Stress Management कैसे करे: Hello दोस्तों, आज के दौर में हम सबकी लाइफ इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, की हम हमारे लाइफ के टाइम ही नहीं निकाल पाते हैं, और इसी वजह से हमारे Stress भी दिन व दिन बढ़ता ही चला जा रहा है। छोटे छोटे बच्चे भी Stress का शिकार हो रहा है। तो छोटे बच्चे से लेकर बूढ़े तक Stress होता है, लेकिन अगर हम Stress को मैनेज करना सीख लें, तो हम एक बेहतर, खुशहाल और प्रोडक्टिव जिंदगी जी सकते हैं। आज हम बात करेंगे की Stress Management के ऊपर की stress क्या है? कहाँ से आता है? और stress को मैनेज कैसे कर सकते हैं?
दोस्तों हममें से बहुत सारे लोग लगभग हर दिन किसी न किसी चीज के बारे में stressed रहते ही हैं।
सड़क में ट्रैफिक है तो उनके स्ट्रेस, अपने ऑफिस में boss ने कुछ ज्यादा काम दे दिया तो उसके बारे में स्ट्रेस है, पैसे के बारे में स्ट्रेस है, पॉलिटिक्स के बारे में स्ट्रेस है, रिलेशनशिप्स के बारे में स्ट्रेस है, दुनिया के बारे में स्ट्रेस है।
तो ऐसे में देखा जाये, ध्यान देकर सोचा जाये तो हम पाएंगे की हम दिनभर हर एक चीज के लिए स्ट्रेस ही ले रहे हैं।
तो अब अगर हम हर वक़्त स्ट्रेस रहेंगे तो वो हमारी बॉडी लैंग्वेज में, हमारी काम में, हमारी रिलेशनशिप्स में वो दिखने लगेगा। क्यूंकि हम जब स्ट्रेस में रहते हैं तो उस वक़्त हमारी टॉक्सिक सोच होता है।
हम दुनिया से कुछ अलग हो जाते हैं। कुछ पता नहीं होता है हमे।
तो इस स्ट्रेस को हमे मैनेज करना बहुत जरुरी है और हम इसे कुछ टिप्स से मैनेज कर सकते हैं।
जब हमे स्ट्रेस होता है, तो ऐसा तो नहीं है बिना वजह की वो स्ट्रेस हमे हो रहा है, उसका एक रीज़न तो होता ही है। तो वो रीज़न क्या है?? दोस्तों ये बहुत मुश्किल है इसके सही रीज़न को जानना।
क्यूंकि जो हमे ऊपर ऊपर से लगता है की यही रीज़न है हमारे स्ट्रेस होने का वो शायद सही रीज़न नहीं है।
तो अब आप उन सारी चीजों का एक लिस्ट बनाइये जो आपको स्ट्रेस देता है।
जब आप ये लिस्ट बना लिए, तो अब आपको ही पता लगाना होगा की ये सारी चीजें जो स्ट्रेस देती है तो इसका रीज़न क्या है, सोर्स क्या है! और इसमें आपको ऊपर ऊपर लेवल से देखना नहीं है, उसके गहराई तक जाने की जरुरत है।
मान लीजिये अगर आपको लग रहा है की आप अपने काम की वजह से बहुत स्ट्रेस्ड में है, तो ऐसा हो सकता है आप इसलिए स्ट्रेस्ड है की काम पहले से बहुत ज्यादा हो गया है। तो अब अपने आपसे पूछिए की काम पहले से ज्यादा हो रहा है, क्या एकदम से बढ़ गया, या मेरे वजह से बढ़ा है या फिर मेरे boss ने। सीनियर ऑफिसर की वजह से बढ़ा etc.
तो इसमें ऐसे ही गहराई में जाकर उसका मैन रीज़न निकालिये।
तो मान लीजिये आपके बॉस ने आपको ज्यादा काम दे दिया, तो अब और गहराई में जाये की उन्होंने आपको ज्यादा काम क्यूँ दिया ?
