनाज और सोने का प्रतीक और 16,000 देवी-देवताओं को जन्म देने वाली जननी है।

हस्तर बहुत ज्यादा लालची था, उसने पूर्ति की देवी का सारा सोना हड़प लिया था और साथ ही वो सारे अनाज पर भी कब्ज़ा करना चाहता था। लेकिन बाकी देवी-देवताओं ने उसे ऐसा करने से रोक दिया, और उसे छोटे-छोटे तिनकों में बाँट दिया। पूर्ति की देवी अपनी पहली संतान को बेहद प्रेम करती थी। लेकिन हस्तर का नाश होने से पहले उन्होंने उसे बचा लिया, लेकिन एक शर्त पर की कोई उसे कभी नहीं पूजेगा और उसे भुला दिया जायेगा।

लेकिन Tumbbad गाँव के पूर्वजों ने जब से उसका मंदिर बनाया, तब से देवी-देवताओं का क्रोध Tumbbad पर बारिश बनकर बरसता है। लेकिन कहते हैं हस्तर ने प्रसन्न होकर अपना जितना सोना था सब उस मंदिर को अर्पित कर दिया।लेकिन वो मंदिर के अंदर कहाँ छुपा है ये किसी को नहीं मालूम। कई लोग वो खजाना पाने की चाह में मंदिर में गए तो जरूर, पर कभी वापस नहीं लौटे। इसलिए वो मंदिर सालों से बंद पड़ा है।

गिरीश नाम के एक पंडित ने भी उसी खजाने की लालच में हस्तर की खूब पूजा कड़ी और वहां जाने का सोचा। उस दिन हमेशा की तरह बाहर जोड़दार बारिश हो रही थी। मंदिर के अंदर बहुत अँधेरा था और किसी मरे हुए जानवरों की बू आ रही थी। अपने हाथ लैंप लिए वो आगे बढ़ा। उसका पैर एक हड्डी के ढांचे में पड़ा और उसने देखा की उसके आसपास जंगली पेड़ो की लपेट में कई लोग अधमरे से पड़े थे। वो ये देखके बहुत घबड़ा गया, पर हिम्मत करके आगे बढ़ा।

उसे अचानक एक जानवर की दहाड़ने की आवाज आयी। उसने छिप-छिप के देखा तो आधे इंसान आधे भेड़िये जैसा जानवर किसी इंसान की चमड़ी को चबा रहा था। गिरीश ये सब देख ही रहा था की उनके बगल से ढेरों चमगादड़ उड़ गए और वो उनसे बचते बचते नीचे गिर पड़ा। उस जानवर ने गिरीश को देख लिया और उस एक जोड़ का वार किया।

वो जानवर उसे मुंह से घसीटता हुआ हस्तर की मूर्ति के नीचे ले गया और नीचे छोड़के वहां से चला गया। गिरीश ने जब उठके देखा तो वो दंग रह गया। वहां हस्तर की मूर्ति के ठीक नीचे सोने की अनगिनत मुद्राएं रखी हुई थी। गिरीश की ऑंखें चमक उठी और वो अपनी पोटली में सारा सोना भरने लगा। तभी अचानक मंदिर में बहुत जोड़-जोड़ से धम-धम होने लगी और पूरा मंदिर हिलने लगा। जब गिरीश ने नजर उठाके देखा तो हर तरफ से भूतों की फ़ौज हाथ में मशाल लिए उसकी तरफ आगे बढ़ रही थी।

ऐसा डरावना दृश्य देखके उसके पसीने छूट गए और वो पोटली वही छोड़ कर बहुत जोड़ से दरवाजे की तरफ भागने लगा। और किसी तरह वो आग में लिपटा हुआ मंदिर के बाहर पहुंचा। बारिश तेज थी, जिसकी बदोलत आग तो बुझ गयी, लेकिन उसका सारा शरीर जल चूका था। सभी गाँव वालों ने उसका बहिष्कार कर दिया और उसके बीवी-बच्चे उसे छोड़के चले गए। उस दिन के बाद गिरीश सबको पागलों की तरह बोलता रहा – “अंदर मत जाना…….अंदर मत जाना…….” और उसने अपना सारा जीवन उसी मंदिर के बाहर भीख मांग मांगके निकाल दिया।

