द अपस्टार्टस The Upstarts Book Summary in Hindi –
यह बुक समरी किसके लिए है –
-वे जो नए जमाने के बिजनेस मॉडल को समझना चाहते हैं।
-वे जो कामयाब स्टार्ट-अप की कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं।
-वे जो एक आन्त्रप्रिन्योर हैं।
लेखक के बारे में
ब्रैड स्टोन (Brad Stone) अमेरिका के एक जर्नलिस्ट हैं। वे एक बेस्ट सेलिंग लेखक भी हैं जो अपनी किताब “द एवरिथिंग स्टोर” के लिए जाने जाते हैं।
यह किताब आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
कितनी बार आपके माता-पिता ने आप से कहा है – “अजनबी लोगों के साथ गाड़ी में मत बैठो! अजनबी लोगों के पास मत जाओ!” यह तो हम सभी ने सुना है। लेकिन कुछ बागी लोगों को यह बातें समझ में नहीं आई और उन्होंने ऊबर और एयरबीएनबी जैसी कंपनियां बना दी, जिसकी मदद से आप एक अजनबी की गाड़ी में बैठकर कहीं भी जा सकते हैं और किसी भी देश में एक अजनबी के घर में रह सकते हैं।
यह दो कंपनियां अपने आप में नायाब हैं, क्योंकि यह सिर्फ कंपनियां नहीं हैं, बल्कि एक पूरा बिजनेस मॉडल हैं। इस किताब में हम देखेंगे कि यह बिजनेस मॉडल कैसे काम करता है। यह किताब हमें ऊबर और एयरबीएनबी की कामयाबी की कहानी सुनाती है। साथ ही यह हमें बिजनेस से जुड़ी नैतिकता के बारे में भी कुछ बातें बताती है।
इसे पढ़कर आप सीखेंगे
-ऊबर और एयरबीएनबी की शुरुआत किस तरह से हुई थी।
-ऊबर और एयरबीएनबी को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा।
-बिजनेस में नैतिकता का होना क्यों जरुरी है।
The Upstarts by Brad Stone Book Summary in Hindi – दो स्टार्टअप की कहानी
नए जमाने के स्टार्टअप को हम स्टार्टअप नहीं, बल्कि अपस्टार्ट कहते हैं।
दुनिया में इस वक्त दो कंपनियां हैं जो कि बहुत कम समय में बिलियन डॉलर का बिजनेस करने लगीं। यह दो कंपनियां हैं – एयरबीएनबी (Airbnb) और उबर (Uber)। इन दो कंपनियों को यूनिकार्न भी कहा जाता है क्योंकि एक स्टार्टअप होने के बाद भी यह बिलियन डॉलर में पहुंच कर बड़ी कंपनियों से प्रतियोगिता करने लगीं।
इन दोनों कंपनियों की खास बात है कि दुनिया भर में फैले होने के बावजूद भी इनके पास खुद का कोई ऐसेट नहीं है। एयरबीएनबी देखने में दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी लगती है, लेकिन उसके पास भाड़े पर देने के लिए खुद का एक भी कमरा नहीं है। ठीक उसी तरह ऊबर देखने में दुनिया की सबसे बड़ी कार सर्विस कंपनी लगती है, लेकिन उसके पास खुद की एक भी टैक्सी या गाड़ी नहीं है।
यह दोनों कंपनियां अपनी टेक्नोलॉजी की वजह से ही इतनी जल्दी दुनिया भर में फैल गई। 2016 में एयरबीएनबी की कीमत 30 मिलियन डॉलर थी और उबर की कीमत 68 बिलियन डॉलर।
एयरबीएनबी को इतनी तेजी से बढ़ने के लिए पैसा सिकोया कैपिटल नाम की एक वेंचर कैपिटल फर्म ने दिया था। सिक्योड़या ने गूगल और व्हाट्सऐप में भी पैसे लगाए हैं, लेकिन एयरबीएनबी से जो फायदा उसे मिल रहे हैं, उसके सामने गूगल और व्हाट्सएप से मिलने वाले फायदे कुछ भी नहीं हैं।
एयरबीएनबी और उबर की कामयाबी ने दुनिया के बिजनेस करने के तरीके को बदल कर रख दिया है। आने वाले सबक में हम इसके बारे में और जानेंगे।
चाइना में कामयाबी ना हासिल कर पाने पर भी उबर ने बहुत सारे पैसे कमाए, जिससे उसे बढ़ने में मदद मिली।