तो आपको क्यूँ का गहराई तक पहुंचना ही पड़ेगा।
जब तक आप इसकी गहराई तक जाकर असल क्यूँ नहीं निकाल लेंगे तब तक आप अपना स्ट्रेस कम नहीं कर पाएंगे।
क्यूंकि ऐसा हो सकता है की आपकी स्ट्रेस की वजह ये है की आप काम बहुत ज्यादा अच्छा करते हैं बाकी लोगों से। यही रीज़न था की आपके बॉस ने आपको बाकी लोगों से ज्यादा काम दे दिया।
और यही रीज़न है की आपके पास काम करने का जितनी क्षमता थी करने की उससे ज्यादा काम आ गया और आप स्ट्रेस्ड हो गए।
तो जो आपको ऊपर ऊपर से लग रहा है की ज्यादा काम की वजह से स्ट्रेस है, वो ज्यादा काम की वजह से नहीं, वो इस वजह से की आपका बॉस समझता है की आप बाकी लोगों से ज्यादा स्किल्ड है।
तो अगर आप हर चीज में इस पॉइंट तक नहीं पहुंचेंगे आपका स्ट्रेस हमेशा ही रहने वाला है। जब तक आप गहराई से ये पता न लगा ले की कारण क्या है, तब तक आपको पता ही नहीं चलेगा की मैनेज क्या करना है।
तो आपको आपके सारे Stress के main रीज़न या सोर्स को निकालिये।
जब आपने उसकी रीज़न या सोर्स के बारे में पता लगा लिया है तो अब उसको मैनेज करना जरुरी है।
जो सारे सक्सेसफुल लोग होते हैं, उनमें एक ऐसी कला होती है जो बाकी लोगों में नहीं होती, वो “ना” बहुत बोलते हैं।
आपको तो ऐसा लग रहा होगा की जितना मैं हाँ बोलूंगा, उतनी ही मेरी बढ़ाई होगी, उतना ही मुझे काम मिलेगा, उतना ही मुझे सम्मान मिलेगा, उतना ही मुझे पैसा मिलेगा, उतना ही मुझे सक्सेस मिलेगा।
लेकिन असलियत यही है की हम सबकी एक क्षमता (capacity) है, एक लिमिट है, और अगर हम उस लिमिट में काम लेंगे, उस लिमिट में ही अपने आपको रखेंगे तो हम तभी सबसे अच्छा या बेहतर काम करेंगे।
लेकिन जब कभी भी हम लिमिट से बाहर जाना शुरू करते हैं हम हमेशा mediocre (साधारण) बन जाते हैं।
तो आपको ये सीखना जरूर चाहिए की आप ना कैसे बोलते हैं, कब बोलते हैं, किसको बोलते हैं।
उसके लिए आपको अपनी जिंदगी के एक रूल बनाना पड़ेगा की मुझे जो चाहिए था, मेरे पास उससे 100 गुना ज्यादा है, तो अब चाहे वो जितना भी इंटरेस्टिंग हो, अर्जेंट हो, ज्यादा पैसा देने वाला हो मैं वो काम नहीं करने वाला हूँ।
क्यूंकि मुझ में वो सारी चीजें जो मैं अब कर रहा हूँ, उसके साथ साथ ये भी करने की क्षमता नहीं है, समय नहीं है।
ये ना बोलने वाली चीज Relationship में भी होता है। काम में तो होते ही हैं, मतलब हर एक चीज के लिए ये हो सकता है।
मान लीजिये आपके 2 अच्छे दोस्त है, और आप उसके साथ बहुत अच्छे से सब कुछ मैनेज कर पाते हैं, लेकिन आप दिन व् दिन और दोस्त अपने दोस्तों की लिस्ट में शामिल करते जायेंगे तब आप उसको मैनेज नहीं कर पाएंगे, टाइम नहीं दे पाएंगे। तो वो आपको स्ट्रेस फील कराएगा।
