A Message to Garcia Book Summary in Hindi – ए मैसेज टु गार्सिआ (A Message To Garcia) उन लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छी किताब है जो हमेशा अपने बॉस या अपने काम को दोष देते रहते हैं। यह किताब एक सैनिक की कहानी बताती है जिसने पूरी ईमानदारी, हिम्मत और लगन के साथ अपने काम को पूरा किया। उस सैनिक की कहानी से हम बहुत सी बातें इन सबक में सीखेंगे।
क्या आप अपने हालात के लिए दूसरों को दोष देते हैं? क्या आप एक कामयाब जिन्दगी के राज़ जानना चाहते हैं? क्या आप अपने काम को अच्छे से करने के लिए प्रेरणा की तलाश कर रहे हैं तो ये बुक आपके लिए है।
लेखक
एल्बर्ट ग्रीन हब्बर्ड (Elbert Green Hubbard) हडसन में पले बढे थे। वे एक अमेरिकन लेखक, कलाकार और दार्शनिक थे। अपनी ज़िन्दगी के शुरुवाती दिनों में वे लरकिन सोप कंपनी के एक कामयाब सेल्समेन थे। हब्बर्ड रॉय क्राफ्ट आर्टिसन कम्युनिटी (Roy Craft Artisan Community) के फाउंडर हैं।
क्या आप को लगता है कि आपके बॉस आप पर यूँ ही गुस्सा करते रहते हैं? क्या आप भी औरों की तरह हमेशा हालात को दोष देते रहते हैं? अगर हाँ तो आगे सही बातें पढ़ने जा रहे हो।
इन सबक से आप जानेंगे कि किस तरह स्पेन और अमेरिका के बीच चल रहे युद्ध में एक सैनिक ने बहादुरी से अपना काम पूरा किया। उस सैनिक से मिली प्रेरणा को हम इन सबक के ज़रिये समझने की और अपनाने की कोशिश करेंगे।
यह किताब हमें बताती है कि क्यों आपको शिकायत करना छोड़कर काम करना चाहिये। इस किताब की मदद से हम सीखेंने कि किस तरह आप मेहनत कर के अपनी ज़िन्दगी अच्छी बना सकते हैं। इसके साथ ही हम बहुत सी प्रेरणादायक बातें भी जानेंगे और उसे अपनी ज़िन्दगी में अपनाना सीखेंगे।
इसे पढ़कर आप सीखेंगे :
आप सोच रहे होंगे की आखिर ये कौन सा सैनिक है जिससे हमें इतनी प्रेरणा मिल रही है। इस सैनिक का नाम ल्युटेनेंट एंडू रोवन (Lieutenant Andrew Rowan) था जिसे कर्नल आर्थर एल वैग्नर (Colonel Arthur L. Wagner) ने प्रेजिडेंट विलियम मैकिनले (William McKinley) के कहने पर एक सन्देश भेजने के लिए चुना था।
1898 में स्पेन और अमेरिका के बीच युद्ध चल रहे थे। उस समय स्पेन का क्यूबा पर कब्ज़ा था। क्योंकि अमेरिका और क्युबा दोनों ही स्पेन से युद्ध कर रहे थे, अमेरिकन प्रेजिडेंट विलियम मैकिनले ने आदेश दिए कि गार्सिआ तक एक सन्देश पहुँचाया जाए।
गार्सिआ विद्रोह दल का लीडर था और उस तक सन्देश पहुचाना कोई आसान काम नहीं था। हर जगह युद्ध चल रहे थे और सन्देश ले जाना मतलब जान से खिलवाड़ करना था।
ऐसे में कर्नल आर्थर एल वैग्नर ने ल्युटेनेंट एंडू रोवन को सन्देश पहुँचाने का काम दिया। रोवन ने बिना कुछ सवाल किये और बिना कुछ सोचे समझे उस काम को करने की ज़िम्मेदारी ली और उस सन्देश को गार्सिआ तक पहुँचाया।
इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें भी अपने काम को ल्युटेनेंट एंड्र रोवन की तरह पूरी लगन के साथ करना चाहिये। हमें अपने आप को अपने काम के लिए समर्पित कर देना चाहिये।
हम में से ज़्यादातर लोग अपनी किस्मत के लिए भगवान् को या किसी और को दोष देते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी वजह आप खुद हो सकते है? अगर आपको कामयाब होना है तो आपको एक बात जान लेनी चाहिए कि कुछ बातें यूँ ही नहीं हुआ करती, वो होती है क्योंकि कोई उन्हें करने की कोशिश करता है।
कुछ लोग यूँ ही इतने कामयाब नहीं हैं, वे कामयाब इसलिए है क्योंकि उन्होंने खुद को कामयाब बनाने की पूरी कोशिश की है । अगर आप अपनी सुस्ती को नहीं छोड़ेंगे तो आप कभी सफल नहीं होंगे। आइये इस बात को एक उदाहरण के ज़रिये समझें।
आप अपने कर्मचारियों को वास्को डी गामा के बारे में इंटरनेट से जानकारी निकालने के लिए कहिए। वे आपसे कुछ इस तरह के सवाल कर सकते हैं ।
मैं क्यों करूँ?