हम सभी के पेरेंट्स ने हमें सिखाया है कि हमें किसी अजनबी के साथ गाड़ी में नहीं बैठना चाहिए। लेकिन ऊबर से सालों से चली आ रही इस सलाह को खत्म कर दिया है।
इसकी शुरुआत सैन फ्रांसिस्को में कलानिक (Kalanick) नाम के एक व्यक्ति ने एक कार सर्विस की तरह की थी। वहाँ पर उस समय बहुत कम चलती थी जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती थी। इसलिए उबर ने काम पर जाने वाले जवान लोगों के लिए यह कार सर्विस चालू की। लोगों को उनकी यह सर्विस काफी पसंद आई क्योंकि उन्हें अब घंटों सड़क पर खड़े होकर टैक्सी का इंतजार नहीं करना पड़ता था।
लेकिन अभी यह कामयाबी ज्यादा समय तक नहीं रही।
धीरे धीरे नकल करने वाले लोग भी मार्केट में उतर आए। इनमें से एक कंपनी थी – लिफ्ट (Lyft)। उबर को लिफ्ट के आ जाने से खतरा महसूस हुआ और उसने तेजी से फैलकर मार्केट पर कब्जा करने का प्लान बताया। ऊबर एक ऐप बहुत अच्छा था और इस वक्त उसके पास बहुत से ग्राहक थे। इस वजह से वो बहुत तेजी से एक्सपैंड कर पाई। सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, उसने यूरोप में भी अपना कब्जा जमाया।
लेकिन चाइना में उन्हें मुँह की खानी पड़ी।
चाइना में ऊबर एक बार के लिए कामयाब हो गई थी। लेकिन बाद में एक चाइनीज कंपनी दीदी चुक्सिंग (Didi Chuxing) उभर कर आ गई। यह कंपनी भी उबर की तरह ही लोगों को कार सर्विस दे रही थी और यह अचानक से 400 शहरों में फैल गई, जबकि ऊबर अब तक सिर्फ 100 शहरों तक ही सीमित थी। कलानिक को लग गया कि यहाँ पर वे कामयाब नहीं हो सकते।
इसलिए कलानिक ने अपने सारे आपरेशन्स को दीदी चुक्सिंग को बेच दिया। इसके बदले में उन्हें दीदी चुक्सिंग में 17% का शेयर मिल गया। इसी 17% के शेयर से उन्होंने अरबों डॉलर कमाए और टेक कंपनियों के शहर में बहुत सारा नाम भी कमाया। इसके अलावा इससे मिलने वाले पैसे से उबर ने खुद को और ज्यादा एक्पेंड किया।
एयरबीएनबी ने बहुत नीचे से शुरुआत की, लेकिन आज वो सबसे ऊपर है।
अजनबी की गाड़ी में बैठना तो एक बार के लिए ठीक भी था, लेकिन किसी अजनबी के घर में रात बिताना, यह तो बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता था। लेकिन एयरबीएनबी ने इस सलाह को भी खत्म कर दिया।
एयरबीएनबी की शुरुआत तब हुई थी जब इसके फाउंडर ब्रायन चेस्कि एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। उनके पास होटल में कमरा बुक करने भर के पैसे भी नहीं थे इसलिए उन्होंने अपने एक दोस्त को पैसे दिए और उसके घर में सोफा पर सोकर रात बिताई। यहाँ पर के दिमाग में एक आइडिया आया।
दुनिया भर में बहुत से लोग हैं जिनके घर में एक या उससे ज्यादा कमरा खाली रहता है। अगर हर कोई इसी तरह से उस कमरे को भाड़े पर दे दे, तो टूरिस्ट को सस्ते में कमरे मिल जाएंगे और घर के मालिक को किराया। अगर हम किसी तरह से इन दोनों को जोड़ दें, तो हम काफी पैसे कमा सकते हैं।
इसके अलावा जब टूरिस्ट किसी दूसरे देश में जाते हैं, तो वे वहाँ के कल्चर को समझ नहीं पाते। अगर वे वहाँ पर रहने वाले लोगों के घर में रहेंगे, तो वे उस देश के लोगों के साथ मिल-जुल पाएंगे और उनके यहाँ के कल्चर को समझ पाएंगे। इस तरह से एयरबीएनबी ने अपना स्लोगन निकाला जहाँ भी जाइए, घर जैसा महसूस कीजिए।
समय के साथ एयरबीएनबी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में बदल गई। 2016 के अगस्त में दुनिया भर में लगभग 18 लाख लोग थे जो एयरबीएनबी के कमरों में रह रहे थे। यहाँ तक कि दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी मैरियट होटल ग्रुप के पास भी इतने लोगों के लिए जगह नहीं थी।
