Sandeep Maheshwari Motivational Speech in Hindi – Hello दोस्तों, आज मैं आपको संदीप माहेश्वरी जी के द्वारा बताये गए कुछ बातो को आपके सामने लेके आया हूँ, और वो ये है की हम अपनी जिंदगी डर डर के जीते है तो हमें कैसे अपने जिंदगी को खुल के जीना हैं। और ये बातें हम Bottle Cap के Example से जानेंगे।
Sandeep Maheshwari Motivational Speech in Hindi – जिंदगी को खुल के जियो (Bottle Cap)
Example – Water Bottle Cap से सीख: अगर हम bottle cap को as a limitation देखें, तो जो हमारे Society का Pressure है वो bottle cap की तरह है और जो bottle के अंदर पानी है मतलब हमारे Creativity है, उसको हमारे अंदर से बाहर आने से रोकता है।
अपने दिमाग पे जो ढक्कन है bottle cap की तरह वो क्या है – आपके अंदर पानी हैं पानी मतलब Energy भरी परी है, लेकिन वो Energy बाहर नहीं आ पाती है।
तो हम कुछ इस तरह की ढक्कन को जगह दे रहे अपने अंदर –
- सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग।
- Fail होने का डर।
अगर आप इन सारे ढक्कनों को आप हटा दो तो, जैसे एक ढक्कन क्या है की मैं इस Exam में Fail हो गया तो क्या होगा, और यही जो डर है की इसकी वजह से हम आगे नहीं बढ़ पाते है।
Fail हो गया तो दुनिया बड़ा मजाक उड़ाएगी, fail हो गया तो पता नहीं क्या हो जायेगा, मेरा पूरा लाइफ बर्बाद हो जायेगा – हम ऐसे ऐसे अपने सोच को develop करते है।
अरे बिना Failure के क्या दुनिया की तमाम सक्सेसफुल इंसान अपने जीवन में Success को Achieve कर पाते है ?? नहीं, कोई भी Successful इंसान के Biography पढोगे, तो आपको पता लगेगा की कितनी बार वो अपने लाइफ में Fail हो चुके है।
Failure is not Different from Success, Failure is Part of Success.
तो इसी सोच के साथ आपका ढक्कन हट जाता हैं और ऐसे ही एक एक करके हर एक ढक्कन को अपने Mind से हटाना हैं आपको।
तो क्या आपको समझ में आया की ये जो Failure का ढक्कन है वो कैसे हटा, क्या आपने किसी force लगाया, क्या दम लगाया की मेरे को डर नहीं लगना चाहिए, तो क्या ऐसे आपको डर लगना बंद हो जायेगा या आपकी जो समझ है उससे हटेंगे ये डर !! समझ से…..
अब जैसे मैं Blog Article लिखता हूँ, मैं यहाँ पर कुछ भी लिख सकता हूँ, आपके ऊपर है की आप उसका क्या मतलब निकलोगे, मेरी अच्छी से अच्छी Article पे भी अगर कोई चाहे तो बड़ी controversy create कर सकता है, तो अगर इस डर में जीने लगूँ तो मैं कुछ यहाँ लिख ही नहीं पाउँगा, लेकिन मेरे अंदर ये ढक्कन है ही नहीं, आप बोलते रहो जो बोलना हैं।
और संदीप माहेश्वरी जी का भी यही कहना है की उनके वीडियो करोड़ो लोग देखते है और अगर वो कुछ भी बोलते है तो उनके अंदर वो डर हैं ही नहीं की ये दुनिया कुछ भी बोले कोई फर्क नहीं पड़ता, उनका काम वो कर रहे हैं अच्छे से, तो उनके अंदर डर है ही नहीं।
तो आपको भी बिना डर अपने काम को करना है, ऐसा नहीं की बिना डरे किसी का murder कर दिए, ऐसा काम नहीं, वो तो काम ही नहीं हैं।
तो आपको ये समझ आना चाहिए की दुनिया की बोलने से फर्क क्या पड़ता है !
अगर कोई काम हमको सही लगता हैं और हम उसको अपने पुरे दिल से कर रहे हैं, दुनिया हमको अच्छा बोल रही है या बुरा बोल रही है तो उससे फर्क क्या पर रहा है।
आप अच्छाई के लिए तरप रहे हो की दुनिया आपकी थोड़ी सी तारीफ कर दे, बस तारीफ के पीछे दीवाने रहते हो और बुराई से आपकी डर लगता हैं।
तो ये अच्छा या बुरा दोनों ही ढक्कन हैं, ढक्कन ये नहीं हैं की मेरे को डर लगता है बुराई से, ढक्कन ये भी हैं की मैं तारीफ के पीछे पागल हूँ।
अगर आपके अंदर तारीफ का लालच न हो तो बुराई का डर होगा क्या !!!
आप पुरे Society को कुछ Proof करने में लगे हुए हो, अगर वो proof करने का लालच न हो, तो कुछ करने का डर भी नहीं होगा।
Proof करना चाहते हो, इसीलिए तो डरते हो की अगर मैं Proof नहीं कर पाया Fail हो गया तो क्या होगा ये society मेरा क्या हाल करेगी।
I am here to Proof Something to Someone, I am here to Express Who I Am! to Explore Who I am! to Discover Real Potential, की अंदर झांक करके देखूं की पानी का भंडार है वो पानी बाहर आना चाहिए बह जाना चाहिए इस पूरी की पूरी दुनिया में – ये Life का Purpose होना चाहिए।
अब अपनी अपनी लोगो की सोच है की जैसे पानी bottle से बाहर आके क्या करता है की हमारे प्यास बुझाता है और इसी तरह हमारे अंदर का जो Energy है वो भी बाहर आजायेगा, मतलब कुछ काम करेंगे इस दुनिया से हटके, तो कुछ लोग है जो उसके बारे बुरा कहेंगे और कुछ होंगे जो उसको पूरा Enjoy करेंगे और बोलेंगे की कोई तो है जिसके अंदर कोई ढक्कन नहीं है।
जहाँ पर खुल करके पानी बाहर आता है बिना किसी बाधा के, बिना किसी डर के।
तो बनना है तो ऐसी Bottle बनो, जिसके ऊपर कोई ढक्कन न हो, तब आपके अंदर जो कुछ है वो बाहर आ सकता है, तब आपकी प्यास बुझ सकती है।
हम सबके अंदर एक प्यास है जिंदगी को खुल करके जीने की प्यास, पूरी तरह से खुश हो जाने की प्यास। वो प्यास कैसे बुझेगी, जो पानी बाहर आएगा या अंदर ही परा रहा तब बुझती है प्यास !
तो वो पानी बाहर कैसे आएगा, जब तब आपकी ढक्कन नहीं हटेगा।
वो ढक्कन जो आपके ऊपर है उसको हटाना होगा अगर आपको अपने जिंदगी को खुल करके जीना है तो !!!