50+ Real Success Stories in Hindi | महान लोगो की सफलता की कहानी

JK Rowling

Harry Potter की अमेज़िंग मूवी सीरीज में दुनिया को सबसे पहले JK Rowling ने अपनी इमेजिनेशन दिखाया था, जो सिर्फ़ बुक्स सैलिंग से बनने वाली दुनिया की पहली बिलेनियर है।

Rowling का जन्म 31 जुलाई 1965 को इंग्लैंड के Yate शहर में हुआ था, उनके पिता एक इंजीनियर थे और नकी माँ एक साइंस तकनीशियन थी। Rowling पढ़ाई में अच्छी थी लेकिन उन्हें किसी बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका नहीं मिला, उनकी माँ हमेशा बीमार रहती थी और उनके बीच झगड़े की वजह से उनकी पढ़ाई पर बहुत प्रभाव पड़ा। Rowling ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहती थी, उसके लिए उन्होंने एंट्रेंस एक्ज़ाम भी दिया लेकिन उनका एडमिशन किसी रीज़न की वजह से नहीं हुआ और उन्होंने अपने BA की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ एक्ज़िटर से हासिल की।

BA की डिग्री के बाद उन्होंने छोटी-मोटी जॉब्स की, जिसमें उन्होंने रिसेप्शनिस्ट के तौर पर जॉब की, उनकी जॉब्स के दौरान वो एक ट्रेन में मैनचेस्टर से लंदन का सफ़र कर रही थी तब उन्हें एक छोटे बच्चें की कहानी दिमाग़ में आई जो उनके माइंड में इतना घर कर गयी कि जब वो सफ़र करके घर पहुँची तो उन्होंने बिना देर किए उस कहानी को लिखना शुरू कर दिया। उस वक़्त Rowling की उम्र 25 साल थी उसी टाइम पीरियड में उनकी बीमार माँ की डेथ हो गयी जिससे वो पूरी तरह से टूट गयी।

उनकी माँ की डेथ के बाद वो पुर्तगाल शिफ़्ट हो गयी वहाँ उनकी मुलाक़ात जर्नलिस्ट Jorge Arantes से हुई और उन्होंने शादी कर ली। उनकी शादी के बाद उन्हें एक बेटी हुई जिसका नाम Jessica Isabel Rowling है, Jessica से पहले उनका एक बार गर्भपात भी हो चुका था। जब उनकी बच्ची Jessica 1 महीने की थी तब उनके पति ने उन्हें आपसी झगड़े के कारण घर से बाहर निकाल दिया था और उस इंसिडेंट की वजह से वो डिप्रेशन में आ गयी थी क्योंकि उनके साथ उनकी 1 महीने की बच्ची थी और वो जॉबलेस थी। इसी रीज़न से उन्होंने सुसाइड अटेम्प्ट भी किया लेकिन वो नाक़ाम हो गयी और उन्होंने उसी डिप्रेशन से इंस्पायर होकर Harry Potter के डेमेंटर्स कैरेक्टर को बनाया। उसके बाद Rowling अपनी बेटी को लेकर स्कॉटलैंड में अपनी बहन के यहाँ चली गयी और एक स्कूल में इंग्लिश टीचर की जॉब की, वहीं से उन्होंने अपने हस्बैंड से डिवोर्स ले लिया।

Rowling के पास अपनी लिखी बुक को प्रिंट करवाने के लिए पैसा नहीं होने के कारण पब्लिशर को भेजने के लिये बुक की कॉपीज़ खुद ही टाइप करके भेजी लेकिन एक के बाद एक 12 पब्लिशर्स ने उनकी नावेल को रिजेक्ट कर दिया। इतनी प्रोब्लेम्स के बाद भी उनका कॉन्फिडेंस लेवल इतना था कि उन्हें इस बात को लेकर कोई दुख नहीं हुआ। फाइनली जून 1997 में लंदन के एक छोटे पब्लिशिंग हाउस Bloomsbury के ओनर की बेटी को Rowling की लिखी नॉवेल बहुत पसंद आई और वो Harry Potter को पब्लिश करने के लिए तैयार हो गयी। जिन्होंने स्टार्टिंग में 1000 कॉपीज़ प्रिंट की जिसमें से 500 लाइब्रेरीज़ में डिस्ट्रीब्यूट की गई और आज Harry Potter की स्टार्टिंग की ओरिजिनल कॉपीज़ की वैल्यू 20000 पाउंड्स से भी ज़्यादा है।

