How to Fly a Horse Book Summary in Hindi – बनाने और खोज करने का गुप्त इतिहास

How to Fly a Horse Book Summary in Hindi – हाउ टु फ्लाई अ हार्स (How to Fly a Horse) में हम देखेंगे कि किस तरह से आप नए आइडियाज़ पर काम कर सकते हैं। यह किताब हमें बताती है कि दुनिया के सबसे महान लेखक या म्यूजीशियन किस तरह से एक नए आइडिया को पैदा कर पाते थे और किस तरह से आप भी ऐसा कर सकते हैं।

क्या आप नए आइडियाज़ पैदा करने के तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं, क्या आप एक बेहतर लेखक या आर्टिस्ट बनना चाहते हैं, या फिर क्या अपने काम को करने का एक बेहतर तरीका खोजना चाहते हैं तो ये बुक आपके लिए है।

लेखक

केविन एश्टन (Kevin Ashton) एक ब्रिटिश टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं। वे आटो-आईडी सेंटर के फाउंडर हैं, जिसने आरएफआईडी (RFID) और दूसरे सेंसर्स के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड बनाए हैं। वे एक लेखक भी हैं जो बताते हैं कि किस तरह से एक व्यक्ति नए आइडियाज़ को पैदा कर सकता है।

How to Fly a Horse Book Summary in Hindi – बनाने और खोज करने का गुप्त इतिहास

यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?

क्रीएटिविटी हम में से हर किसी के पास होती है। किसी काम में बेहतर बनने के लिए आपको उसे हर रोज प्रैक्टिस करना होगा और अपनी गलतियों से सीखना होगा। एक समस्या का समाधान खोजने के लिए आपको उस समस्या के बारे में काफी देर तक सोचते रहना होगा। साथ ही एक बड़ी समस्या का समाधान खोजने के लिए आपको ग्रुप्स में काम करना होगा।

  1. किस तरह से क्रीएटिव लोग एक समस्या का हल खोजते हैं।
  2. स्टीव जाब्स ने किस तरह से आइफोन का आइडिया पैदा किया था।
  3. टीम के साथ आप किस तरह से काम कर सकते हैं।

क्रीएटिविटी कुछ खास तरह के लोगों के लिए नहीं बनाई गई।

कार्टून में अक्सर दिखाया जाता है कि जब कोई व्यक्ति एक समस्या से परेशान होता है, तो अचानक से उसके सिर के ऊपर एक बत्ती जलती है और वो उसका हल खोज लेता है। लेकिन असल में किसी भी समस्या का हल आपको अचानक से नहीं मिलता। दुनिया में जितने भी महान कलाकार हुए, वे अक्सर एक कमरे में बंद होकर नए आइडियाज़ बनाया करते थे।

बहुत से लोगों को लगता है कि मोजार्ट या बिथोवन जैसे संगीतकारों सिर्फ अपना वायलिन उठाते हैं और म्यूजिक अपने आप बजने लगता है। लेकिन असल में वे बहुत समय तक प्रैक्टिस किया करते थे और अपने अगले म्यूजिक के बारे सोचा करते थे। किसी भी तरह की परेशानी का समाधान खोजने के लिए आपको उसके बारे में लगातार सोचते रहना होगा।

आप सबने आर्किमिडीस की कहानी सुनी होगी कि किस तरह से उन्होंने किसी चीज़ का वाल्यूम निकालने का तरीके खोजा था। वो जब पानी में नहाने के लिए गए, तो उन्होंने देखा कि उनके बाथटब से कुछ पानी बाहर निकल गया। इस तरह से उन्होंने उस बाहर निकले हुए पानी का वाल्यूम का पता कर लिया, जो कि उनके शरीर का वाल्यूम था ।

लेकिन इस आइडिया को खोजने से पहले ही वे काफी समय से यह पता करने की कोशिश कर रहे थे कि राजा का मुकुट पूरे सोने का बना है या उसमें मिलावट की गई है। इसे पता करने के लिए वे अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। लेकिन जब उन्होंने पानी को बाहर निकलते हुए देखा, तो उन्हें एक आइडिया मिला जिससे उन्होंने यह पता किया कि राजा के मुकुट में मिलावट की गई है।