आपके एक ही गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड है तो उसको आप 100% हर चीज में मैनेज कर पाते है, लेकिन आपने चोरी से एक और गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बना लिए तो आपको दोनों को मैनेज करने में बहुत प्रॉब्लम होगा और आपकी स्ट्रेस बढ़ जाएगी। तो उसके लिए आपको दुसरो को ना कहना सीखना होगा।
अगर आप पांच काम कर सकते हैं और आपको दस काम मिल चुके हैं तो वो स्ट्रेस क्रिएट करेगा ही करेगा।
आज कल ऐसा करोड़ो लोगों के साथ होता है।
तो आपको छोटे छोटे स्टेप्स उठाना पड़ेगा की ना कहाँ कहाँ बोल सकते हैं।
स्ट्रेस हमे तब होने लगता है जब हमे लगता है की हम कोई चीज नहीं कर पाएंगे जो हमे करनी चाहिए।
अब ये सच भी हो सकता है या वहम भी हो सकता है।
अगर ये सच है तो स्ट्रेस की सोर्स पे जाना पड़ेगा, और अपने आपको ये याद दिलाना पड़ेगा की नहीं आगे से ना बोलना है। क्यूंकि अगर मैं इतना ही कर सकता हूँ, मैं इतना काम ही लूंगा, लेकिन अगर ये वहम है तो सबसे बेस्ट तरीका है to-do list बनाना।
जो भी चीज करनी है उसको आप छोटे छोटे हिस्सों में divide कर लीजिए। और नंबर वाइज काम करिये।
की पहले मैं ये करूँगा, उसके बाद ये, उसके बाद ये……….
और उसकी वजह से आप बड़े से बड़ा काम भी कर पाएंगे, बिना स्ट्रेस के।
जब आप एक बड़े से पहाड़ को छोटे छोटे हिस्सों में तोड़ देते हैं तो आपको वहां पर पहाड़ नहीं लगता है छोटा सा पत्थर ही लगता है।
जैसे दशरथ मांझी ने किया था।
जो भी चीज आपको स्ट्रेस दे रही है उसको छोटे छोटे हिस्सों में तोड़िये।
अगर आप ऐसे कमरे में घुसते है जहाँ गंदगी ही गंदगी है और आपको कोई बोल दे इसे साफ करो। तो आपको इंस्टैंटली स्ट्रेस होने लगेगा।
मैं कहाँ से शुरू करूँ!!!! इतना कुछ है साफ करने के लिए!!!!
लेकिन अगर आप उसे छोटे छोटे हिस्सों में बाँट देंगे तो वहां पर आपकी स्ट्रेस जरूर कमसे कम होगा।
क्यूंकि आपको पता है की आप छोटा सा हिस्सा तो कर सकते हैं।
और धीरे धीरे आप घर साफ कर सकते हैं।
अगर आप रात को 10 बजे सोये थे सुबह 8 बजे उठे, आज आप रात 12 बजे सोये हैं सुबह 5 बजे उठे, फिर अगले दिन आप 9 बजे सोये सुबह 10 बजे सोये, फिर उसके अगले दिन रात 2 बजे सोये सुबह 6 बजे उठे।
तो आपका वो एक Schedule नहीं बनेगा, जिससे आप आप स्ट्रेस को मैनेज नहीं कर पाएंगे।
क्यूंकि उलटिमटेली आपका बॉडी, आपका दिमाग उस चीज को एक्सेप्ट नहीं कर पायेगा की मुझे rhythm में घुसना है, इस काम को करने के लिए।
एक बैलेंस्ड Schedule होना बहुत जरुरी है।
मान लीजिये आप एक दिन में ये सब करते हैं की आप रोज 9 घंटे एकदम अच्छे से काम कर सकते हैं, 7 घंटे अच्छे से सोते हैं, 1 घंटे के लिए खाना खाएंगे, 1 घंटे अपने दोस्तों के साथ बिताएंगे, 3 घंटे सिर्फ अपने लिए निकालेंगे (पढ़ेंगे, मैडिटेशन करेंगे, कुछ अलग सीखेंगे, कुछ अलग सी काम करेंगे जो आपको करना अच्छा लगा हो, जिसके लिए आपको पैसा मिलने वाला नहीं है), 1 घंटे के लिए कुछ खेलेंगे या एक्सरसाइज करेंगे, 1 घंटा अपने फॅमिली के साथ बिताएंगे, और 1 घंटा कही जाने या आने में लगेगा।