कुछ महीनों बाद Harry Potter ने ब्रिटिश बुक अवार्ड और चिल्ड्रन बुक ऑफ दी ईयर का अवार्ड जीता और अक्टूबर 1997 में उस नावेल को पब्लिश करके, उसके राइट्स एक ऑक्शन में $105000 में Scholastic Inc. के द्वारा खरीद लिए गए, उसी के साथ Rowling की सक्सेस एक अलग लेवल पर पहुँचती जा रही थी और अब तक Harry Potter सिरीज़ की 50 करोड़ से भी ज़्यादा कॉपीज़ बिक चुकी हैं। उनके Harry Potter सिरीज़ पर फ़िल्म बनाने के राइट्स Warner Bros. ने ख़रीद लिए और Harry Potter की 8 फ़िल्म्स का प्रोडक्शन किया जिसकी फ़र्स्ट मूवी 2001 में रिलीज़ हुई और लास्ट 2011 में जो सभी सुपरहिट साबित हुई।

Harry Potter नावेल की वजह से Rowling वर्ल्ड की फ़ेमस राइटर के अलावा दुनिया के सबसे अमीर लोगों में आने लगी। 2011 में Rowling फ़ोर्ब्स के वर्ल्ड के सबसे अमीर लोगों में 1140वी पोजीशन पर थी और 2011 में Rowling ने दूसरी शादी कर ली। वो अभी स्कॉटलैंड में रहती हैं, Rowling की लाइफ़ में आये उतार-चढ़ाव में भी उन्होंने अपने काम को कंटिन्यू रखा और अपने आप को एक सक्सेसफुल राइटर के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।

Ratan Tata

Ratan Tata एक इंडियन बिज़नेसमैन हैं जो अपने प्रिंसिपल्स, अपने बिज़नेस करने के तरीके के लिए जाने जाते हैं जिनका मतलब बिज़नेस से सिर्फ़ पैसे कमाना नहीं होता बल्कि अपने देश और देश के लोगों को अच्छी सर्विस देने से होता है। ऐसे कई इंसिडेंट्स है जिनसे ये पता चलता है कि Ratan Tata अपने फ़ायदे के लिए या दूसरे को नुकसान पहुँचा कर या अपने प्रिंसिपल्स या अपने नियम के अगेंस्ट जाकर कभी बिज़नेस नहीं करते है। शायद यही क्वालिटी हैं जो उन्हें बाकी बिज़नेसमैन से अलग बनाती है और शायद यही वजह है जो उन्हें “मैन विथ नो हेटर्स” बनाती हैं।

Ratan Tata का जन्म सूरत के एक पारसी फ़ैमिली में हुआ, उनके पिता का नाम Naval Tata था जो Jamsetji Tata के गोद लिए हुए बेटे थे। Ratan Tata की प्राइमरी एजुकेशन कैंपियन स्कूल मुम्बई में हुई और सेकेंडरी एजुकेशन कैथेड्रल एंड जॉन केनन स्कूल से हुई। इसके बाद Tata में 1959 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की और 1975 में Harward बिज़नेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की।

पढ़ाई पूरी करने के बाद Tata ने कुछ टाइम के लिए लॉस एंजेल्स में Jones And Emmons में काम किया। 1961 में उन्होंने भारत वापस आकर Tata ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में उन्होंने Tata Steel के शॉप फ़्लोर पर काम किया जिसके लिए उन्हें जमशेदपुर भेजा गया और Tata के और भी दूसरे कामों के साथ मे जुड़े रहे। 1972 में Tata Nalco (रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक) के डायरेक्टर बने उस टाइम Nalco की मार्केट में हिस्सेदारी 2% थी लेकिन 1975 के अंत तक Nalco ने अपना सारा लॉस कवर कर लिया और मार्केट की हिस्सेदारी भी 20% कर ली। 1977 में Tata ने Empress Mills को एक बड़े लॉस से बाहर लाया।