कुछ नया बनाने का काम कभी भी पूरी तरह से नया नहीं होता।

हमें लगता है कि अगर किसी वैज्ञानिक ने कोई खोज कर दी, तो उसने कुछ नया बना दिया। लेकिन असल में नया बनाने जैसी कोई चीज नहीं होती। हम अक्सर बहुत से आइडियाज़ को एक साथ लेते हैं और उन्हें मिलाकर कुछ अलग बना देते हैं। हम जो भी नई खोज करते हैं, उसमें हमारे आइडिया से पहले बहुत से दूसरे लोगों का आइडिया लगा होता है।

एक्साम्पल के लिए न्यूटन को ले लीजिए, जिन्हें फादर आफ फिजिक्स कहा जाता है। बहुत से लोगों को यह लगता होगा कि न्यूटनने ग्रैविटी की खोज की और फिजिक्स को बनाया। लेकिन असल में न्यूटन का बहुत सारा काम गैलीलियों के काम पर आधारित था। इसके अलावा न्यूटन ने जिन बातों को साफ साफ अपनी किताब में लिखा, उसे कापरनिकस और केप्लर जैसे वैज्ञानिकों ने पहले ही साबित कर के दिखा दिया था।

यहाँ तक कि कापरनिकस और केप्लर का आइडिया भी बिल्कुल नया नहीं था, बल्कि इन्होंने उसपर काम करना शुरू किया जिसपर बहुत से लोग सिर्फ बातें करते थे। यहाँ तक कि उनसे भी पहले अरस्तू ने पहले ही फिजिक्स के बारे में बहुत सी बातें बताई थीं।

तो इस तरह से न्यूटन का काम उनसे पहले आने वाले बहुत से दूसरे वैज्ञानिकों के काम पर आधारित था। इनमें से बहुत से आइडियाज़ ऐसे थे जिन्हें बताने वाले लोगों का नाम भी किसी को नहीं पता।

तो इस तरह से कुछ नया बनाने का काम हमेशा चलता रहता है। हर एक नया काम बहुत से पुराने कामों पर आधारित रहता है और वो नया काम किसी अगले नए काम के लिए एक बेस का काम करता है। हर एक नया काम अपने साथ कुछ परेशानियों को लेकर आता है, जिसके बाद दूसरे लोग उसपर काम कर के उसे सुधारते हैं।

एक्साम्पल के लिए कोका-कोला के साथ कुछ समस्याएं तो सुलझी, जैसे अमेरिका के सैनिकों के पास युद्ध पर ले जाने के लिए बोतल का सोडा हो गया। लेकिन साथ ही इससे कुछ समस्याएं भी आ गई। ज्यादा कैफीन पीने से डाइरिया और उल्टी हो जाती है। साथ ही सोडा को रखने के लिए एलुमिनियम के कैन का इस्तेमाल होता था वो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। अब इन समस्याओं को सुलझाने पर काम किया जा रहा है।

नए आइडियाज़ को खोजने के लिए हमें हर जगह देखना होगा।

बहुत से लोग सिर्फ वही देखते हैं जो वे देखना चाहते हैं। इस वजह से कुछ भी नया नहीं जान पाते हैं। कुछ भी नया बनाने के लिए आपको बहुत सी चीजों गौर करना होगा। इसके बाद फिजिक्स इन छोटी छोटी चीजों को देखते हुए कुछ छोटे छोटे कदम उठाने होंगे जिससे आप नए सवालों के जवाब खोज सकें।

एक्साम्पल के लिए स्टीव जाब्स को ले लीजिए। जब उन्होंने आइफोन निकाला, तो उन्हें इसका आइडिया अचानक से नहीं मिला था। उन्होंने इससे पहले खुद से बहुत से सवाल पूछे। उन सवालों के जवाबों ने और भी समस्याएं पैदा कर दी। उन्होंने उन समस्याओं का हल भी खोजा। इसके बाद कहीं जाकर वे आइफोन को लेकर आए।

सबसे पहले उन्होंने पूछा कि इस समय के स्मार्टफोन्स काम क्यों नहीं करते?