सुहाग रात

यह कहानी विक्रम नाम के एक लड़के की सत्य घटना पर आधारित है।

16 June 2008 की रात, 26 के विक्रम के साथ एक ऐसा हादसा हुआ, जिसे सोच सोच कर वो आज भी रात को चैन से सो नहीं पाता है। विक्रम की नई नई शादी हुई थी और उस रात वो अपनी पत्नी के साथ पहली बार सुहाग रात मनाने वाला था। उस रात उसकी दुल्हन उसका बेड रूम में इंतजार कर रही थी। पूरा कमरा फूलों से सजा हुआ था और बिस्तर पर गुलाब के फूल बिछे हुए थे। विक्रम वैसे तो बहुत खुश था, लेकिन एक बात उसे बेहद परेशान करे जा रही थी। उसकी शादी से 4 दिन पहले वो late नाईट अपने दोस्तों के साथ अपनी बैचलर्स पार्टी करके वापस आ रहा था।

तभी उसके सामने एक गाड़ी वाले ने एक औरत को बुरी तरह कुचल दिया। विक्रम को समझ नहीं आया की वो क्या करें! और वो उस औरत को सड़क पर तड़पता हुआ छोड़कर घर आ गया। तबसे विक्रम के दिमाग में बस उसी औरत का चेहरा सामने आ रहा था। और वो उसे वैसे उस हालत में छोड़ने के लिए खुद को कोसे जा रहा था। विक्रम जब कमरे में घुसा तो उसने देखा की उसकी दुल्हन गहनों से सजी घुंगट उड़े बिस्तर पर बैठी हुई है, उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी।

जिसे देख कर विक्रम अपनी टेंशन को बिलकुल भूल गया और अपनी दुल्हन के पास गया। पर जैसे ही उसने उसका घुंगट उतारा, उसे उसी औरत का भयानक चेहरा दिखा और डर के मारे पीछे हट गया। उसके बाद उसने देखा वहां उसकी खूबसूरत बीवी ही थी, जो उसके ऐसे रिएक्शन को देखकर काफी चिंतित हो गयी। विक्रम ने उसको Sorry बोला और बताया की वो थोड़ा परेशान चल रहा है और सो जाना चाहिए। इतना कहकर विक्रम लाइट बंद करके लेट गया और उसकी बीवी भी सो गयी।

देर रात रूम के अँधेरे में खिड़की से आती हुई एक रौशनी सीधा विक्रम के मुंह के ऊपर पर रही थी, जिसकी वजह से उसकी नींद खुल गयी। जब उसने आँखें खोल के देखा तो उसकी रूम में काली परछाई थी जो धीरे धीरे उसकी तरफ आ रही थी। एकदम से उस कमरे की सारी लाइट्स ऑन-ऑफ होने लगी और वो परछाई बड़ी होती चली गयी। अचानक उसके सामने वही औरत खड़ी थी। विक्रम ये देख कर बहुत ज्यादा दर गया और चिल्ला उठा। उसकी चिल्लाने की आवाज से उसकी बीवी की नींद खुल गयी और उसके लाइट्स ऑन करते ही उसने देखा की विक्रम बिस्तर पर बेहोश पड़ा है।

उसने बाकी घरवालों को बुलाया और उस पर पानी छिड़का। जब विक्रम को होश आया तब उसने चार दिन पहले हुई घटना के बारे में बताया। तब किसी जान-पहचान वाले ने उन्हें बताया की उनके पड़ोस में भी एक औरत की चार दिन पहले एक्सीडेंट से मौत हुई थी। तब पता चला की वो वही औरत थी, जिसे विक्रम ने वैसे ही उस हालत में छोड़ दिया था।विक्रम ने भगवान से अपनी भूल के लिए माफ़ी मांगी। विक्रम को आज तक नहीं पता कि उस औरत की आत्मा सच में उस रात आयी थी या वो सब बस उसके दिमाग की उपज थी। पर उस रात के बाद से विक्रम को वो औरत कभी नहीं दिखी।

भानगढ़ किले

मैंने आज तक भानगढ़ की कई कहानियां सुनी और लोगों के मुताबिक भानगढ़ इंडिया की सबसे डरावनी जगह है। वहां सूरज ढलने के बाद अंदर जाना कानूनन मना है। दोस्तों कहते हैं इस किले में राजकुमारी रत्नावती रहती थी। जिसकी खूबसूरती की चर्चा दूर-दूर तक की जाती थी। किले के पास में एक सिंहइ नाम का तांत्रिक रहता था। जो राजकुमारी की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया था और किसी भी कीमत पर राजकुमारी को हासिल करना चाहता था।

