Failing Forward Book Summary in Hindi – क्या आपको फेलियर के भी पॉजिटिव पर्सपेक्टिव के बारे में मालुम है? अगर नहीं मालुम है तो फिर साल 2000 में रिलीज़ हुई किताब Failing Forward को आपको ज़रूर पढ़ना या सुनना चाहिए. इस किताब में कई सक्सेस स्टोरीज़ को बताया गया है. साथ ही साथ इस किताब में फेलियर के महत्व को भी बताया गया है. इसी के साथ-साथ किताब को सुनने या पढ़ने के बाद आपको ये भी पता चलेगा कि खुद के फेलियर का यूज़ कैसे किया जा सकता है?
क्या आप क्रिएटिव प्रोफेशनल्स है, अगर आप किसी भी फील्ड के स्टूडेंट्स है, क्या आपको रिस्क लेने में डर लगता है, क्या आप ऐसे रीडर्स में से हो जिन्हें कुछ नया पढ़ने में मज़ा आता हो, क्या आप फेलियर से सीखने वाले लोगो में से है तो ये बुक आपके लिए है।
लेखक
इस किताब के लेखक “John C. Maxwell” हैं. ये प्रोफेशनल लीडरशिप ट्रेनर भी हैं. इन्होने लीडरशिप के ऊपर कई बेस्ट सेलिंग किताबों का लेखन किया है।
आज का दौर काफी बदला-बदला सा नज़र आ रहा है. बदलाव में कोई दिक्कत भी नहीं होनी चाहिए. इस दुनिया में बदलाव ही एक मात्र सच भी है. इसलिए ये कहना भी गलत नही होगा कि इस बदलाव के साथ कम्पटीशन भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इस कम्पटीशन के दौर में कौन सी करंसी मायने रखती है? उस करंसी का नाम ‘सक्सेस’ है. लेकिन इसी में एक और खोटा सिक्का है. जिसको फेलियर कहते हैं. लोग इस खोते सिक्के को अच्छा नहीं मानते हैं.
लेकिन आपको पता होना चाहिए कि ये फेलियर नाम का सिक्का आपके बहुत काम आ सकता है. लेकिन दिक्कत इस बात की है कि लोग इस फेलियर नाम के सिक्के से कुछ सीखना ही नहीं चाहते हैं. वो बस इससे अपनी जान छुड़वाना चाहते हैं. लेखक इस व्यवहार को ही गलत बताते हैं.
लेखक कहते हैं कि फेलियर को डिजास्टर के तौर पर देखना ही गलत है. इसे कांसेप्ट की तरह देखना चाहिए. इससे हम लोग बहुत कुछ सीख सकते हैं.
इसलिए आम सोच को चैलेंज करते हुए लेखक कहते हैं कि फेलियर सक्सेस का अपोजिट पार्ट नहीं है, बल्कि ये तो सफलता का हिस्सा है. इसकी मदद से हम सफलता की उन उचाईयों को पा सकते हैं. जिनकी हमनें कल्पना भी नहीं की होगी. फेलियर को अवॉयड करने की ज़रूरत नहीं है. बल्कि इसको एक्सेप्ट करने की ज़रूरत होती है.
इन चैप्टर्स में आपको पता चलेगा कि फेलियर अच्छी चीज़ क्यों है ? क्यों हमें कई बार फेल होना चाहिए? आप फेल होने को अवसर के तौर पर कैसे देख सकते हैं? इस किताब में आपको ये भी पता चलेगा कि कैसे आप आज के फेलियर को कल का सक्सेस बना सकते हैं? इसलिए इस किताब की समरी को सुनने की शुरुआत कर दीजिए. इस समरी में आप जानेंगे कोका-कोला की सक्सेस स्टोरी, Thomas Edison ने कैसे फेलियर को बनाया था सक्सेस का पिलर? और सक्सेसफुल होने के लिए कौन सी स्किल्स होती है ज़रूरी?
तो चलिए शुरू करते हैं!
हम लोगों में से अधिकांश लोग फेलियर से बचने की कोशिश करते हैं. लेकिन अगर आप बड़े बिजनेसमैन से पूछेंगे कि उनकी सफलता के पीछे का रीज़न क्या है? तो फिर उनका जवाब यही होगा कि वो अपनी सफलता का श्रेय असफलताओं के बाद भी जमे रहने की क्षमता को देते हैं. ये बड़े बिजनेस मैन मानते हैं कि किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसके फेल होने का रिस्क रहता है. इसलिए अगर उनका बिजनेस फेल भी हो जाता है. तो भी वो पहले से बेहतर स्थति में होंगे. लेकिन अगर उन्होंने फेल होने के डर से बिजनेस की शुरुआत ही नहीं की तो वो कहीं भी नहीं पहुँच पाएंगे.