और उसी दायरे में रहने की कोशिश कीजिये।
क्यूंकि जब तक आप अपनी बॉडी को, अपने दिमाग को, एक बैलेंस schedule में नहीं डालेंगे, आप हमेशा स्ट्रेस होते रहेंगे, की इस चीज के कम टाइम है, इस चीज के लिए टाइम नहीं है, ये चीज मुझे करनी है, लेकिन ये काम आ गया है। और उस Undisciplined लाइफ से आपको बाहर निकलना है।
अपनी लाइफ को एक Discipline लाइफ बनाना बहुत जरूरी है। एक बेहतर Schedule की तरह।
आपके जो स्ट्रेस की प्रॉब्लम हो रहा है उसके बारे में लोगों (दोस्त, फॅमिली) के साथ शेयर कीजिये, और उनसे हेल्प लीजिये स्ट्रेस को कम करने के लिए।
एक बात याद रखिये अगर आप किसी से हेल्प मांगते है तो इस चीज से आप उनसे छोटा नहीं हो जायेंगे, कमजोर नहीं बन जायेंगे।
अगर ये शेयर करते हैं की इस पर्टिकुलर चीज की वजह से मैं स्ट्रेस्ड हूँ। और इसे मैं कर नहीं पा रही हूँ और डर लग रहा है। ऐसी चीज जिसके बारे में आपको नहीं पता है की आपको क्या करना चाहिए।
तो आपको कोई एक ऐसा इंसान मिलेगा जो आपको बढ़ावा (encouragement) देगा, वो आपको प्रोत्साहित करेगा, जो आपको बोलेगा की नहीं यार मुझे पता है की ये काम तुम अच्छी तरीकेसे कर सकती हो।
लेकिन उसके लिए आपको एक्शन लेना पड़ेगा।
आप ऐसे लोगों के साथ ज्यादा समय बिताइए जो पाजिटिविटी से भरा पड़ा है। जो आपको कभी एक भी चीजों के लिए स्ट्रेस नहीं देता है।
आपका Environment, आपका रिलेशन, आपके लोग जो आपके आसपास है अगर वो आपकी जिंदगी में हमेशा स्ट्रेस्ड जेनेरेट कर रहे होते हैं तो आप स्ट्रेसफुल रहेंगे ही।
और अगर आप स्ट्रेसफ्री या स्ट्रेस को मैनेज करना चाहते हैं तो आपको उन रिलेशनशिप्स को एक डिस्टेंस पे रखना ही पड़ेगा, जहाँ आप टॉक्सिक लोगों के साथ, उन लोगों के साथ जो हमेशा आपको निचा दिखाते हैं, जो आपको बोल रहे हैं की ये नहीं हो पायेगा, तुम नहीं कर पाओगे, ये तुम नहीं कर सकती।
तो उन लोगों के साथ रह रह के आप स्ट्रेस्ड होंगे ही, लेकिन उन लोगों के बिना आप एक स्टेप ही लेंगे जो आपकी लाइफ स्ट्रेस फ्री बनाएगा।
तो दोस्तों आज आपने सीखा की स्ट्रेस को हम कैसे मैनेज कर सकते हैं की –
मुझे उम्मीद है की आप इन सारे टिप्स को फॉलो करेंगे और अपने स्ट्रेस को कम करेंगे।
आपको आज का हमारा यह पोस्ट कैसा लगा?
मुझे ये भी बताइये की आप इनमें से कौनसा टिप्स पहले फॉलो करने वाले हैं?
क्या आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते है ? आप स्ट्रेस क्यूँ लेते हैं ? रीज़न क्या है ?
वो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
दोस्तों हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
Dr jith tho
Great article thanks for sharing this information
ROCKTIM BORUA
You’re Most Welcome Ji.