एक बार राजकुमारी अपने दोस्तों के साथ बाजार में इत्र खरीदने के लिए निकली। उस तांत्रिक ने ये देखा और इत्र में काले जादू की मदद से ऐसा कुछ मिलाया, जिसे लगाकर राजकुमारी उसके वश में हो जाती। लेकिन किसी नगरवासियों को इसकी भनक लग गयी, और उसने राजकुमारी को जाके ये सब बता दिया। ये सुनते ही राजकुमारी ने वो इत्र की बोतल महल के बाहर फेंक दी और वो चट्टान पर जा गिरी। काले जादू के कारण वो चट्टान उस तांत्रिक की तरफ आकर्षित हुई और कुछ ही पल में तांत्रिक को कुचल डाला।

अपनी आखरी सांसे लेते हुए उसने पुरे भानगढ़ को एक श्राप दिया – “भानगढ़ अब कभी सुखी नहीं रह पायेगा और यहाँ जो कोई भी निवास करेगा, सब मारे जायेंगे।” उसकी कुछ ही दिनों बाद मुग़ल योद्धाओं ने भानगढ़ में घुसके उसपर कब्ज़ा कर लिया। उस लड़ाई में 10,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए, जिसमें कई औरतें और छोटे बच्चे भी थी। राजकुमारी रत्नावती को उन्हीं की कमरे में घुसके मार दिया गया था।

कहानिओं की माने तो आज भी वहां उन लोगों की आत्माएं रात में घूमती है और जो भी इंसान सूरज ढलने के बाद वहां गया है वो कभी वापस नहीं लौटा। हमने दो दोस्तों ने सोचा की हम भानगढ़ जाके पता लगाएंगे कि क्या वो सच में इतनी भयानक जगह है या फिर ये सब सिर्फ एक कहानी है। करीब रात 8 बजे गार्ड को कुछ पैसे देके हम अंदर घुस गए। अंदर घुसते ही कुछ ऐसा लग रहा था जैसे हवा रुक गयी हो और एक अजीब सी घुटन हो रही थी। हम दोनों ने किले के एक दो चक्कर लगाए, लेकिन हमें कही भी कुछ भी भूतिया नहीं मिला।

मुझे एक जरुरी कॉल करना था और नेटवर्क की चक्कर में मैं किले के एक दूसरी तरफ चला गया। जैसे ही मैंने कॉल मिलाया तभी मुझे किसी लड़की की चीख सुनाई दी और मैं भागा-भागा मेरे दोस्त के पास लौटा। लेकिन मेरे दोस्त वहां था ही नहीं, मैंने उसे काफी आवाज लगाई, पर कोई जवाब नहीं आया। तभी मुझे ऊपर की कमरे से एक धम करके आवाज आयी, तो मैं उस तरफ चलने लगा। जैसे ही मैं ऊपर की सीढ़ियां चढ़ रहा था वैसे ही मुझे पायल की छन-छन की आवाज सुनाई दी और मुझे लगा की मेरी बगल से कोई लड़की भागी।

अब मुझे काफी ज्यादा डर लगने लगा था। डर के मारे हाथ-पैर कांपने लगी थी। मैं फिर चिल्लाया – bro, bro तुम कहाँ हो! मैं महल का हर एक कमरा देख रहा था, तभी मुझे एक कमरे की खिड़की की तरफ मेरे दोस्त को खड़ा दिखा और मेरी जान में थोड़ी सी जान आयी। मैंने उनको बोला bro, कहाँ था यार तू? जल्दी चल यहाँ से! गलत जगह आ गए हम यार, प्लीज चल यहाँ से, चल जल्दी से! मेरे दोस्त ने मुझे कोई भी जवाब नहीं दिया। मैंने जैसे ही उसका हाथ पकड़ा, वैसे ही पीछे के दरवाजे से मुझे मेरे दोस्त की आवाज सुनाई दी।

जब मैंने देखा की मेरे दोस्त तो अभी पीछे के दरवाजे से आया है और मैंने जिसका हाथ पकड़ा है वो कोई और है, तो मेरी बुरी तरह हालत ख़राब हो गयी। जैसे डर के मारे मैंने उसका हाथ छोड़ा, उसने मुझे मुड़के देखा, उसे देखके मैं कांपने लगा और पीछे गिर पड़ा। मेरे दोस्त ने मुझे उठाया और हम दोनों भागे-भागे वहां से निकले। मैंने उसे बताया की मेरे साथ क्या-क्या हुआ और मेरे दोस्त ने भी मुझे बोला कि उसे भी महल में किसी लाल साड़ी वाली औरत का भुत देखा। हम वहां से बचके अपने घर तो आ गए, लेकिन उस घटना के बाद अब हम कभी भानगढ़ की कहानियों को नजरअंदाज नहीं करते और ना ही किसी को भी वहां जाने की सलाह देते हैं।

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