रियल वर्ल्ड में आपको समझना चाहिए कि एक बार फेल हो जाने से कुछ भी खत्म नहीं हो सकता है. यहाँ पर आप ‘Sergio Zyman’ का एग्जाम्पल देख सकते हैं. ये 1980 के दौर में कोका कोला कंपनी के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव हुआ करते थे. उस दौर में जब ‘Sergio Zyman’ ने कोका कोला की नई रेंज को लॉन्च किया था. तो वो काफी ज्यादा पॉपुलर हुई थी.
इस सक्सेस के बाद से ‘Sergio Zyman’ का आत्म विश्वास काफी ज्यादा बढ़ चुका है. उनकी कंपनी के अंदर हैसियत भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी. इसके बाद जब कोका कोला नए फार्मूला को लॉन्च करने वाली थी. तो ‘Sergio Zyman’ ने ही सलाह दिया था कि वो इसे न्यू कोक के नाम से लॉन्च करें. इसी के साथ-साथ पुराने कोक का उत्पादन भी बंद कर देना चाहिए.
लेकिन इसके बाद कुछ और ही हुआ, न्यू कोक पूरी तरह से फ्लॉप हो चुका था. रीब्रांडेड बोतल की बिक्री ही नहीं हुई थी. जिसकी वजह से कंपनी 100 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा का नुकसान हुआ था. इसी नुकसान के साथ कंपनी ने ‘Sergio Zyman’ को भी नौकरी से निकाल दिया था.
इस नुकसान की भरपाई करने के लिए कोका कोला नई ड्रिंक लॉन्च की थी. उसका नाम उन्होंने कोका-कोला क्लासिक रखा था. कोका कोला क्लासिक बहुत बड़ा हिट साबित हुआ था. इसकी बिक्री भी बहुत अधिक हुई थी. ‘Sergio Zyman’ के फेलियर की वजह से ही कंपनी ने खुद के अंदर सुधार किया था. उसी फेलियर की वजह से कंपनी को इतनी ज्यादा शोहरत मिली थी. इसके बाद साल 1993 में ‘Sergio Zyman’ को भी नौकरी में वापस बुला लिया गया था.
आम तौर पर हम सोचते हैं कि फेलियर से बस नेगटिव परिणाम ही आ सकते हैं. लेकिन यथार्थ इससे उलट ही है. फेलियर से कई अच्छे अवसर का भी जन्म होता है. ऐसा ही कुछ अविष्कारक “Thomas Edison” के साथ भी हुआ था. एडिसन ने टेलीग्राफ मशीन को बेहतर बनाने के लिए सालों तक काम किया, लेकिन उन्हें बहुत कम सफलता मिली थी. लेकिन उन्होंने उसके ऊपर काम करना नहीं छोड़ा था.
धीरे-धीरे उन्होंने उसी टेलीग्राम से एक ऐसी उपकरण की खोज कर ली थी. जिसमे आवाज़ रिकॉर्ड की जा सकती थी. साथ ही साथ उस आवाज़ को कई बार प्ले भी किया जा सकता था. एडिसन ने अपनी असफलता को इस तरह से यूज किया था कि उन्होंने कुछ और ही रूप में सफलता हासिल कर ली थी. नए अवसर के तलाश के अलावा भी फेलियर हार्ड वर्क के इंसेंटिव के तौर पर भी काम करता है. जिसकी वजह हमारी पूरी लाइफ बदल सकती है. इसके लिए आप बिलिनयर Bernie Marcus की कहानी के बारे में भी पढ़ सकते हैं.
साल 1978 में हैंडी डैन नामक कंपनी ने उन्हें सी.ई.ओ की पोस्ट से फायर कर दिया था. उस समय मार्कस के माता-पिता को पैसों की काफी ज्यादा ज़रूरत थी. मार्कस ने विक्टिम बनने के बजाए विजेता बनने का फैसला किया था. तभी उन्होंने एक को वर्कर के साथ मिलकर एक साल के अंदर खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी का निर्माण कर दिया था. आज उनकी कंपनी होम डिपो दुनिया की जानी मानी कंपनी है.
