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मैं गरीब क्यूँ हूँ?

कहानी1 year ago18 Views

Hello दोस्तों, इस छोटी सी मोटिवेशनल स्टोरी में महात्मा बुद्ध को एक भिखारी पूछते हैं की मैं गरीब क्यूँ हूँ और जवाब में महात्मा बुद्ध ने उस भिखारी को ऐसा क्या कहा की वो अमीर बन गए, उस बारे में बताया गया है।

एक बार की बात है। गौतम बुद्ध एक गाँव में धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे। वहां पर लोग अपनी अलग अलग परेशानियों को लेकर उनके पास जाते और उनका हल लेकर ख़ुशी ख़ुशी वहां से लेकर वहां से लौट जाते थे।

उसी गांव के सड़क के किनारे एक गरीब व्यक्ति बैठा रहता था और वो बुद्ध के उपदेश शिविर में आने जाने वाले लोगों को बड़े ही ध्यान से देखता रहता था।

उसे बड़ा आशर्य होता की लोग अंदर तो दुखी चेहरे लेकर जाते है, लेकिन जब वापस आते हैं तो बड़े खुश और प्रसन्न दिखाई देते हैं।

उस गरीब को लगा की क्यूँ ना वो भी अपनी समस्या को भगवान के समक्ष रखें, मन में ये विचार लिए वो महात्मा बुद्ध के पास पहुंचा।

लोग लाइन में खड़े होकर अपनी समस्या बता रहे थे और कुछ ही समय में वो उस गरीब व्यक्ति की बारी आयी।

जब उसकी बारी आयी तो उसने सबसे पहले महात्मा बुद्ध को प्रणाम किया और फिर महात्मा बुद्ध से पूछा “भगवान इस गाँव में लगभग सभी लोग खुश है और समृद्ध है, फिर मैं ही क्यूँ गरीब हूँ ?”

इस पर गौतम बुद्ध मुश्कुराते हुए बोले “तुम गरीब और निर्धन इसलिए हो क्यूंकि तुमने आजतक किसी को कुछ भी नहीं दिया।”

इस बात पर वो गरीब व्यक्ति बड़ा ही आश्चर्यचकित हुआ और बोला “भगवान मेरे पास भला दुसरो को देने के लिए क्या होगा, मेरा तो स्वयं का गुजारा काफी मुश्किल से हो पाता है, लोगों से भीख मांग कर अपना पेट भरता हूँ।”

महात्मा बुद्ध कुछ देर उसकी बातें सुनते रहे फिर बोले “तुम सबसे बड़े अज्ञानी हो औरों के साथ बाटने के लिए ईश्वर ने तुम्हें काफी सारी चीजें दी है, मुश्कुराहट दी है, जिससे तुम लोगों में आशा का संसार कर सकते हो, मुँह दिया हुआ है ताकि तुम लोगों को दो मीठे शब्द बोल सको, उनकी प्रसंसा कर सकते हो और दो हाथ दिए है, जिससे तुम लोगों की मदद कर सकते हो। ईश्वर ने जिसे ये तीन चीजें दी हुई है वो कभी गरीब या निर्धन नहीं हो सकता।”

महात्मा बुद्ध ने फिर बोला “निर्धनता का विचार इंसान के मन में होता है और ये सिर्फ और सिर्फ एक भ्रम ही होता है और इस भ्रम को निकालना ही हमारी जिंदगी का मकसद होता है और इसे निकालना ही हमारी जिंदगी का मकसद होना चाहिए।”

महात्मा बुद्ध ने फिर से उसको बोला “अगर तुमने अपने गरीब होने का और पैसे ना भाव अपने मन आने दोगे तो वो तुम्हारी गरीबी का कारण बनेगा और अगर इसे दूर कर दिया तो तुम्हारी गरीबी भी एक ना एक दिन दूर हो जाएगी।”

इन सारी बातों को महात्मा बुद्ध के मुँह पर सुनते ही उस आदमी का चेहरा चमक उठा और उसने इस उपदेश को अपने जीवन में उतारा, जिससे वो कभी भी दुखी नहीं हुआ।

दोस्तों हमारी जिंदगी में भी काफी सारी ऐसी चीजें हैं जिससे हम गरीब नहीं है, किसी बेवकूफ ने ये बात फैला कर रखी है की पैसे से इंसान अमीर होता है।

क्या आपको पता नहीं पैसे वाले इंसान भी इतने अमीर नहीं है अगर वो किसी इंसान के चेहरे पर मुश्कुराहट नहीं ला सकता, अगर वो किसी इंसान की मदद नहीं कर सकता, तो अगर सबसे ज्यादा गरीब इंसान है तो वही इंसान है।

आपके पास दो हाथ है जिससे आप लोगों को हेल्प कर सकते हो, आपके पास दो पैर है जिससे आप चल सकते हो, आपके पास एक प्यारी सी मुश्कान है जिससे आप लोगों को हँसा सकते हो, और आपके पास बोलने के लिए मुँह है जिससे आप लोगों की तारीफ कर सकते हो।

तो सबसे ज्यादा अमीर आप ही हुए ना !

अगर आपने अपना behave चेंज कर लिया, एक्शन चेंज कर लिया, और थिंकिंग चेंज कर लिया तो मैं ये कह सकता हूँ की आप भी एक ना एक दिन इतने सक्सेस होंगे, इतने पैसे होंगे और वो हर सारी चीजें होंगी, जिससे आप और लोगों के पाएंगे।

आपकी जिंदगी में जितनी भी खुशिया आपको चाहिए वो सारी ख़ुशी आपको मिल जाएगी, क्यूंकि आप गरीब नहीं है, आप सबसे अमीर इंसान है।

इस पूरी दुनिया का सबसे अमीर इंसान और वो है आप।

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