आज के वक्त में हर कोई अपने फायदे के बारे में सोचता है। आए दिन हर बड़े बड़े लोगों को अलग अलग घोटाले में फँसते हुए देखते हैं। दुनिया इस तरह के लीडर्स से भरी पड़ी है, लेकिन सिर्फ कुछ लोग ही इतने बड़े घोटाले करते हैं कि वे खबरों तक आ जाते हैं। ऐसे हालात में हमें उन लोगों की जरुरत है जो समाज, वातावरण और अपने लोगों के लिए काम कर सकें।
यह किताब(The Hero Factor) हमें बताती है कि किस तरह से आप इस तरह के लीडर बन सकते हैं। यह किताब हमें लीडरशिप का पाठ पढ़ाती है। इस किताब की मदद से आप एक अच्छा कल्चर बनाकर अपनी कंपनी को पहले से ज्यादा कामयाब बना सकते हैं।
इस समरी को पढ़कर आप सीख सकते हैं –
-किस तरह से आप एक हीरो लीडर बन सकते हैं।
-अपने कर्मचारियों की परवाह करना क्यों जरूरी है।
-अपने कर्मचारियों से साथ फायदे बाँटना क्यों जरूरी है।
The Hero Factor Book Summary in Hindi by Jeffrey Hayzlett with Jim Eber
आज दुनिया को ऐसे लीडर्स की जरूरत है जो अपने फायदे के साथ साथ लोगों के फायदे के लिए भी काम कर सकें –
अब तक तो आप यह समझ ही गए होंगे कि एक हीरो लीडर कौन होता है। हीरो लीडर वो होता है जो सिर्फ अपने फायदे के लिए काम नहीं करता। हीरो लीडर वो होता है जो अपनी मंजिलों के साथ साथ अपने लोगों की मंजिलों को भी खयाल में रखकर काम करता है। जो लोगों का फायदा नहीं उठाता और ना ही अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करता है। लेकिन इस तरह के लीडर्स दुनिया में बहुत कम हैं और इसलिए हमें इनकी बहुत जरूरत है।
लेकिन एक हीरो लीडर की क्या खास बात होती है। हर लीडर की तरह, इसमें भी अपनी मंजिल को हासिल करने की जिद्द और जरूरी कदम उठा सकने की हिम्मत होती है। इस तरह के लोग हमेशा दूसरों के फायदे के बारे में और उनकी मदद करने के बारे में सोचते हैं। सिर्फ अपने लोग ही नहीं, इस तरह के लीडर्स समाज और वातावरण का भी खयाल रखने की कोशिश करते हैं।
लेकिन आज के वक्त में लीडर्स इस तरह से काम नहीं करते हैं। वे सिर्फ अपने क्लाइंट,अपने शेयरहोल्डर और अपने फायदे के बारे में सोचते हैं और सिर्फ वही फैसले लेते हैं जिससे यह तीन चीजें पहले से बेहतर बन सकें। वे अपने मेहनती कर्मचारियों का ध्यान नहीं देते और ना ही अपने
ग्राहकों की बात सुनते हैं। लेकिन हम बदलाव ला सकते हैं। लीडर्स अपने फोकस को बदलकर, अपने लोगों के बारे में सोचकर और बड़े पिच्चर को दिमाग में रखकर काम करना सीख सकते हैं। वे अपनी मंजिल के साथ साथ अपने कर्मचारियों के मंजिल को हासिल करने के तरीके खोजकर निकाल सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आप एक हीरो लीडर नहीं हैं, तो बदलाव का वक्त आ गया है।
हीरो लीडर्स वो होते हैं जो कि फायदे और लोगों की एक बराबर परवाह करते हैं –
हीरो लीडर होने का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ लोगों के बारे में सोचें और फायदे को भूल जाएं। बिना फायदे के एक बिजनेस कभी भी नहीं चल पाएगा।