कई बार हमें फेल इसलिए भी होना पड़ता है क्योंकि कई फैक्टर्स हमारे कंट्रोल से बाहर होते हैं. उनके लिए हमें खुद को ज़िम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. आपको उस समय को भूलकर आगे आने वाले अवसरों के बारे में सोचना चाहिए.
यहाँ पर लेखक अपने एक दोस्त की कहानी बता रहे हैं. उस दोस्त का नाम हॉर्न है. 1997 में भीषण बाढ़ की वजह से हॉर्न का रिटेल स्टोर पूरी तरह से तबाह हो चुका था. हॉर्न के पास सभी चीज़ों इंश्योरेंस था. लेकिन फ्ल्ड्स का नहीं था क्योंकि ये उसके कंट्रोल की चीज़ नहीं थी. ये सिचुएशन अचानक आई थी और सब कुछ तबाह करते हुए चली गई थी. हॉर्न ने उस सिचुएशन को एक्सेप्ट किया और अपने स्टोर को फिर से शुरू करने की कोशिश चालु कर दी थी. हॉर्न की कहानी से हमें पता चलता है कि हम अपने फ्यूचर को सिचुएशन को समझकर बदल सकते हैं.
इसी के साथ-साथ हमें समझना चाहिए कि अपनी सक्सेस का क्रेडिट हमें ही मिलेगा. इसलिए हमें अपनी सक्सेस की तरफ लगातार बढ़ते रहना चाहिए. अमेरिकन टेनिस प्लेयर ‘Roger Crawford’ का जब जन्म हुआ था. तो उनके पास कुछ उंगलियां नहीं थी. उन्हें एक बीमारी थी. लेकिन धीरे-धीरे उन्हें समझ में आ गया था कि उनके फ्यूचर के वो ही ज़िम्मेदार हैं. इसलिए उन्होंने ह्लातों का सामना करते हुए संघर्ष की राह पकड़ ली थी. इसके बाद की कहानी इतिहास में दर्ज़ हो चुकी है.
क्या आप इमैजिन कर सकते हैं कि किसी प्रोजेक्ट में आप फेल हो जाएँ? ऐसा कोई भी नहीं सोचता है क्योंकि सभी फेलियर को इग्नोर करते हैं. लेकिन फेलियर के अंदर हमेशा पोटेंशियल होता है कि वो आपको कुछ नया सिखा जाए. विफलता को गले लगाने की शक्ति को डेविड बेयल्स और टेडो की एक कहानी में मार्मिक रूप से चित्रित किया गया है. उस कहानी में सेरेमिक का एक टीचर अपनी क्लास को दो भागों में बाँट देता है.
आधे स्टूडेंट्स से कहता है कि उन्हें क्वांटिटी के आधार पर ग्रेडिंग मिलेगी. मतलब उन्हें ज्यादा से ज्यादा आर्ट बनाना है. दूसरे भाग के स्टूडेंट्स से कहता है कि उन्हें क्वांटिटी के आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी. उन्हें एक मास्टर पीस बनाना है. इस एक्सपेरिमेंट से टीचर को पता चला कि जिन स्टूडेंट्स ने कई सारे क्राफ्ट तैयार किए थे. उन्हें बेहतर ज्ञान प्राप्त हुआ था. इसके पीछे का रीज़न यही था कि उन्होंने हर क्राफ्ट के साथ पुरानी गलती नहीं दोहराई थी. उन्हें हर बार कुछ नया सीखने को मिला था.
इसलिए हमें भी अपने फेलियर से जितना हो सके उतना सीखने की कोशिश करनी चाहिए. हमें पता होना चाहिए कि हम अपने फेलियर से बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसलिए इस चैप्टर के माध्यम से लेखक कहते हैं कि फेलियर को अपने ज्ञान के रूप में परिवर्तन करना आना चाहिए. ये एक ऐसा आर्ट है.
जिसकी मदद से आप बहुत उचाई को प्राप्त कर सकते हैं. इसलिए अगली बार फेलियर को अवॉयड करने के बजाय उसका इन्वेस्टीगेशन करने की कोशिश करिएगा. आपकी इन्वेस्टीगेशन से ही आप बहुत आगे जा सकते हैं. आपको पता होना चाहिए कि पिछली बार आपने कौन सी गलतियाँ की थीं? इस बार के अटेम्प्ट में आपको उन गलतियों को नहीं दोहराना है.
कभी भी फेल होने के डर से मंज़िल की तलाश बंद नहीं कर देनी चाहिए. फेल होने से आपका मनोबल टूट सकता है. लेकिन इसकी वजह से आपको अपनी जर्नी को नहीं रोकना है. फेल होने से भी खतरनाक क्या होता है?