1981 में Ratan Tata, टाटा इंडस्ट्रीज़ के प्रेज़िडेंट बने और 1991 में JRD Tata ने टाटा एंड संस के प्रमुख पद का उत्तराधिकारी Ratan Tata को बनाया, तभी से Ratan Tata ने अपने काम करने के तौर तरीके को दुनिया के सामने लाया और आज Tata जिस मुक़ाम पर है, उसमें Ratan Tata का बहुत बड़ा रोल है, उन्होंने इस कंपनी को कई लॉस से बाहर निकाल कर आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनीज़ में से एक बना दिया है।

Ratan Tata की जैगुआर और लैंड रोवर कार को खरीदने की स्टोरी काफ़ी दिलचस्प है, 1999 में जब Tata Detroit, मिशिगन में अपनी पैसेंजर व्हीकल के बिज़नेस को सेल करने के लिए गए तब फ़ोर्ड के चेयरमैन Bill Ford ने उन्हें अपमानित शब्द कहे और उसके ठीक 9 साल बाद समय कुछ ऐसा बदला की Ford को दिवालिया का सामना करना पड़ा और Tata ने उनकी आइकोनिक ब्रांड जैगुआर लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में खरीद लिया। उसके बाद Bill Ford ने उनका धन्यवाद भी किया और कहा कि उन्होंने Ford को दिवालिया होने से बचा लिया।

अगर उनके कार के बिज़नेस की बात करे तो पूरी तरह से भारत में बनी भारत की पहली पैसेंजर कार Indica को लॉन्च किया, फिर 23 मार्च 2009 को उन्होंने Tata Nano कार को लॉन्च किया, जिसके प्रोडक्शन की मदद से उनका एक ही मक़सद था कि वो ज़्यादा से ज़्यादा रोजगार लोगों को दे सके और कार को इतना सस्ता बनाया जा सके ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का कार ख़रीदने का सपना पूरा हो सके, इसे दुनिया की सबसे सस्ती कार मानी जाती हैं।

28 दिसंबर 2012 को उन्होंने Tata ग्रुप से रिटायरमेंट ले लिया, उन्होंने Tata के साथ 50 साल तक काम किया और देश के प्रति सेवाओं को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उसी साल 2008 में उन्हें टाइम मैगज़ीन ने दुनिया के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया और रिटायर होने के बाद आज भी अगर देश किसी मुश्किलों में होता है तो वो डोनेशन के द्वारा हेल्प करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

Stan Lee

Hello दोस्तों, क्या आपने Marvel की सारी मूवीज देखे है? क्या आप सुपरहीरोज़ को पसंद करते हैं? स्पाइडर-मैन, आयरन-मैन, फैंटास्टिक फोर, अवेंजर्स, एक्स-मैन, बैट-मैन, सुपर-मैन, थॉर, हल्क, etc. जैसे सारे मूवी सीरीज को देखा है तो उनके क्रिएटर के बारे में जानना तो बनता है, जहाँ 70 साल की मेहनत लगी हुई है, मैंने तो आज तक Marvel की कोई भी मूवीज मिस नहीं किया है, ये होते ही ऐसे है की लोगों का ध्यान बहुत जोड़ से खींचने लगता है। जब भी Spider Man, Batman, Superman, X-Men जैसे कैरेक्टर्स का नाम आता है तो उनके क्रिएटर के बारे में ज़रूर सोचा जाता है और इन सब सुपरहीरोज़ के पीछे एक ही इंसान थे जिनका नाम Stan Lee था, उन्होंने अपनी इमेजिनरी सोच से ऐसे कई कैरेक्टर्स को बनाया जिन्हें पूरी दुनिया बहुत पसंद करती है।