इसलिए आपको दोनों लोगों को एक बराबर महत्व देना होगा। यह जरुरी नहीं है कि एक को बढ़ाने के लिए आपको दूसरे से समझौता करना पड़े। तो चलिए देखते हैं कि आप यह कैसे कर सकते हैं। सबसे पहले फायदे की बात करते हैं। इसे बढ़ाने के लिए आपको क्वालिटी पर काम करना होगा। आपको अपने बिजनेस के काम करने के तरीके को पहले से बेहतर बनाना होगा, अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बेहतर करते रहना होगा, अपने ग्राहकों या क्लाइंट्स को दिमाग में रखकर काम करना होगा, काबिल कर्मचारियों को प्रमोट कर के उन्हें ट्रेनिंग देते रहना होगा और दूसरे काबिल लोगों को अपने बिजनेस में लेकर आना होगा। यह सारे काम अगर आप लम्बे समय तक करते रहेंगे, तो आपको फायदा जरुर होगा। अब बात करते हैं लोगों की। किस तरह से आप हर उस व्यक्ति के फायदे के लिए काम कर सकते हैं जो कि आपके बिजनेस से जुड़ा हुआ है? यह आपके कर्मचारी, ग्राहक, क्लाइंट, शेयरहोल्डर और दूसरे लोग भी हो सकते
हैं।
सबसे पहले तो आपको सब कुछ अकेले करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। आपको हर उस व्यक्ति की मदद लेनी चाहिए जो कि आपके काम को आसान बना सकता है। आपको लोगों से सलाह लेना चाहिए और यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि आप जो भी कर रहे हैं वो सही है। साथ ही, आपको अपनी गलतियां मानने से कभी इनकार नहीं करना चाहिए। फैसले लेने से पहले हर किसी की बात सुनिए और हर किसी के नजरिए से देखकर हालात को समझने की कोशिश कीजिए। अपनी टीम में सिर्फ एक तरह के लोगों को कभी मत रखिए। जितना ज्यादा हो सके, अलग किस्म के लोगों को अपनी टीम में शामिल कीजिए। पुरुष और महिलाएं, दोनों ही आपके टीम में होने चाहिए। अलग अलग धर्म, अलग अलग जगह से आने वाले और अलग अलग उम्र के लोगों आपकी टीम में होने चाहिए।
एक कामयाब कंपनी वो होती है जो अपनी कही गई बात को पहले खुद पर लागू करती है –
अमेरिका में लोगों की यह धारणा है कि काले लोग ज्यादा गैरकानूनी काम करते हैं। एक दिन स्टारबक्स की एक दुकान में दो काले लोग काफी समय से बैठे हुए थे। उसके मैनेजर को लगा कि वे कुछ गलत काम करने के लिए सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए उसने तुरंत पुलिस को फोन लगाया और उन दोनों को अरेस्ट करवा दिया। जबकि उन दोनों काले लोगों ने कहा कि वे सिर्फ अपने एक दोस्त के आने का इंतजार कर रहे थे, ताकि वे तीनों साथ में बैठकर काफी पी सकें।
लेकिन स्टारबक्स तो यह कहता है कि वो एक ऐसीकंपनी है जहां पर हर कोई आकर आराम कर सकता है,टाइम पास कर सकता है और दोस्तों के साथ बैठ सकता है। स्टारबक्स कहता है कि चाहे आप कुछ खरीदें या ना
खरीदें, आप उसकी दुकान में जाकर बैठ सकते हैं। फिर ऐसा कैसे हो गया कि काले लोगों के बैठे रहने पर वहाँ के मैनेजर ने पुलिस को फोन कर दिया? यह एक एक्ज़ाम्पल है जहां पर एक कंपनी के कर्मचारी अपनी कंपनी की वैल्यूज़ को अपना नहीं रहे हैं। बहुत सी कंपनियां अपने ऐड में कुछ और दिखाती हैं और असल में किसी और तरह से काम करती हैं।
बहुत सी कंपनियों के कर्मचारी अपनी कंपनी की वैल्यूज़ के हिसाब से काम नहीं करते हैं। एक हीरो लीडर वो होता है जो अपनी कंपनी की वैल्यूज़ को पहले अपने कर्मचारियों के अंदर डाल सके और उनसे उस तरह से काम करवा सके। स्टारबक्स ने जब एक मैनेजर को वैल्यूज़ के हिसाब से काम करते हुए नहीं देखा, तो उसने 2018 की मई को अपने