ये मेरा काम नहीं है ।
वास्को डी गामा के बारे में जान कर क्या करोगे?
मैं वास्को डी गामा के ऊपर लिखे आर्टिकल्स की दो चार लिंक सेंड करता हूँ आप खुद अपने काम की चीज़ पढ़ के निकाल लो।
कुछ लोग तो आपसे ये भी कह देंगे कि वास्को डी गामा के नाम से उन्हें इंटरनेट पर कुछ नहीं मिला। या फिर वे आपसे कहेंगे कि आप खुद ही खोज लीजिये।
आप कभी भी ऐसे कर्मचारियों को काम पर मत रखिये। ऐसे लोग कभी किसी भी जगह पर कामयाब नहीं हो सकते। ऐसे कर्मचारी आपके पैसे, समय और साधन को खर्च करने के बाद भी आपको कुछ नहीं देंगे।
जो कर्मचारी एंडू रोवन की तरह जान पर खेल कर आपके लिए काम कर सकें वही लोग आपको और आपकी कंपनी को आगे लेकर जाऐंगे।
अगर आप एक कर्मचारी हैं तो आप यह बात जान लें की ऐसा करने पर आपको काम से निकाला जा सकता है। हर बिज़नेस मैन अपने बिज़नेस को बढ़ता हुआ देखना चाहता है और अगर उनका कोई कर्मचारी उनकी इस ख्वाहिश में रुकावट बनता है तो उन्हें उसे हटाने में ज़रा भी नहीं हिचकना चाहिए।
नाकाम लोग हमेशा शिकायत करते रहते हैं जबकि कामयाब लोग काम करते हैं। अगर आप हमेशा ही दूसरों की शिकायत करते रहेंगे और अपनी हालत के लिए हमेशा दूसरों को दोष देते रहेंगे तो आप कभी आगे नहीं बढ़ेंगे।
दुनिया बदलने से लाख गुना आसान है खुद को बदलना। अगर आप दूसरों की कमियां निकाल कर उन्हें सुधारने की कोशिश करेंगे तो आप जहां है वहीं पर रह जाऐंगे।
अगर आप दूसरों की शिकायत कर रहे हैं तो आप अनजाने में ही खुद की बेइज़्ज़ती कर रहे हैं। ज़रा सोचिये अगर आपसे कोई अपने काम के बारे में या अपनी कंपनी के बारे में शिकायत करें तो आप उसके बारे में क्या सोचेंगे? या कोई आपके सामने अपना रोना रोये तो आप उसके बारे में क्या सोचेंगे?