Stan Lee का रियल नाम Stanley Martin Lieber था, जिनका जन्म 28 दिसंबर 1922 को न्यूयॉर्क अमेरिका में हुआ, जो एक एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर थे। हर बड़ा इंसान बड़े स्ट्रगल से बड़ा बनता है और Stan Lee भी उन्ही बड़े इंसानों की तरह थे, उनका जन्म भी एक ग़रीब फ़ैमिली में हुआ था। उनके पिता एक क्लोथिंग कंपनी में काम करते थे, फाइनेंसियल कंडीशन सही न होने की वजह से उन्हें स्कूल टाइम से ही पार्ट टाइम जॉब करनी पड़ी और उन्होंने डिलीवरी बॉय के रूप में काम करना शुरू किया।

16 साल की उम्र में उन्होंने Timely Comics में जॉइन किया, जहाँ उन्होंने काफ़ी छोटे-छोटे काम से स्टार्टिंग की जैसे पेन में इंक भरना, एम्प्लॉयीज़ के लिए लंच लाना, फ़ाइल्स को अरेंज करना और भी कई काम किये, फिर वो इसी कंपनी में एडिटोरियल असिस्टेंट बने और उन्होंने अपनी इमेजिनेशन से पहले सुपरहीरो को बनाया जिसका नाम डिस्ट्रॉयर रखा। 1942 में 20 साल की उम्र में वो वहाँ के एडिटर बन गए। जहाँ उन्होंने कॉमिक बुक की स्क्रिप्ट्स लिखना शुरू किया और वहाँ से उनका नाम Stan Lee हो चुका था। वो काफ़ी सालों तक उस कंपनी में एडिटर के पद पर रहे।

Stan Lee ने 1942 से 1945 तक सेकंड वर्ल्ड वॉर में US आर्मी भी जॉइन की और US आर्मी से वापस आने के बाद उन्होंने फिर से Timely मैगज़ीन को जॉइन किया। फिर उन्होंने दी विटनेस, जैक फॉरेस्ट और ब्लैक मार्वल नाम की बुक सिरीज़ बनाई, उस वक़्त Timely मैगज़ीन का नाम बदलकर Atlas हो चुका था। उसी दौरान Stan Lee ने Atlas को छोड़ने का फ़ैसला किया क्योंकि वो उस काम को करके ऊब चुके थे और उसी दौरान उनकी एक राइवल कंपनी डी सी कॉमिक्स बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही थी और डी सी कॉमिक्स को अगर कोई पीछे छोड़ सकता था तो वो Stan Lee थे।यह बात Atlas Comics के मालिक को अच्छे से पता थी इसलिए उन्होंने Stan Lee को कंपनी न छोड़ने के लिए बहुत कन्विंस किया और Stan Lee कंपनी को न छोड़ने के लिए मान गए और अपना काम कंटिन्यू रखा।

1961 में Stan Lee ने उनके साथी आर्टिस्ट Jack Kirby के साथ मिलकर The Fantastic Four के कैरेक्टर्स का निर्माण किया, जिसने Stan Lee को बहुत सक्सेस दिलाई फिर उसके एक साल बाद Stan Lee ने Steve Ditko के साथ मिलकर Spiderman के कैरेक्टर को बनाया और इसके बाद में The Incredible Hulk के कैरेक्टर को भी बनाया गया। Fantastic Four की सक्सेस के बाद Atlas Comics का नाम बदलकर Marvel Comics कर दिया गया और 1963 में Lee ने X-Men के कैरेक्टर को बनाया फिर 1972 में Stan Lee खुद एक पब्लिशर बन गए।

लगभग 60 साल तक कॉमिक्स की दुनिया में अपने जादू को दिखाने के बाद उन्होंने दूसरे प्रोजेक्ट्स में काम करना शुरू किया और 1999 में Lee ने अपनी खुद की कंपनी Stan Lee Media बनाई और अपने सुपरहीरोज़ को दुनिया के सामने लाया। कुछ टाइम की सक्सेस के बाद फरवरी 2001 में उनकी कंपनी दिवालिया हो गयी, लेकिन 2004 में Pow Entertainment नाम की कंपनी बनी, जिसने Lee के सुपरहीरोज़ को फिर से पर्दे पर उतारा। अगर Stan Lee की मूवीज़ की बात करे तो X-Men (2000) और Spider man (2002) इतनी हिट साबित हुई कि इन्होंने बिलियन डॉलर्स से ज़्यादा का बिज़नेस किया, इनके साथ ही Daredevil (2003), Hulk (2003) और Ironman (2008) भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई।