फेल होने से भी खतरनाक उस फेलियर का डर होता है. जिसे फियर ऑफ़ फेलियर कहते हैं. इसकी वजह से आप कुछ भी नया शुरू ही नहीं कर पाते हैं. फियर ऑफ़ फेलियर की वजह से आपकी सक्सेस आपसे रूठ कर चली जाती है. ‘Amelia Earhart’ की कहानी को समझने की कोशिश करिए. जब इन्होने पहली बार प्लेन की स्टीयरिंग सम्भाली तो टेक ऑफ़ ही नहीं करवा पाई थीं. लेकिन उन्होंने अपनी असफलता को खुद के ऊपर हावी नहीं होने दिया था. उन्हें विश्वास था कि वो प्लेन उड़ा सकती हैं. इसके बाद भी उन्होंने कोशिश जारी रखी थी.
बाद में उन्होंने इसी आत्मविश्वास की मदद से 6 विश्व कीर्तिमान अपने नाम किए थे. आज उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है. इसके बाद वो पहली महिला सोलो पायलट बनी थीं. जिन्होंने अटलांटिक को अपनी उड़ान से कवर किया था. फियर ऑफ़ फेलियर के ऊपर कई एक्सरसाइज से भी काबु पाया जा सकता है.
जैसे कि योग करने से, सैर करने से या फिर तेज ड्राइविंग करने से. प्रोफेशनल लाइफ में रिस्क लेने से भी आप फियर ऑफ़ फेलियर को हरा सकते हैं. लाइफ को सक्सेसफुल बनाने के लिए इसे हराना बहुत ज़रूरी भी है. इसलिए करियर की ऊंची उड़ान भरने के लिए आपको सिस्टमेटिक रिस्क तो लेना ही चाहिए.
फेलियर को गले लगाने से आपके सामने ग्रोथ के अवसर खुल जाएंगे. लेकिन उसमे सफल होने के लिए तीन स्किल्स की ज़रूरत पड़ेगी. गोल सेटिंग, पॉजिटिव माइंड सेट और सोशल स्किल्स. अमेरिकन राइटर ‘Don Marquis’ कहते हैं कि ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है कि उन्हें क्या करना है? उन्हें नहीं मालुम होता है कि वो चाहते क्या हैं? ज्यादातर लोग एक भेड़ चाल में चलते रहते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर लोगों कि मनचाही सफलता नहीं मिल पाती है. इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आपके पास क्लियर गोल होना ही चाहिए.
गोल सेट करने के लिए आप खुद से कुछ सवाल भी कर सकते हैं. जैसे कि “सबसे ख़ुशी आपको किस काम में मिलती है? ऐसा कौन सा काम है जिसे आप पूरी शिद्दत से कर सकते हैं?”
इस तरह के सवालों से आपका माइंड सेट क्लियर होगा. गोल सेटिंग बस से काम नहीं चलने वाला है. आज के समय में सोशल स्किल होना बहुत ज़रूरी है. आपको पता होना चाहिए कि अपनी सीवी कैसे भेजी जाती है.
आपको अपने कम्युनिकेशन स्किल के ऊपर काम करना चाहिए. खुद की बात को दूसरे को समझाना भी एक कला है. क्या आप इस मामले में कलाकार हैं? इन दोनों स्किल्स के साथ अगर आपके पास पॉजिटिव माइंड सेट है। तो फिर आप सभी दिक्कतों का अच्छे से सामना कर सकते हैं. इन सबकी मदद से आप सक्सेस की तरफ दौड़ लगा सकते हैं.
फेलियर सत्य है लेकिन इससे हम फायदा उठा सकते हैं. अगर हमारे पास पर्याप्त स्किल्स हैं. तो फिर हम अपनी असफलता से भी लाभ उठा सकते हैं. इसलिए अपनी स्किल्स के ऊपर प्रतिदिन काम करते रहिएगा.
क्या करें?
ऐसे लोगों की कहानियों को पढ़ने की कोशिश करिए जिन्होंने लाइफ में असफलता के बाद भी सफलता का स्वाद चखा है. इसलिए खुद के प्रति ईमानदार रहिएगा. आपको पता होना चाहिए कि आपकी कमज़ोरी क्या है?
तो दोस्तों आपको आज का यह Failing Forward Book Summary in Hindi कैसा लगा ?
आज आपने क्या सीखा ?
अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे नीचे कमेंट करके जरूर बताये।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद,
Wish You All The Very Best.