8,000 दुकानों पर ताला लगादिया ताकि वो कुछ घंटों के लिए अपने सारे कर्मचारियों को पाठ पढ़ा सके कि हर काला व्यक्ति अपराधी नहीं होता। अगर आपकी कंपनी के लोग वैल्यूज़ के हिसाब से काम नहीं कर रहे हैं, तो आपको उसके लिए कुछ कदम उठाने चाहिए।
छोटी छोटी बातों से ही आपकी कंपनी का कल्चर दिखाई देता है –
सुबीर चौधरी अमेरिका क्वालिटी मैनेजमेंट गुरु में से एक हैं। वे कंपनियों के साथ काम कर के उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी को बेहतर बनाने पर काम करते हैं। एक दिन एक कंपनी ने उन्हें हायर किया ताकि वे क्वालिटी कंट्रोल पर काम कर सकें। उसके एक दिन पहले ही जेडी पावर क्वालिटी रिपोर्ट निकली थी और उसमें उस कंपनी के प्रोडक्ट की क्वालिटी को बेकार रेटिंग दी गई थी। वहाँ पर जाते ही उनकी मुलाकात मार्क से हुई, जो कि क्वालिटी के लिए जिम्मेदार थे। क्वालिटी के बेकार निकलने का मतलब था कि वे अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे थे। जैसे ही मार्क सुबीर से मिले, उन्होंने सुबीर से पूछा – सुबीर, तुम एक टूथपिक से दाँत साफ करने के बाद उसके साथ क्या करते हो? सुबीत को हैरानी हुई। मार्क के ऊपर मुसीबत मंडरा रही थी और उसे इस बकवास से सवाल की चिंता थी। लेकिन सुबीर ने जवाब दिया – मैं उसे डस्टबिन में फेंक देता हूँ। इसपर मार्क ने कहा – मैंने आज 4 लोगों से यही सवाल पूछा, और उन सारे लोगों ने मुझे यही जवाब दिया। लेकिन आज जब मैं अपने आफिस की तरफ जा रहा था, तो मैंने देखा कि किसी ने लापरवाही से एक टूथपिक जमीन पर फेंका है। जिस कंपनी के कर्मचारी इतने लापरवाह हैं कि वे एक टूथपिक को सही जगह पर नहीं रख सकते, वो लोग क्वालिटी पर क्या ध्यान देंगे? यह समस्या बहुत गहरी है।
तो यह एक्जाम्पल था कि किस तरह से एक छोटी सी बात से यह पता लग सकता है कि आपकी कंपनी का कल्चर क्या है। यह जरूरी नहीं है कि एक कल्चर तभी अच्छा हो जब वहां पर हर कोई मिलजुल कर काम करता हुआ
मिले और लोग एक दूसरे को सहारा देते रहें। वो जरूरी है, लेकिन कल्चर की बातें बहुत छोटी छोटी चीजों से भी साफ दिखाई दे सकती हैं। इस तरह से छोटे बदलाव भी आपके कल्चर को पहले से बेहतर बना सकते हैं। इन्हीं छोटे बदलाव की मदद से आप लोगों को बेहतर बना सकते हैं।
अपने लोगों की परवाह करने से आप अपने काबिल कर्मचारियों को लम्बे समय तक अपने साथ जोड़ कर रख सकते हैं –
बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों को एक इंसान की तरह नहीं देखती। वे यह नहीं सोचती कि उनके कर्मचारियों ऐसे लोग हैं जिनके साथ उनका एक अच्छा रिश्ता है। वे उन्हें सिर्फ एक औजार की तरह देखती हैं जिनका इस्तेमाल कर के वे फायदे कमा सकती हैं।
ऐसा करने से आप ऐसे कर्मचारियों की फौज पाल लेते हैं जो सिर्फ उतना काम करते हैं जितने से उन्हें काम से निकाला ना जाए। वे कंपनी को लेकर उत्साहिक नहीं होते और ना ही उसे बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहते हैं।
एक हीरोइक कल्चर और एक जहरीले कल्चर में यही अंतर होता है। हीरोइक कल्चर में काबिल कर्मचारियों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने पर ध्यान दिया जाता है ताकि वे कंपनी के साथ काम करते रहें। इस तरह से वफादारी पनपती है, जिसके दम पर आप अपनी कंपनी को आगे तक लेकर जा पाते हैं।