क्योंकि उनमें कीबोर्ड लगा है जो कि हर तरह के ऐप के साथ अच्छे से काम नहीं कर पाता। इसके लिए हमें एक बड़ा स्क्रीन और उसे चलाने के लिए एक पाइंटर चाहिए।

लेकिन किस तरह का पाइंटर ?

जवाब -माउस।

पर कोई भी अपने साथ एक माउस लेकर नहीं घूमना चाहेगा?

तो उन्हें एक स्टाइलस दे दो।

पर स्टाइलस तो आसानी से खो जाते हैं।

तो फिर पाइंटर की तरह वे अपनी उंगलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस तरह से उन्होंने एक टच स्क्रीन फोन बनाया। उन्हें यह आइडिया एक दिन में नहीं आया था। उन्होंने छोटे छोटे कदम लिए जिससे वे एक अच्छे आइडिया को निकाल पाए। लेकिन कभी कभी हम अपने ध्यान को कहीं और लगाए रहते हैं जिससे हम छोटी छोटी जानकारी को मिस कर देते हैं। इससे हम हर तरह की संभावना के बारे में नहीं सोच पाते जिससे हम कुछ नया नहीं बना पाते।

कुछ नया बनाने के लिए आपको काम करना होगा और अपनी हार से सीखना होगा।

अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो उसके आसमान से टपकने की उम्मीद मत कीजिए। इस दुनिया में हर वो चीज़ है जो आप चाहते हैं। अगर आप मेहनत करें, तो आप उसे खोज कर निकाल सकते हैं। लेकिन यहां पर मेहनत की जरूरत आपको हमेशा होगी।

मेहनत के साथ साथ आपको उन चीज़ों को भी ना कहना होगा जो कि आपका समय खाती हैं या फिर आपका ध्यान भटकाती हैं। इसके लिए आप अपने हर दिन के लिए एक रूटीन बनाइए। हर दिन उस एक तरह के रूटीन को अपना कर आप अपना बहुत सारा समय बचा सकते हैं।

रशिया के महान कंपोज़र इगोर स्ट्रैविंस्कि इसी तरह से एक रूटीन का इस्तेमाल करते थे। वे सुबह काम पर जाने से पहले, दोपहर का खाना खाने से पहले और रात का खाना खाने के बाद प्रैक्टिस किया करते थे। वे किसी मोटिवेशन का इस्तेमाल नहीं करते थे, बल्कि आदतें बनाया करते थे। ऐसा कई साल तक करते रहने से उन्होंने कुछ ऐसे म्यूजिक कंपोज़ किए जो कि आज भी याद रखे जाते हैं।

इसके अलावा आपको अपनी गलतियों से सीखना होगा। पहली बार आप जब भी कुछ करने जाएंगे, वो लाजवाब तो क्या ठीक ठाक भी नहीं होगा। पहला काम हमेशा बेकार होता है। इसलिए आपको अपने उस पहले काम को बार बार दोहरा कर, उसमें से कमियों को निकाल निकाल कर उसे पर्फेक्ट बनाना होगा।

आपकी यह कमियां आपको हर बार कुछ जानकारी देंगी। आपको यह जानना होगा कि वो आपको क्या सिखा रही हैं। इन्हें अनदेखा करना बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है क्योंकि इन्हीं से आप खुद को पहले से बेहतर बना पाएंगे। कमियां सब में होती हैं और उन्हें मान लेने से आप उन्हें दूर कर पाएंगे।

अपनी क्रीएटिविटी को बढ़ाने के लिए आप छोटे ग्रुप्स में काम कर सकते हैं।

अकेले काम करना हर वक्त अच्छा नहीं होता। इसलिए कभी कभी आपको कुछ लोगों के साथ काम करना होगा। दो ग्रुप्स बना कर काम करना अक्सर अच्छा होता है। जब कुछ लोग एक साथ काम करते हैं, तो वे अलग अलग तरह की समस्याओं को पहचान पाते हैं और एक गोल की तरफ काम कर पाते हैं। वे एक एक स्टेप पर अपना काम निपटाते जाते हैं जिससे सारे लोग अपनी उस एक मंजिल के करीब पहुंच जाते हैं।