एयरबीएनबी ने भी बहुत से रिकॉर्ड और नियम तोड़े। बहोत से लोग इस ओर से इस आइडिया को ट्राई नहीं कर रहे थे कि कोई भी किसी अजनबी को अपने घर में आने नहीं देगा। इसलिए बहुत से इंवेस्टर्स का मानना था कि उनका यह आइडिया काम नहीं करेगा। लेकिन एयरबीएनबी ने इस बात को गलत साबित कर दिया।
एक कंपनी को कामयाब होने के बाद भी अपने मकसद को नहीं छोड़ना चाहिए।
कहते हैं एक आदमी के चरित्र की परीक्षा तब नहीं होती जब उसके पास कुछ ना हो। उसके चरित्र की परीक्षा तब होती है जब उसके पास सब कुछ हो। जब कंपनियां शुरु होती हैं तब उनके फाउंडर्स दुनिया बदलने का ख्वाब लेकर मार्केट में उतरते हैं। लेकिन जैसे जैसे वे कामयाब होते हैं, वे पैसा और पावर के पीछे भागने लगते हैं और अपने मकसद से भटक जाते हैं।
शुरुआती दिनों में एयरबीएनबी का सामना सोमवार ब्रदर्स से हुआ था, जो कि ओरिजिनल कंपनियों के ऐप की नकल करते थे और फिर मार्केट में जाकर उनसे ही प्रतियोगिता करने लगते थे। लेकिन एयरबीएनबी उनके झांसे में नहीं फँसा। उसने अपने ऐप को लाजवाब बनाने की पूरी कोशिश की जिससे उसकी नकल कर पाना नामुमकिन हो गया। सैमवर्स का नकली ऐप “विंडो उसके सामने टिक नहीं पाया।
इसके अलावा एयरबीएनबी ने अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए एक अच्छा माहौल भी दिया। वे हर किसी से सलाह लेते थे और अपने हर कर्मचारी को महत्व देते थे। लेकिन एयरबीएनबी को अब भी सैमवर्स से खतरा हो सकता है। इसलिए उन्हें यह सारे काम करते रहने चाहिए।
दूसरी तरफ ऊबर अपने ड्राइवरों के साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वो उन्हें यूनियन बनाने नहीं देता या फिर अच्छे माहौल में काम करने की सुविधा नहीं देता। इससे यह साफ देखने को मिलता है कि ऊबर अपने मकसद से भटक रहा है। इन दोनों कंपनियों के हाथ में आज जितनी ताकत है उससे ये आने वाली पीढ़ियों के बिजनेस करने के और सोचने के तरीके को बदल कर रख सकती हैं। लेकिन यह तभी हो पाएगा जब वे अपनी इस ताकत का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए करें। अगर वे भी पैसे और पावर की दौड़ में शामिल हो जाएंगे, तो भविष्य का सुनहरा हो पाना मुश्किल है।
हमें अब तक यह नहीं पता है कि कलानिक और ब्रायन आने वाले वक्त में क्या करेंगे। बस उम्मीद की जा सकती है कि वे अपनी ताकत का इस्तेमाल सही कामों के लिए करें।
Conclusion –
एयरबीएनबी और ऊबर, दोनों ही कंपनियों ने टेक्नोलॉजी की मदद से दुनिया भर में बहुत जल्दी बहुत ज्यादा कामयाबी हासिल कर ली है। खुद के ऐसेट्स ना रखकर भी उन्होंने दुनिया भर के लोगों के ऐसेट्स का इस्तेमाल कर के उन्हें एक दूसरे से जोड़ने की कोशिश की है। लेकिन क्या वे अपनी इस ताकत का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए करेंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बता सकता है।
तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह The Upstarts Book Summary in Hindi कैसा लगा और आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो वो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये और इस बुक समरी को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.