एक खराब कल्चर में काबिल लोग कभी भी काम नहीं करेंगे, क्योंकि उनके पास दूसरी कंपनियों के पास जाने का आप्शन हमेशा मौजूद होता है। इह तरह से आप औसत लोगों के साथ रह जाते हैं जिन्हें आपकी कंपनी के गोल्स में कोई दिलचस्पी नहीं रह जाती। लोगों की परवाह करना किसी भी कंपनी के लिए बहुत जरूरी है।
हीरो लीडर्स अपने कर्मचारियों के साथ अपने फायदे को बाँटते हैं –
रॉब रेयान ने 1989 में एस्सेंड कम्यूनिकेशन नाम की एक कंपनी खोजी थी। उसके 10 साल के बाद उन्होंने उसे 20 अरब डॉलर में बेच दिया। लेकिन उन्होंने सारा पैसा सिर्फ खुद के लिए नहीं रखा। उन्होंने वो पैसा इन सभी लोगों में बाँट दिया जिन्होंने कंपनी की शुरुआत करने में उनकी मदद की थी। उन्होंने 10% अपने कर्मचारियों को दे दिया। उन्होंने सिर्फ एक्सेक्युटिव्स को ही नहीं, बल्कि अपने सेक्रेटरी और चपरासियों को भी मालामाल कर दिया।
रेयान हम सभी के आगे एक हीरो लीडर होने का एक्जाम्पल सेट करते हैं। वे यह दिखाते हैं कि किस तरह से अपने साथ के लोगों की परवाह कर के आप उन्हें अच्छे से काम करने के लिए उत्साहित कर सकते हैं। इस तरह
से आपके कर्मचारियों को यह लगेगा कि वे सिर्फ एक कर्मचारी नहीं हैं बल्कि कंपनी के हिस्सेदार भी हैं। वे मन लगाकर काम करते हैं और जिम्मेदारी लेना भी सीख जाते हैं। इसके एक और अच्छे एक्जाम्पल हैं हम्दी उलुकाया, जिन्होंने छोबानी नाम की एक दही की कंपनी 2005 में खोली थी। उन्होंने अपने कर्मचारियों से कहकर रखा है कि जिस दिन यह कंपनी बिकेगी या फिर पब्लिक हो जाएगी, उस दिन उन्हें सारे फायदे का 10% दे दिया जाएगा। इस समय उस कंपनी की कीमत 1.5 अरब डॉलर है और जिस दिन वो बिकेगी, वहाँ काम करने वाले 2,000 से ज्यादा कर्मचारी मालामाल हो जाएंगे।
उलुकाया ने अपनी अच्छाई दिखाने के लिए यह काम नहीं किया। उन्होंने ऐसा कर के अपने कर्मचारियों से एक समझौता किया अगर वो सभी लोग वहाँ पर मन लगाकर काम करते रहे और कंपनी को कामयाब बनाते रहे, तो एक दिन इसका फायदा सभी को मिलेगा। इस तरह से सभी को फायदा देकर आप जिम्मेदार कर्मचारियों की एक फौज
तैयार कर सकते हैं जो कि हर काम को अपना काम समझ कर करेंगे।
Conclusion –
एक हीरो लीडर बनने के लिए आपको कंपनी के फायदों को और उसके लोगों को एक बराबर अहमियत देनी होगी। आपको अपने कल्चर को बेहतर बनाने के लिए छोटी छोटी बातों पर ध्यान देना होगा। आपको अपनी कंपनी की वैल्यूज़ को सबसे पहले अपने कर्मचारियों में डालना चाहिए और उनके साथ साथ खुद को भी बेहतर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।
क्या करें?
यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ बड़ी कंपनियां ही अपने कर्मचारियों के साथ फायदे बाँटे। अगर आप एक छोटी कंपनी हैं, तो भी आप अपने कर्मचारियों के लिए कुछ छोटे छोटे काम कर सकते हैं। आप उन्हें फ्री लंच या काफी दे सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप लाखों का बिजनेस कर रहे हों तो ही अपने कर्मचारियों के लिए कुछ करें। आप जितना कर सकते हैं, उतना करने की कोशिश कीजिए।
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