Stan Lee भी इन मूवीज़ में गेस्ट अपीयरेंस के रूप में दिखाई दे चुके हैं, साथ ही Lee और Kirby की बनाई गई मूवीज़ भी ब्लॉकबस्टर रही जो Thor (2011), The Avengers (2012) और Ant-Man (2015) थी। Lee जिन्होंने अपनी लाइफ़ में 300 से ज़्यादा सुपरहीरोज़ के कैरेक्टर्स को बनाया, जो लगभग सभी ब्लॉकबस्टर हैं, उनकी डेथ 12 नवम्बर 2018 को 95 की उम्र में हुई थी। Lee ने अपनी क्रिएशन और इमेजिनेशन से दुनिया को कुछ ऐसे कैरेक्टर्स दिए जो एंटरटेनमेंट की दुनिया को एक नई ऊँचाई तक ले गए। किसने सोचा था कि ऑफिस में एम्प्लॉयीज़ के लिए लंच बॉक्स लाने वाला इंसान एक दिन महान क्रिएटर बनेगा जिसकी बनाई मूवीज़ पूरी दुनिया में बिलियन्स का बिज़नेस करेगी, बच्चों से लेकर बड़े भी उनके कैरेक्टर्स के फ़ैन हैं। ये अविश्वसनीय काम हार्डवर्क, फोकस और कंसिस्टैंटली 70 से ज़्यादा साल एक काम में देने का रिज़ल्ट था।

Stephen Hawking

Stephen William Hawking एक ऐसा नाम है जिनका ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को दुनिया को समझाने में एक इम्पोर्टेन्ट रोल है, जिन्होंने कॉस्मोलॉजी को एक नई दिशा दी, जिन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी होने के बाद भी इस दुनिया को उन्होंने ऐसी थ्योरी दी, जो कॉसमॉस को जानने में काफ़ी मददगार साबित होती है।

Stephen William Hawking का जन्म इंग्लैंड में 8 जनवरी 1942 को Frank और Isabel के घर में हुआ, उनकी माँ और पिता दोनों ही मेडिकल डिपार्टमेंट में काम करते थे। उनका बचपन ऑक्सफ़ोर्ड शहर में गुज़रा और जब वो 11 साल के थे तब वो St. Albans शिफ़्ट हो गए थे। Stephen ने अपनी प्राइमरी स्कूल, ट्रिनिटी हॉल, कैंब्रिज से की और हाईस्कूल St. Albans हाई स्कूल से और ऑक्सफ़ोर्ड से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया, फिर उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मैथ्स और कॉस्मोलॉजी में PHD की।

कॉलेज तक उनकी लाइफ़ सही जा रही थी, लेकिन 1963 में जब वो 21 साल के थे तब उनकी ख़राब तबियत के चलते उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ उनके टेस्ट में पता चला कि उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की लाइलाज बीमारी है, जिसमें धीरे-धीरे शरीर के सभी पार्ट्स काम करना बंद कर देते हैं। उसी बीमारी की वजह से डॉक्टर्स ने उन्हें 2 साल का टाइम दिया था और कहा कि वो इससे ज़्यादा नहीं जी सकते लेकिन ये Hawking की किस्मत को शायद मंज़ूर नहीं था। उस बीमारी के बाद Stephen लाइफ़ में कभी हताश नज़र नहीं आये, उन्हें देखकर कभी लगा ही नहीं कि वो इस बीमारी से हार जायेंगे।