आप उसके बारे में जो भी सोचेंगे, लोग आपके बारे में भी वही सोचेंगे। इसलिए बेहतर है कि आप अपने काम को लगन के साथ पूरा करें। अगर आपको अपना काम वाकई इतना खराब लगता है या आपको अपने बॉस से इतनी नफरत है तो आप कोई दूसरा काम ढूंढ लीजिये।
अगर हम इन सभी बातों को एक आसान तरीके से कहें तो आप फैसला कर लीजिए की आपको क्या करना है। क्या आपको ज़िन्दगी भर नेगेटिव रहकर दूसरों में बुराइयाँ निकालनी है या आप अपने आप को बदल कर अपनी ज़िन्दगी बदलना चाहते हैं?
हमारी सोच हमारी असलीयत से जुडी है। अगर आप हमेशा नेगेटिव सोचेंगे तो आपके साथ हमेशा नेगेटिव ही होगा। अगर आप पॉजिटिव सोचेंगे तो आप हमेशा खुश रहेंगे और कामयाबी को जल्दी से जल्दी हासिल कर पाएंगे।
दूसरों को अपनी सोच से बदलने से अच्छा है आप अपने आप को बदलें जिससे लोग आपको आदर्श मान कर खुद को बदलने की कोशिश करें।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalaam) हम सभी के आदर्श हैं। लेकिन क्या वे हमारे आदर्श इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने दूसरों को उनकी बुराइयां बता कर सुधारने की कोशिश की? नहीं, वे हमारे आदर्श इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने अपनी गरीबी और अपनी मजबूरी को अपनी नाकामी की वजह नहीं बनने दी। उन्होंने अपने काम को पूरी लगन से कर के हम सभी को प्रेरणा दी।
आप अपने काम में ख़ुशी तभी पा सकते हैं जब आप अपने काम से प्यार करें। आप अपनी एनर्जी को अच्छे काम में लगाइए और साथ ही अपने आप को भी कुछ समय दीजिये जिससे कि आप अपने आप को हल्का रख सकें।
अगर सभी अपना काम सही से करें तो इस दुनिया में कभी कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन इसकी शुरुवात आपसे ही होती है। अगर आप खुद को बदलने की कोशिश करें तो ये दुनिया बदले न बदले लेकिन आपकी दुनिया ज़रूर बदल जाएगी।
आप एक सुकून भरी ज़िन्दगी की तलाश कीजिये। ये ज़िन्दगी आपको सिर्फ एक ही बार मिलती है इसलिए आप इसे दौलत या शोहरत कमाने में जाया मत कीजिये। आपकी मौत के बाद ये सभी चीजें आपके लिए बेमतलब की हो जाऐंगी। आज आपके पास समय है तो आप अपनी ज़िन्दगी का पूरा मज़ा लीजिये।
सबसे बड़ी बात कि इस दुनिया को आप ज़बरदस्ती नहीं बदल सकते। अगर आपको सच में बदलना है तो आप उनके लिए एक उदाहरण बनिये।
अगर आप एक खुशहाल ज़िन्दगी चाहते हैं तो आपको मेहनत करनी ही पड़ेगी। शिकायतें कमज़ोर किया करते हैं, जो ताकतवर होते हैं वे पहाड़ों को भी अपने रास्ते से हटा दिया करते हैं। इसलिए आप अपने काम में अपना पूरा ज़ोर लगा दीजिए। अपने बॉस के बारे में गलत सोचने से अच्छा आप अपना काम इस तरह से कीजिये कि आपके बॉस आपसे हमेशा खुश रहें।
अपने बॉस की ज़रूरतों को समझें।
इससे पहले कि आप अपने बॉस की शिकायत फिर से करें, आप एक बार उनकी ज़रूरत पर ध्यान दीजिए। उन्होंने आपको काम पर इसलिए रखा था क्योंकि उन्हें आपकी ज़रूरत थी। लेकिन अगर आप उनके लिए अच्छे से काम न करें तो उन्हें तो आप पर गुस्सा आएगा ही। बिना वजह उनकी शिकायत करने से अच्छा है कि आप अपने आप को उनकी जगह पर रख कर देखें और उनकी ज़रूरतों को समझने की कोशिश करें।
तो दोस्तों आपको आज का हमारा यह A Message to Garcia Book Summary in Hindi कैसा लगा ?
आज आपने क्या सीखा ?
अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.