साउथ पार्क के क्रीएटर्स यही तरीका अपनाते हैं। वे 6 दिन में एक एपिसोड बनाकर तैया करते हैं। इनका नाम ट्रे पार्कर और मैट स्टोन है। सबसे पहले वे एक समस्या पर मिलकर काम करते हैं। इसके बाद पार्कर शुरुआती डायरेक्टिंग और एडिटिंग करते हैं। अंत में स्काट उसमें कुछ सुधार कर के उसे तैयार करता है।

लेकिन बहुत बार आपको कुछ ऐसी टीम्स के साथ काम करना होगा जो कि क्रीएटिव नहीं होती। बहुत सी कंपनियां एक तरह के स्टेटस को बना कर रखना चाहती हैं और उन्हें बदलने से डर लगता है। इस वजह से वे किसी को नए आइडियाज़ को पैदा करने ही नहीं देते और अगर कोई करता भी है, तो उसे दबा देते हैं।

इस तरह के ग्रुप में एक अच्छे आइडिया को सबके सामने लाने के लिए उन्हें वो बताइए मत, बल्कि उन्हें कर कर दिखाइए। ये ग्रुप नए तरह से काम इसलिए नहीं करते क्योंकि इन्हें डर रहता है कि वो तरीका काम नहीं करेगा तो क्या होगा। तो आप उसे एक छोटे पैमाने पर कर कर दिखा दीजिए जिससे यह साबित हो जाए कि वो तरीका असल में काम कर रहा है और उसे आगे लेकर जाया जा सकता है।

एक्साम्पल के लिए केली जानसन को ले लीजिए जो कि लाकहीड प्लान पर नया था। उसने कहा कि लाकहीड के नए प्लेन के डिजाइन में खराबी है। इसपर उसके बॉस ने कहा कि इसे ठीक कर के दिखाओ। उन्होंने इसपर काम किया और ट्वाइन टेल का डिजाइन निकाला। इस तरह से अमेरिका का पहला जेट फाइटर प्लेन बनकर तैयार हुआ था।

Conclusion

क्रीएटिविटी हम में से हर किसी के पास होती है। किसी काम में बेहतर बनने के लिए आपको उसे हर रोज प्रैक्टिस करना होगा और अपनी गलतियों से सीखना होगा। एक समस्या का समाधान खोजने के लिए आपको उस समस्या के बारे में काफी देर तक सोचते रहना होगा। साथ ही एक बड़ी समस्या का समाधान खोजने के लिए आपको ग्रुप्स में काम करना होगा।

आपके आइडियाज़ कभी बहुत खराब नहीं होंगे।

अगर अगली बार आपके दिमाग में एक अलग तरह का आइडिया आए जो किस सुनने में बिल्कुल बेकार और असंभव सा लगे, तो खुद से कहिए बढ़िया, अब मैं कुछ अलग बना सकता हूँ। अपने बेकार – आइडियाज़ को भी उसी तरह से अपनाइए जिस तरह से आप अपने दूसरे आइडियाज़ को अपनाते हैं।

क्योंकि जुडाह फोकमैन ने जब पहली बार लोगों को बताया था कि ट्यूमर लोगों के खुद के खून की वजह से होता है, तो लोगों ने उसे बकवास कहा था। लेकिन बाद में यह बात सच साबित हुई । इसलिए अपने बेकार लगने वाले आइडियाज़ पर भी काम कीजिए, क्योंकि बिना काम किए आप यह कभी पता नहीं कर सकते कि वो तरीका काम करेगा या नहीं।

तो दोस्तों आपको आज का यह How to Fly a Horse Book Summary in Hindi कैसा लगा ?

आज आपने क्या सीखा ?

अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।

आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,

Wish You All The Very Best.

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