इसी बीमारी के दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से अपनी PHD की डिग्री हासिल की और 1965 में उन्होंने Jane Wilde से शादी कर ली। PHD करने के बाद Hawking ने कैंब्रिज में ही रिसर्चर के तौर पर काम किया। फिर 1972 में Hawking DAMTP में से जुड़े जहाँ उन्होंने अपनी पहली बुक “The Large Scale Structure Of Space And Time” लिखी। उसी पीरियड में Hawking के बॉडी पार्ट्स एक एक करके काम करना बंद कर रहे थे। 1974 में Hawking ने ब्लैक होल की थ्योरी के बारे में बताया जिसे बाद में Hawking’s Radiation Theory के नाम से जाना जाने लगा। उसी साल 1974 में Hawking को ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी के सबसे कम उम्र का सदस्य चुना गया। 1977 में उन्होंने DAMTP में प्रोफेसर के तौर पर काम किया और 1979 में उन्हें University of Cambridge में Maths caucasian प्रोफेसर चुना गया, जो पद है और उस पद पर Hawking ने 2006 तक काम किया।

1979 में उन्हें साइंस में अपने कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए Albert Einstein मेडल से नवाज़ा गया, फिर 1982 में ‘दी आर्डर ऑफ दी ब्रिटिश एम्पायर’ और 1988 में फिजिक्स में ‘वुल्फ प्राइज’ से सम्मानित किया गया। 1988 में उनकी बुक “दी ब्रिफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम” पब्लिश हुई जो उस समय की ज़्यादा बिकने वाली बुक बनी और 237 हफ़्तों तक चली। 2009 में उन्हें अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक अवार्ड ‘प्रेज़िडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ मिला। 2014 में Stephen Hawking पर एक मूवी भी बनाई गई जिसका नाम ‘दी थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’ था, जिसमें Hawking के लाइफ़ के स्ट्रगल को बताया गया है कि कैसे उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया।

14 मार्च 2018 को इस महान साइंटिस्ट ने दुनिया को अलविदा कहा और इंसानों की ज़िंदगी बेहतर बनाने के लिए कई थ्योरीज़ और रिसर्च पीछे छोड़ गए। उन्हें अपने पूरे करियर में हज़ारों अवार्ड्स मिले, Stephen ने अपनी लाइफ़ 53 साल व्हील चेयर पर गुज़ारी लेकिन उस व्हील चेयर ने उन्हें कभी नॉर्मल इंसानों से स्लो नहीं किया, उनके काम और साइंस में अपने कॉन्ट्रिब्यूशन को देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि वो एक साधारण इंसान थे।

Barack Obama

Barack Obama अमेरिका की हिस्ट्री में पहले प्रेज़िडेंट थे, जो अमेरिकन अफ्रीकन थे। वो अमेरिका के 44th प्रेज़िडेंट थे, जो लगातार दो बार अमेरिका के प्रेज़िडेंट पद पर रहे। उन्होंने पहला इलेक्शन 2008 में और दूसरा 2012 में जीता। Barack Obama को अमेरिका के सबसे सफ़ल प्रेज़िडेंट में देखा जाता हैं और वो पेशे से एक वक़ील हैं। प्रेज़िडेंट होने के बाद भी वो इतने डाउन टू अर्थ इंसान थे जिसकी वजह से लोग उन्हें उतना पसंद करते हैं और उनकी जर्नी भी हमें बहुत इंस्पायर करती हैं।

Barack Obama का जन्म 4 अगस्त 1961 को Honolulu Hawaii में हुआ था, उनके पिता Barack Obama Senior बकरियाँ चराने का काम करते थे, Barack Obama के जन्म के 3 साल बाद उनके माता-पिता एक-दूसरे से अलग हो गए थे, 1965 में उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली। कुछ टाइम बाद Obama को उनकी माँ ने उनके अंकल के वहाँ पढ़ाई करने भेज दिया और वहाँ उन्होंने Punahou Academy में एडमिशन लिया, जहाँ उन्हें रंगभेद की वजह से काफ़ी बुरा व्यवहार सहन करना पड़ा। 1979 में उन्होंने लॉस एंजेलिस में Occidental College में एडमिशन लिया, उसके बाद 1983 में ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के लिए वो न्यूयॉर्क चले गए, इसी बीच उनके पिता की एक एक्सीडेंट में मौत हो गयी थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने 1988 में Harvard Law School में एडमिशन लिया और अपनी Law की डिग्री कम्पलीट की।

उसके अगले साल उनकी मुलाक़ात प्रोफेशर Laurence Tribe से हुई, जो Obama की बातों से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने Obama को अपनी टीम में शामिल कर लिया। उसी दौरान उनकी मुलाक़ात Michelle Robinson से हुई जिनको Obama के एडवाइज़र के पद पर रखा गया था। काम करते हुए दोनों के रिलेशन इतने अच्छे हो गए कि दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया और 1990 में Obama Harvard Law Review के पहले अमेरिकन अफ्रीकन एडिटर चुने गए। उसके बाद Obama शिकागो चले गए और Miner, Barnhill Galland की फ़र्म में लॉयर के तौर पर जॉइन किया, इसी के साथ-साथ उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो लॉ स्कूल में प्रोफ़ेसर के तौर पर पढ़ाया। 1992 के इलेक्शन के दौरान वो Bill Clinton के कैंपेन में वोटर रजिस्ट्रेशन में भी शामिल थे।

अक्टूबर 1992 में उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड Michelle Robinson से शादी कर ली, शादी के बाद वो Kenwood शिफ़्ट हो गए। इसी बीच उन्होंने Dreams Of My Father बुक भी लिखी जो उनके प्रेज़िडेंट बनने से काफ़ी सालों पहले बहुत फ़ेमस हो चुकी हैं, जो 25 से ज़्यादा लैंग्वेज में प्रिंट हो चुकी है, जिसका 2004 में चाइल्ड वर्ज़न भी आ चुका है। 2006 में उन्होंने The Audacity Of Hope नाम की एक और बुक लिखी जो अमेरिका की बेस्ट सेलिंग बुक रह चुकी है।

Obama ने पॉलिटिक्स में अपनी शुरुआत 1996 में Collinson Senate इलेक्शन से की, वो 1996 का इलेक्शन जीत गए और जीतने के बाद उन्होंने ग़रीबो के लिए बहुत से काम किये तथा एजुकेशन और हैल्थ केअर को अपने मैन काम के रूप में रखा, उन्होंने जेल में सजा काट रहे कई बेगुनाह कैदियों से पूछताछ करके उन्हें जस्टिस दिलवाया और 1996 के साथ वो 1998 और 2002 का इलेक्शन भी जीते। 2004 में Obama ने USA Senate Election लड़ा और इसमे भी जीत हासिल की, Barack की पॉपुलैरिटी देखते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2008 में प्रेज़िडेंट पद के लिए होने वाले इलेक्शन में उन्होंने Chunam और रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार John Maccain को लगभग 1 करोड़ वोट्स से हराया और अमेरिका के पहले अफ्रीकन अमेरिकन प्रेज़िडेंट बनकर हिस्ट्री बनाई।

वो अमेरिका के 44th प्रेज़िडेंट बने, प्रेज़िडेंट बनने के तुरंत बाद ही अमेरिका की हेल्थ, एजुकेशन, फ़ाइनेंस और दूसरे देशों से रिलेशन के ऊपर काम करना शुरू किया और रिज़ल्ट लोगों के सामने आते गए, 9/11 अटैक करवाने वाले Osama Bin Laaden को सजा दिलाने का पूरा अमेरिका का मक़सद को उन्होंने पूरा कर दिखाया, उनके काम को देखते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2012 में फिर से उन्हें प्रेज़िडेंट पद का उम्मीदवार बनाया और फिर से Obama ने जीत हासिल की।

एक वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत वाले Obama अपनी काबिलियत और अपने काम करने की क्लैरिटी से दुनिया की सबसे पावरफुल कंट्री के सबसे पावरफुल पद पर पहुँचे, जिस टाइम वो प्रेज़िडेंट बने उस टाइम अमेरिका भारी मंदी से गुज़र रहा था और उन्होंने उस टाइम से लड़ते हुए देश की बड़ी समझदारी से लीडरशिप निभाई और दूसरे देशों के साथ बिगड़े रिलेशन्स को भी सुधारा।

Leave a Comment